Point Of View : आचार्य चाणक्य की ये महत्वपूर्ण 25 कोट्स जो बदल देंगी आपके सोचने और जीने का ढंग

Chanakya Kautilya important quotes to change life

Point Of View: चाणक्य (Chanakya), जिन्हें विशेष रूप से कौटिल्य (Kautilya) और विष्णुगुप्त (Vishnugupta) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे। वे एक ब्राह्मण विचारक, नीति शास्त्रकार, राजनीतिज्ञ, आचार्य, और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता  हैं उनका मूल्याङ्कन  करना इतना सहज और आसान नहीं है. 

चाणक्य दुनिया के सबसे बड़े समाज सुधारकों और विद्वानों में से एक हैं जिन्होंने मगध वंश पर शासन करने वाले मौर्य वंश को स्थापित किया था. वह अक्सर कहा करते थे कि  वह दुनिया का वास्तविक राजा देंगे और उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप से इसे साबित भी किया. इतिहास के मुताबिक चंद्रगप्त मौर्य को राजा बनाकर चाणक्य ने सब्से शक्तिशाली मौर्य वंश का स्थापना किया थे जिसने अशोक सहित कई प्रतापी राजा दिया था. चाणक्य के सिद्धांत उन्हें अर्थशास्त्र पुरतक में वर्णित है. 

चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चाणक्य एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और राजनेता साथ ही वे चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे. चाणक्य को भारत के सबसे महान बुद्धिजीवियों और राजनेताओं में से एक माना जाता है.

चाणक्य का जन्म 370 ईसा पूर्व में भारत के बिहार राज्य के पाटलिपुत्र में हुआ था. उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन और धर्मशास्त्र के क्षेत्रों में व्यापक ज्ञान प्राप्त किया. 

चाणक्य एक कुशल राजनेता भी थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को एक शक्तिशाली राजा बनाने में मदद की और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को दक्षिण भारत तक विस्तारित करने में मदद की.

चाणक्य एक महान बुद्धिजीवी और राजनेता थे और उन्होंने भारत के इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला. वे आज भी भारत के सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों में से एक हैं.
चाणक्य के विचार आज भी अपनी प्रासंगिकता और महत्वपूर्णता के कारण प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण चाणक्य कोट्स (quotes) हैं:

महत्वपूर्ण कोट्स

  1. अहंकार एकमात्र शत्रु है, यह व्यक्ति को स्वयं ही नष्ट कर देता है। 
  2. कोई काम शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रशन कीजिये - मै ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या मै सफल होऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन प्रशनो के संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी आगे बढ़िए | 
  3. व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए बाधाओं को विनाश करना चाहिए, न कि बाधाएं अपने उद्देश्य को। 
  4. सबसे बड़ा गुरु मंत्र - अपने राज़ किसी को भी मत बताओ ये तुम्हे ख़त्म कर देगा |
  5. यदि तुम किसी को नियंत्रित करना चाहते हो, तो उसका ख्याल रखो कि तुम स्वयं नियंत्रित नहीं हो रहे हो।" 
  6. कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिए जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हो, ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी | 
  7. स्व-अनुशासन रखो, दूसरों की बजाय अपनी गलतियों से सीखो।
  8. आपकी बुद्धि आपकी शक्ति है। यह आपकी सबसे अच्छी दोस्त और नेमिश है। 
  9. जीवन के तीन मंत्र - आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उतर मत दीजिये, दुःख में निर्णय मत लीजिए |
  10. सेवक को तब परखे जब वह काम न कर रहा हो, रिस्तेदार को किसी कठिनाइ में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में 
  11. जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे अच्छे से उपयोग करो। जो कुछ तुम्हारे पास नहीं है, उसे प्राप्त करने के लिए काम करो।
  12. जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारे जिंदगी  के फैसले कोई और लेता रहेगा 
  13. सत्य, क्षमा, सम्मान, स्वाधीनता, न्याय - ये आदर्श एक समान्य व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं। 
  14. शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखे |
  15. आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान होता है 
  16. व्यक्ति को हमेशा धीमे आदेश दो, क्योंकि वह उन्हें अच्छी तरह से पालन करेगा। 
  17. निरंतर प्रयास करो और उद्यमिता बरतो। इसे नशा कहो, नहीं तो इसमें नष्ट हो जाओगे। 
  18. मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परन्तु मन से हरा हुआ कभीजीत नहीं सकता | आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेश्ठ पूंजी है | 
  19. अगर शत्रु में भी गुण दिखे तो उन्हें अपना लेना चाहिए |
  20. मुर्ख लोगो से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है | 
  21. दुर्गुण से चाहने वाला सदैव दुर्गुणों में ही रहता है। 
  22. "एक अच्छे राजा का सबसे बड़ा गुण उसकी बुद्धि है."
  23. "एक देश की शक्ति उसकी सेना में नहीं, बल्कि उसकी जनता में होती है."
  24. "एक मजबूत अर्थव्यवस्था एक मजबूत राष्ट्र की नींव है."
  25. "शिक्षा एक राष्ट्र के विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक है."
  26. "सच्चाई और न्याय ही एक अच्छे समाज की नींव है."

ये केवल कुछ चाणक्य के प्रसिद्ध कोट्स हैं। उनके कार्य और नीति शास्त्र के विचार अनेकों विषयों पर व्यापक रूप से प्रभावशाली हैं।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में

Point Of View : भगवन राम की चरित्र की पांच विशेषताएं जो मर्यादा पुरुषोत्तम बनाती है

Najariya jine ka Qualities of Lord Ram

Point Of View : राम नवमी मुख्य रूप से एक हिंदू त्योहार है जो चैत्र महीने (हिंदू कैलेंडर) के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह दिन आमतौर पर मार्च और अप्रैल के महीनों के बीच आता है। 2024 में राम नवमी 17 अप्रैल, बुधवार को है। 
भगवान राम के चरित्र की ये पांच महिमाएं हमें जीवन में सत्य, धर्म, दया, वीरता और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। भगवान राम ने विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहेऔर धर्म का मार्ग उन्होंने कभी नहीं छोड़ा । उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए सुखी राज्य की स्थापना की तथा अपने निकट आने वाले सभी का कल्याण किया चाहे वह पशु रूप में हो, पक्षी रूप में हो, अमीर  हो गरीब हो । स्वयं की भावना व सुखों से समझौता कर न्याय और सत्य का साथ दिया। बाली का वध करने, रावण का संहार करने या पिता के वचन की रक्षा के लिए वन का मार्ग चुनने जैसे अनेक उदाहरण है जहाँ भगवान् राम ने धर्म और न्याय का मार्ग कभी नहीं छोड़ा. 

भगवान राम के चरित्र की ये  महिमाएं हमें जीवन में सत्य, धर्म, दया, वीरता और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।

सत्य:

 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सत्य के पुजारी थे। उन्होंने अपने जीवन में चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, उन्होंने झूठ कभी नहीं बोलै। उन्होंने अपने पिता दशरथ के वचन का पालन करने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया लेकिन पुत्र धर्म का त्याग नहीं किया।

धर्म: 

भगवान राम धर्म के पालनकर्ता थे। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा धर्म के मार्ग पर चलने का प्रयास किया। भाईयों के लिए त्याग और समर्पण के लिए भी वे हमेशा तैयार रहे. उन्होंने सभी भाइयों के प्रति सगे भाई से बढ़कर त्याग और समर्पण का भाव रखा और स्नेह दिया। धर्म का पालन करना उन्होंने तब भी नहीं छोड़ा और  उन्होंने रावण जैसे अत्याचारी का वध करके धर्म की रक्षा की। 

दया: 

भगवान राम दयालु और करुणावान थे। उन्होंने हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश की। उन्होंने सुग्रीव और हनुमान जैसे अनेकों लोगों की मदद की।  भगवान राम ने अपनी दयालुता के कारण उनकी सेना में पशु, मानव व दानव सभी थे और उन्होंने सभी को आगे बढ़ने का मौका दिया।

बेहतर प्रबंधक

भगवान राम न केवल कुशल प्रबंधक थे, बल्कि वे अपने सभी स्वजनों और सहकर्मियों को साथ लेकर चलने वाले थे। वे सभी को विकास का अवसर देते थे व उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते थे। सुग्रीव को राज्य, हनुमान, जाम्बवंत व नल-नील को भी उन्होंने समय-समय पर नेतृत्व करने का अधिकार दिया और इसी वजह से लंका जाने के लिए उन्होंने व उनकी सेना ने पत्थरों का सेतु बना लिया था। 

नैतिकता: 

भगवान राम नैतिकता के आदर्श थे। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा नैतिकता का पालन किया। उन्होंने रावण के साथ युद्ध करते समय भी उसके साथ नैतिकता का पालन किया।

Point Of View : नेलसन मंडेला-जानें उनका संघर्ष, जीवन, कोट्स और भी बहुत कुछ



नेल्सन रोलीह्लला मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे। अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने वाले नेल्सन मंडेला के जन्म दिवस को  दिन18 जुलाई  को मनाया जाता है। 
अफ्रीका में सदियों से जारी रंगभेद के विरुद्ध संघर्ष के लिए नेल्सन मंडेला ने दुनिया में एक नया मुकाम हासिल किया। अपने आंदोलन के लिए तत्कालीन सरकार ने उन्हें कई सालों तक जेल में डाले  रखा। लेकिन सरकार की ज्यादती भी मंडेला के इरादों को डिगा नहीं सकी। 

मंडेला देश के पहले अश्वेत  राष्ट्रपति बने जिनका कार्यकाल  1994 से 1999 तक रहा।

सरकार के खिलाफ रंगभेद निति के विरोध के कारण उन्होंने 27 साल जेल में बिताए। आखिरकार सरकार ने उन्हें 11 फरवरी 1990 को जेल से आजाद किया।
अवार्ड
1993 में मंडेला को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।
नेलसन मंडेला को भारत सरकार ने 1990 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।

1992 में मंडेला को पाकिस्तान सरकार ने निशाने पाकिस्तान से सम्मानित किया था।
नेलसन मंडेला के महत्वपूर्ण कोट्स
1. शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।
2. आप किसी काम में तभी सफल हो सकते हो जब आप उस पर गर्व करे।
3. मैं कोई मसीहा नहीं था, बल्कि एक साधारण व्यक्ति था जो असाधारण परिस्थितियों के कारण एक लीडर बन गया।

Point Of View : जीतने की इच्छाशक्ति से भी जरुरी है कार्य को शुरू करने की हिम्मत का होना

Inspiring Thoughts Courage to Begin is More Important Than Will to Win
Point Of View : निसंदेह जीवन के किसी जंग में चाहे वह प्रोफेशनल हो/ व्यक्तिगत हो या पारिवारिक हो, हर जगह जीतने की इच्छा शक्ति  जरुरी है क्या इसमें संदेह की कोई गुंजाईश है... नहीं .. लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं कि संघर्ष में जीतने  की इच्छा शक्ति से भी जरुरी है उस जंग को शुरु करने की हिम्मत करना... विश्वास करें अगर आपने युद्ध को शुरू करने का हिम्मत आपने दिखा दिया तो एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो आपने पहले ही हासिल कर लिया....

 हम परिस्थितियों के गुलाम होते हैं इससे इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन क्या यह सच है कि "मनुष्य खुद ही अपनी परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार होते हैं."  हम यहाँ पर बात करेंगे उन परिस्थितयों पर विजय प्राप्त करने के लिए हमारी इच्छा शक्ति और साहस का.

 जीवन एक संघर्ष है और इसमें हमें कई मोर्चों पर अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ती है और इसके लिए जरुरी है हम संघर्ष जीतने  के लिए पर्याप्त  इच्छा शक्ति जुटाना और साथ ही विजय के लिए  स्ट्रेटेजी बनाना .

आपकी प्रसन्ता में छिपा  है जीवन की सफलता का रहस्य.... 

 लेकिन याद रखें... आपका संकल्प और इच्छा शक्ति अपनी जगह सही हो सकता है लेकिन उससे भी जरुरी है आपके द्वारा उस कार्य को शुरू करने के हिम्मत का होना क्योंकि आप आधी विजय तो उस समय भी प्राप्त कर लेते हैं जब उसे शुभारम्भ करने का हौसला जुटा लेते हैं. ..

 आप संघर्ष के पथ पर मिलने वाले मुसीबतों के बारे में शुरू में सोचना शुरू करते हैं तो फिर अपने सफलता के सबसे बड़े दुश्मन आप खुद होते हैं...

बदल सकते हैं आपदा को अवसर में…जानें कैसे 

सफर के बीच में उत्पन्न होने वाली परिस्थितियौं तथा मुसीबतों के बारे में सोच कर आप अपने सफर की सफलता पर खुद संदेह करते हैं...

याद रखें आप सफर में सामान्य रूप से घटने वाले घटनाओं की तैयार तो घर पर कर सकते हैं, लेकिन सफर के दौरा पैदा होने वाले अप्रत्याशित रूप से सामने आने वाली घटनाओं से निबटने के लिए सहायक होंगी आपकी अनुभव, संकल्प शक्ति, निर्णय लेने की क्षमता और उससे भी जरुरी सही और गलत के बीच  के फर्क करने वाले एनालिटिकल माइंड।

हम काम की अधिकता से नहीं, उसे बोझ समझने से थकते हैं.. बदलें इस माइंडसेट को

 किसी भी योजना के लिए प्लानिंग बनाना और उसे एक्सेक्यूट करना दोनों दो अलग-अलग चीजे हैं और जिसने इन दोनों के बीच सामंजस्य बैठा लिया वह ही सफलता प्राप्त करता है

आपने सुना तो होगा है-"A thought without action is abortion..." तो याद रखें,प्लान को एक्शन लेकर उसपर क्रियान्वयन करना जितना जरुरी है, इससे भी जरुरी है पूरी तैयारी  के साथ उस कार्य को शुरू कर देने की हिम्मत और हौसला का होना.

साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...

Point Of View : क्षमा मांगने से अच्छा है आप अनुशासन को अपनाएं, गलतियों को चेक करें


Point Of View: गलतियों के लिए क्षमा मांगना एक अच्छी आदत तो है इससे इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन अगर हम इन अक्सर होने वाली गलतियों पर नियंत्रण कर लें फिर तो जीवन हीं संवर जाएगी। हालांकि यह इतनी मुश्किल वाली कयावद भी नहीं है जिसे लाइफ में अपनाया नही जा सके। हां, इसके लिए यह जरूरी है कि हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाएं ताकि  इन गलतियों की गुंजाइश ही नहीं रहे।

याद रखे, जीवन में होने वाली गलतियों के लिए क्षमा मांग लेने से हमारा वर्तमान तो आसान होता है, लेकिन यह हमारे आने वाले कल अर्थात भविष्य को कठिन बनाती है। वहीं अगर आप जीवन में अनुशासन को अपनायेंगे तो भले हीं आज आपको कठिन लगे, लेकिन भविष्य अर्थात आपके कल को आसान और अनुकूल बनाएगा।


गौतम बुद्ध की यह कथन अनुशासन की आवश्यकता को साबित करने के लिए काफी है - "व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक हो सकता है; और दूसरा कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका स्वयं पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।"

अनुशासन और अभ्यास से ही हमारे अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है।
कहने की जरुरत नहीं है कि अगर हम अपने जीवन को कठोर अनुशासन में जीने की आदत देंगे तो हमारा तमाम जीवन और भविष्य भी  हर प्रकार  की परेशानियों और बीमारियों से दूर रहता है. क्योंकि अनुशासित व्यक्ति समय से अपना काम पूरा करता है साथ ही वह वर्तमान पर विजय प्राप्त करता है जो कि हमारे बेहतर भविष्य की बुनियाद होती है. सच्चाई तो यह है कि अनुशासन एक ऐसी क्रिया है जो कि व्यक्ति के मन, दिमाग और आत्मा को कंट्रोल करने का काम करता है और ऐसे स्थिति में निश्चित ही हम खुद को एक व्यस्थित  जीवन जीने के लिए तैयार होते हैं ।

महात्मा गाँधी के इस कथन को हमेशा याद रखें कि- दबाव से अनुशासन कभी नहीं सीख सकते।

जाहिर है, अगर हम अपने जीवन में कठोर अनुशासन को अपनाएंगे तो आपके जीवन पद्वति में गलती की संभावना नहीं के बराबर होगी क्योंकि आपका जीवन अनुशासित और नैतिकता से परिपूर्ण होगी।

एडगर हूवर की यह कथन आज के सन्दर्भ में कितना प्रासंगिक है- "यदि हर घर में अनुशासन का पालन किया जाये तो युवाओं द्वारा किए जाने वाले अपराधों में 95 % तक कमी आ जाएँगी।”


Point Of View : भगवान राम के व्यक्तित्व में पाएं उदारता,त्याग, निष्ठा, पितृभक्ति, वत्सलता और भी बहुत कुछ

najariya jine ka Lord Rama Life filled with Sacrifice Love

Point Of View: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का चरित्र अपने आप में अतुलनीय है जहाँ माता-पिता,गुरु,पत्नी,बंधु,सेवक,शत्रु-सभी अन्य कई सम्बन्धो की विशालता समाहित है और अनुकरणीय हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामउनके जीवन कथाएं उदाहरण स्वरूप के रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। भगवान राम ने अपने जीवन और परिवार में सम्बन्धों के बीच विभिन्न आदर्शों को स्थापित करते हुए एक उदाहरण सेतु प्रस्थान किया है। इन भावनाओं को कुशलता से पालन करने के लिए, निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण तत्व हैं:

निष्ठा (Faithfulness): भगवान राम ने अपने पत्नी सीता में निष्ठा और वचनबद्धता दिखाई। वे उनके प्रति पूर्ण समर्पण और सम्मान रखते थे।

त्याग (Sacrifice): भगवान राम ने राज्य के लिए अपनी सुखद और आरामदायक जीवनस्था को त्याग करके वनवास ग्रहण किया। इससे वे अपने परिवार के प्रति कर्तव्यपरायणता का प्रतीक बने।

बंधुत्व (Brotherhood): भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के प्रति गहरी प्रेम और बंधुत्व दिखाया। वे उन्हें सहायता और समर्थन प्रदान करते थे।

शालीन स्नेहभाव (Gentle Affection): भगवान राम ने अपने परिवार और सभी लोगों के प्रति शालीन स्नेहभाव रखा। वे मित्रता, प्यार और सम्मान के साथ सभी के साथ व्यवहार करते थे।

उदारता (Generosity): भगवान राम ने अपनी उदारता का प्रदर्शन किया और अन्य लोगों की मदद करने में आनंद लिया। वे दान और सेवा के माध्यम से समाज के प्रति अपना समर्पण दिखाते थे।

वत्सलता (Parental Love): भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ के प्रति वत्सलता और सम्मान दिखाया। वे उनकी आज्ञाओं का पालन करते थे और पितृभक्ति में प्रमुख थे।

ये उदाहरण भगवान राम के चरित्र में प्रमुख भावों की झलक दिखाते हैं और यह बताते हैं कि उन्होंने अपने सभी सम्बन्धों में उच्च आदर्शों को स्थापित करते हुए अपने सभी कर्तव्यों का पालन किया। इसके अलावा, उनका जीवन और उपदेश धार्मिक साहित्य में महत्वपूर्ण माने जाते हैं और लोगों के बीच सद्भाव, न्याय, और धार्मिक आदर्शों को प्रचारित करते हैं।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

Point Of View : संघर्ष नहीं निष्फल होगा, बेशक आज नही तो कल होगा


Point Of View : जीवन में सफलता के लिए ढेरों टिप्स ही सकते हैं और इनमें कई तो इतने शॉर्टकट होते हैं जो आपको गुमराह भी कर सकते हैं। लेकिन आपका हार्ड वर्क अर्थात कठिन परिश्रम और धैर्य आपका कभी भी साथ नहीं छोड़ सकता और इसमें हमें किसी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होनी चाहिए। दोस्तो, इतना तो हम सभी जानते हैं कि अगर हमें सूरज बनना है तो मार्ग में हमें जलना होगा और अगर शाम होते अपने घर पहुंचना है तो तपते रेगिस्तान पर हमें हर हाल में चलना होगा।

आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत कितने सामान्य से इंसान अपने सीमित संसाधनों की बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है।

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…
-हरिवंश राय बच्चन


बिल गेट्स की वह कथन तो आपको याद हीं होगा जिसमें वह अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के बारे में लिखते हैं कि " अगर आप गरीब घर में पैदा होते हैं तो इसमें आपका कोई दोष नही है लेकिन अगर आप गरीब होकर मर जाते हैं तो इसके लिए आप और सिर्फ आप दोषी हैं"

मतलब साफ है कि सफल होने के लिए आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और माता पिता के हालात की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नही है बल्कि उससे जरूरी है आपका सोच, परिश्रम और धैर्य।

चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए¸

विपत्ति विप्र जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।

 घटे न हेल मेल हाँ¸ बढ़े न भिन्नता कभी¸

अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।

 तभी समर्थ भाव है कि तारता हुआ तरे

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

-मैथिलीशरण गुप्त


Point Of View : जानें कैसे रखे खुद को करें मोटीवेट खासकर आज के तनाव भरे जीवन में

Najariya jine ka how to motivate self in troubles motivation

Point Of View
: दोस्तों, आज कल के भाग दौड़ वाले जीवन में तनाव और परेशानियों का होना एक सामान्य सी बात है और इससे अलग हटकर जीवन की कल्पना बिल्कुल ही बेमानी है.जीवन में घर से लेकर बाहर तक अर्थात आपके व्यक्तिगत, पारिवारिक और प्रोफेशनल फ्रंट पर समस्याओं का होना स्वाभाविक प्रक्रिया है और आप जीवन में आगे बढ़ने के लिए इससे दो-चार होना पड़ेगा.  जाहिर है कि  हमारे व्यक्तिगत, पारिवारिक और प्रोफेशनल लाइफ अक्सर हमें निराश और अकेला  महसूस करा सकते हैं, लेकिन यहां कुछ कदम हैं जिन्हें आप अपने आजीवनिक रुटीन में शामिल करके खुद को मोटीवेट कर सकते हैं:

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
-अटल बिहारी वाजपेयी

अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें

अपने लंबे और छोटे मस्तिष्कियों के लक्ष्य सेट करें। अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में क्या प्राप्त करना चाहते हैं और अपने लक्ष्यों को वास्तविक, मापनीय और संभवानुभवी बनाएं।

छोटे उद्दीपनों का आनंद लें: 


छोटी-छोटी सफलताएं दिखाने वाले कार्यों को संगठित करें और उन्हें पूरा करने पर खुद को प्रोत्साहित करें। इससे आपकी मनोदशा और मोटिवेशन बढ़ेगा।

इम्तिहान होगा हर मोड़ पर,

हार कर मत बैठ जाना किसी मोड़ पर,

तकदीर बदल जाएगी अगले मोड़ पर,

तुम अपने मन की आवाज सुनो।

-नरेंद्र वर्मा

जाने भगवान शिव ने प्रमुख अवतारों के बारे में: Facts in Brief

सकारात्मक सोच बनाएं: 

अपने दिमाग में सकारात्मक विचारों को प्रोत्साहित करें और नकारात्मक सोच को छोड़ें। सकारात्मक मंत्र या वाक्यों का उपयोग करें, जैसे कि "मैं समर्थ हूँ" या "मैं यह कर सकता हूँ"।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें:

 ध्यान दें कि आप अपने शरीर की देखभाल कर रहे हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ खानपान का ध्यान रखें और पर्याप्त नींद लें। एक स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क खुद को मोटीवेट करने में मदद करेगा।

स्वतंत्रता और उत्साह का समर्थन करें: 

अपने स्वतंत्रता को बनाए रखें और जो कुछ आपको खुश और संतुष्ट बनाता है, उसे करने का प्रयास करें। आपके लिए प्रासंगिक गतिविधियों, रुचियों और उत्साहजनक कार्यों के समर्थन में दोस्तों और परिवार का सहयोग लें।

याद रखें, मोटिवेशन एक नियमित प्रक्रिया है और अवश्यंभावी रूप से बदलती रहती है। आपके जीवन में तनाव के दौर से गुजरने के दौरान धैर्य रखें और अपनी प्रतियोगिता को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए संघर्ष करें।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में

Point Of View : नेल्सन मंडेला-जीवन परिचय, संघर्ष महत्वपूर्ण कोट्स

Nelson Mandela life struggle facts in brief

नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela): 
नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है जिन्होंने अपने देश की जनता के लिए रंगभेद के खिलाफ अपने लड़ाई को अंतिम समय तक जारी रखा. रंगभेद के खिलाफ अपने जीवन के बहुमूल्य 27 साल कैद में बिताने के बाद लोग लगभग टूट जाते होंगे लेकिन यह नेल्सन मंडेला की इच्छा शक्ति और जुझारूपन ही हैं जिसके कारन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 

नेल्सन मंडेला एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपार संघर्ष और सामरिकता के माध्यम से रंगभेद के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में अपना अद्वितीय योगदान दिया। उनके सामरिक जीवन की कठिनाइयों और परिवर्तनों से युक्त उद्दीपक क्षणों ने विश्वभर के लोगों को प्रेरित किया है। यहां उनके जीवन परिचय और कुछ महत्वपूर्ण कोट्स हैं:

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई, 1918 को दक्षिण अफ्रीका के मध्य खंड में हुआ। वे एक माध्यमवर्गीय किसान परिवार से संबंध रखते थे।


उन्होंने वाकई अपार संघर्ष देखा है। उनकी एक प्रमुख संघर्षी कार्यक्रम में से एक थी अपार्थाइड (जातिवाद) व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई। अपार्थाइड ने दक्षिण अफ्रीका में विभाजन और अलगाव की अस्वतंत्रता नीति को प्रचारित किया था।

उन्होंने 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) की स्थापना में सक्रिय भूमिका निभाई। यह संगठन नेल्सन मंडेला के जीवन का एक प्रमुख हिस्सा बन गया और उन्होंने बाहरी जगहों पर अपार्थाइड व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई में नेतृत्व किया।

अपने अपार संघर्ष के बावजूद, नेल्सन मंडेला का धैर्य, सद्भाव, और कर्मठता उन्हें एक ऐसे महान नेता के रूप में प्रशंसा प्राप्त करते हैं जिन्होंने अपार्थाइड के खिलाफ अविरत लड़ाई लड़ी।

महत्वपूर्ण कोट्स:

  1. "शिक्षा सबसे शक्तिशाली वापसी है जिसे आप अपने देश को दे सकते हैं।"
  2. "आप अकेले ज्यादा अच्छी तरह से आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन साथ में आप सबको मिलकर दूसरे का काम आसान बना सकते हैं।"
  3. "सफलता नहीं है, मैंने अकेले सामरिकता की यात्रा की है, यह वेरियस कंडिशंस में अपना एकल यात्रा है जो अपार्थाइड के खिलाफ जोड़ती है।"
  4. "जब हम अपने डरों को अंदर रखते हैं, तो हम खुद को बदल देते हैं।"
  5. "मैं अपने जीवन में एक ही गलती दोहराने की अनुमति नहीं देता हूं, यह जो गलती होती है, वह सीखने की अवसर हो जाती ह

Point Of View : अरविंद केजरीवाल- अलग सोच और राजनीति का अलग अंदाज़

 


Point Of View : 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक और जहाँ कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों में मोदी को पराजित करने के लिए नेतृत्व को लेकर होड़ मची है, वही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों को यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि अब उन्हें कोई हलके में लेने की गलती नहीं कर सकता. केजरीवाल ने अपनी सूझबूझ और आप को दिलाई सफलता से यह बता दिया है कि भाजपा को पराजित करने में उनके बिना बना मोर्चा सफलता की गारंटी नहीं हो सकती और यही कारन है कि बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार से लेकर सभी विपक्षी पार्टियां केजरीवाल के साथ मोर्चा की सम्भावना को लेकर चल रहे है. 

दिल्ली निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी की ताजा जीत ने एक बार फिर दिखा दिया कि लोगों के दिमाग से अरविंद केजरीवाल का जादू खत्म नहीं हुआ है. प्रचार के दौरान तमाम बाधाओं और आरोपों के बावजूद केजरीवाल ने उन चुनौतियों का सामना किया और एमसीडी चुनाव में जीत सुनिश्चित की। बेशक आप राजनीतिक मुद्दों पर केजरीवाल से असहमत हो सकते हैं, लेकिन विरोधियों से अकेले लड़ने के लिए आपको उनके व्यक्तित्व की सराहना करनी होगी।

अनूठी सोच

केजरीवाल के पास एक विशेष प्रकार की ऊर्जा है जिसने उन्हें अनोखे तरीके से सोचने और विशिष्ट तरीके से उस पर अमल करने की क्षमता प्रदान की है। यहां तक कि उनके प्रतिद्वंद्वी भी उनकी अगली चाल के बारे में उम्मीद नहीं कर सकते थे और उन्होंने अपने कदमों से उन्हें चकित कर दिया।

राजनीति के अनोखे तरीके

उनके विरोधी भी खामोशी से स्वीकार करते थे कि अरविन्द केजरीवाल ने राजनीति के पारंपरिक तौर-तरीकों को दरकिनार करते हुए राजनीति का एक अनोखा तरीका स्थापित किया है.

जवाब देने का अनोखा तरीका

अरविंद केजरीवाल विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों का सीधा जवाब देने से बचते हैं। वह अपनी पार्टी या नेताओं से संबंधित मुद्दों से बचने के लिए अलग-अलग मुद्दों पर प्रतिद्वंद्वी पर हमला करता था।


नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

Point Of View : "इच्छा" और "निर्णय" से थोडा कुछ लेकिन एक "निश्चय" से सब कुछ बदल सकता है.. जाने कैसे

Pillar of Success Will Decision Determination
Point Of View : जीवन में सफलता के लिए इच्छा और निर्णय की अहमियत से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करने के लिए  इच्छा और निर्णय काफी अहम फैक्टर होते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि निश्चय वह अल्टीमेट फैक्टर है जो आपके जीवन किसी भी लक्ष्य और मंजिल को पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। Inspiring Thoughts के इस लेख में आप जानेंगे कि  जीवन में लक्ष्य को पाने के लिए इच्छा शक्ति, निर्णय और निश्चय को कैसे और किस प्रकार से सदुपयोग कर सकते हैं. 

मानव जीवन बहुत हीं सुंदर और अनुपम भेंट है जिसे प्रकृति ने हमें दिया है। इस जीवन को सार्थक बनाना हमारे हाथ में है और इसके लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर एक मिसाल कायम करते हुए दूसरों के लिए आदर्श स्थापित करें।लेकिन याद रखें दोस्तों, जीवन को सार्थक बनाने के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना जरूरी है और यह तभी संभव होगा जब हम एक अनुशासन युक्त जीवन के साथ तीन सूत्रों को अपने जीवन का हिस्सा बनाए।।। इच्छा, निर्णय और लक्ष्य को पाने का निश्चय

याद रखे जीवन में सफलता के लिए तीनों हीं का होना नितांत आवश्यक है। इनमें से किसी भी एक फैक्टर की अनुपस्थिति से आपके लक्ष्य को सफलता से हासिल करने की आपकी उम्मीदों को ग्रहण लग सकता है। 

जी हां, लक्ष्य को पाने के लिए सबसे पहले इच्छा का होना जरूरी है क्योंकि यह इच्छा ही हैं जो बीज के रूप में अंकुरित होकर आपके सपनों का फलदार वृक्ष का रूप लेती है। ये सच है कि जैसे सिर्फ बीज को धरती में बोना ही काफी नहीं होता बल्कि उसे तैयार समय पर सिंचाई और केयर की जरूरत होती है।।।

उसी प्रकार से सिर्फ इच्छा होना ही काफी नहीं है बल्कि उसे मूर्त रूप देने और अंजाम तक पहुंचाने के लिए उचित और विवेकपूर्ण निर्णय भी उतना ही जरूरी है। निर्णय लेते वक्त हमेशा इसका ध्यान रखें कि पक्षपातपूर्ण और तनाव की स्थिति में गंभीर निर्णय लेने से हमेशा बचें। 

जल्दबाजी में लिया गया निर्णय तभी सही है जब आपका विवेक आपके साथ है, अन्यथा वेट एंड वॉच का पालन करते हुए सही वक्त का इंतजार करना ज्यादा सही होगा। 

सही निश्चय आपके लिए उचित स्ट्रेटजी बनाने में आपको सहायता प्रदान करतीं है और लक्ष्य को पाने के लिए उचित स्ट्रेटजी का होना उतना जरूरी है जितना कि उसे प्राप्त करने के लिए निश्चय और संकल्पशक्ति का होना। 

यह संकल्प शक्ति और आपका निश्चय ही है जो आपके इच्छा और न्यायोचित निर्णय को सफलता पूर्वक उसके अंजाम तक पहुंचाने का अवसर प्रदान करता है। 

कहने का आशय यह है कि किसी भी वस्तु या लक्ष्य को हासिल करने की इच्छा कर लेने के बाद आपका निर्णय थोड़ा कुछ तो बदलता है लेकिन यह आपका निश्चय है जो किसी भी असंभव लगने वाले लक्ष्य को भी सुलभ और आसान बना देता है।

Point Of View : गलतियों को दुहराने से बचें, दूसरों की गलतियों से सबक लें


Point Of View : समस्याओं का होना जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और हम इसे रोक नही सकते। हो सकता है कि आप हर कदम फूंक फूंक कर चलने का अभ्यस्त हैं और गलतियों से परहेज करते करना आपकी आदत का हिस्सा है, फिर भी आप इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकते की जीवन में कुछ नया करने और सीखने के दौरान गलतियों का होना स्वाभाविक है और यह जीवन का हिस्सा हैं। 

लेकिन दोस्तों हमें इस तथ्य को भी याद रखना होगा कि जीवन में गलतियों को रिपीट या दुहराना आत्मघाती कदम है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।

गलतियाँ करने से अगर आप डरेंगे तो फिर जीवन में कुछ नया करने का जोखिम नही ले पाएंगे जो कदापि उचित नही  कही जा सकती। आखिर जीवन में कुछ नया करने और सोचने वाले महान व्यक्तित्व भी जोखिम लेकर ही जीवन को सार्थक किए हैं। जाहिर है आप भी कुछ नया करने और सोचने के लिए बने हैं फिर सिर्फ इसलिए की गलती नही की जानी चाहिए, आप जीवन में कुछ नया और विशिष्ट करने से कैसे रोक सकते हैं?

जीवन में रिस्क या जोखिम लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि इस दौरान होने वाली गलतियां  आपके लिए सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है, हां इतना हमें ध्यान रखनी होगी की उसे दोहराया न जाए|

महान कूटनीतिक और विद्वान चाणक्य की इस कथन को हमेशा याद रखें " दूसरों द्वारा की जाने वाले गलतियों से सीखने का प्रयास करो क्योंकि अपनी गलतियों sell सीखने में हमारी उम्र छोटी पड़ जायेगी"

वैसे भी अंग्रेजी में एक कहावत है "To Err is human" स्पष्ट है कि गलतियों का नही होना आपकी विद्वता ही सकती है लेकिन कुछ नया करना भी जरूरी है। 

इसलिए जीवन में गलतियों से डरने के नही बल्कि कुछ नया करने पर फोकस करें क्योंकि प्रकृति हम सभी को विशेष गुण और विलक्षण प्रतिभा के साथ उत्पन्न किया  फिर सिर्फ कुछ गलतियों के नहीं करने की जिद के लिए उसे सीमा में बांधने वाले हम कौन होते हैं?

जहाँ तक बात गलतियों की है, आपने उस पुरानी कहावत तो सुनी होती- "गलती भी उसी से होती है, जो कुछ ना कुछ करते है, जो कुछ करेंगे ही नहीं   भला उनसे  किसी  प्रकार की गलती  की अपेक्षा भला कैसे की जा सकती है.... "