दिल्ली का दंगल : काँग्रेस का केजरीवाल पर तंज-न्याय यात्रा के साथ चल रही शीश महल की झांकी

  

AAP Congress Attack on Kejriwal Delhi Election

दिल्ली के चुनाव को देखते हुए काँग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी पर आक्रमण आरंभ कर दिया है। दिल्ली न्याय यात्रा के 23वें दिन  देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल के शीश महल और दिल्ली को मिल रहे गंदे पानी की बोतल से संबधित एक झांकी का अनावरण भी किया, जिसको दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान चलाया गया। उन्होंने कहा कि 11

वर्ष पहले आऐ बहरुपिए अरविन्द केजरीवाल की सच्चाई को जनता के सामने लाने की जिम्मेदारी कांग्रेस यौद्धाओं की है। केजरीवाल ने 2013 में कहा था न कोई सुविधा लेंगे, न सुरक्षा लेंगे, न बंगला लेंगे, न गाड़ी लेंगे। 

यह बात और है कि अपने ऐशो आराम के लिए 175 करोड़ का शीश महल बनाया, जिसमें टायलेट तक को गोल्ड प्लेटेड किया गया। दिल्ली की जनता आहत है, हम शीश महल की सच्चाई जनता के सामने उजागर करेंगे। केजरीवाल ने शीशमहल बनाकर भारी भ्रष्टाचार कर जिनता को धोखा दिया है। हमें दिल्ली में विकास की जगह शराब मॉडल देखने को मिला।

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल रेवड़ियों पर 65000 बैठकें करके चर्चा करने की बात करते है, जबकि उनकी रेवड़ियां जनता के साथ धोखा साबित हुई है। उन्होंने कहा कि सस्ती बिजली, मुफ्त पानी जैसे झूठे वादों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है। आम आदमी पार्टी ने जनता से किए वादों को पूरा करने की जगह झुनझुना थमा दिया है। 

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि हमें दिल्ली में ऐसी सरकार बनानी है, जो लोगों की मदद कर सके, अपना फर्ज निभा सके, यह काम कांग्रेस ने 15 वर्षों में करके दिखाया है। दिल्ली न्याय यात्रा की सफलता के साथ लोगों का कांग्रेस में एक बार फिर विश्वास बढ़ रहा है। सिर्फ हमें आपसी मतभेद मिटाकर मजबूती के साथ एकजुट होकर लोगों के दिलों को जीतने का काम करना है। लोगों के बीच जाकर केजरीवाल सरकार की सच्चाई को सबके सामने लाना होगा, ताकि 2025 में कांग्रेस की मजबूत सरकार बन सके।


विश्व एड्स दिवस 2024 : Facts in Brief

 


विश्व एड्स दिवस एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है।  विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में मनाया गया था, जिससे यह सबसे शुरुआती अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवसों में से एक बन गया। इसका प्राथमिक उद्देश्य एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 1980 के दशक में, जब एचआईवी/एड्स महामारी विश्व में व्यापक तौर पर सामने आया  तो वायरस के बारे में व्यापक भय, कलंक और गलत सूचनाओं से लोगों मे एक खास तरह  का खौफ का वातावरण था ।

पहला विश्व एड्स दिवस 1988 में मनाया गया, जिसने एचआईवी और एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महामारी से प्रभावित लोगों का सम्मान करने के लिए एक मंच प्रदान किया। चिकित्सा अनुसंधान में प्रगति, उपचार और रोकथाम तक पहुंच में वृद्धि और वायरस की व्यापक समझ के कारण एचआईवी और एड्स से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

एड्स जागरूकता दिवस की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि एचआईवी संक्रमण वर्तमान में लाइलाज है और इसके लिए जरूरी है कि लोगों के बीच जागरूकता फैलाए जाए। लोगों के बीच जागरूकता और इस बीमारी के बारे में उचित जागरूकता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।


विश्व एड्स दिवस 2024 Facts in Brief 

  • विश्व एड्स दिवस, 1988 से प्रति वर्ष 01 दिसंबर को मनाया जा रहा है।
  • 2024 का थीम : "सही रास्ता अपनाएं: मेरी सेहत, मेरा अधिकार!"
  • 2030 तक एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य है.
  • भारत एचआईवी अनुमान 2023 रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 25 लाख से ज्यादा लोग एचआईवी से पीड़ित हैं।
  • भारत में एचआईवी/एड्स महामारी के खिलाफ लड़ाई 1985 में शुरू हुई। 
  • सरकार ने 2017 में 'टेस्ट और ट्रीट' नीति की शुरुआत की।

 एक समय यह एक असहनीय पुरानी स्वास्थ्य स्थिति थी जिसके होने मात्र से लोगों के बीच भी और लोकलज्जा से भारी क्षति उठाने कि मजबूरी होती थी।  लेकिन अब, अवसरवादी संक्रमण सहित एचआईवी की रोकथाम, निदान, प्रबंधन और देखभाल में प्रगति के साथ, एचआईवी से पीड़ित लोग लंबे समय तक और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

Theme:   “Collective Action: Sustain and Accelerate HIV Progress.” 

एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम, जिसे संक्षेप में यूएनएड्स कहा जाता है, 1996 में अस्तित्व में आया और तब विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया गया। विभिन्न विषयों को संरचित किया गया था जिन्हें विश्व एड्स दिवस के आयोजन में एक बड़े बदलाव के रूप में प्रस्तावित किया गया था।

विश्व एड्स दिवस (1 दिसंबर) से पहले, यूएनएड्स की एक नई रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में एड्स को समाप्त करने के सहमत लक्ष्य को पूरा कर सकती है - लेकिन केवल तभी जब नेता मानव अधिकारों की रक्षा करें एचआईवी के साथ रहने वाले और इसके जोखिम में रहने वाले सभी लोगों कि । 

UNAIDS रिपोर्ट के अनुसार एचआईवी से पीड़ित 39.9 मिलियन लोगों में से 9.3 मिलियन लोगों को अभी भी जीवन रक्षक उपचार नहीं मिल रहा है। पिछले साल, एड्स से संबंधित बीमारियों से 630,000 लोगों की मृत्यु हो गई, और दुनिया भर में 13 लाख लोगों को एचआईवी हुआ। कम से कम 28 देशों में नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या बढ़ रही है। महामारी की गति को कम करने के लिए, यह जरूरी है कि जीवनरक्षक कार्यक्रम बिना किसी डर के उन सभी तक पहुंच सकें, जिन्हें उनकी जरूरत है।

2023 में हर दिन, 15 से 24 वर्ष की आयु की 570 युवा महिलाएं और लड़कियां एचआईवी से पीड़ित हुईं। पूर्वी और दक्षिणी अफ़्रीका के कम से कम 22 देशों में, इस आयु वर्ग की महिलाओं और लड़कियों में उनके पुरुष साथियों की तुलना में एचआईवी से पीड़ित होने की संभावना तीन गुना अधिक है।

ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) 

ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक प्रकार का वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है।   एचआईवी शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं को निशाना बनाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।  वैज्ञानिकों के अनुसार एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) व्यक्तियों के अंदर संक्रमण के सबसे उन्नत चरण में होता है। 

एक बार अगर व्यक्ति की  प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो इसके कारण दूसरे रोगों से बीमार होना आसान हो जाता है।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में बताए गए सुझाव/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको इस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए/पालन नहीं किया जाना चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं और आपसे अनुरोध करते हैं कि यदि आपके पास विषय से संबंधित किसी भी चिकित्सा मामले के बारे में कोई विशिष्ट प्रश्न हैं, तो हमेशा अपने डॉक्टर या पेशेवर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करें।



Cyclone Fengal: Update जानें क्या होता है साइक्लोन और कैसे होता है इसका निर्माण


Cyclone Fengal: ताजा अपडेट के अनुसार चक्रवात फेंगल ने तूफ़ान का रूप ले लिया है, जिससे भारी बारिश और तेज़ हवाएं चल रही हैं. तमिलनाडु के कुछ जिलों और पुडुचेरी के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, फेंगल चक्रवात बंगाल की खाड़ी में तेजी से विकसित हो रहा है जिसके कारण से तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना हो सकती है।
चक्रवात फेंगल (Cyclone Fengal) का दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक गहरे दबाव के रूप में शुरुआत हुआ था और धीरे-धीरे उत्तर-उत्तर-पश्चिम में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ रहा था। ऐसी संभावना थी कि यह 
चक्रवात फेंगल (Cyclone Fengal) के तमिलनाडु-पुडुचेरी तट पर कराईकल और महाबलीपुरम के बीच कहीं टकरा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात फेंगल (Cyclone Fengal) के कारण तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के जिलों में वर्षा हो रही है। 

किस देश ने सुझाया चक्रवाती तूफान का नाम फेंगल?

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) और एशिया और प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) द्वारा स्थापित नामकरण सम्मेलनों के तहत चक्रवात फेंगल का नाम सऊदी अरब द्वारा दिया गया था। इस प्रणाली का उद्देश्य तूफान की घटनाओं के दौरान सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना और संचार को सुव्यवस्थित करना है।

क्या होता है साइक्लोन?

साइक्लोन एक प्रकार की तीव्र वायुवीय प्रणाली होती है जिसमें हवा बहुत तेज गति से घूमती है और यह केंद्र की ओर खिंचती है। यह वायुमंडल में कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण होता है। वास्तव में  चक्रवात यानी साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा साइक्लोस से लिया गया है जिसका अर्थ ‘सांप की कुंडली’ होता है। साइक्लोन के बनने में साइक्लोजेनेसिस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात गर्म महासागरों के ऊपर बनता है जो कम वायुमंडलीय दाब के कारण बनता है और तेज हवा का रूप ले लेता है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिंद महासागर के ऊपर बनते हैं। 

साइक्लोन के नामकरण के पीछे का क्या होता है कारण?

क्या आप जानते हैं कि किसी भी साइक्लोन  का नामकरण साल 2004 के एक अंतर्राष्ट्रीय समझौते  के तहत किया जाता है। विभिन्न क्षेत्रों में स्थित देशों के द्वारा विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की देखरेख में इन तूफ़ानों को नाम प्रदान किया जाता है। सूत्रों के अनुसार  हिन्द महासागर क्षेत्र में आने वाले तूफ़ानों के नाम रखने के लिए सितंबर 2004 में एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत हिन्द महासागर क्षेत्र के आठ देश, बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्याँमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड तूफ़ानों के लिए नामों का एक समूह देंगे, जिसमें से बारी-बारी से तूफान का नामकरण होगा। हालाँकि, अब इस समझौते में देशों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। आमतौर पर सदस्य देशों की भाषाओं और संस्कृतियों से प्रेरित होते हैं, और उनका उद्देश्य आसानी से याद रखे जाने वाले और उच्चारण में सरल नाम देना होता है। इस चक्रवाती तूफान का नाम रेमल है'रेमल' एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है 'रेत'.  यह नाम ओमान का दिया हुआ है. 

साइक्लोन का निर्माण

साइक्लोन का निर्माण जटिल प्रक्रियाओं का परिणाम है जिसमें वातावरण के कई तत्व शामिल होते हैं। साइक्लोन का निर्माण आमतौर पर गर्म समुद्री सतहों के ऊपर होता है, जहाँ समुद्र का तापमान 26.5°C या उससे अधिक होता है। गर्म पानी हवा को गर्म करता है, जिससे वह हल्की होकर ऊपर उठती है। जैसे ही गर्म हवा ऊपर उठती है, सतह पर कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। यह कम दबाव वाला क्षेत्र आसपास की ठंडी हवा को खींचता है, जिससे हवा की गति तेज हो जाती है।

साइक्लोन बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्थितियां आवश्यक होती हैं:

गर्म समुद्री सतह: 

साइक्लोन का निर्माण आमतौर पर गर्म समुद्री सतहों के ऊपर होता है, जहाँ समुद्र का तापमान 26.5°C या उससे अधिक होता है। गर्म पानी हवा को गर्म करता है, जिससे वह हल्की होकर ऊपर उठती है।

कम दबाव का क्षेत्र: 

जैसे ही गर्म हवा ऊपर उठती है, सतह पर कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है। यह कम दबाव वाला क्षेत्र आसपास की ठंडी हवा को खींचता है, जिससे हवा की गति तेज हो जाती है।

वाष्पीकरण और संघनन: 

जब गर्म हवा ऊपर उठती है, तो इसमें मौजूद नमी वाष्पित होती है। ऊँचाई पर पहुँचकर यह नमी संघनित होती है और बादलों का निर्माण करती है। इस प्रक्रिया में ऊष्मा मुक्त होती है, जो हवा को और भी अधिक गर्म करके उसे और तेजी से ऊपर उठाती है।

कैरिओलिस बल: 

पृथ्वी के घूमने के कारण हवा की दिशा में एक घूर्णन बल उत्पन्न होता है, जिसे कैरिओलिस बल कहते हैं। यह बल हवा को एक सर्पिल (spiral) आकार में घुमाने में मदद करता है, जिससे साइक्लोन का घूर्णन प्रारंभ होता है।

वायु का चक्रवातीय प्रवाह:

 हवा का चक्रवातीय प्रवाह साइक्लोन के केंद्र की ओर होता है, जिससे हवा का दबाव और भी कम हो जाता है। इस प्रक्रिया में, हवा तेजी से घूमने लगती है और साइक्लोन का केंद्र (आँख) स्पष्ट होता है, जहाँ हवा का दबाव सबसे कम होता है।

ऊपरी वायुमंडलीय प्रवाह: 

साइक्लोन के शीर्ष पर हवा का बहिर्गमन (outflow) होता है, जिससे निचले स्तर पर हवा के आगमन (inflow) को बनाए रखने में मदद मिलती है। यह प्रवाह साइक्लोन को ऊर्जा प्रदान करता रहता है।

साइक्लोन के प्रकार

साइक्लोन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

1. ट्रॉपिकल साइक्लोन: ये साइक्लोन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बनते हैं, जैसे कि हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और कैरिबियन सागर। ये साइक्लोन बहुत तीव्र होते हैं और इनमें भारी वर्षा और तेज हवाएँ होती हैं। ट्रॉपिकल साइक्लोन को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि:

हुर्रिकेन: उत्तरी अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत महासागर में।

टाइफून: पश्चिमी प्रशांत महासागर में।

साइक्लोन: भारतीय महासागर और दक्षिणी प्रशांत महासागर में।

2. एक्स्ट्रा-ट्रॉपिकल साइक्लोन: ये साइक्लोन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बाहर बनते हैं और आमतौर पर ठंडे या समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इनका निर्माण वायुमंडल के उच्च और निम्न दबाव क्षेत्रों के परस्पर क्रिया से होता है। ये साइक्लोन आमतौर पर कम तीव्र होते हैं लेकिन फिर भी भारी वर्षा और तेज हवाएं ला सकते हैं।



Point Of View: सपने सभी देखते हैं, लेकिन धैर्य रखने वाले ही सपनों को हकीकत में बदलते हैं


Point Of View: धैर्य का जीवन में एक गहरा महत्व है। यह हमें कठिन परिस्थितियों में स्थिर रहने और सफलता की ओर अग्रसर रहने में सहायता करता है। जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम के अलावा भी हमें धैर्य और आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आपका इस तथ्य को समझना होगा कि आजकल के कठिन और कम्पेटिटिव माहौल मे जहां सफलता आसान नहीं रहा गया है, हमें धैर्य और आत्मविश्वास को अपनाने कि नितांत जरूरत हैं।

धैर्य वह है जो हमें चुनौतियों का सामना करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है, भले ही परिणाम तुरंत न मिलें। यह हमें हार न मानने और प्रयास करते रहने की शक्ति प्रदान करता है। वहीं आत्मविश्वास हमें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने में मदद करता है। यह हमें जोखिम लेने और नए अवसरों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।


 याद रखें तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम अपने लाइफ में सफल हो सकते हैं और इसके लिए सबसे जरुरी फैक्टर हैं  आपके अंदर आत्मविश्वास और धैर्य का होना.

आप विश्वास कीजिए जिनके पास आत्मविश्वास है वह इन विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सफलता का मार्ग लेते हैं और इसके लिए सबसे जरूरी है  सकारात्मक और पॉजिटिविटी का होना.

दोस्तों विपरीत परिस्थितियों में सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य  का होना बहुत जरूरी है पर यह याद रखें यह आपको अपने अंदर ही विकसित करनी होगी.  

किसी कवि की ये पंक्तियाँ आप को विपरीत परिस्थितियों में लड़ने में सार्थंक हो सकती है. 
वह पथ क्या पथिक परीक्षा क्या
जिस पथ में बिखरे शूल ना हो
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या 
यदि धाराएं प्रतिकूल ना हो. 


आप इतिहास के तमाम महापुरुषों की जीवन वृतांत को देखें तो यह साबित हो जाएगा की रातों-रात सफलता किसी को नहीं मिलती और यह भी उतना ही बड़ा सच है कि जिसने जितनी बड़ी सफलता हासिल किया है उसके मार्ग पर प्रकृति ने उतने ही कांटे और फूल बिछा कर रखे थे ऐसा नहीं है कि वे महापुरुषों और उन बाधाओं को देख अपने कदम वापस खींच लिए. 

तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा,
लोगों के भरम को तोड़ दे।
-नरेंद्र वर्मा

किसी भी कार्य को करने के बहुत सारे तरीके हो सकते हैं. और आपको भी अपने लिए तरीकों को चुनने की पूरी आजादी है. लेकिन यह याद रहें दोस्तों . अपने चुने गए तरीकों को जस्टिफाई करना भी आपको ही होगा. हाँ इसके लिए आप सफल महापुरुषों के अनुभवो और बताये गए रास्तों को आधार बना सकते हैं. 

विख्यात कवि/ साहित्यकार की उस कथन को याद करों दोस्तों..."महाशक्तियों के वेग में रोड़े अटकाने से उनके वेग कम नहीं होता बल्कि वो दुगुने वेग से आगे बढ़ती है." दोस्तों अब फैसला आपको करना है कि आप खुद का तुलना किसी मामूली शक्ति करते हैं या किसी महाशक्ति. अगर उत्तर महाशक्ति में है तो फिर याद रखें.आप इन बाधाओं को पार करने और निकलने के लिए दुगुने वेग से प्रयास करने वालों में से हैं. 
अक्सर ऐसा होता है कि अपनी राहों में मिलने वाले थोड़ी से चुनौतियों को हम बाधा का नाम देकर उससे परेशान हो जाते हैं कि हम खुद को परिस्थति के आगे विवश और लाचार समझने लगते हैं. पता नहीं हमें ऐसा क्यों लगता है कि परिस्थितियों का हमेशा हमारे पक्ष में हीं होनी चाहिए.

लेकिन क्या यह सच नहीं है दोस्तों कि परिस्थितियों हमेशा हमारे अनुकूल रहे हैं ऐसा नहीं करना चाहिए आखिर यह संसार सिर्फ हमारे लिए हीं तो नहीं बनी है. 

दोस्तों आपको आश्चर्य होगा के हम जिन बाधाओं और परिस्थितियों को अपनी सफलता के मार्ग का सबसे बाड़ा बाधा बताते हैं. सच्चाई तो यह है कि हम अपनी सफलता के मार्ग का बाधा खुद होते हैं. 

हमारी नेगेटिव सोच और खुद का अंदर पैदा किया गया नकारात्मक माइंडसेट प्रमुख बाधा होती है हमारी असफलता के पीछे….लेकिन हम दोष देते हैं उन परिस्थितियों और बाधाओं को. 
प्रमुख कोट्स:
  • "धैर्य ही शक्ति है। शांत रहकर आप किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।" - महात्मा गांधी
  • "आत्मविश्वास सफलता की पहली कुंजी है।" - स्वामी विवेकानंद
  • "अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।" - अननोद मॉरिल
  • "धैर्यवान व्यक्ति ही विजेता होता है।" - विलियम आर्थर वॉर्ड
  • "हार मत मानो। हारने वाले ही हारते हैं।" - विनस्टन चर्चिल
  • "धैर्य वह कुंजी है जो असंभव दरवाजों को भी खोल सकती है।"
  • "हर बड़ी उपलब्धि के पीछे धैर्य और निरंतर प्रयास छिपे होते हैं।"
  • "धैर्य रखने वालों को उनके सपने जरूर मिलते हैं, बस सही समय पर।"
  • "धैर्य का अर्थ है परिस्थिति को स्वीकार करना और सही समय का इंतजार करना।"
  • "जल्दी में सब कुछ खो सकता है, लेकिन धैर्य से हर चीज जीती जा सकती है।"
  • "धैर्य से अधिक मजबूत और कोई ताकत नहीं है। यह हर तूफान को शांत कर सकता है।"
  • "कठिन समय में धैर्यवान रहना, सच्ची ताकत का प्रतीक है।"
  • "एक बूँद की तरह गिरते रहो, समय आने पर पत्थर भी कट जाएगा।"
  • "धैर्य वह जड़ है, जिससे सफलता का वृक्ष फलता-फूलता है।"
  • "सपने देखने वाले कई होते हैं, लेकिन धैर्य रखने वाले ही अपने सपनों को हकीकत में बदलते हैं।"

पोस्ट ऑफिस के इन योजनाओं का आप भी उठा सकते हैं लाभ: जानें विशेषताएं

Post Office Scheme and features benefits Facts in brief

पोस्ट ऑफिस मे हमेशा से आम जनता के लिए की सारे योजनाएं प्रयोग मे रहती हैं जिसके अंतर्गत आम जनता निवेश करते हैं। पोस्ट ऑफिस मे लोगों के निवेश पर अच्छा रिटर्न  के साथ साथ बच्चों और वरिष्ठ नागरिक के हितों को ध्यान मे रखते हुए की सारी स्कीम है जिसका लाभ आप उठा सकते हैं। इन योजनाओं मे शामिल हैं-सुकन्या, पीपीएफ, एसएसए, केवीपी, आरडी, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और अन्य । डाकघरों की ग्राहकों को मुख्य रूप से प्रदान की जाने वाली वित्तीय और योजनाओं का विस्तृत संकलन निम्न हैं जिसका लाभ आप उठाया सकते हैं-

योजना का नाम: डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके)

विशेषताएँ:  

वर्तमान में 442 डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्रों पर पासपोर्ट सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। 

योजना का नाम: डाकघर बचत खाते (पीओएसए)

विशेषताएँ: 

  • नियमित बचत, निकासी आदि के लिए।
  •  न्यूनतम शेष राशि - 500 रूपये और बेसिक बचत खाते के मामले में शून्य
  •  एटीएम / इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग सुविधा / एनईएफटी और आरटीजीएस
  •  यूपीआई, आईएमपीएस के लिए डाकघर बचत खातों को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक खाते से जोड़ा गया।

योजना का नाम:  आवर्ती जमा (आरडी)

विशेषताएँ: 

  • न्यूनतम जमा (एकल): 1000/ रूपये या ₹ 100/- रूपये के गुणक में
  • अधिकतम जमा: कोई सीमा नहीं
  • 5 वर्ष की टीडी में निवेश के लिए आयकर छूट
  • विस्तार – कार्यकाल पूरा होने के बाद दो बार

योजना का नाम:  समय जमा (टीडी)1/2/3/5 वर्ष

विशेषताएँ:

  • न्यूनतम जमा (एकल): ₹ 1000/- या ₹ 100/- के गुणक में
  • अधिकतम जमा: कोई सीमा नहीं
  • 5 वर्ष की टीडी में निवेश के लिए आयकर छूट
  • विस्तार – कार्यकाल पूरा होने के बाद दो बार

योजना का नाम:  महीने के आय योजना (एमआईएस)

विशेषताएँ:

  • मासिक आय के स्रोत के लिए
  • न्यूनतम जमा:  1,न्यूनतम जमा:  1,000/- रूपये या इसके गुणकों में
  • अधिकतम जमा:  9 लाख रूपये  (व्यक्तिगत);  15 लाख रूपये (संयुक्त रूप से)
  • अवधि – 5 वर्ष

योजना का नाम:  वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस)

विशेषताएँ:

  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष योजना
  • त्रैमासिक आय के स्रोत के लिए
  • न्यूनतम एकल जमा:  1,न्यूनतम एकल जमा:  1,000/ रूपये  या इसके गुणकों में
  • अधिकतम जमा: . 30 लाख  रूपये
  • अवधि – 5 वर्ष तथा तीन वर्ष की प्रत्येक ब्लॉक अवधि की समाप्ति के बाद बढ़ाई जा सकती है

योजना का नाम:  सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)

विशेषताएँ:

  • न्यूनतम प्रारंभिक जमा: 500/- रूपये
  • अधिकतम जमा: एक वित्तीय वर्ष में  एक लाख पचास हज़ार रूपये
  • न्यूनतम 50/- रूपये के गुणकों में आगामी जमा
  • निवेश के लिए आयकर छूट
  • कर मुक्त ब्याज
  • अवधि – 15 वर्ष और आगे भी बढ़ाई जा सकती है

योजना का नाम: सुकन्या समृद्धि योजना खाता (एसएसए)

विशेषताएँ:

  • बालिकाओं के लिए विशेष योजना
  • न्यूनतम प्रारंभिक जमा: 250/- रूपये
  • अधिकतम जमा: एक वित्तीय वर्ष में  एक लाख पचास हज़ार रूपये
  • न्यूनतम 50/- रूपये के गुणकों में आगामी जमा
  • निवेश के लिए आयकर छूट
  • कर मुक्त ब्याज
  • अवधि – 21 वर्ष

योजना का नाम: राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र – आठवां अंक (एनएससी)

विशेषताएँ:

  • न्यूनतम निवेश - 1,न्यूनतम निवेश - 1,000/- रूपये
  • अधिकतम निवेश: कोई सीमा नहीं - 100/- रूपये के गुणकों में
  • निवेश के लिए आयकर छूट

अवधि – 5 वर्ष

योजना का नाम: किसान विकास पत्र (केवीपी)

विशेषताएँ:

  • न्यूनतम निवेश - 1,न्यूनतम निवेश - 1,000/- रूपये
  • अधिकतम निवेश: कोई सीमा नहीं - 100/- रूपये के गुणकों में
  • परिपक्वता - निवेश की राशि दोगुनी

योजना का नाम: महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र (एमएसएससी)

विशेषताएँ:

  • महिलाओं और बालिकाओं के लिए विशेष योजना
  • 01.04.2023 से 31.03.2025 तक निवेश की अनुमति है
  • न्यूनतम निवेश - 1,न्यूनतम निवेश - 1,000/-रूपये
  • अधिकतम निवेश: प्रति व्यक्ति 2 लाख रूपये - 100/- रूपये के गुणकों में
  • खाते खोलने के बीच 3 महीने का समय अंतराल
  • अवधि – दो वर्ष
  • लॉकअप अवधि – 6 महीने

योजना का नाम: पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना 2021

विशेषताएँ: 

  • महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा चिन्हित लाभार्थियों के लिए विशेष योजना
  • प्रारंभ में 4515 खाते खोले गए और उनमें धनराशि पहुंचाई गई।
  • निवेश बच्चे की आयु के आधार पर भिन्न होता है और परिपक्वता राशि 10 लाख रूपये है
  • 18 से 23 वर्ष की आयु तक 10 लाख रूपये पर एमआईएस ब्याज देय है
  • खाताधारकों की परिपक्वता आयु 23 वर्ष होगी।

योजना का नाम: इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी)

विशेषताएँ:

  •  बचत और चालू खाते
  •  वर्चुअल डेबिट कार्ड
  •  घरेलू धन हस्तांतरण सेवाएं
  •  बिल और उपयोगिता भुगतान
  •  आईपीपीबी ग्राहकों के लिए बीमा सेवाएं

(Source PIB)

Point Of View : संघर्ष नहीं निष्फल होगा, बेशक आज नही तो कल होगा


Point Of View : 
संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने का नाम हीं जीवन होता है और आप इस दौरान ही जीवन कि वास्तविकता से रूबरू होते हैं साथ हीं इन चुनौतियों का सामना करते समय आप समस्याओं को हल करना सीखते हैं। आपके द्वारा कि गई मेहनत से मिली सफलता दूसरों के लिए प्रेरणा बनती है और इसके साथ ही यह आपकी विश्वसनीयता को बढ़ाती है। 
जीवन में सफलता के लिए ढेरों टिप्स ही सकते हैं और इनमें कई तो इतने शॉर्टकट होते हैं जो आपको गुमराह भी कर सकते हैं। लेकिन आपका हार्ड वर्क अर्थात कठिन परिश्रम और धैर्य आपका कभी भी साथ नहीं छोड़ सकता और इसमें हमें किसी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होनी चाहिए। 

जीवन मे  या कहीं भी, शॉर्टकट से केवल अस्थायी परिणाम मिलते हैं, जो क्षणिक होते हैं और यह तात्कालिक लाभ तो देता है, लेकिन दीर्घकालीन सफलता के लिए गहन ज्ञान और अनुभव आवश्यक है।

दोस्तो, इतना तो हम सभी जानते हैं कि अगर हमें सूरज बनना है तो मार्ग में हमें जलना होगा और अगर शाम होते अपने घर पहुंचना है तो तपते रेगिस्तान पर हमें हर हाल में चलना होगा।

याद रखें-जो आसानी से मिल जाता है, वह ज्यादा दिन तक नहीं टिकता। जो हमेशा टिकता है, वह आसानी से नहीं मिलता।

आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत कितने सामान्य से इंसान अपने सीमित संसाधनों की बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है।

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…
-हरिवंश राय बच्चन


बिल गेट्स की वह कथन तो आपको याद हीं होगा जिसमें वह अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के बारे में लिखते हैं कि " अगर आप गरीब घर में पैदा होते हैं तो इसमें आपका कोई दोष नही है लेकिन अगर आप गरीब होकर मर जाते हैं तो इसके लिए आप और सिर्फ आप दोषी हैं"

मतलब साफ है कि सफल होने के लिए आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और माता पिता के हालात की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नही है बल्कि उससे जरूरी है आपका सोच, परिश्रम और धैर्य।

चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए¸

विपत्ति विप्र जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।

 घटे न हेल मेल हाँ¸ बढ़े न भिन्नता कभी¸

अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।

 तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

-मैथिलीशरण गुप्त

  • संघर्ष जितना कठिन होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
  • कठिनाइयाँ आपकी क्षमता को परखती हैं और सफलता को मूल्यवान बनाती हैं।
  • हर संघर्ष आपको एक नई सीख देकर आपके लक्ष्य के करीब लाता है।
  • संघर्ष आपकी मेहनत और दृढ़ता का प्रमाण है।
  • आत्मनिर्भरता और संघर्ष का महत्व इसी में है।
  • कठिनाइयाँ हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती हैं।
  • संघर्ष प्रगति का एक अनिवार्य हिस्सा है।
  • हर महान सफलता के पीछे संघर्ष की कहानी होती है।
  • संघर्ष करते रहना ही जीत की निशानी है।
  • आज के प्रयास भविष्य का निर्माण करते हैं।
  • कठिनाइयाँ और संघर्ष हमेशा एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाते हैं।


Point Of View: पॉजिटिव लाइफ के लिए है जरुरी "खुद पर भरोसा क्योंकि, कुछ भी असंभव नहीं "


Point Of View : पॉजिटिव सोचने के लिए सबसे जरुरी है कि आप अपने मन को मजबूत बनाइये क्योंकि यह आपका मन ही है जो नकारात्मकता और नेगेटिव थॉट्स को आप पर हावी होने का मौका प्रदान करती है. आप हमेशा सिर्फ यह सोचे कि जिसे अन्य लोग असंभव समझते हैं आपके लिए वह संभव हो सकता है और इसके लिए आप खुद को यह समझाएं कि - “हाँ मैं कर सकता हूँ”।

नकारात्मक मानसिकता और कुछ नहीं बल्कि भ्रमित विचारों का एक संग्रह है जो हमें जीवन की वास्तविकता से बहुत दूर ले जाती है. मानव मन अपने आप में एक विविधताओं से भरा हुआ है और उतना ही पेचीदगियों का सम्मिश्रण है जिसके साथ सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि हम सही जानते तो हैं लेकिन जब करने का समय आता है तो हम अपने आप को नासमझ के समान बना कर अपना आचरण करते हैं. 
 हेलेन केलर के इस कथन को हमेशा याद रखें-"दुनिया की सबसे बेहतरीन और खूबसूरत चीज़ों को देखा या छुआ नहीं जा सकता, उन्हें केवल दिल से महसूस किया जा सकता है।"

आभार व्यक्त करें
जीवन मे हमेशा आप हर दिन उन चीज़ों के लिए आभार व्यक्त करें जो आपके पास हैं। आप सोचें कि जो संसाधन आपके पास उपलब्ध हैं उनका होना भी काम नहीं है क्योंकि जीवन मे काफी ऐसे लोग हैं जो उन वस्तुओं के लिए भी तरसते हैं और आप उनसे अच्छी स्थिति मे हैं। आभार से मन में संतोष और शांति उत्पन्न होती है।

कहने का आशय यह है कि हम जानते हैं कि नेगेटिव माइंडसेट के साथ जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते है और अपने जीवन को नकारात्मक सोच के साथ बोझ हीं बना सकते हैं. फिर भी, हम सकारात्मक और पॉजिटिव माइंडसेट को अपनाने में किसी दूसरे पर निर्भर होना ज्यादा पसंद करते हैं. 
असंभव को संभव बनाने की सकारात्मकता और दृढ़ निश्चय  के लिए नेल्सन मंडेला के इस कथन  को हमेशा याद  रखें-"यह हमेशा असंभव सा लगता है, जब तक कि आप इसे कर नहीं लेते।"

सकारात्मक सोच बनाए रखें
नकारात्मक विचारों को पहचानें क्योंकि ऐसे विचारों को अपने आस-पास फटकने देना भी खुद के प्रति अन्याय है। नकारात्मक लोग जो आपके विचारों को प्रभावित करते हैं उनसे किनारा करना शुरू कीजिए क्योंकि ऐसे लोगों से आप कुछ भी उम्मीद नहीं कर सकते और न हीं आप उन्हे सुधार सकते हैं। याद रखें आपकी सोच ही आपके जीवन की दिशा तय करती है।

सकारात्मक दिमाग में हमारे जीवन में आने वाली परीक्षाओं का जवाब देने का अंतिम तरीका प्रदान करने की शक्ति होती है। जीवन कड़वी सुखद सहित अप्रत्याशित घटनाओं की श्रृंखला से भरा है। लेकिन, इस तथ्य के बावजूद, हमें जीने की कला सीखनी होगी।
हेलेन केलर के इस कथन को हमेशा याद रखें-"दुनिया की सबसे बेहतरीन और खूबसूरत चीज़ों को देखा या छुआ नहीं जा सकता, उन्हें केवल दिल से महसूस किया जा सकता है।"

छोटे लक्ष्य बनाएं
जीवन मे बड़े लक्ष्य को प्राप्त करना सभी के जीवन का प्रमुख गोल होता है लेकिन याद रखें कि खुद को मोटिवेट और सकारात्मक रखने के लिए यह जरूरी है कि आप छोटे-छोटे लक्ष्यों को तय करें और उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। इससे आप अपने जीवन में स्थिरता और प्रगति महसूस करेंगे।
जीवन में उतार-चढाव का होना लगा रहता है और इससे हम बच नहीं सकते हैं. लेकिन  हम इन घटनाओं को बिना किसी नकारात्मक मानसिकता के स्वीकार करें और उन्हें पॉजिटिव एटीट्यूड से लेकर उनका समाधान ढूंढते हैं, तो कम से कम हमारा यह प्रयास यह हमें बेहतर जीवन की आशा प्रदान कर सकता है।

समस्याओं को अवसर के रूप में देखें 
आपदा मे भी अवसर मिलते हैं और कोविड के दौरान आपने देखा होगा कि कई  ऐसे  लोग हैं जिन्होंने लॉक डाउन  के दौरान घरों मे बंद होकर भी कई ऐसे-ऐसे आइडिया निकाल लिए जिससे आज वो अपने और अपने परिवार कि छोड़िए, वो बिजनस मे भी कई कीर्तिमान बना चुके हैं। यह जरूरी है कि जीवन मे आने वाले की चुनौतियों को अवसर के रूप में देखना सीखें। हर मुश्किल में कुछ सीखने का मौका होता है। याद रखें, हर दिन के छोटे-छोटे सकारात्मक कार्य एक बड़े और सफल जीवन का निर्माण करते हैं। 
लाओ त्से  ने कहा था कि -"जीवन में महानता छोटे-छोटे अच्छे कार्यों में छिपी होती है।"

पॉइंट ऑफ व्यू : अनुपम खेर को फिल्म के शूटिंग के दौरान चेहरे पर लकवा हो गया, फिर भी हिम्मत नहीं हारे


पॉइंट ऑफ व्यू : भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक अनुपम खेर ने कहा है कि वह खुद अपनी असफलताओं से सफल होने की कहानी हैं। 'हम आपके हैं कौन' की शूटिंग के दौरान उन्हें चेहरे पर लकवा हो गया हो या वह समय जब वह 2004 में लगभग दिवालिया हो गए थे।  लेकिन असफलताओं के बावजूद भी कभी उन्हे अपने  'नेवर गिव अप' वाले  जीवन दर्शन को नहीं छोड़ा।  55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के दौरान गोवा के पणजी स्थित कला अकादमी में आयोजित एक सम्मोहक मास्टर क्लास के साथ छात्रों और प्रतिनिधियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


श्री खेर ने ‘असफलता की शक्ति’ विषय पर सत्र की शुरुआत यह कहकर की, “मुझे लगता है कि मैं खुद अपनी असफलताओं से सफल होने की कहानी हूँ।” पूरा सत्र वास्तव में जीवन के पाठों पर एक मास्टरक्लास था, जिसमें उनके व्यक्तिगत जीवन की कई कहानियाँ थीं, जो उनके ज्ञान से सुशोभित थीं।

कहानी शिमला से शुरू हुई

अनुपम खेर  के अनुसार  उनकी कहानी शिमला से शुरू हुई जहां चौदह सदस्यों के एक संयुक्त परिवार ने एक ही कमरे में अपना जीवन बिताया जिसमें उनके पिता एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके शब्दों में, वह गरीब थे, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से खुश थे और उनके दादाजी की कही एक बात, "जब लोग बहुत गरीब होते हैं, तो उनके लिए सबसे सस्ती चीज खुशी होती है" उन्हें याद है।

2 पंक्तियों में 27 गलतियाँ कीं

बेहद अनुभवी अभिनेता, अनुपम खेर उस समय को याद करते हैं जब उन्होंने पहली बार स्कूल के एक नाटक में अभिनय किया था जब वह पांचवीं कक्षा में थे। उन्होंने कहा की जब वह सांत्वना पुरस्कार भी जीतने में असफल रहे तो वह दुखी हो गए थे। उस दिन मेरे पिता ने मुझसे कहा था "असफलता एक घटना है, एक व्यक्ति नहीं"। अपनी अगली प्रस्तुति में, इस उभरते अभिनेता ने विलियम शेक्सपियर के नाटक 'मर्चेंट ऑफ वेनिस' में उन्हें दिए गए संवाद की 2 पंक्तियों में 27 गलतियाँ कीं!

पहली बार मुंबई

यह बात उस समय की है जब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के गोल्ड मेडलिस्ट युवा अभिनेता अनुपम खेर पहली बार मुंबई आए थे। खेर ने कहा, "चूंकि मैं पहले से ही एनएसडी गोल्ड मेडलिस्ट था, इसलिए मुझे पहले मौके पर ही इस सपनों के शहर में अपनी जीत का विश्वास था।" लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें रहने के लिए बांद्रा पूर्व रेलवे स्टेशन पर शिफ्ट होना पड़ा जहां वह 27 दिनों तक रहे।


लेकिन कई उतार-चढ़ाव के बाद श्री खेर की फिल्म 'सारांश'को पुरस्कृत किया गया। श्री खेर ने याद किया कि 1984 में उन्होंने पहली बार दिल्ली में इफ्फी का दौरा किया था। इस मास्टरक्लास के साथ इफ्फी में उनकी पहली यात्रा को 40 साल हो गए हैं।

हम आपके हैं कौन' की शूटिंग के दौरान उन्हें चेहरे पर लकवा

अनुपम खेर के लिए जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। लेकिन हर बुरे दौर में, चाहे वह 'हम आपके हैं कौन' की शूटिंग के दौरान उन्हें चेहरे पर लकवा हो गया हो या वह समय जब वह 2004 में लगभग दिवालिया हो गए थे, हर बार उन्होंने अपने पिता और दादा से मिली सीख पर ही काम किया।

नेवर गिव अप

श्री खेर की उतार-चढ़ाव भरी जीवन यात्रा को सुनकर सभी दर्शक अवाक रह गये। लेकिन अपने आकर्षक व्यक्तित्व, संवाद और अभिनय से इस 68 वर्षीय अनुभवी अभिनेता ने 'नेवर गिव अप' जैसे अपने जीवन दर्शन के टॉनिक से सभी दर्शकों को सहजता से मंत्रमुग्ध कर दिया!(Source PIB)

एक उन्मुक्त पक्षी की तरह उड़ो, लेकिन हमेशा अपने नीड़ में लौट आओ: तमिल सुपरस्टार शिवकार्तिकेयन


तमिल सुपरस्टार शिवकार्तिकेयन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मिमिक्री से अपने करियर शुरुआत से लेकर तमिल सिनेमा के सबसे चमकते सितारों में से एक बनने तक की यात्रा, धैर्य, जुनून और दृढ़ता की कहानी है। 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में बोलते हुए उन्होंने अभिनेता और राजनीतिज्ञ खुशबू सुंदर के साथ बातचीत की जिसमें उन्होंने अपने जीवन, करियर और प्रेरणाओं के बारे में बताया। 

मिमिक्री कलाकार से लेकर टेलीविज़न पर मेजबानी करने और आखिरकार तमिल सिनेमा के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक शिवकार्तिकेयन ने कई भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने पार्श्व गायक, गीतकार और निर्माता के रूप में भी प्रशंसा अर्जित की है।

शिवकार्तिकेयन ने कहा, "शुरू से ही सिनेमा हमेशा मेरा जुनून रहा है और मैं हमेशा दर्शकों का मनोरंजन करना चाहता था।" "इसलिए, मैंने टेलीविज़न एंकरिंग से शुरुआत की, जिसने मुझे मनोरंजन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मौका दिया और इसे मैंने पूरे जुनून के साथ अपनाया।"

मिमिक्री कलाकार के रूप में करियर की  शुरुआत 

एक मिमिक्री कलाकार के रूप में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए शिवकार्तिकेयन ने याद किया, "मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में अपने प्रोफेसरों की नकल करता था। बाद में, जब मैंने उनसे माफ़ी मांगी तो उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और कहा कि इस प्रतिभा को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"

 पिता का असामयिक निधन

अभिनेता ने बताया किया कि उनके पिता का असामयिक निधन उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। "मेरे पिता के निधन के बाद मैं लगभग अवसाद में चला गया था। मेरे काम ने मुझे इस अवसाद से बाहर निकाला और मेरे दर्शकों की सीटियाँ और तालियाँ मेरी थेरेपी बन गईं,” उन्होंने अपने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन को इसका श्रेय दिया।

जुनून है जरूरी 

शिवकार्तिकेयन ने कहा, “मुझे हमेशा से लाखों लोगों के बीच अलग दिखने की इच्छा रही है, जबकि मैं अब भी आम आदमी से जुड़ा हुआ महसूस करता हूँ। जीवन बाधाओं से भरा है, लेकिन अपने जुनून से उन्हें दूर करने में मदद मिलती है। एक समय ऐसा भी था जब मुझे लगा कि हार मान लेनी चाहिए लेकिन मेरे दर्शकों के प्यार ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”

युवा पीढ़ी के लिए

उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए कहा कि  "एक उन्मुक्त पक्षी की तरह उड़ो, लेकिन हमेशा अपने नीड़ में लौट आओ। मेरे लिए, मेरा परिवार मेरा नीड़ है और मेरा मानना ​​है कि जड़ों से जुड़े रहना बहुत ज़रूरी है। हमारे माता-पिता हमारे लिए केवल सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं।”  (Source  PIB)

CSK 2025 की पूरी टीम: मेगा नीलामी के बाद, रवि अश्विन की घर वापसी

CSK IPL Team Facts In Brief

CSK 2025: पांच बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स ने भविष्य के सीज़न के लिए अपनी टीम बनाने के लिए जेद्दा में आईपीएल 2025 मेगा नीलामी में कुछ शानदार खरीदारी की। सीएसके, जिसने अपने अधिकांश मुख्य खिलाड़ियों को बरकरार रखा था, ने जेद्दा में नीलामी तालिका में कुछ सौदेबाजी की।

पांच बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने आईपीएल 2025 सीजन के लिए अपनी टीम चुनने में अपनी पूरी क्षमता दिखाई है। आईपीएल सीज़न 2024 के लिए सीएसके टीम का चयन रणनीतिक रूप से पूर्ण गतिशील, अतिरिक्त प्रतिभाशाली और पूर्ण कुशल खिलाड़ियों के साथ किया गया है। यदि आप रुतुराज गायकवाड़, रवींद्र जड़ेजा और एमएस धोनी जैसे मुख्य खिलाड़ियों की रिटेनेशन पर नजर डालें तो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि सीएसके ने अपने खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा किया है जिन्होंने पांच बार चैंपियनशिप आकर्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सीएसके पर एक नजर

आईपीएल 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स टीम

रुतुराज गायकवाड़ (कप्तान), रवींद्र जड़ेजा, मथीशा पथिराना, शिवम दुबे, एमएस धोनी, डेवोन कॉनवे, राहुल त्रिपाठी, रचिन रवींद्र, रविचंद्रन अश्विन, खलील अहमद, नूर अहमद, विजय शंकर, सैम कुरेन, शेख रशीद, अंशुल कंबोज, मुकेश चौधरी , दीपक हुडा, गुरजापनीत सिंह, नाथन एलिस, जेमी ओवरटन, कमलेश नागरकोटी, रामकृष्ण घोष, श्रेयस गोपाल, वंश बेदी, आंद्रे सिद्धार्थ

चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग के अनुसार सीएसके को वास्तव में एक संतुलित टीम, कुछ अनुभव का अच्छा मिश्रण, रोमांचक युवा खिलाड़ी मिले हैं। और कभी-कभी आपको अपना धैर्य बनाए रखना होता है। उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में एक संतुलित टीम है, कुछ अनुभव और रोमांचक युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है। 

और कभी-कभी आपको अपना धैर्य बनाए रखना होता है। हम यह भी जानते थे कि यह उन कई खिलाड़ियों के साथ वास्तव में प्रतिस्पर्धी होने वाला था जिन्हें हम चाहते थे। इसलिए यह हमेशा बहुत दूर तक जाने और रुकने में सक्षम होने के बीच एक बाजीगरी है।

Point of View: इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें


Point Of View:
भय, क्रोध, गुस्सा, भावनात्मक स्थिति, दुःख या विरह की घड़ी, ख़ुशी के क्षण  आदि जीवन के कुछ ऐसे पल होते हैं जो हमारे रोज के जीवन का अभिन्न अंग है.  हमारा जीवन इन्ही मनोभाओं और इस प्रकार के अनगिनत रंगों से परिपूर्ण होता है इसमें किसी को संदेह नहीं होनी चाहिए क्योंकि जीवन की परिपूर्णता के लिए यही तो उसके रूप रंग होते हैं जो अलग-अलग रूपों में हमारे सामने आते हैं. 

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि भले हैं उपरोक्त वर्णित अवस्थाएं हमारी जीवन कई हिस्सा हैं लेकिन क्या इन परिस्थितियों का सामना करते हुए क्या हमें ठोस निर्णय लेनी चाहिए? क्या किसी कारण से हम अगर क्रोध और गुस्सा से भरे हुए हैं तो उस समय जीवन से कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना नुद्धिमानी होगी? प्रेम  या समर्पण जैसे क्षणिक आवेश में आकर या किसी तात्कालिक भावनात्मक लगाव के तहत कोई वादा करना न्यायपूर्ण कदम कही जा सकती है? 


कहने की जरुरत नहीं है दोस्तों कि भले ही भय, क्रोध, गुस्सा, भावनात्मक स्थिति, दुःख या विरह की घड़ी, ख़ुशी के क्षण  आदि स्थितियां हमारे जीवन का हिस्सा है और हमें इनसे दो-चार होना है पड़ता है अपने रोज के जीवन में लेकिन क्या इन परिस्थितयों के रुबरु होते हुए क्या जीवन से जुडी महत्वपूर्ण निर्णय लेना न्यायोचित कही जा सकती है. 

जानें किस दिन को जन्म लेने वाले लोग होते हैं रोमांटिक और अपने पार्टनर के प्रति केयरिंग

क्रोध की स्थिति में संयम रखें 

अगर आप जीवन में किसी कारण से काफी  क्रोध और  गुस्सा की स्थिति में है तो ऐसे स्थिति में भला आपका विवेक आपके पास कहाँ रहता है. अगर आपके विवेक आपके साथ होगा तो कदाचित आप गुस्सा हीं करेंगे और शांति और संयम से मामले को देखकर उसे हल करने का प्रयास करेंगे। लेकिन अगर आप गुस्से में लाल-पीले हो रहें हैं तो आपके लिए यह जरुरी है कि आप संयम का परिचय दें और तत्काल उसे परिस्थिति को वेट एंड वाच की तर्ज पर गुजरने का इंतजार करें. 

विश्वास करें, क्रोध और गुस्से की स्थिति में लिया गया निर्णय कभी भी आपके लिए उचित नहीं होती और यह आपके लिए हमेशा प्रतिकूल परिस्थिति का निर्माण करेगी और आपको परेशानी में दाल सकती है. 

सुख और दुःख के दिन 

कहते हैं न, " सुख के दिन कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता ये तो दुःख और विरह के दिन होते हैं जो काटे नहीं कटती.... " हाँ ये सच है कि जीवन में दुःख और सुख का आना-जाना लगा रहता है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या घोर विपन्नता और दुःख की स्थिति में हमें जीवन से जुडी महत्वपूर्ण निर्णय लेनी चाहिए? 

मुंशी प्रेमचद की उस कथन को याद रखें-" गले पर पड़े पैर को सहलाना   श्रेयस्कर होता है... " जाहिर है, अगर किसी के पैरों के नीचे आपका गला दबा हो तो फिर आपके लिए चुप रहने और उस संकट की स्थिति से बाहर आने के लिए शांति और समझदारी का रास्ता ही चुनना बेहतर होगी. 

भावना और सहानुभूति में वादा नहीं करें 

जीवन में भावनात्मक लगाव और सहानुभूति के शब्दों से हमें आमना-सामना होना पड़ता है और जाहिर है कि क्षणिक आवेंग में आकर हमें जल्दबाजी में कोई वादा नहीं करनी चाहिए। खासकर अगर पुरुष या महिला हों लेकिन युवावस्था के दौर में हैं तो आपको विशेष रूप से सावधान रहने की जरुरत है. 


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती


स्नो फ्लावर: दो देशों की संस्कृति, परिवार और पहचान की कहानी


मराठी भाषा की यह फिल्म दो देशों के बीच की एक मार्मिक कहानी है जो दो अलग-अलग संस्कृतियों - रूस और कोंकण को ​​जोड़ती है। बर्फीले साइबेरिया और हरे-भरे कोंकण की विपरीत पृष्ठभूमि पर आधारित यह फिल्म भारत में रहने वाली दादी और रूस में रहने वाली पोती के बीच की ‘दूरी’ को दर्शाती है। ‘स्नो फ्लावर’ पूरे भारत के सिनेमाघरों में नवम्बर 2024 में रिलीज होगी।

निर्देशक गजेंद्र विट्ठल अहिरे ने स्नो फ्लावर के पीछे की रचनात्मक प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी साझा की। अहिरे ने इन खराब परिस्थितियों में फिल्मांकन की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। साइबेरिया के खांटी-मानसिस्क में तापमान -14 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने के कारण, छोटे दल को कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ा। इन चुनौतियों के बावजूद, दल के समर्पण और मजबूत टीमवर्क ने उन्हें एक ऐसी फिल्म बनाने की अनुमति दी जो कहानी की भावनात्मक गहराई को पकड़ती है।

कोंकण के शानदार समुद्र तट से लेकर साइबेरिया के बर्फ से ढके ठंडे परिदृश्यों तक, फिल्म में एक ऐसा विरोधाभासी दृश्य प्रस्तुत किया गया है जो पात्रों की भावनात्मक उथल-पुथल को दर्शाता है।

 कहानी

स्नो फ्लावर की कहानी एक युवा लड़की परी की भावनात्मक यात्रा पर आधारित है, जो खुद को दो अलग-अलग दुनियाओं के बीच फंसी हुई पाती है।

 कहानी दो देशों में सामने आती है: भारत के कोंकण में, सपने देखने वाले एक युवा बबल्या, की रूस जाकर दशावतार थिएटर समूह में शामिल होने की प्रबल इच्‍छा होती है, जिसके कारण उसके अपने माता-पिता, दिग्या और नंदा के साथ  रिश्ते खराब हो जाते हैं। रूस में, बबल्या जीवन बनाता है, शादी करता है, और उसकी एक बेटी, परी होती है। 

हालाँकि, उस वक्‍त त्रासदी हो जाती है जब पब में झगड़े के दौरान बबल्या की मौत हो जाती है, और उसके माता-पिता अनाथ परी को वापस कोंकण लाने के लिए रूस जाते हैं। 

उनके प्यार और उसे पालने के प्रयासों के बावजूद, उन्हें जल्द ही अहसास होता है कि लड़की की असली जगह रूस में है, जहाँ उसे पूर्णता और खुशी मिल सकती है। एक पीड़ादायक फैसला लेकर, लड़की और उसकी मातृभूमि के बीच गहरे संबंध को स्वीकार करते हुए नंदा परी को रूस वापस भेज देती है। (Source PIB)

Man Ki Baat: श्रीराम गोपालन जी, चेन्नई- Facts in Brief


श्रीराम गोपालन जी, चेन्नई का चर्चा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने Mann Ki Baat के 116 वीं कड़ी मे किया था। प्रकृत् अरिवगम् एक लाइब्रेरी है जिसका idea, technology की दुनिया से जुड़े श्रीराम गोपालन जी की देन है। ‘किताबें’ इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं, और अब इस दोस्ती को मजबूत करने के लिए, Library से ज्यादा अच्छी जगह और क्या होगी। 

Technology की दुनिया से जुड़े श्रीराम गोपालन जी विदेश में अपने काम के दौरान वे latest technology की दुनिया से जुड़े रहे। लेकिन, वो, बच्चों में पढ़ने और सीखने की आदत विकसित करने के बारे में भी सोचते रहे। 

  • भारत लौटकर उन्होंने प्रकृत् अरिवगम् को तैयार किया। 
  • इसमें तीन हजार से अधिक किताबें हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए बच्चों में होड़ लगी रहती है। 
  • किताबों के अलावा इस library में होने वाली कई तरह की activities भी बच्चों को लुभाती हैं।
  •  Story Telling session हो, Art Workshops हो, Memory Training Classes, Robotics Lesson या फिर Public Speaking, यहां, हर किसी के लिए कुछ-न-कुछ जरूर है, जो उन्हें पसंद आता है।