- "धैर्य ही शक्ति है। शांत रहकर आप किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।" - महात्मा गांधी
- "आत्मविश्वास सफलता की पहली कुंजी है।" - स्वामी विवेकानंद
- "अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।" - अननोद मॉरिल
- "धैर्यवान व्यक्ति ही विजेता होता है।" - विलियम आर्थर वॉर्ड
- "हार मत मानो। हारने वाले ही हारते हैं।" - विनस्टन चर्चिल
- "धैर्य वह कुंजी है जो असंभव दरवाजों को भी खोल सकती है।"
- "हर बड़ी उपलब्धि के पीछे धैर्य और निरंतर प्रयास छिपे होते हैं।"
- "धैर्य रखने वालों को उनके सपने जरूर मिलते हैं, बस सही समय पर।"
- "धैर्य का अर्थ है परिस्थिति को स्वीकार करना और सही समय का इंतजार करना।"
- "जल्दी में सब कुछ खो सकता है, लेकिन धैर्य से हर चीज जीती जा सकती है।"
- "धैर्य से अधिक मजबूत और कोई ताकत नहीं है। यह हर तूफान को शांत कर सकता है।"
- "कठिन समय में धैर्यवान रहना, सच्ची ताकत का प्रतीक है।"
- "एक बूँद की तरह गिरते रहो, समय आने पर पत्थर भी कट जाएगा।"
- "धैर्य वह जड़ है, जिससे सफलता का वृक्ष फलता-फूलता है।"
- "सपने देखने वाले कई होते हैं, लेकिन धैर्य रखने वाले ही अपने सपनों को हकीकत में बदलते हैं।"
Point Of View: सपने सभी देखते हैं, लेकिन धैर्य रखने वाले ही सपनों को हकीकत में बदलते हैं
पोस्ट ऑफिस के इन योजनाओं का आप भी उठा सकते हैं लाभ: जानें विशेषताएं
पोस्ट ऑफिस मे हमेशा से आम जनता के लिए की सारे योजनाएं प्रयोग मे रहती हैं जिसके अंतर्गत आम जनता निवेश करते हैं। पोस्ट ऑफिस मे लोगों के निवेश पर अच्छा रिटर्न के साथ साथ बच्चों और वरिष्ठ नागरिक के हितों को ध्यान मे रखते हुए की सारी स्कीम है जिसका लाभ आप उठा सकते हैं। इन योजनाओं मे शामिल हैं-सुकन्या, पीपीएफ, एसएसए, केवीपी, आरडी, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और अन्य । डाकघरों की ग्राहकों को मुख्य रूप से प्रदान की जाने वाली वित्तीय और योजनाओं का विस्तृत संकलन निम्न हैं जिसका लाभ आप उठाया सकते हैं-
योजना का नाम: डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके)
विशेषताएँ:
वर्तमान में 442 डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्रों पर पासपोर्ट सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
योजना का नाम: डाकघर बचत खाते (पीओएसए)
विशेषताएँ:
- नियमित बचत, निकासी आदि के लिए।
- न्यूनतम शेष राशि - 500 रूपये और बेसिक बचत खाते के मामले में शून्य
- एटीएम / इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग सुविधा / एनईएफटी और आरटीजीएस
- यूपीआई, आईएमपीएस के लिए डाकघर बचत खातों को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक खाते से जोड़ा गया।
योजना का नाम: आवर्ती जमा (आरडी)
विशेषताएँ:
- न्यूनतम जमा (एकल): 1000/ रूपये या ₹ 100/- रूपये के गुणक में
- अधिकतम जमा: कोई सीमा नहीं
- 5 वर्ष की टीडी में निवेश के लिए आयकर छूट
- विस्तार – कार्यकाल पूरा होने के बाद दो बार
योजना का नाम: समय जमा (टीडी)1/2/3/5 वर्ष
विशेषताएँ:
- न्यूनतम जमा (एकल): ₹ 1000/- या ₹ 100/- के गुणक में
- अधिकतम जमा: कोई सीमा नहीं
- 5 वर्ष की टीडी में निवेश के लिए आयकर छूट
- विस्तार – कार्यकाल पूरा होने के बाद दो बार
योजना का नाम: महीने के आय योजना (एमआईएस)
विशेषताएँ:
- मासिक आय के स्रोत के लिए
- न्यूनतम जमा: 1,न्यूनतम जमा: 1,000/- रूपये या इसके गुणकों में
- अधिकतम जमा: 9 लाख रूपये (व्यक्तिगत); 15 लाख रूपये (संयुक्त रूप से)
- अवधि – 5 वर्ष
योजना का नाम: वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस)
विशेषताएँ:
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष योजना
- त्रैमासिक आय के स्रोत के लिए
- न्यूनतम एकल जमा: 1,न्यूनतम एकल जमा: 1,000/ रूपये या इसके गुणकों में
- अधिकतम जमा: . 30 लाख रूपये
- अवधि – 5 वर्ष तथा तीन वर्ष की प्रत्येक ब्लॉक अवधि की समाप्ति के बाद बढ़ाई जा सकती है
योजना का नाम: सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)
विशेषताएँ:
- न्यूनतम प्रारंभिक जमा: 500/- रूपये
- अधिकतम जमा: एक वित्तीय वर्ष में एक लाख पचास हज़ार रूपये
- न्यूनतम 50/- रूपये के गुणकों में आगामी जमा
- निवेश के लिए आयकर छूट
- कर मुक्त ब्याज
- अवधि – 15 वर्ष और आगे भी बढ़ाई जा सकती है
योजना का नाम: सुकन्या समृद्धि योजना खाता (एसएसए)
विशेषताएँ:
- बालिकाओं के लिए विशेष योजना
- न्यूनतम प्रारंभिक जमा: 250/- रूपये
- अधिकतम जमा: एक वित्तीय वर्ष में एक लाख पचास हज़ार रूपये
- न्यूनतम 50/- रूपये के गुणकों में आगामी जमा
- निवेश के लिए आयकर छूट
- कर मुक्त ब्याज
- अवधि – 21 वर्ष
योजना का नाम: राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र – आठवां अंक (एनएससी)
विशेषताएँ:
- न्यूनतम निवेश - 1,न्यूनतम निवेश - 1,000/- रूपये
- अधिकतम निवेश: कोई सीमा नहीं - 100/- रूपये के गुणकों में
- निवेश के लिए आयकर छूट
अवधि – 5 वर्ष
योजना का नाम: किसान विकास पत्र (केवीपी)
विशेषताएँ:
- न्यूनतम निवेश - 1,न्यूनतम निवेश - 1,000/- रूपये
- अधिकतम निवेश: कोई सीमा नहीं - 100/- रूपये के गुणकों में
- परिपक्वता - निवेश की राशि दोगुनी
योजना का नाम: महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र (एमएसएससी)
विशेषताएँ:
- महिलाओं और बालिकाओं के लिए विशेष योजना
- 01.04.2023 से 31.03.2025 तक निवेश की अनुमति है
- न्यूनतम निवेश - 1,न्यूनतम निवेश - 1,000/-रूपये
- अधिकतम निवेश: प्रति व्यक्ति 2 लाख रूपये - 100/- रूपये के गुणकों में
- खाते खोलने के बीच 3 महीने का समय अंतराल
- अवधि – दो वर्ष
- लॉकअप अवधि – 6 महीने
योजना का नाम: पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना 2021
विशेषताएँ:
- महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा चिन्हित लाभार्थियों के लिए विशेष योजना
- प्रारंभ में 4515 खाते खोले गए और उनमें धनराशि पहुंचाई गई।
- निवेश बच्चे की आयु के आधार पर भिन्न होता है और परिपक्वता राशि 10 लाख रूपये है
- 18 से 23 वर्ष की आयु तक 10 लाख रूपये पर एमआईएस ब्याज देय है
- खाताधारकों की परिपक्वता आयु 23 वर्ष होगी।
योजना का नाम: इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी)
विशेषताएँ:
- बचत और चालू खाते
- वर्चुअल डेबिट कार्ड
- घरेलू धन हस्तांतरण सेवाएं
- बिल और उपयोगिता भुगतान
- आईपीपीबी ग्राहकों के लिए बीमा सेवाएं
(Source PIB)
Point Of View : संघर्ष नहीं निष्फल होगा, बेशक आज नही तो कल होगा
Point Of View : संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने का नाम हीं जीवन होता है और आप इस दौरान ही जीवन कि वास्तविकता से रूबरू होते हैं साथ हीं इन चुनौतियों का सामना करते समय आप समस्याओं को हल करना सीखते हैं। आपके द्वारा कि गई मेहनत से मिली सफलता दूसरों के लिए प्रेरणा बनती है और इसके साथ ही यह आपकी विश्वसनीयता को बढ़ाती है।
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए¸
विपत्ति विप्र जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेल मेल हाँ¸ बढ़े न भिन्नता कभी¸
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।
तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
-मैथिलीशरण गुप्त
- संघर्ष जितना कठिन होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- कठिनाइयाँ आपकी क्षमता को परखती हैं और सफलता को मूल्यवान बनाती हैं।
- हर संघर्ष आपको एक नई सीख देकर आपके लक्ष्य के करीब लाता है।
- संघर्ष आपकी मेहनत और दृढ़ता का प्रमाण है।
- आत्मनिर्भरता और संघर्ष का महत्व इसी में है।
- कठिनाइयाँ हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती हैं।
- संघर्ष प्रगति का एक अनिवार्य हिस्सा है।
- हर महान सफलता के पीछे संघर्ष की कहानी होती है।
- संघर्ष करते रहना ही जीत की निशानी है।
- आज के प्रयास भविष्य का निर्माण करते हैं।
- कठिनाइयाँ और संघर्ष हमेशा एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाते हैं।
Point Of View: पॉजिटिव लाइफ के लिए है जरुरी "खुद पर भरोसा क्योंकि, कुछ भी असंभव नहीं "
पॉइंट ऑफ व्यू : अनुपम खेर को फिल्म के शूटिंग के दौरान चेहरे पर लकवा हो गया, फिर भी हिम्मत नहीं हारे
श्री खेर ने ‘असफलता की शक्ति’ विषय पर सत्र की शुरुआत यह कहकर की, “मुझे लगता है कि मैं खुद अपनी असफलताओं से सफल होने की कहानी हूँ।” पूरा सत्र वास्तव में जीवन के पाठों पर एक मास्टरक्लास था, जिसमें उनके व्यक्तिगत जीवन की कई कहानियाँ थीं, जो उनके ज्ञान से सुशोभित थीं।
कहानी शिमला से शुरू हुई
अनुपम खेर के अनुसार उनकी कहानी शिमला से शुरू हुई जहां चौदह सदस्यों के एक संयुक्त परिवार ने एक ही कमरे में अपना जीवन बिताया जिसमें उनके पिता एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके शब्दों में, वह गरीब थे, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से खुश थे और उनके दादाजी की कही एक बात, "जब लोग बहुत गरीब होते हैं, तो उनके लिए सबसे सस्ती चीज खुशी होती है" उन्हें याद है।
2 पंक्तियों में 27 गलतियाँ कीं
बेहद अनुभवी अभिनेता, अनुपम खेर उस समय को याद करते हैं जब उन्होंने पहली बार स्कूल के एक नाटक में अभिनय किया था जब वह पांचवीं कक्षा में थे। उन्होंने कहा की जब वह सांत्वना पुरस्कार भी जीतने में असफल रहे तो वह दुखी हो गए थे। उस दिन मेरे पिता ने मुझसे कहा था "असफलता एक घटना है, एक व्यक्ति नहीं"। अपनी अगली प्रस्तुति में, इस उभरते अभिनेता ने विलियम शेक्सपियर के नाटक 'मर्चेंट ऑफ वेनिस' में उन्हें दिए गए संवाद की 2 पंक्तियों में 27 गलतियाँ कीं!
पहली बार मुंबई
यह बात उस समय की है जब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के गोल्ड मेडलिस्ट युवा अभिनेता अनुपम खेर पहली बार मुंबई आए थे। खेर ने कहा, "चूंकि मैं पहले से ही एनएसडी गोल्ड मेडलिस्ट था, इसलिए मुझे पहले मौके पर ही इस सपनों के शहर में अपनी जीत का विश्वास था।" लेकिन कुछ ही महीनों में उन्हें रहने के लिए बांद्रा पूर्व रेलवे स्टेशन पर शिफ्ट होना पड़ा जहां वह 27 दिनों तक रहे।
लेकिन कई उतार-चढ़ाव के बाद श्री खेर की फिल्म 'सारांश'को पुरस्कृत किया गया। श्री खेर ने याद किया कि 1984 में उन्होंने पहली बार दिल्ली में इफ्फी का दौरा किया था। इस मास्टरक्लास के साथ इफ्फी में उनकी पहली यात्रा को 40 साल हो गए हैं।
हम आपके हैं कौन' की शूटिंग के दौरान उन्हें चेहरे पर लकवा
अनुपम खेर के लिए जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। लेकिन हर बुरे दौर में, चाहे वह 'हम आपके हैं कौन' की शूटिंग के दौरान उन्हें चेहरे पर लकवा हो गया हो या वह समय जब वह 2004 में लगभग दिवालिया हो गए थे, हर बार उन्होंने अपने पिता और दादा से मिली सीख पर ही काम किया।
नेवर गिव अप
श्री खेर की उतार-चढ़ाव भरी जीवन यात्रा को सुनकर सभी दर्शक अवाक रह गये। लेकिन अपने आकर्षक व्यक्तित्व, संवाद और अभिनय से इस 68 वर्षीय अनुभवी अभिनेता ने 'नेवर गिव अप' जैसे अपने जीवन दर्शन के टॉनिक से सभी दर्शकों को सहजता से मंत्रमुग्ध कर दिया!(Source PIB)
एक उन्मुक्त पक्षी की तरह उड़ो, लेकिन हमेशा अपने नीड़ में लौट आओ: तमिल सुपरस्टार शिवकार्तिकेयन
मिमिक्री कलाकार से लेकर टेलीविज़न पर मेजबानी करने और आखिरकार तमिल सिनेमा के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक शिवकार्तिकेयन ने कई भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने पार्श्व गायक, गीतकार और निर्माता के रूप में भी प्रशंसा अर्जित की है।
शिवकार्तिकेयन ने कहा, "शुरू से ही सिनेमा हमेशा मेरा जुनून रहा है और मैं हमेशा दर्शकों का मनोरंजन करना चाहता था।" "इसलिए, मैंने टेलीविज़न एंकरिंग से शुरुआत की, जिसने मुझे मनोरंजन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मौका दिया और इसे मैंने पूरे जुनून के साथ अपनाया।"
मिमिक्री कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत
एक मिमिक्री कलाकार के रूप में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए शिवकार्तिकेयन ने याद किया, "मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में अपने प्रोफेसरों की नकल करता था। बाद में, जब मैंने उनसे माफ़ी मांगी तो उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और कहा कि इस प्रतिभा को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"
पिता का असामयिक निधन
अभिनेता ने बताया किया कि उनके पिता का असामयिक निधन उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। "मेरे पिता के निधन के बाद मैं लगभग अवसाद में चला गया था। मेरे काम ने मुझे इस अवसाद से बाहर निकाला और मेरे दर्शकों की सीटियाँ और तालियाँ मेरी थेरेपी बन गईं,” उन्होंने अपने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन को इसका श्रेय दिया।
जुनून है जरूरी
शिवकार्तिकेयन ने कहा, “मुझे हमेशा से लाखों लोगों के बीच अलग दिखने की इच्छा रही है, जबकि मैं अब भी आम आदमी से जुड़ा हुआ महसूस करता हूँ। जीवन बाधाओं से भरा है, लेकिन अपने जुनून से उन्हें दूर करने में मदद मिलती है। एक समय ऐसा भी था जब मुझे लगा कि हार मान लेनी चाहिए लेकिन मेरे दर्शकों के प्यार ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”
युवा पीढ़ी के लिए
उन्होंने युवा पीढ़ी के लिए कहा कि "एक उन्मुक्त पक्षी की तरह उड़ो, लेकिन हमेशा अपने नीड़ में लौट आओ। मेरे लिए, मेरा परिवार मेरा नीड़ है और मेरा मानना है कि जड़ों से जुड़े रहना बहुत ज़रूरी है। हमारे माता-पिता हमारे लिए केवल सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं।” (Source PIB)
CSK 2025 की पूरी टीम: मेगा नीलामी के बाद, रवि अश्विन की घर वापसी
CSK 2025: पांच बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स ने भविष्य के सीज़न के लिए अपनी टीम बनाने के लिए जेद्दा में आईपीएल 2025 मेगा नीलामी में कुछ शानदार खरीदारी की। सीएसके, जिसने अपने अधिकांश मुख्य खिलाड़ियों को बरकरार रखा था, ने जेद्दा में नीलामी तालिका में कुछ सौदेबाजी की।
पांच बार की आईपीएल चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने आईपीएल 2025 सीजन के लिए अपनी टीम चुनने में अपनी पूरी क्षमता दिखाई है। आईपीएल सीज़न 2024 के लिए सीएसके टीम का चयन रणनीतिक रूप से पूर्ण गतिशील, अतिरिक्त प्रतिभाशाली और पूर्ण कुशल खिलाड़ियों के साथ किया गया है। यदि आप रुतुराज गायकवाड़, रवींद्र जड़ेजा और एमएस धोनी जैसे मुख्य खिलाड़ियों की रिटेनेशन पर नजर डालें तो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि सीएसके ने अपने खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा किया है जिन्होंने पांच बार चैंपियनशिप आकर्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीएसके पर एक नजर
आईपीएल 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स टीम
रुतुराज गायकवाड़ (कप्तान), रवींद्र जड़ेजा, मथीशा पथिराना, शिवम दुबे, एमएस धोनी, डेवोन कॉनवे, राहुल त्रिपाठी, रचिन रवींद्र, रविचंद्रन अश्विन, खलील अहमद, नूर अहमद, विजय शंकर, सैम कुरेन, शेख रशीद, अंशुल कंबोज, मुकेश चौधरी , दीपक हुडा, गुरजापनीत सिंह, नाथन एलिस, जेमी ओवरटन, कमलेश नागरकोटी, रामकृष्ण घोष, श्रेयस गोपाल, वंश बेदी, आंद्रे सिद्धार्थ
चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग के अनुसार सीएसके को वास्तव में एक संतुलित टीम, कुछ अनुभव का अच्छा मिश्रण, रोमांचक युवा खिलाड़ी मिले हैं। और कभी-कभी आपको अपना धैर्य बनाए रखना होता है। उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में एक संतुलित टीम है, कुछ अनुभव और रोमांचक युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है।
और कभी-कभी आपको अपना धैर्य बनाए रखना होता है। हम यह भी जानते थे कि यह उन कई खिलाड़ियों के साथ वास्तव में प्रतिस्पर्धी होने वाला था जिन्हें हम चाहते थे। इसलिए यह हमेशा बहुत दूर तक जाने और रुकने में सक्षम होने के बीच एक बाजीगरी है।
स्नो फ्लावर: दो देशों की संस्कृति, परिवार और पहचान की कहानी
मराठी भाषा की यह फिल्म दो देशों के बीच की एक मार्मिक कहानी है जो दो अलग-अलग संस्कृतियों - रूस और कोंकण को जोड़ती है। बर्फीले साइबेरिया और हरे-भरे कोंकण की विपरीत पृष्ठभूमि पर आधारित यह फिल्म भारत में रहने वाली दादी और रूस में रहने वाली पोती के बीच की ‘दूरी’ को दर्शाती है। ‘स्नो फ्लावर’ पूरे भारत के सिनेमाघरों में नवम्बर 2024 में रिलीज होगी।
निर्देशक गजेंद्र विट्ठल अहिरे ने स्नो फ्लावर के पीछे की रचनात्मक प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी साझा की। अहिरे ने इन खराब परिस्थितियों में फिल्मांकन की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। साइबेरिया के खांटी-मानसिस्क में तापमान -14 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाने के कारण, छोटे दल को कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ा। इन चुनौतियों के बावजूद, दल के समर्पण और मजबूत टीमवर्क ने उन्हें एक ऐसी फिल्म बनाने की अनुमति दी जो कहानी की भावनात्मक गहराई को पकड़ती है।
कोंकण के शानदार समुद्र तट से लेकर साइबेरिया के बर्फ से ढके ठंडे परिदृश्यों तक, फिल्म में एक ऐसा विरोधाभासी दृश्य प्रस्तुत किया गया है जो पात्रों की भावनात्मक उथल-पुथल को दर्शाता है।
कहानी
स्नो फ्लावर की कहानी एक युवा लड़की परी की भावनात्मक यात्रा पर आधारित है, जो खुद को दो अलग-अलग दुनियाओं के बीच फंसी हुई पाती है।
कहानी दो देशों में सामने आती है: भारत के कोंकण में, सपने देखने वाले एक युवा बबल्या, की रूस जाकर दशावतार थिएटर समूह में शामिल होने की प्रबल इच्छा होती है, जिसके कारण उसके अपने माता-पिता, दिग्या और नंदा के साथ रिश्ते खराब हो जाते हैं। रूस में, बबल्या जीवन बनाता है, शादी करता है, और उसकी एक बेटी, परी होती है।
हालाँकि, उस वक्त त्रासदी हो जाती है जब पब में झगड़े के दौरान बबल्या की मौत हो जाती है, और उसके माता-पिता अनाथ परी को वापस कोंकण लाने के लिए रूस जाते हैं।
उनके प्यार और उसे पालने के प्रयासों के बावजूद, उन्हें जल्द ही अहसास होता है कि लड़की की असली जगह रूस में है, जहाँ उसे पूर्णता और खुशी मिल सकती है। एक पीड़ादायक फैसला लेकर, लड़की और उसकी मातृभूमि के बीच गहरे संबंध को स्वीकार करते हुए नंदा परी को रूस वापस भेज देती है। (Source PIB)
Man Ki Baat: श्रीराम गोपालन जी, चेन्नई- Facts in Brief
Technology की दुनिया से जुड़े श्रीराम गोपालन जी विदेश में अपने काम के दौरान वे latest technology की दुनिया से जुड़े रहे। लेकिन, वो, बच्चों में पढ़ने और सीखने की आदत विकसित करने के बारे में भी सोचते रहे।
- भारत लौटकर उन्होंने प्रकृत् अरिवगम् को तैयार किया।
- इसमें तीन हजार से अधिक किताबें हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए बच्चों में होड़ लगी रहती है।
- किताबों के अलावा इस library में होने वाली कई तरह की activities भी बच्चों को लुभाती हैं।
- Story Telling session हो, Art Workshops हो, Memory Training Classes, Robotics Lesson या फिर Public Speaking, यहां, हर किसी के लिए कुछ-न-कुछ जरूर है, जो उन्हें पसंद आता है।
Point Of View : अपनी प्रसन्नता को संभालकर रखें इसमें छिपा है जीवन की सफलता का रहस्य
आप खुद इस बात का अनुभव करेंगे कि अगर आपका चित प्रसन्न है तो आप बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं और आखिर जीवन में सफल होने के लिए आपके बेहतर प्रदर्शन के अतिरिक्त और क्या चाहिए.
सच्चाई तो यह है कि जीवन मे सच्ची खुशी भीतर से आती है। जब आप अपने जीवन की छोटी-छोटी बातों में खुशी ढूंढने लगते हैं, तो जीवन सफल होने लगता है और यही वह वास्तविकता है जिसे हम खुद के अंदर नहीं ढूंढ पाते हैं।
प्रसन्नता : एक यात्रा है, एक गंतव्य नहीं है. आप अपने दैनिक जीवन में अपने जीवन के लिए खुशी की स्थिति पर विचार करें तो पाएंगे कि प्रसन्न रहने की कला आपके द्वारा घटनाओं को देखने की दृष्टिकोण और मन की स्थिति में निहित है.
आप भले हीं इस पर विश्वास नहीं करें लेकिन जीवन कि वास्तविकता यही है कि "खुशी किसी मंज़िल तक पहुँचने का परिणाम नहीं है, बल्कि यह सफर के दौरान हमारे नजरिये की अभिव्यक्ति है।"
धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता
आपको अपने हर एक उस परिवेश में खुश होने का एक कारण खोजने की कोशिश करनी होगी जिसमें हम रहते हैं,बावजूद इसके कि आपके आस-पास आपको दुखी रखने के लिए पर्याप्त कारक मौजूद है।
"सफलता और खुशी दोनों एक-दूसरे से जुड़ी हैं। खुश रहोगे, तो सफलता अपने आप आपके करीब आएगी।"
हमारे जीवन का अंतिम गंतव्य तो वह टारगेट है जिसके लिए हम अपने जीवन को एक कारण बनाते हैं. लेकिन प्रसन्नता सिर्फ एक यात्रा है और हमारे प्रदर्शन और हमारे जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने का साधन है.
बदल सकते हैं आपदा को अवसर में…जानें कैसे
जीवन में प्रसन्नता प्रदान करने वाले कारणों को नोट करें और इस बात को आत्मसात करें कि "जिंदगी छोटी है, इसलिए हर पल में खुशी ढूंढो। खुश रहने वाले लोग ही अपनी दुनिया बदल सकते हैं।"
आपको खुश रखने और अपने लक्ष्य को हासिल अभिप्रेरक बनने वाले कारणों को अपने डायरी में लिखें.... आपको प्रसन्न रखने वाले आपके जीवन में तब आपके लिए खास भूमिका निभाएंगे जब आपके दिमाग में निराशावादी और नकारात्मक दृष्टिकोण का विचार आएगा।
गगन पर दो सितारे: एक तुम हो,
धरा पर दो चरण हैं: एक तुम हो,
‘त्रिवेणी’ दो नदी हैं! एक तुम हो,
हिमालय दो शिखर है: एक तुम हो,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के
-माखनलाल चतुर्वेदी
कहने की जरूरत नहीं है, यदि आप दुखी मनोदशा की स्थिति में आप कोई कार्य कर रहे होते हैं तो आप देखेंगे कि आपके काम की दर बहुत धीमी है साथ हीं आपसे अक्सर गलतियां भी काफी होती है. जाहिर है कि अप्रसन्नता की स्थिति में आप प्रदर्शन सही नहीं रख पाते हैं साथ ही अंत में आप मानसिक तनाव के से भी पीड़ित होते हैं....
Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...
लेकिन अगर आप प्रसन्नता की स्थिति में कोई मुश्किल कार्य को भी करने का बीड़ा उठाते हैं तो काम को एन्जॉय गलतियों की सम्भावना भी कम होती है साथ ही आपका काम निर्धारित समय के भीतर पूरा भी हो जाता है...
जाहिर है...प्रसन्नता की स्थिति में आप अपने प्रदर्शन को अच्छे से दुहरा पाते हैं. पाते हैं....
किसी के रोके न रुक जाना तू,
लकीरें किस्मत की खुद बनाना तू,
कर मंजिल अपनी तू फतह,
कामयाबी के निशान छोड़ दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,
-नरेंद्र वर्मा
सभी के पास खुश होने या दुखी होने का कारण मौजूद है क्योंकि यह आपके मन की स्थिति पर निर्भर करता है.... बस आप कल्पना करें ... आपको किसी भी प्रतीक्षित यात्रा के लिए अपना दिन शुरू करना है तो क्या अप्रसन्नता और नकारात्मक मन की स्थिति के साथ हमारी उस बहुप्रतीक्षित यात्रा को शुरू करना उचित है ...
Inspiring Thoughts: डिप्रेशन और फ़्रस्ट्रेशन पर काबू पाने के लिए पाएं नेगेटिव माइंडसेट से छुटकारा
क्या आप इस तरह के आधे-अधूरे प्रयासों में यात्रा के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं ... . निश्चित रूप से आपकी अंतरात्मा भी आपको अपनी यात्रा के दौरान खुश रहने की सलाह देगी और अपनी यात्रा के बेहतर परिणाम के लिए प्रसन्न रहने के अतिरिक्त और कोई भी बढ़िया इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपको अपने जीवन की बेहतरी के लिए दुखी और नकारात्मक मानसिकता को नजरअंदाज करना होगा।
लॉकडाउन और ऑनलाइन पढ़ाई: बच्चों से अधिक है पेरेंट्स की भूमिका, अपनाएँ ये टिप्स
तुलसी गबार्ड: राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद के लिए ट्रम्प द्वारा चयनित, Facts in Brief
Tulsi Gabbard Facts in Brief: तुलसी गबार्ड, जो एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ और अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सदस्य रह चुकी हैं, ने अपनी अलग छवि बनाई है। अमेरिकी क्षेत्र अमेरिकी समोआ में जन्मी सुश्री गबार्ड (43) का पालन-पोषण हवाई में हुआ और उन्होंने अपने बचपन का एक साल फिलीपींस में बिताया। गबार्ड, जो आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर हैं और इराक में युद्ध का अनुभव रखते हैं, ने लगातार विदेश नीति के विचारों को चुनौती दी है।
- वह पहली बार 21 साल की उम्र में हवाई के प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गईं, लेकिन एक कार्यकाल के बाद उन्हें छोड़ना पड़ा जब उनकी नेशनल गार्ड यूनिट इराक में तैनात हो गई।
- सदन के पहले हिंदू सदस्य के रूप में, उन्होंने "भगवद गीता" पर शपथ ली।
- माता-पिता: माइक गबार्ड, कैरोल पोर्टर गबार्ड
- शिक्षा: हवाई प्रशांत विश्वविद्यालय (2009), अलबामा सैन्य अकादमी (2007)
- सिनेमैटोग्राफर अब्राहम विलियम्स उनके पति हैं।
- गबार्ड 2013 से 2021 तक कांग्रेस में हवाई का प्रतिनिधित्व करते रहे - सदन में सेवा देने वाले पहले हिंदू बने।
- 'फॉर लव ऑफ कंट्री: लीव द डेमोक्रेट पार्टी बिहाइंड' उनकी पहली पुस्तक है।
- 2022 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी और शुरुआत में एक स्वतंत्र के रूप में पंजीकरण कराया - उन्होंने अपनी पूर्व पार्टी पर "कायरतापूर्ण जागृति" से प्रेरित "युद्ध भड़काने वालों का अभिजात्य गुट" होने का आरोप लगाया।
- पार्टी: रिपब्लिकन पार्टी
- जन्म: 12 अप्रैल 1981 (उम्र 43 वर्ष), लेलोआलोआ, अमेरिकन समोआ
- सुश्री गबार्ड, जिन्होंने इराक और कुवैत में तैनात होकर दो दशकों से अधिक समय तक आर्मी नेशनल गार्ड में सेवा की है, अपने पूर्ववर्ती की तुलना में कुछ हद तक बाहरी व्यक्ति की भूमिका में आएंगी।
- वह 2004 से 2005 तक हवाई नेशनल गार्ड में मेजर के रूप में इराक में तैनात रहीं और अब अमेरिकी सेना रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
- ऑपरेशन इराकी फ्रीडम III के दौरान सेवा के लिए उन्हें 2005 में कॉम्बैट मेडिकल बैज से मान्यता मिली।
Children Day Speech in Hindi: बच्चों के प्रति पंडित नेहरू के इन विचारों के बिना आपके भाषण और सोच अधूरा है
भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाने वाला बाल दिवस विशेष महत्व रखता है जिसे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों के प्रति उनके स्नेह और प्रेम को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस साल अर्थात 2024 मे मनाए जाने वाले बाल दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि यह देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 135वीं जयंती है।
पंडित नेहरू को बच्चों से लगाव सर्वविदित है और यही कारण है कि बच्चे उन्हें "चाचा नेहरू" के नाम से पुकारते थे। प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं, और उनके अच्छे भविष्य के लिए शिक्षा और अच्छे संस्कार बेहद जरूरी हैं।
प्यार से "चाचा नेहरू" के नाम से मशहूर पंडित नेहरू का मानना था कि एक राष्ट्र की प्रगति के लिए एक पूर्ण बचपन महत्वपूर्ण है। वह कहा करते थे कि " बच्चे आज के भारत का भविष्य हैं। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही हमारे देश का कल निर्धारित करेगा।"
बच्चों कि प्रति उनकी प्रेम, समर्पण और जुनून ने उन्हें 1964 में बाल दिवस की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया, यह दिन भारत के भविष्य को आकार देने वाले युवा दिमागों का जश्न मनाने के लिए समर्पित था।
बच्चों कि मासूमियत और उत्सुकता को समझना आसान नहीं होता और इसे विश्वास करना बिल्कुल असंभव सा प्रतीत होता है कि पंडित नेहरू अपने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद वह बच्चों कि मासूमियत और उत्सुकता के कायल थे। वह कहा करते थे- "हम वास्तविकता में तब तक इंसान नहीं बन सकते जब तक हममें बच्चों जैसी मासूमियत और उत्सुकता न हो।" उनका कहना था कि "हर छोटा बच्चा एक फूल की तरह है, उसकी सुगंध और मासूमियत का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।"
बच्चों को शिक्षित करने और उनके लिए शिक्षा का पर्याप्त प्रयास करने में पंडित नेहरू ने कोई कसर नहीं छोड़ा और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए वह सदा समर्पित रहे। वह कहा करते थे-"शिक्षा वह माध्यम है जिससे एक बच्चा न केवल ज्ञान प्राप्त करता है, बल्कि वह खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होता है।"
अगर आप विभिन्न बाल दिवस कार्यक्रमों की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भाषण देने के लिए अगर आप आमंत्रित हैं तो यहां पंडित नेहरू के कुछ प्रेरणादायक विचार दिए गए हैं जो आपके लिए विशेष रूप से सहायता देंगे :
- "बच्चे आज के भारत का भविष्य हैं। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही हमारे देश का कल निर्धारित करेगा।"
- "बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं।"
- "बच्चों को देश के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानना चाहिए।"
- "हम वास्तविकता में तब तक इंसान नहीं बन सकते जब तक हममें बच्चों जैसी मासूमियत और उत्सुकता न हो।"
- "मुझे बच्चों से बहुत प्यार है। वे मुझे देश का भविष्य लगते हैं।"
- "जिंदगी को अपने मासूम नजरिए से देखने के लिए बच्चों से बेहतर कोई तरीका नहीं है। उनके चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है।"
- "बच्चे हमारे जीवन में रंग लाते हैं।"
- "हर छोटा बच्चा एक फूल की तरह है, उसकी सुगंध और मासूमियत का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।"
- "बच्चों को स्वतंत्रता से सोचने और सीखने का मौका देना चाहिए।"
- "शिक्षा वह माध्यम है जिससे एक बच्चा न केवल ज्ञान प्राप्त करता है, बल्कि वह खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होता है।"
Born On Tuesday: मंगलवार को जन्म लेने वाले होते हैं साहसी, जुझारू और जल्दी हार नही मानने वाले
स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता:
मंगल को मंगलवार के साथ जोड़ा जाता है, और इसलिए इस दिन जन्मे लोग नेतृत्व की क्षमता और अग्रसरता रखते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता जन्मजात होती है और वे लोगों को प्रेरित करने में माहिर होते हैं। वे समाज में अच्छी गाइडेंस कर सकते हैं और सामरिक परिस्थितियों में नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। मंगल ग्रह के प्रभाव से, मंगलवार को जन्मे लोग अक्सर साहसी, ऊर्जावान और शक्तिशाली होते हैं।
उच्च ऊर्जा स्तर:
मंगल का प्रतीक्षित ज्वालामुखी तत्व होने के कारण, जो उच्च ऊर्जा स्तर को संकेत करता है, मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग उच्च ऊर्जा स्तर वाले हो सकते हैं। वे सक्रिय और उत्साही हो सकते हैं और अपने काम में प्रभावी हो सकते हैं। मंगलवार को जन्मे लोग जीवन के प्रति उत्साही होते हैं और नए अनुभवों के लिए तैयार रहते हैं।
क्रोधप्रवृत्ति:
मंगलवार को जन्मे लोगों में आत्मविश्वास की कमी नहीं होती और वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं। मंगल ग्रह आपातकालीन स्थितियों का प्रतीक होता है और इसलिए मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों के पास अधिक क्रोधप्रवृत्ति हो सकती है। वे छोटी बातों पर जल्दी गुस्सा हो सकते हैं और उन्हें अपने क्रोध को नियंत्रित करना सीखना चाहिए।
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रिस्क और साहस करने की क्षमता
ऐसे व्यक्तियों में रिस्क लेने और साहस करने की क्षमता कूट कूट कर भरी होती है और ऐसे लोग अपने वचन के पक्के होते हैं. ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं. मंगलवार को जन्म लेने वाले लोगों में मंगल ग्रह का प्रभाव होता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को शौर्य, साहस, निर्णायक और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है.ऐसे लोग अपने विरोध बहुत कम ही सहन कर पाते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोग शक्ति से भरपूर होते हैं.
मंगल वार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की यह सामान्य लक्षण हैं जिसे समान्यता: ज्योतिष और कुंडली की जानकारी पर दी गई है. हालाँकि यह भी सत्य है कि हर व्यक्ति अद्वितीय होता है, इसलिए यह सुनिश्चित नहीं है कि सभी मंगलवार को जन्म लेने वाले लोग इन लक्षणों से पूरी तरह से मेल खाते होंगे।
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नोट: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।