श्री एस्ट्रोलॉजी: जन्म वाले दिन से जानें रोमांटिक मूड और पार्टनर के प्रति केयरिंग होने का राज

Birth Date And Personal Life Love Live Romance Mood

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म का दिन और समय कभी भी अनायास नहीं होता और यह खास वक्त आपके जीवन में घटने वाले घटनाओं के स्वरुप को तय करता है। जन्मदिन सिर्फ़ एक कारण से ही ख़ास नहीं होते। ज्योतिषीय दृष्टि से कहें तो जिस दिन आप जन्म लेते हैं, वह दिन के साथ आपके दिव्य संबंध और आपके व्यक्तित्व लक्षणों को परिभाषित करता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस दिन आपके साथी का जन्म होता है वह प्यार और जुनून की डिग्री तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  हम देखते हैं कि सप्ताह के दिनों का नाम ग्रहों के नाम पर रखा गया है और ग्रहों को बदले में देवी-देवताओं के नामों से दर्शाया गया है। इन देवी-देवताओं का अपना अलग व्यक्तित्व होता है जो सप्ताह के दिनों के अनुरूप होता है, और एक निश्चित दिन पर जन्म लेने वालों में भी समान व्यक्तित्व लक्षण हो सकते हैं। किसी खास वक्त और दिन में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के आचरण, व्यक्तित्व, रोजगार, स्वस्थ्य और अनेक चीजे कुंडली शास्त्र/ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तय होती है और ऐसे में आपके पार्टनर के मूड, रोमांस और वैवाहिक जीवन के बारे में भी इसकी जानकारी प्राप्त की जा सकती है. खास तौर पर जब आप प्यार में होते हैं और अपने पार्टनर की लिए उपहार या शब्दों के माध्यम से अपने प्यार का इजहार करना तथा साथी से बहुत उम्मीद और देखभाल महसूस करने का उम्मीद का होना भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है जो हम अपने पार्टनर से चाहते हैं. आइये जानते हैं विख्यात एस्ट्रोलॉजर/कुंडली  एक्सपर्ट और मोटिवेटर हिमांशु रंजन शेखर द्वारा कि सप्ताह के सातों दिन अर्थात शनिवार, रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरु वार और शुक्रवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की क्या होती है खासियत  खास तौर पर प्यार, केयरिंग, रोमांस और पर्सनल लाइफ के सन्दर्भ में।



 शनिवार को जन्मे लोगों का निजी जीवन

शनिवार को जन्मे जातक रिश्तों के मोर्चे पर अपने पार्टनर का बहुत ख्याल रखते हैं। शनिवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति अपने व्यक्तिगत संबंधों और प्रेम में कभी भी धोखेबाज़ नहीं होते हैं और साथी के हित और मूल्य का सम्मान करते हैं। आम तौर पर ऐसे लोग अपने जीवनसाथी या साथी को उच्च घर से प्राप्त करते हैं जो भव्य जीवन शैली जीते हैं और उच्च प्रोफ़ाइल समाज और पृष्ठभूमि से संबंधित होते हैं।

रविवार को जन्मे लोगों का निजी जीवन

 रविवार को जन्मे लोग शर्मीले स्वभाव के होते हैं और हो सकता है कि अपने साथी से अपने प्यार का इजहार करने की दिशा में पहला कदम न उठाएं। जैसा कि रविवार को जन्मे लोग भगवान सूर्य द्वारा शासित होते हैं और जाहिर है ऐसे व्यक्तित्व अपने जीवन में पहले अहंकार और आत्म सम्मान को प्राथमिकता देते हैं। अहंकारी रवैया और स्वाभिमान का स्वभाव अपने साथी के सम्मान को ठेस पहुँचाने का कारक हो सकता है और इसका परिणाम आपसी संबंधों में विश्वास पैदा करने में कमी के रूप में सामने आता है। रविवार को जन्में लोग बाहरी रूप से शांत रहते हैं लेकिन जब उनके सामने कोई मुद्दा आता है तो वे अपना धैर्य खो देते हैं।

सोमवार को जन्मे लोगों का निजी जीवन

 सोमवार को जन्म लेने वाले लोग काफी केयरिंग और अपने पार्टनर को प्यार से काफी खुश रखते हैं। अपने साथी के लिए देखभाल करना और ध्यान रखना उनके जीवन का पहला आदर्श होता  है। वे कोमल स्वभाव का प्रदर्शन करते हैं और यहां तक कि अपने साथी के प्रति अपनी वाणी में भी मृदुभाषी होते हैं। हालांकि ऐसे लोग स्वभाव से शांत रहते हैं, वे स्वतंत्र विचारधारा को तरजीह देते हैं जो उनके रिश्ते में कुछ बाधाएँ और भ्रम पैदा करती है। यदि वे अपने बीच के मतभेदों का समाधान ढूंढ लें तो दांपत्य जीवन सामंजस्यपूर्ण हो सकता है।

मंगलवार को जन्मे लोगों का निजी जीवन

  मंगल के द्वारा शासित और शासित होने के कारण मंगलवार को जन्मे लोग स्वभाव से क्रोधी रहते हैं। क्रोध से भरा स्वभाव और व्यवहार अपने रिश्ते को थोड़ा सा खट्टा बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोगों को दोस्ती के लिए जीवन साथी या साथी सुंदर / स्मार्ट और आकर्षक मिलता है जो उन्हें अपने जीवन में शांति प्रदान करता है। हालाँकि, क्रोधी स्वभाव उनके रिश्ते में परेशानी और मतभेद पैदा करता है। हालाँकि, मतभेदों के बावजूद, वे इन मुद्दों का उचित समाधान प्राप्त करते हैं और समग्र रूप से सुखी और सुखद जीवन जीने के लिए उपयोग करते हैं

बुधवार को जन्मे लोगों का निजी जीवन

 बुधवार को जन्मे लोग सुखद व्यक्तित्व के स्वामी रहते हैं। इसके कारण ये अपने जीवन में मित्र के रूप में कई व्यक्तियों को प्रभावित करने की शक्ति रखते हैं, लेकिन ये अपने सच्चे साथी को कभी धोखा नहीं देते हैं। इस तथ्य के बावजूद कि बुधवार को जन्मे लोगों के जीवन में कई दोस्त होते हैं, वे व्यक्तिगत रूप से एक खुशहाल और परिपूर्ण जीवन जीते हैं क्योंकि वे अपने साथी के गौरव को प्यार और सम्मान करते हैं।

गुरुवार को जन्मे लोगों का रिश्ता

गुरुवार को जन्मे व्यक्ति के लिए स्थिरता, विश्वसनीयता और देखभाल व्यक्तिगत और रिश्ते के लिए सबसे उत्तम विशेषण हैं। उनके व्यक्तिगत संबंधों के बंधन में समझ और आपसी सहयोग है जो ऐसे व्यक्तित्वों के लिए स्थिर और सुखी जीवन की नींव रखता है।

शुक्रवार को जन्मे लोगों का रिश्ता

 शुक्रवार को जन्म लेने वाले जातक शुक्र ग्रह द्वारा शासित और शासित होते हैं और वे अपने व्यक्तित्व में कई विशिष्ट विशेषताओं के स्वामी बन जाते हैं। अपने व्यक्तित्व के कई विशेष गुण होने के कारण ऐसे लोगों में लोगों को आसानी से अपना प्रशंसक बनाने की विशेष कला होती है और निश्चित रूप से यह उनके प्रेम संबंधों को भ्रम और विश्वास की कमी का एक सेट बना देता है। हालाँकि पूर्णता और उदार मानसिकता के कारण ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है, उन्हें अपने रिश्ते की स्थिरता पर विश्वास और परस्पर विश्वास के साथ ध्यान देने की आवश्यकता है।

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नोट: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है और इन्हें पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। हम अनुशंसा/अनुरोध करते हैं कि यदि आपके पास विषय के संबंध में या इस तरह के मामले से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से परामर्श करें।

बंगाल की फेमस संदेश मिठाई से कराएं सभी का मुंह मीठा

Raksha Bandhan Spceial: इस राखी में बंगाली मिठाई संदेश से कराएं सभी का मुंह मीठा

चाहें शादी हो या कोई त्यौहार या फिर बस यूं ही खाने का मन हो, मिठाई  केवल स्वाद के लिए नहीं बल्कि इनके पीछे सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी है। सच्चाई तो यह है कि  विभिन्न रीति-रिवाजों और सभ्यताओं वाला भारत अपने समृद्ध इतिहास के अलावा विविध और लजीज खानपान का धनी देश भी है। अगर आप इस रक्षा बंधन पर कुछ नया और खास करना चाहते हैं, तो बंगाली मिठाई "संदेश" से सभी का मुंह मीठा कराएं। संदेश बंगाल की एक पारंपरिक और बेहद स्वादिष्ट मिठाई है।

संदेश मिठाई किस चीज से बनती है?

संदेश मिठाई  को बंगाली मिठाइयों की रानी कहा जाता है जो मैदा, पाउडर चीनी और पनीर से बनाया जाता है।  दूध से बनी मिठाई होने के कारण इसे छेना या पनीर से बनाया जाता है और इसे बनाने के लिए मुट्ठी भर सामग्री की आवश्यकता होती है। 

संदेश की खासियत

संदेश एक हल्की, कम मीठी मिठाई है, जो ताजे छेने (पनीर) से बनाई जाती है। इसमें चीनी या गुड़ का उपयोग कर मिठास दी जाती है और यह विभिन्न स्वादों और आकारों में बनाई जाती है। इसे बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री और विधि का पालन किया जा सकता है।

 सामग्री:

  • ताजा पनीर (छेना) - 250 ग्राम
  • पिसी चीनी - 50 ग्राम (स्वाद अनुसार बढ़ा या घटा सकते हैं)
  • इलायची पाउडर - 1/2 चम्मच
  • केसर (वैकल्पिक) - कुछ धागे
  • पिस्ता, बादाम या कोई अन्य सूखे मेवे सजाने के लिए

विधि:

सबसे पहले छेना तैयार करें और इसके लिए पहले ताजे पनीर (छेना) को अच्छी तरह से मैश करें ताकि उसमें कोई दानेदार हिस्सा न रह जाए। इसे मुलायम और चिकना बनाना आवश्यक है।

फिर इसके बाद मिश्रण को तैयार करें और मैश किए हुए छेने में पिसी चीनी और इलायची पाउडर डालें। इसे अच्छी तरह मिलाएं ताकि चीनी पूरी तरह घुल जाए और मिश्रण एकसार हो जाए।

इसके बाद इस मिश्रण को गरम करेंऔर अब इस मिश्रण को एक नॉन-स्टिक पैन में धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकाएं। ध्यान रहे कि इसे बहुत अधिक न पकाएं, वरना यह सख्त हो जाएगा। मिश्रण तब तैयार होगा जब यह पैन छोड़ने लगे और थोड़ा सूखा महसूस हो।

आकार दें:

मिठाई का सही आकार देना भी एक कला है और इसके लिए थोड़ी धैर्य और हथेली का सही प्रयोग जरूरी होता है। इसके लिए जरूरी है कि  मिश्रण को ठंडा होने दें, फिर अपने हाथों की मदद से इसे मनचाहे आकार में ढालें। आप इसे गोल, चौकोर या किसी अन्य आकार में बना सकते हैं।

सजावट:

तैयार मिठाई अर्थात को संदेश को सही तरीके से सजाकर तब अतिथियों के सामने परोसना जरूरी है। इसके आप तैयार संदेश के ऊपर पिस्ता, बादाम या कोई अन्य सूखे मेवे से सजाएं। अगर आप चाहें तो केसर के धागे भी डाल सकते हैं।

परोसें:

आपका स्वादिष्ट बंगाली संदेश तैयार है। इसे ठंडा करके परोसें और रक्षा बंधन के इस पावन अवसर पर सभी का मुंह मीठा कराएं।

तंपारा झील ओडिशा: पक्षियों की 60, मछलियों की 46 और फाइटोप्लांकटन की 48 प्रजातियों से पूर्ण, जाने खासियत

Tampara Lake freshwater lakes Odisha Facts In Brief

तंपारा झील, ओडिशा  राज्य के गंजाम जिले में स्थित एक खूबसूरत और शांत जलाशय है जो वहाँ के  प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह झील पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों, फोटोग्राफरों और उन सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है जो शांति और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं। यहां का शांत वातावरण और सुंदर परिदृश्य मन को शांति और सुकून प्रदान करते हैं।
तंपारा झील एक मीठे पानी की झील है जो लगभग 300 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है. यह ओडिशा राज्य की सबसे बड़ी मीठे पानी की झीलों में से एक है जो राज्य की खूबसूरत झीलों मे से एक है। यह आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है।

 यह रुशिकुल्या नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है जो एक प्राकृतिक स्थल होने के साथ ही यह महत्वपूर्ण पक्षी विहार और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैतंपारा झील एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार है और यहां पर कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं. यह झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है और यहां पर लोग तैराकी, बोटिंग और मछली पकड़ने का आनंद लेते हैं. झील के किनारे पर कई होटल और रेस्तरां हैं, जहां पर लोग भोजन और आराम कर सकते हैं.

तंपारा झील: 
भारत में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश में 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं। रामसर स्थलों के रूप में नामित 11 आर्द्रभूमियों में से  ओडिशा स्थित तंपारा झील भी शामिल है. 

तंपारा झील: Facts in Brief 

तंपारा झील गंजम जिले में स्थित ओडिशा राज्य की सबसे प्रमुख मीठे पानी की झीलों में से एक है। यहां की भूमि का क्षेत्र धीरे-धीरे वर्षा जल के प्रवाह से भर गया और इसे अंग्रेजों द्वारा "टैम्प" कहा गया और बाद में स्थानीय लोगों द्वारा इसे "तंपारा" कहा गया।

आर्द्रभूमि पक्षियों की कम से कम 60 प्रजातियों, मछलियों की 46 प्रजातियों, फाइटोप्लांकटन की कम से कम 48 प्रजातियों और स्थलीय पौधों और मैक्रोफाइट्स की सात से अधिक प्रजातियों का पालन करती है। 

तंपारा झील एक महत्वपूर्ण पक्षी विहार है. यहां पर कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सारस
  • बगुला
  • हंस
  • कबूतर
  • तोता
  • मैना
  • कोयल
  • मोर
  • चकवा
  • बतख

आर्द्रभूमि दुर्लभ प्रजातियों जैसे कि साइप्रिनस कार्पियो, कॉमन पोचार्ड (अथ्या फेरिना), और रिवर टर्न (स्टर्ना औरंतिया) के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है। प्रति वर्ष 12 टन की अनुमानित औसत मछली उपज के साथ, आर्द्रभूमि स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

 यह आर्द्रभूमि मछलियों के साथ-साथ कृषि और घरेलू उपयोग के लिए पानी जैसे प्रावधान की सेवाएं भी उपलब्‍ध कराती है और यह एक प्रसिद्ध पर्यटन और मनोरंजन स्थल भी है।

तम्पारा  झील: जाने क्या है खासियत? 

तम्पारा  एक मीठे पानी की झील है जो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  5 के निकट (छत्रपुर से) सुंदर में स्थित है. तंपारा झील की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके  किनारे पर हल्की लहरें उठती हैं और या वाटर सम्बंधित गतिविधियों के लिए शानदार डेस्टिनेशन है,तट के किनारे स्थित काजू के बागानों से होकर बंगाल की खाड़ी के अविर्जिन समुद्र तट तक जाने वाली रोमांचक यात्रा का आनंद भी आप उठा सकते हैं. 

FAQ

पर्यटकों के लिए तम्पारा पहुँचने के लिए किस प्रकार के मार्ग उपलब्ध है?

हवाईजहाज

अगर आप हवाईजहाज से जाना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर है.

 ट्रेन से

अगर आप ट्रेन से तम्पारा पहुंचना चाहते हैं तो निकटतम रेलवे स्टेशन छत्रपुर है.

सड़क द्वारा 

अगर आप सड़क द्वारा जाना चाहते हैं तो सड़क मार्ग से यह छत्रपुर से 4 किमी दूर है.

देश मे इन 7 जगहों पर होगी पीएम मित्र पार्कों की स्थापना : जानें खास बातें


केंद्रीय वस्‍त्र राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा  द्वारा  राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी गई जानकारी के मुतबिक  सरकार ने 2027-28 तक के सात वर्षों की अवधि के दौरान 4,445 करोड़ रुपये के परिव्यय से प्लग एंड प्ले सुविधा सहित विश्वस्तरीय अवसंरचना वाली ग्रीनफील्ड/ब्राउनफील्ड साइटों  पर 7 पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) पार्क स्थापित करने को मंजूरी दी है। सरकार ने पीएम मित्र पार्कों की स्थापना के लिए तमिलनाडु (विरुद्धनगर), तेलंगाना (वारंगल), गुजरात (नवसारी), कर्नाटक (कलबुर्गी), मध्य प्रदेश (धार), उत्तर प्रदेश (लखनऊ), महाराष्ट्र (अमरावती) जैसे 7 साइटों (स्थलों) को अंतिम रूप दिया है।

  • तमिलनाडु (विरुद्धनगर), 
  • तेलंगाना (वारंगल), 
  • गुजरात (नवसारी), 
  • कर्नाटक (कलबुर्गी), 
  • मध्य प्रदेश (धार), 
  • उत्तर प्रदेश (लखनऊ),
  •  महाराष्ट्र (अमरावती) 

इनके पूरा हो जाने पर यह परिकल्पना की गई है कि प्रत्येक पार्क से लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश (विदेशी और घरेलू दोनों) होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और वस्त्र परिवेश लाभान्वित होगा।

सभी 5 ग्रीनफील्ड साइटों अर्थात गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के संबंध में विशेष कंपनियों (एसपीवी) का गठन कर लिया गया है। महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे ब्राउनफील्ड साइटों के संबंध में मौजूदा कार्यान्वयन व्यवस्था को तय दिशानिर्देशों के अनुसार जारी रखने की अनुमति दी गई है।

पीएम मित्र पार्क योजना के तहत ग्रीनफील्ड पीएम मित्र और ब्राउनफील्ड पीएम पार्क के विकास के लिए भारत सरकार की ओर से ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पीएम मित्र के लिए क्रमशः 500 करोड़ रुपये और 200 करोड़ रुपये प्रति पार्क की अधिकतम सहायता के साथ परियोजना लागत के 30 प्रतिशत की दर से कोर अवसंरचना के निर्माण के लिए विकास पूंजी सहायता (डीसीएस) देने का प्रावधान है।

 इसके अतिरिक्त, पीएम मित्र पार्कों में शीघ्र स्थापना के लिए विनिर्माण इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए पीएम-मित्र के अंतर्गत अलग-अलग इकाइयों को प्रति पार्क अधिकतम 300 करोड़ रुपये की प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन सहायता (सीआईएस) और योजना के दिशा-निर्देशों के तहत भी सहायता प्रदान की जाती है।  (Source PIB)

फ्रेंडशिप डे 2024: अपने दोस्तों को भेजें ये दिल को छु लेने वाले मैसेज, महत्वपूर्ण कोट्स और भी बहुत कुछ


हैप्पी फ्रेंडशिप डे 2024: फ्रेंडशिप डे, मानवीय संबंधों की नींव रखने के साथ ही दोस्तों के प्रति एक खास अटैच्मन्ट है जिसे याद करने का सुनहरा अवसर है।  यह एक खास ओकेजन है  जो सीमाओं, देशों और पृष्ठभूमियों से परे प्यार के बंधन, साथ रहने की खुशी और समर्थन और साथ के लिए आभार का जश्न मनाने के लिए आता है। आपसी सम्मान, विश्वास, समर्थन और साझा अनुभव इस संबंध की आधारशिला हैं। हर साल, यह खास दिन दोस्तों के बीच साझा किए जाने वाले खूबसूरत प्यार और स्नेह का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है, जो हमारे जीवन को बेहतर बनाता है। वैसे तो पूरी दुनिया फ्रेंडशिप डे मनाती है, लेकिन हर देश में इसकी तारीख अलग-अलग हो सकती है। यह दिन दोस्तों के महत्व और हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी सम्मान और मान्यता देता है। 

 इस दिन, लोग आम तौर पर उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, संदेश भेजते हैं और एक साथ समय बिताते हैं, ये सभी मजबूत और सहायक दोस्ती के महत्व को मजबूत करने में मदद करते हैं।

फ्रेंडशिप डे 2024: Date

मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार भारत में, फ्रेंडशिप डे अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है और इस साल अर्थात 2024 को साल का पहला रविवार 4 अगस्त को पड़ता है इसलिए फ्रेंडशिप डे 04 अगस्त को मनायाजाएगा।

मित्रता दिवस मित्रता और अपने मित्रों के साथ हमारे संबंधों का जश्न मनाने के लिए समर्पित एक विशेष दिन है। यह विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है, लेकिन सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त तिथि अगस्त का पहला रविवार है।

फ्रेंडशिप डे 2024 महत्व

मित्रता का उत्सव: यह उन मित्रों का सम्मान और सराहना करने का दिन है जो हमारे जीवन में खुशी और अर्थ जोड़ते हैं।

बंधनों को मजबूत करना: मित्रता दिवस कृतज्ञता और स्नेह व्यक्त करके मौजूदा मित्रता को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान: विभिन्न संस्कृतियाँ मित्रता दिवस को अनूठी परंपराओं के साथ मनाती हैं, जिससे वैश्विक समुदाय और समझ की भावना को बढ़ावा मिलता है।

मानसिक स्वास्थ्य: मित्रता को पहचानना और उसका जश्न मनाना सामाजिक समर्थन नेटवर्क को मजबूत करके मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

फ्रेंडशिप डे 2024  महत्वपूर्ण Quotes

  • अरस्तू: "दोस्त क्या है? दो शरीरों में रहने वाली एक आत्मा।"
  • राल्फ वाल्डो इमर्सन: "दोस्त होने का एकमात्र तरीका एक होना है।"
  • अल्बर्ट कैमस: "मेरे आगे मत चलो... हो सकता है मैं पीछे न चलूँ। मेरे पीछे मत चलो... हो सकता है मैं नेतृत्व न करूँ। मेरे साथ चलो... बस मेरे दोस्त बनो।"
  • हेलेन केलर: "मैं अकेले उजाले में चलने की बजाय अंधेरे में दोस्त के साथ चलना पसंद करूँगी।"
  • ऑस्कर वाइल्ड: "आखिरकार, सभी संगति का बंधन, चाहे वह विवाह में हो या दोस्ती में, बातचीत ही है।"
  • एलबर्ट हबर्ड: "एक दोस्त वह होता है जो आपके बारे में सब कुछ जानता है और फिर भी आपसे प्यार करता है।"
  • सी.एस. लुईस: "दोस्ती उस पल पैदा होती है जब एक व्यक्ति दूसरे से कहता है, 'क्या! तुम भी? मुझे लगा कि मैं अकेला हूँ।'"
  • महात्मा गांधी: "खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों की सेवा में खुद को खो देना।"
  • मार्क ट्वेन: "अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक सुप्त विवेक: यही आदर्श जीवन है।"
  •  हेनरी डेविड थोरो: "दोस्ती की भाषा शब्द नहीं बल्कि अर्थ है।" 
  • यहाँ कुछ हार्ट-टचिंग फ्रेंडशिप डे कोट्स दिए गए हैं जो आप अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं:

    "दोस्ती वह नहीं है जो जीवन के समय में होती है, बल्कि वह है जो जीवन भर साथ रहती है।"

    "सच्ची दोस्ती आत्मा की असीम ऊंचाइयों तक पहुँचाती है, जहां शब्द और भावनाएँ बेमानी हो जाती हैं।"

    "एक सच्चा दोस्त वह होता है जो आपके अतीत को समझता है, आपके भविष्य में विश्वास करता है, और आपको उसी तरह स्वीकार करता है जैसे आप हैं।"

    "दोस्ती जीवन का सबसे प्यारा हिस्सा है, क्योंकि यह हमें उन क्षणों में हंसने का मौका देती है जब हम रोने के लिए तैयार होते हैं।"

    "सच्ची दोस्ती अनमोल है, और इसे दुनिया के किसी भी खजाने से तुलना नहीं की जा सकती।"

    "दोस्ती का मतलब यह नहीं है कि आप हमेशा साथ रहें, बल्कि यह है कि आप हमेशा दिल में रहें।"

    "दोस्त वे होते हैं जो आपकी आत्मा की धुन को जानते हैं और आपको वापस गाते हैं जब आप इसे भूल जाते हैं।"

    "दोस्त वे लोग हैं जो आपकी हँसी में शामिल होते हैं, आपके आँसू पोंछते हैं, और आपको जीवन के हर उतार-चढ़ाव में सहारा देते हैं।"

    "सच्ची दोस्ती समय, दूरी, और परिस्थितियों से परे होती है। यह दिल से दिल की कनेक्शन होती है।"


डेयरी क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’: Facts in Brief


भारत दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है जो वैश्विक दूध उत्पादन में 25 प्रतिशत का व्‍यापक योगदान देता है। पिछले 9 वर्षों से दूध उत्पादन लगभग 6% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 459 ग्राम प्रतिदिन है और यह घरेलू मांग को पूरा करने में आत्मनिर्भर है।

सरकार ने इस दिशा में विभिन्न कदम उठाए हैं जिनमें से एक अहम कदम है पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) - यह पशुपालन और डेयरी विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसका शुभारंभ 24.06.2020 को प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज’ के तहत किया गया था और इसे डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना विकास कोष (डीआईडीएफ) के विलय के साथ नए सिरे से व्‍यवस्थित किया गया है और इसे 29110.25 करोड़ रुपये के फंड आकार के साथ अगले तीन वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।

पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) देश के डेयरी उद्योग की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निम्नलिखित योजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है और इसके साथ ही इसने देश की जीडीपी में डेयरी क्षेत्र का योगदान बढ़ाने में मदद की है:

प्रमुख योजनाएं 

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन: - इसका उद्देश्य स्‍वदेशी गोजातीय नस्लों का विकास एवं संरक्षण करना, गोजातीय आबादी का आनुवंशिक उन्नयन करना, और गोजातीय पशुओं का दूध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना है।
  • डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम: दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाना  और संगठित दूध खरीद की हिस्सेदारी बढ़ाना इसका उद्देश्य है।  
  • पशुपालन अवसंरचना विकास कोष: यह दूध प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन संबंधी अवसंरचना के निर्माण/आधुनिकीकरण, इत्‍यादि के लिए है।
  • डेयरी सहकारी समितियों और डेयरी गतिविधियों में लगे किसान उत्पादक संगठनों को सहायता प्रदान करना: कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज सब्सिडी के रूप में सहायता प्रदान करना।

इसके अलावा, सरकार ने पशुपालन और डेयरी किसानों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए उन्‍हें किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा भी प्रदान की है। (केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह द्वारा राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई जानकारी पर आधारित) (Source PIB)

नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार  Facts in Brief

जानें क्या होता है साइक्लोन Facts in Brief

अयोध्या ऐतिहासिक महत्त्व Facts in Brief

सावन सोमवार 2024 : जाने क्यों चढ़ाई जाती है शिवलिंग पर बेलपत्र, क्या कहते हैं वैदिक शास्त्र और शिव पुराण

Mahashivratri Why Belpatra Being Used to worship Lord Shiva
Saavan Somvaar 2024: सावन, जिसे आमतौर पर श्रावण के रूप में जाना जाता है, भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे पवित्र महीना माना जाता है। हिंदुओं के बीच सावन का गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की अपार भक्ति और समर्पण के साथ प्रार्थना करते हैं। इस महीने के दौरान, लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और मानते हैं कि इससे उनके जीवन में समृद्धि और खुशियाँ आएंगी।2024 मे सावन का सुभारम्भ 22 जुलाई 2024 से हो रहा है और इस महीने मे कुल पाँच सोमवार पड़ेंगे। 

श्रावण मास का पूरा दिन भगवान शिव या भगवान शंकर की पूजा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, हालाँकि हिंदू पंचांग के अनुसार, पवित्र महीने सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा करने के लिए एक उत्कृष्ट दिन है। सावन महीने का सोमवार महत्वपूर्ण दिन माना जाता है जिस दिन भक्त उपवास करते हैं और इसे आमतौर पर सोमवार, या श्रावण सोमवार या सावन सोमवार के रूप में जाना जाता है।

 ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र जो तीन पत्र (तीन पत्तों का सेट) का संग्रह है, त्रिनेत्र जैसा दिखता है ... जो भगवान शिव का दूसरा नाम है जिन्हें भगवान के रूप में जाना जाता है त्रि नेत्र के साथ (तीन आंखें।) हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बेहद खास महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं है कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था और इसके उपलक्ष में महाशिवरात्रि का पर्व मनाई जाती है. 

हिन्दू धर्म में सावन सोमवार  का विशेष महत्व है जिस दिन लोग भगवन शिव या शंकर की पूजा करते हैं. 

 महाशिवरात्रि के दिन श्रदालु  माता पार्वती और शंकर शंकर  की पूजा करते हैं और हैं और इस अवसर पर भगवन शिव लिंग पर पवित्र जल के साथ फूल, फल चढ़ाते हैं जिसे जलाभिषेक के रूप में जाना जाता है.

लोग उपवास रखते हैं और केवल फल और दूध से संबंधित उत्पादों का सेवन करते हैं। भक्त महाशिवरात्रि के अवसर पर किसी भी प्रकार का अनाज लेने से बचते हैं और उपवास का उपयोग करते हैं जो समझा जाता है कि उपवास से शरीर और हमारी चेतना भी शुद्ध होती है।

 फूल और फलों के अलावा, भक्त भगवान शिव को प्रभावित करने के लिए भांग और धतूरा भी चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र भगवन शिव को बहुत प्रिय है इसलिए श्रदालु जो महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव लिंग को अवश्य अर्पित  करते हैं. 

महा शिवरात्रि के अवसर पर सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा के लिए के लिए लोग मंदिरों को जाते हैं. 

वैदिक शास्त्र और शिव पुराण कहते हैं कि भक्त माघ या फाल्गुन के महीने में घटते चंद्रमा के 14 वें दिन बेलपत्र के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं जो भगवान शिव को अधिक आनंद प्रदान करते हैं।

वैदिक शास्त्रों और शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने देवी पार्वती से कहा कि जब भक्त फाल्गुन महीने (हिंदी महीने के 12 वें महीने का अंतिम महीना) में घटते चंद्रमा के 14 वें दिन उनकी पूजा करते हैं,  इसे अर्पित करते हैं तो इससे भगवन शिव को  अधिक खुशीहोती है ।

एक और कारण है जिसका विभिन्न पवित्र पुस्तकों में उल्लेख किया गया है कि बेलपत्र जो तीन पत्र (तीन पत्तों का सेट) का संग्रह है, त्रिनेत्र जैसा दिखता है ... जो भगवान शिव का दूसरा नाम है जिन्हें भगवान के रूप में जाना जाता है त्रि नेत्र के साथ (तीन आंखें।)

कैसे चढ़ाएं बेलपत्र: 

ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा उल्टा चढ़ानी चढ़ानी चाहिए अर्थात बेलपत्र के चिकनी सतह वाली भाग को शिव लिंग से स्पर्श होनी चाहिए. बेलपत्र को चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि बेलपत्र को हमेशा हमेशा अनामिका, अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं। 

अन्य पवित्र ग्रंथ में यह उल्लेख है कि भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह महाशिवरात्रि के दिन हुआ था और तभी से यह पर्व मनाया जाता है।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।


Sawan Somwar Vrat 2024: सावन माह का दूसरा सोमवार, जानें पूरा लिस्ट, व्रत विधि और अन्य

 


सावन, जिसे आमतौर पर श्रावण के रूप में जाना जाता है, भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे पवित्र महीना माना जाता है। हिंदुओं के बीच सावन का गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। 2024 मे सावन का सुभारम्भ 22 जुलाई 2024 से हुआ और इस महीने मे कुल पाँच सोमवार पड़ेंगे।  जुलाई 29, 2024 अर्थात सावन का दूसरा सोमवार या सोमवारी है।  इसे साल का सबसे पवित्र और पवित्र महीना माना जाता है। भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की अपार भक्ति और समर्पण के साथ प्रार्थना करते हैं। इस महीने के दौरान, लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और मानते हैं कि इससे उनके जीवन में समृद्धि और खुशियाँ आएंगी।

22 जुलाई, 2024 से शुरू होने वाले इस सावन में पाँच सोमवार व्रत शामिल हैं। आप इस साल सावन 2024 के सभी सोमवार या सोमवार की सूची प्राप्त कर सकते हैं।

सावन 2024: सावन सोमवार व्रत तिथियां

  • पहला सावन सोमवार: 22 जुलाई 2024
  •  दूसरा सावन सोमवार: 29 जुलाई 2024
  • तीसरा सावन सोमवार: 5 अगस्त 2024
  • चौथा सावन सोमवार: 12 अगस्त 2024
  •  पांचवां सावन सोमवार: 19 अगस्त 2024

 श्रावण 2024: सोमवार का व्रत

श्रावण मास का पूरा दिन भगवान शिव या भगवान शंकर की पूजा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, हालाँकि हिंदू पंचांग के अनुसार, पवित्र महीने सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा करने के लिए एक उत्कृष्ट दिन है। सावन महीने का सोमवार महत्वपूर्ण दिन माना जाता है जिस दिन भक्त उपवास करते हैं और इसे आमतौर पर सोमवार, या श्रावण सोमवार या सावन सोमवार के रूप में जाना जाता है।

श्रावण 2024: 16 सोमवार का व्रत

कुछ भक्त लगातार 16 सोमवार का व्रत भी रखते हैं, जिसे सोलह सोमवार व्रत कहा जाता है। लोगों का मानना ​​है कि इससे उन्हें एक आदर्श जीवन साथी और एक आनंदमय विवाहित जीवन का आशीर्वाद मिलता है। कई भक्त सोलह सोमवार के लिए उपवास करते हैं, जिन्हें सोलह सोमवार के रूप में जाना जाता है, जो सावन कैलेंडर महीने के पहले सोमवार से शुरू होता है।

श्रावण 2024: जानिए इन अन्य त्योहारों के बारे में  

सावन का महिना पूर्ण रूप से भगवान शिव कि आराधना कि लिए होता है और भक्त पूरे महीने विशेष पूजा अनुष्ठान और समारोह करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं।  हालांकि सावन का महिना भगवान शंकर कि आराधना के अतिरिक्त की अन्य त्यौहार के लिए प्रसिद्ध है जिसमें शामिल हैं श्रावण सोमवार व्रत, हरियाली तीज, नाग पंचमी, श्रावण शिवरात्रि और रक्षा बंधन तथा अन्य हिन्दू पंचांग के अनुसार जहां श्रावण मे सोमवार को भगवान शंकर कि पूजा के लिए माना जाता है वहीं मंगलवार को भी महत्वपूर्ण माना जाता है और यह देवी पार्वती को समर्पित है।

 श्रावण 2024: काँवड़ यात्रा

सावन के महीने की शुरुआत कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी होती है। इस वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से कांवड़िए भगवान शिव को समर्पित तीर्थस्थलों पर गंगाजल (पवित्र जल) चढ़ाने के लिए जाते हैं। झारखंड स्थितः देवघर अर्थात बाबा वैद्यनाथ धाम का भी प्रमुख महत्व है जहां भक्त गण सुलतानगंज स्थितः गंगा नदी से पवित्र जल लेकर देवघर मे भगवान शंकर को जल अर्पित करते हैं। इसके बाद कांवड़िए स्थानीय शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ाने के लिए अपने गृहनगर लौटते हैं।

saavan 2024: जाने भगवान शिव ने प्रमुख अवतारों के बारे में; Facts in Brief

Lord Shankar Avtaar Shivpuran

हिन्दू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है  जो देवों के देव महादेव की पूजा के लिए पूरी तरह से समर्पित होता है। हिन्दू देवताओं में भगवान शिव को सर्वोच्च भगवान माना जाता है भगवान सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से भी एक है. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार यह मान्यता है कि सावन के पावन महीने में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने और उनके निमित्त व्रत रखने से वे अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का भी भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। 

शिव के 19 अवतार

 शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है निम्नलिखित में कुछ महत्वपूर्ण शिव अवतारों के बारे में जानकारी दी गई है.  हिंदू पंचांग के अनुसार, शिव पुराण एक प्रमुख हिंदू पुराण है, जो भगवान शिव के महत्वपूर्ण कथाओं, अवतारों और उपास्य रूपों के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है। शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है निम्नलिखित में कुछ महत्वपूर्ण शिव अवतारों के बारे में जानकारी दी गई है :शिव के इन 19 अवतारों ने सभी प्राणियों को कष्टों से मुक्त किया है और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान की है. वे सभी भक्तों के लिए पूजनीय हैं और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करते हैं.

 हिन्दू पञ्चाङ्गे और अन्य स्रोतों के अनुसार भगवान शिव के प्रमुख अवतार हैं-वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि । 

शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है. इनमें से कुछ प्रमुख अवतार हैं:

विश्वरूप अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विष और अमृत पीने वाले देवता-असुरों के सामने अपनी विश्वरूप दिखाई थी। इससे उन्होंने अपने भक्तों को प्रेरित किया और दुर्योधन के पक्ष से द्रोणाचार्य को मदद करने का भी वादा किया था।

भैरव अवतार: भगवान शिव के इस अवतार में उन्होंने अश्वत्थामा के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भैरव रूप धारण किया था। उन्होंने अश्वत्थामा को प्रतिज्ञा की थी कि उन्हें उसके श्राप से मुक्ति मिलेगी।

दक्षिणामूर्ति अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने गुरुपूर्वक ज्ञान को प्रदान किया था। उन्होंने चारों दिशाओं के देवताओं को ज्ञान दिया था और संसार की माया और अविद्या का नाश करने की महत्वपूर्ण उपदेश दिया था।

महाकाल: महाकाल भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध अवतार है. वे काल का देवता हैं और मृत्यु के अधिपति हैं. वे सभी प्राणियों के अंत के जिम्मेदार हैं.

अर्धनारीश्वर अवतार: इस अवतार में भगवान शिव और पार्वती के सम्मिलित रूप में व्यक्त होते हैं, जो प्रकृति और पुरुष के सम्मिलन को प्रतिष्ठित करता है। इस रूप में उन्हें सृष्टि, स्थिति और संहार का सार्वभौमिक अधिकार होता है।

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तारक: तारा भगवान शिव का एक अन्य प्रसिद्ध अवतार है. वे तारा देवी के अवतार हैं, जो एक शक्तिशाली देवी हैं जो सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति देती हैं.

भुवनेश: भुवनेश भगवान शिव का एक अवतार है जो समस्त ब्रह्मांड का स्वामी है. वे सभी प्राणियों के संरक्षक हैं और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से बचाते हैं.

षोडश: षोडश भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के ज्ञान और शक्ति का भंडार है. वे सभी भक्तों को ज्ञान और शक्ति प्रदान करते हैं.

गौरीशंकर अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने भक्ता पार्वती के साथ गौरीशंकर के रूप में जन्म लिया था। यह अवतार पर्वतीश्वरी देवी के श्रद्धावान भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धारण किया गया था।

कालभैरव अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने कालभैरव रूप धारण किया था और दक्ष यज्ञ का विनाश किया था। उन्होंने देवी सती के दुख को दूर करने के लिए अपना शक्तिशाली रूप प्रदर्शित किया था।

धूम्रवान: धूम्रवान भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के रोगों और बीमारियों को दूर करने वाला है. वे सभी भक्तों को रोगों और बीमारियों से मुक्त करते हैं.

बगलामुख: बगलामुख भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के शत्रुओं और विरोधियों को हराने वाला है. वे सभी भक्तों को शत्रुओं और विरोधियों से मुक्त करते हैं.

मातंग: मातंग भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के सुख और समृद्धि का भंडार है. वे सभी भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं.

कमल: कमल भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के ज्ञान और मोक्ष का मार्गदर्शक है. वे सभी भक्तों को ज्ञान और मोक्ष प्रदान करते हैं.

यह केवल कुछ शिव पुराण में वर्णित अवतार हैं, लेकिन इस पुराण में भगवान शिव के अन्य अवतारों का भी वर्णन है। शिव पुराण के अलावा भी अन्य हिंदू पुराणों में भगवान शिव के विभिन्न अवतारों का वर्णन मिलता है।

शिव के अनेक अंशावतार भी हुए

शिव के अंश ऋषि दुर्वासा, महेश, वृषभ, पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनर्तक, द्विज, अश्वत्थामा, किरात, नतेश्वर आदि जन्मे. इन अंशावतार का उल्लेख ‘शिव पुराण’ में भी मिलता है.

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने पेशेवर सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।




देवों के देव महादेव: जानें क्या क्या है भगवान शिव का रहस्य- त्रिपुंड, नंदी बैल, अर्धनारीश्वर, रुद्र और अन्य

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हिन्दू देवताओं में भगवान शिव को सर्वोच्च भगवान माना जाता है भगवान सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से भी एक है. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार यह मान्यता है कि सावन के पावन महीने में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने और उनके निमित्त व्रत रखने से वे अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का भी भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। 

भगवान शिव के रहस्य 
भगवान शिव के रहस्य को समझना आसान नहीं है  और सच तो यह है कि यह एक निरंतर खोज है जो भक्तों को आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाती है। शिव पुराण और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव स्वयंभू है जिनका न कोई आदि है और न ही कोई अंत। उन्हीं के होने से ये समस्त संसार गतिमान है। जबकि विष्णु पुराण में भगवान शिव का जन्म भगवान विष्णु के द्वारा हुआ है। भगवान शिव के निराकार रूप की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम नर्मदेश्वर शिवलिंग (Narmadeshwar Shivling) माना जाता है। भगवान शिव का रहस्य एक जटिल और बहुआयामी विषय है, जिसमें कई पहलू हैं।

विनाश और रचना का चक्र:

भगवान शिव का रहस्य विनाश और रचना का चक्र है। यह चक्र हमें जीवन के नैसर्गिक क्रम को समझने और इसके साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है। भगवान शिव को अक्सर विनाश के देवता के रूप में देखा जाता है, लेकिन वे रचना के देवता भी हैं। वे 'सृष्टि चक्र' का प्रतीक हैं, जिसमें जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म शामिल हैं। भगवान शिव को अक्सर 'महाकाल' या 'काल' कहा जाता है, जो समय का देवता है। समय सभी चीजों को नष्ट कर देता है, और भगवान शिव इस विनाशकारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

भगवान शिव 'नाटराज' के रूप में भी जाने जाते हैं, जो 'नृत्य' के देवता हैं। उनका 'तांडव' नृत्य ब्रह्मांड के विनाश का प्रतीक है, लेकिन यह एक नए ब्रह्मांड के निर्माण का भी प्रतीक है।

 ज्ञान और ध्यान:

 ज्ञान और ध्यान जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ज्ञान हमें सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है, और ध्यान हमें शांत और एकाग्र रहने में मदद करता है। भगवान शिव को ज्ञान और ध्यान का देवता भी माना जाता है। वे योग, तपस्या और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रतीक हैं। भगवान शिव को 'ज्ञान का भंडार' माना जाता है। वे 'वेद', 'शास्त्र', और 'ज्ञान' के सभी रूपों के ज्ञाता हैं। भगवान शिव 'ध्यान' के प्रतीक हैं। वे 'समाधि' की अवस्था में रहते हैं, जो 'आत्म-ज्ञान' की प्राप्ति का मार्ग है।

त्रिपुंड:

त्रिपुंड भगवान शिव के माथे पर लगाई जाने वाली तीन क्षैतिज रेखाएं हैं। यह भस्म, चंदन या मिट्टी से बनाया जा सकता है। त्रिपुंड का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है और इसे भगवान शिव के कई पहलुओं का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव के माथे पर लगा त्रिपुंड तीन गुणों (सत्व, रज, तम) का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि वे इन तीनों गुणों से परे हैं।

त्रिपुंड के तीन अर्थ हैं:

सृष्टि, संरक्षण और विनाश: त्रिपुंड की तीन रेखाएं ब्रह्मांड के तीन गुणों का प्रतीक हैं: सृष्टि, संरक्षण और विनाश। भगवान शिव को इन तीनों गुणों का स्वामी माना जाता है।

अतीत, वर्तमान और भविष्य: त्रिपुंड की तीन रेखाएं भी समय के तीन पहलुओं का प्रतीक हैं: अतीत, वर्तमान और भविष्य। भगवान शिव को समय का देवता माना जाता है।

आत्मा, मन और शरीर: त्रिपुंड की तीन रेखाएं मनुष्य के तीन पहलुओं का प्रतीक हैं: आत्मा, मन और शरीर। भगवान शिव को इन तीनों पहलुओं का स्वामी माना जाता है।

 नंदी बैल:

नंदी बैल भगवान शिव का वाहन है। यह शक्ति, धैर्य और भक्ति का प्रतीक है। नंदी को आमतौर पर शिव मंदिरों के द्वार पर बैठा हुआ देखा जाता है। भगवान शिव का वाहन नंदी बैल, 'शक्ति' और 'धैर्य' का प्रतीक है।

गंगा नदी:

भगवान शिव अपनी जटाओं में गंगा नदी धारण करते हैं। यह दर्शाता है कि वे 'पवित्रता' और 'शुद्धि' का प्रतीक हैं।

अर्धनारीश्वर:

भगवान शिव 'अर्धनारीश्वर' रूप में भी दर्शाए जाते हैं, जिसमें वे आधे पुरुष और आधी स्त्री हैं। यह दर्शाता है कि वे 'स्त्री-पुरुष समानता' और 'संपूर्णता' का प्रतीक हैं।

 मृत्युंजय:

भगवान शिव को 'मृत्युंजय' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'मृत्यु को जीतने वाला'। यह दर्शाता है कि वे 'अमरता' और 'जीवन शक्ति' का प्रतीक हैं।

त्रिनेत्र:

भगवान शिव के तीन नेत्र हैं, जो 'अतीत, वर्तमान और भविष्य' का प्रतीक हैं। यह दर्शाता है कि वे 'सर्वज्ञ' और 'सर्वव्यापी' हैं।

 नाग:

भगवान शिव अपने गले में नाग धारण करते हैं। यह दर्शाता है कि वे 'विष' और 'बुराई' पर विजय प्राप्त करते हैं।

रुद्र:

भगवान शिव को 'रुद्र' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'विनाशकारी'। यह दर्शाता है कि वे 'अन्याय' और 'अधर्म' का नाश करते हैं।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।


सावन का दूसरा सोमवार 2024 : जानें क्यों भगवान् शंकर को चढ़ाते हैं बेलपत्र

Savan Somvar: Why Belpatra Used to Worship Lord Shankar

सावन सोमवार 2024 :2024 मे सावन का सुभारम्भ 22 जुलाई 2024 से हुआ और इस महीने मे कुल पाँच सोमवार पड़ेंगे।  जुलाई 29, 2024 अर्थात सावन का दूसरा सोमवार या सोमवारी है।  श्रावण में भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे पवित्र महीना माना जाता है और हिंदुओं के बीच सावन का गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की अपार भक्ति और समर्पण के साथ प्रार्थना करते हैं। वैसे तो श्रावण मास का पूरा दिन भगवान शिव या भगवान शंकर की पूजा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, हालाँकि हिंदू पंचांग के अनुसार, पवित्र महीने सावन का सोमवार भगवान शिव की पूजा करने के लिए एक उत्कृष्ट दिन है। सावन महीने का सोमवार महत्वपूर्ण दिन माना जाता है जिस दिन भक्त उपवास करते हैं और इसे आमतौर पर सोमवार, या श्रावण सोमवार या सावन सोमवार के रूप में जाना जाता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पूजन के तौर पर  श्रदालु  भगवान शिव के लिंग को फूल, फल पानी (जल जिसे जलाभिषेक के रूप में जाना जाता है) के साथ चढ़ाते हैं। फूल और फलों के अलावा, भक्त भगवान शिव को प्रसन्न  करने के लिए भांग और धतूरा भी चढ़ाते हैं। हालाँकि, बेलपत्र सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है जो सावन सोमवार के दिन भगवान शिव लिंग को अर्पित की जाती है। क्या आप जानते हैं कि भगवान शंकर को बेलपत्र क्यों चढ़ाई जाती है ?
सावन के सोमवार को भगवान् शिव की विशेष पूजा अर्चना कर और बेलपत्र अर्पित कर, भक्तजन उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है और आज भी श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा और विश्वास के साथ निभाई जाती है।

वैदिक शास्त्र और शिव पुराण कहते हैं कि भक्त माघ या फाल्गुन के महीने में घटते चंद्रमा के 14 वें दिन बेलपत्र के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं जो भगवान शिव को अधिक आनंद प्रदान करते हैं।

बेलपत्र को भगवान् शंकर को चढ़ाने के कारण:

पवित्रता और शुद्धता: बेलपत्र को पवित्र और शुद्ध माना जाता है। यह तीन पत्तियों वाला होता है, जिसे ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का प्रतीक माना जाता है। इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से तीनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।

शिव का प्रिय: धार्मिक कथाओं के अनुसार, बेलपत्र भगवान् शिव को अत्यंत प्रिय है। इसे चढ़ाने से भगवान् शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।

एक और कारण है जिसका विभिन्न पवित्र पुस्तकों में उल्लेख किया गया है कि बेलपत्र जो तीन पत्रों (तीन पत्तों का सेट) का संग्रह है, त्रिनेत्र जैसा दिखता है ... जो भगवान शिव का दूसरा नाम है जिन्हें भगवान के रूप में जाना जाता है त्रि नेत्र के साथ (तीन आंखें।)

औषधीय गुण: बेलपत्र में औषधीय गुण होते हैं जो वातावरण को शुद्ध करते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। यह एक प्रकार से भगवान् शिव को उनकी तपस्या और त्याग की याद दिलाने का प्रतीक भी है।

आध्यात्मिक महत्व: बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने से मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह भक्त के मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है।

 वैदिक शास्त्रों और शिव पुराण के अनुसार,ऐसी मान्यता है कि  भगवान शिव ने देवी पार्वती से कहा था कि जब भक्त फाल्गुन महीने (हिंदी महीने के 12 वें महीने का अंतिम महीना) में घटते चंद्रमा के 14 वें दिन उनकी पूजा करते हैं, तो  इस पूजन से उन्हे अत्यधिक प्रसन्नता प्राप्त होती है और उन श्रदालुओ और भक्तों पर  भगवन शिव काफी उदार होते हैं ।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।




चराईदेव मैदाम महान: यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल

 Moidams of Charaideo Ahom dynasty in UNESCO


चराईदेव मैदाम को सांस्कृतिक श्रेणी में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। ये प्रतिष्ठित सम्मान अहोम राजवंश के समृद्ध इतिहास की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करती है।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “चराईदेव मैदाम महान अहोम राजाओं की वीरता और अदम्य भावना का प्रतीक हैं, जो असमिया समुदाय के स्वाभिमान और सांस्कृतिक गौरव के अनूठे प्रतीक के रूप में खड़े हैं। ये एक सुखद समाचार है कि चराईदेव मैदाम को सांस्कृतिक श्रेणी में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। ये प्रतिष्ठित सम्मान अहोम राजवंश के समृद्ध इतिहास की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करती है। मैं विश्व मंच पर ताई अहोम के जीवंत इतिहास को प्रदर्शित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

ये बताना महत्वपूर्ण है कि असम के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्री सोनोवाल ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2020 में श्री सोनोवाल ने चराईदेव में राज्य सरकार की पहल "मी-डैम-मी-फी" के आयोजन का नेतृत्व किया। श्री सोनोवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को चराईदेव के महत्व के बारे में बताने की पहल की और उनसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मान्यता को बढ़ाने का आग्रह किया। श्री सोनोवाल के नेतृत्व में चराईदेव मैदाम को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने के लिए असम सरकार के संबंधित मंत्रियों के साथ कई समीक्षा बैठकें की गईं।

फरवरी 2017 में श्री सोनोवाल ने पूर्वांचल ताई साहित्य सभा के चराईदेव सत्र में भाग लिया, जहां उन्होंने चराईदेव क्षेत्र में एक सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की घोषणा की और 5 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट देने की प्रतिबद्धता जताई। इस प्रतिबद्धता को उस वर्ष के बजट में आवंटन के साथ पूरा किया गया। अगले वर्ष पुरातत्व विभाग के अंतर्गत विश्व धरोहर स्थल के लिए 25 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया, उस समय केशव महंत संबंधित मंत्री थे।

केन्‍द्रीय बजट 2024-25: जानें खास बातें (वन लाइनर के रूप में )

Union Budget 2024 highlight main points

Union Budget 2024 Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में लगातार तीसरी एनडीए सरकार का पहला बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराएगी, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी शामिल होगा. इस बजट की प्रमुख बातें निम्‍नलिखित हैं :

भाग- ए

बजट अनुमान 2024-25:

o  ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां: 32.07 लाख करोड़ रुपये 

o  कुल व्‍यय: 48.21 लाख करोड़ रुपये

o  सकल कर प्राप्ति: 25.83 लाख करोड़

o  वित्‍तीय घाटा: जीडीपी का 4.9 प्रतिशत।

•  सरकार का लक्ष्‍य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।

•  मुद्रास्‍फीति कम, स्‍थायी और 4 प्रतिशत के लक्ष्‍य की ओर जारी है।

•  कोर मुद्रास्‍फीति (गैर-खाद्य, गैर-ईंधन) 3.1 प्रतिशत।

•  बजट में रोजगारकौशलएमएसएमई और मध्‍य वर्ग पर विशेष ध्‍यान है

रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं

•  4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्‍य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल।

1. योजना कपहली बार वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपये तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा।

2. योजना खविनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्‍ट स्‍केल पर प्रोत्‍साहन राशि उपलब्‍ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है।

3. योजना गनौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्‍ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्‍त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपये प्रत्‍येक महीना भुगतान करेगी।

4. कौशल के लिए नई केन्‍द्र प्रायोजित योजना

•  अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा।

•  1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थानों का उन्‍नयन किया जाएगा।

5. पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए  नई योजना।

‘विकसित भारत’ की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :

1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता

2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण

3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय

4. विनिर्माण और सेवाएं

5. शहरी विकास

6. ऊर्जा सुरक्षा

7. अवसंरचना

8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और

9. अगली पीढ़ी के सुधार

 प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता

•  कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन। 

•  किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।

•  प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा।

•  प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

•  तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा।  

प्राथमिकता 2: रोजगार और कौशल प्रशिक्षण

•  प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण  में रोजगार सृजन,  योजना ग- नियोक्‍ताओं को मदद।

•  कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए

o  औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्‍थापना। 

o  महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन

o  महिला स्‍वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना

कौशल विकास 

o  प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्‍द्र प्रायोजित नई योजना।

o  7.5 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना।

o  सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता।

प्राथमिकता 3: समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय

पूर्वोदय

•  अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।

•  21,400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट का नया विद्युत संयंत्र शामिल।

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम

•  बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये की  विशेष वित्तीय सहायता।

•  विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में औद्योगिक केन्‍द्र।

महिलाओं के नेतृत्‍व विकास 

  • महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपये का आवंटन।

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्‍नत ग्राम अभियान

•  जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे। 

उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं

  • उत्‍तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्‍ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलना।

प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं

विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना

•  गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी योजना।

संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता

• एमएसएमई को उनके संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था।

मुद्रा लोन

•  ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।

ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना

•  खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया। 

फूड इरेडिएशनगुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां

•  एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र

•  एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

महत्वपूर्ण खनिज मिशन

•  घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना होगी।

खनिजों का अपतटीय खनन

•  पहले से किये गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू होगी।

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) अनुप्रयोग

•  ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा प्रदायगी और शहरी शासन के क्षेत्र में डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास।

प्राथमिकता 5: शहरी विकास 

आवागमन उन्मुखी विकास

•  30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।

शहरी आवास

•  प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा। 

स्ट्रीट मार्केट

•  अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना।

प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा

ऊर्जा परिवर्तन

•  रोजगार, विकास और पर्यावरण स्थायित्व की आवश्यकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज।

पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी

•  विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति।

छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास

•  भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।

उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट

•  उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्‍तावित।


‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप

• ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्मएचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केटपद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त विनियम।

प्राथमिकताः 7 अवसंरचना

केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश

  • पूंजीगत व्यय के लिए `11,11,111 करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान।

राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना में निवेश

•  राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपये के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)

• 25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।

सिंचाई और बाढ़ उपशमन

• बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्‍य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता।

  • सरकार बाढ़भूस्‍खलन और अन्‍य संबंधित परियोजनाओं के लिए असमहिमाचल प्रदेशउत्‍तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी। 

पर्यटन

  • विष्णुपद मंदिर गलियारामहाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्‍यापक विकास। 

•  ओडिशा के मंदिरोंस्मारकशिल्पवन्य जीव अभयारण्यप्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता

प्राथमिकता 8: नवाचारअनुसंधान और विकास

• मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड। 

• वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पूल व्यवस्था।

अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था

• अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपये की उद्यम पूंजी निधि।

प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार

ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य

• सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार

• संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण,

• वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण

• भू-रजिस्ट्री की स्थापनाऔर

• कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना।

शहरी भूमि संबंधी कार्य

• शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा।

श्रमिकों के लिए सेवाएं

• ऐसे वन स्‍टॉप समाधान के लिए ई-श्रम पोर्टल को अन्‍य पोर्टलों से जोड़ना।

• तेजी से बदलते श्रमिक बाजार,  कौशल संबंधी जरूरतों और उपलब्‍ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए मुक्‍त आर्किटेक्‍चर डाटाबेस।

• रोजगार के इच्‍छुक लोगों को संभावित नियोक्‍ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रणाली।

एनपीएस वात्‍सल्‍य

• नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्‍सल्‍य।

खंड-बी

अप्रत्‍यक्ष कर

जीएसटी

• जीएसटी की सफलता से उत्‍साहित होकरजीएसटी के शेष क्षेत्रों तक विस्‍तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना।

क्षेत्र विशेष के लिए सीमा शुल्‍क के प्रस्‍ताव

औषधियां एवं चिकित्‍सा उपकरण

• कैंसर की तीन दवाइयां- ट्रेस्‍टुजुमाब डिरूक्‍सटीकेनओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमैब को सीमा शुक्‍ल से पूरी तरह छूट।

• चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्‍सरे ट्यूब और मेडिकल एक्‍सरे मशीनों में इस्‍तेमाल हेतु फलैट पैनल डिडेक्‍टरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क में बदलाव।

मोबाइल फोन और संबंधित पुर्जे

• मोबाइल फोनमोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्‍बली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।

कीमती धातु

• सोने और चांदी पर सीमा शुल्‍क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया और प्‍लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया।

अन्‍य धातु

• लौहनिकेल और ब्लिस्‍टर तांबे पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया।

• लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया।

• तांबा स्‍क्रैप पर 2.5 प्रतिशत रियायती मूलभूत सीमा शुल्‍क।

इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स

• रेजिस्‍टरों के विनिर्माण हेतु ऑक्‍सीजन मुक्‍त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क हटाया गया।

रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स

• अमोनियम नाइट्रेट पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया।

प्‍लास्टिक

  • पीवीसी फ्लैक्‍स बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्‍क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया।

दूरसंचार उपकरण

• विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरण के पी.सी.बी.ए. पर बीसीडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

व्यापार सुविधा

• घरेलू विमानन और नाव तथा जलयान के एमआरओ उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से मरम्मत के लिए आयात की गई वस्‍तुओं के निर्यात के लिए समयावधि को छह महीनों से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव।

• वारंटी वाली वस्‍तुओं को मरम्मत के लिए पुनः आयात करने की समय-सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रस्ताव।

महत्वपूर्ण खनिज

• 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट।

• 2 महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव।

सौर ऊर्जा

• सोलर सैल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्‍क के दायरे से बाहर।

समुद्री उत्पाद

• कुछ ब्रूडस्टॉकपॉलीकीट वॉर्म्सश्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

• श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में इस्‍तेमाल होने वाले विभिन्‍न कच्‍चे माल को भी सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।

चमड़ा और कपड़ा

• बत्तख या हंस से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव।

• स्पैन्डेक्स यार्न के विनिर्माण के लिए मिथाइलेन डाईफिनाइल डाईआईसोसाएनेट (एमडीआई) पर बीसीडी को कुछ शर्तों के साथ 7.5 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

प्रत्यक्ष कर

• करों को सरल बनानेकरदाता सेवाओं में सुधार करनेकर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों जारी रहेंगे।

• सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर।

• वित्त वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत कर व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने सरलीकृत कर व्‍यवस्‍था का लाभ उठाया।

धर्मार्थ संस्थाओं और टीडीएस का सरलीकरण

• धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव।

• विभिन्‍न भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जाएगा।

• म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त करने का प्रस्‍ताव।

• ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

• टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणी फाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव।

पुनः निर्धारण का सरलीकरण

  • किसी कर निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन से पांच वर्षों के बाद किसी कर निर्धारण को नए सिरे से केवल तभी खोला जा सकेगा जब कर से छूट प्राप्त आय 50 लाख या उससे अधिक हो।
  • सर्च मामलों में समय सीमा को दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव।

कैपिटल गेन का सरलीकरण और युक्तिकरण

• कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में लघु अवधि के लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगेगा।

• सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घ अवधि के लाभों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।

• परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव।

करदाता सेवाएं

• सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन सम्मिलित हैंको अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा।

मुकदमेबाजी और अपील

• अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना2024 का प्रस्ताव।

• टैक्स अधिकरणोंउच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करोंउत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख रुपये2 करोड़ रुपये और 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव।

• अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी को कम करने और निश्चितता प्रदान करने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार।

रोजगार और निवेश

• स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव।

• भारत में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रस्ताव।

  • देश में अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हार्बर दरों का प्रावधान।

•  विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

कर आधार का विस्तार

•  फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

• प्राप्तकर्ता के द्वारा शेयरों की पुनः खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगेगा।

सामाजिक सुरक्षा लाभ

  • एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।

•  20 लाख रूपये तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर-दांडिक बनाने का प्रस्ताव।

वित्त विधेयक के अन्य प्रमुख प्रस्ताव

• 2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस।

नई कर व्‍यवस्‍था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव

• वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रूपये से बढ़ाकर 75,000 रूपये करने का प्रस्ताव।

• पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये करने का प्रस्ताव।

(Source PIB)