Point Of View: हम असफलता से नहीं, उसके भय से घबराते हैं...जानें कैसे पाएं नियंत्रण

Point Of View: भय की तरह साहस भी संक्रामक होता हैं और हम सभी इस तथ्य से परिचित हैं लेकिन  हमारी सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि  हम दिल से इसे स्वीकार नहीं कर पाते. जीवन में अगर सफल होना है तो हमें असफलता के भय पर काबू  पाना ही होगा और अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप खुद के अंदर भय या साहस...किसका बीज खुद के अंदर रोपते हैं.... क्योंकि याद रखें....अंकुरण आपके अंदर रोपे  गए बीज में होना है और वृक्ष और फल भी उसमें हीं लगना है.... 
असफलता का डर एक ऐसा भय है जो हमें नए अवसरों से पीछे हटने या अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश करने से रोकता है। आप असफलता का डर को नियंत्रित करना सीखे क्योंकि बिना इसके जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव हो जाएगी। 

क्या आप जानते हैं कि हमें सफलता को हासिल करने वाले जूनून और मिली असफ़लतां के लिए सबसे बड़ी विफलता क्या है.... दोस्तों वह है असफलता का भय... हाँ दोस्तों... हम असफलता से उतना नहीं घबराते जिंतना हमें उसे मिलने वाले भय से हम विफलता के शिकार हो जाते हैं...

वास्तव में यह हमारी सोच और माइंडसेट है जो हमारी एक्शन और स्टेप्स का निर्धारण करती है... जीवन है दोस्तों तो कठिंनाइयों का मिलना तय है और आप उससे बच नहीं सकते... हाँ जीवन में मिलने वाली उन बाधाओं और कठिनाइयों को कैसे लेते हैं यह आपके पॉजिटिव और नेगेटिव सोच पर निर्भर करता है....

दोस्तों..  एक बार याद रखें... जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है, बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है... ये  हमें यह बताती हैं कि हम किस मिटटी के बने हैं.. 

यह एकमात्र सत्य है क़ि अगर आप अपने लक्ष्य में सफल होना चाहते हैं तो  खुद के अंदर के भय को  दूर करने के लिए प्रयास कीजिये.... और इसके लिए सबसे जरुरी है खुद के अंदर साहस रूपी बीज को अंकुरित करें.... 

वास्तव में हमारा साहस हीं एकमात्र सच है जो  हमारे मन से भय को दूर कर सकता है. याद रखें, विफलता के डर को अलग किए बिना, आप अपने सपने को सफल नहीं बना सकते हैं और इसलिए सबसे पहले आपको अपने प्रयासों में विफलता के डर पर नियंत्रण प्राप्त करना होगा/

विंस्टन चर्चिल द्वारा भय और साहस के संदर्भ में दिए गए ऐतिहासिक उद्धरण को याद रखें ... "भय एक प्रतिक्रिया है, साहस एक निर्णय है।"

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि "भय की तरह साहस भी संक्रामक होता हैं.... " तो जाहिर है कि  यह आप पर निर्भर करता है कि  आप खुद के अंदर भय या साहस...किसका बीज खुद के अंदर रोपते हैं.... क्योंकि याद रखें....अंकुरण आपके अंदर रोपे  गए बीज में होना है और वृक्ष और फल भी उसमें हीं लगना है.... 

किसी के रोके न रुक जाना तू,
लकीरें किस्मत की खुद बनाना तू,
कर मंजिल अपनी तू फतह,
कामयाबी के निशान छोड़ दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,
-नरेंद्र वर्मा

सच तो यह है कि भय और साहस में चयन करने का निर्णय आपके मानसिकता से आएगी और इसके लिए यह जरुरी है कि आप आपने सोच और मानसिकता को मजबूत और स्वस्थ रखें....

यह आपकी मानसिकता ही हैं जो आपके अंदर विजय रूपी साहस का संचार पैदा करेगा… और आप के अंदर अंकुरित आपका साहस आपकी मानसिकता का बचाव करेगा और यह आपके प्रयासों में आपकी सफलता के लिए इसे दूर करने के लिए भय की अनुपस्थिति का रास्ता तय करेगा,,,
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
-अटल बिहारी वाजपेयी



इसके लिए यह जरुरी है कि सबसे पहले आप अपने अंदर मजबूत मानसिकता को पैदा करें जो आपके अंदर साहस पैदा कर असफलता के भय को समाप्त करेगा साथ ही  विफलता के डर की भावना को गायब करने का रास्ता दिखाएगा…याद रखें... यह आपकी मानसिकता की स्थिति है और इसलिए आपको अपने आप को विकसित करना होगा…तभी आप असफलता के भय से बाहर आ पाएंगे जो सफलता के लिए सबसे जरुरी शर्त है. 

Point Of View : असफलता संकेत है कि हम लक्ष्य से चूक गए, खुद को विफल व्यक्ति तो हम खुद मान लेते हैं

najariya jine ka tips to overcome fear of failure

Point Of View: असफलता का मतलब यह कदापि नहीं होती है कि कोई खास व्यक्ति अपने लक्ष्य से चूक गया है और अब वह बिलकुल एक असफल व्यक्ति ही होकर रह जायेगा। अगर  सफलता की कोशिश के दौरान मिली असफलता का मतलब आपने यह लगा लिया है कि आप एक विफल व्यक्ति हैं तो फिर तो आपको  अपने  सोचने के रवैये में परिवर्तन की जरुरत है। 

सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि सफलता की राह में मिली असफलता का डर एक सामान्य भावना है जो हर किसी को कभी न कभी महसूस होती है। सच तो यह है कि यह एक ऐसा डर है जो हमें नए अवसरों से पीछे हटने या अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की कोशिश करने से रोक सकता है। जरुरत इस बात कि है कि आप असफलता का डर को नियंत्रित करना सीखे क्योंकि बिना इसके जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव हो जाएगी। असफलता के भय को दूर करने में ये टिप्स सहायक हो सकते हैं-

अपने डर को पहचानें-

सबसे पहले, यह समझना महत्वपूर्ण है कि आप किस चीज से डरते हैं। क्या आप डरते हैं कि आप असफल होंगे? क्या आप डरते हैं कि लोग आपका मजाक उड़ाएंगे? या क्या आप डरते हैं कि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं करेंगे? एक बार जब आप अपने डर को पहचान लेते हैं, तो आप उनका सामना करने के लिए एक योजना बनाना शुरू कर सकते हैं।

अपने डर को चुनौती दें-

अपने डर को चुनौती देने का एक तरीका है कि आप उन चीजों को करें जिनसे आप डरते हैं। यदि आप डरते हैं कि आप सार्वजनिक रूप से बोलने में असफल होंगे, तो एक सार्वजनिक भाषण दें। यदि आप डरते हैं कि आप एक परीक्षा में असफल होंगे, तो एक कठिन परीक्षा लें। अपने डर का सामना करने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि वे वास्तव में कितने खतरनाक हैं।



अपने आप पर विश्वास करें-

असफलता का डर अक्सर आत्म-संदेह से जुड़ा होता है। यदि आप अपने आप पर विश्वास नहीं करते हैं, तो आप सफल होने की संभावना कम हैं। अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाने के लिए, अपने गुणों और उपलब्धियों पर ध्यान दें। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आप जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं उस पर ध्यान केंद्रित करें।

अपने आप को तैयार करें-

असफलता का डर अक्सर अनिश्चितता से जुड़ा होता है। यदि आप अपने आप को तैयार करते हैं, तो आप अनिश्चितता को कम करने में मदद कर सकते हैं। अपने लक्ष्यों के लिए एक योजना बनाएं और उस पर काम करें। अपने आप को उन चीजों के लिए तैयार करें जो गलत हो सकते हैं।

अपने आप को माफ करें। 

यदि आप असफल होते हैं, तो अपने आप को माफ करना सीखें। असफलता एक सामान्य हिस्सा है। हर कोई असफल होता है। असफलता से सीखने और आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है।

असफलता का डर को नियंत्रित करना आसान नहीं है, लेकिन यह संभव है। यदि आप इन युक्तियों का पालन करते हैं, तो आप अपने डर को दूर करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक कदम आगे बढ़ सकते हैं।

लक्ष्य को पहचानें  

अपने लक्ष्यों को छोटे और अधिक प्रबंधनीय लक्ष्यों में विभाजित करें। इससे आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद मिलेगी।एक समर्थन प्रणाली बनाएं। ऐसे लोगों के साथ जुड़ें जो आपके सपनों में आपका समर्थन करते हैं।

सकारात्मक सोच 

इसके लिए यह जरुरी है कि आप सकारात्मक सोच का अभ्यास करें और खुद में सबसे पहले यह विश्वाश जगाएं कि आपके अंदर ऊर्जा का अपार भण्डार है । अपने आप को यह बताएं कि आप सफल हो सकते हैं। यदि आप असफलता के भय से गंभीर रूप से पीड़ित हैं, तो एक पेशेवर चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। एक चिकित्सक आपको अपने डर का कारण समझने और उन्हें प्रबंधित करने के लिए रणनीति विकसित करने में मदद कर सकता है।

असफलता के भय से निकलने में सहायक कोट्स 

  • "असफलता सफलता का एक हिस्सा है। कोई कभी भी असफलता के बिना सफल नहीं होता है।" - माइकल जॉर्डन
  • "असफलता का डर सफलता का सबसे बड़ा अवरोध है।" - डेविड हॉकिंग
  • "असफलता एक विकल्प नहीं है। यह एक परिणाम है।" - जॉर्ज एलिस
  • "असफलता एक अवसर है कि हम शुरू से बेहतर शुरुआत करें।" - हेनरी फोर्ड
  • "असफलता का मतलब है कि आपने अपने लक्ष्य से चूक गए। इसका मतलब यह नहीं है कि आप एक विफल व्यक्ति हैं।" - जॉन सी. मैक्सवेल



Point Of View : अपनी सोच को सीमाओं से नही बांधे, कुछ बड़ा करने से पहले खुद से पूछे यह तीन सवाल?


Point Of View : आप अपनी सोच को नई उड़ान दें और उन सपनों से खुद को साक्षात्कार होने दें जहां तक आपको आपकी सोच ने पहुंचाया है। विश्वास कीजिए, अगर आप दिवास्वप्न नही देख रहें है तो वह सब आपकी पहुंच के अंदर है।

अपनी सोच को सीमाओं से नहीं बांधना और बड़ा सोचना एक जीवन बदलने वाला अनुभव है जिसका अनुभव करने के लिए यह जरुरी है कि सबसे पहले आप  खुद  पर यकीन  करना सीखें. विश्वास करें,  जब आप अपनी सोच को सीमाओं से नहीं बांधते हैं, तो आप अपनी क्षमताओं को पूरी तरह से विकसित कर में  सफल होते है और यही स्थिति आपको जीवन में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रेरित करती है.

 जीवन  में आगे बढ़ने के लिए हमें अपनी सोच  और कल्पना को ऊँची उड़ानों से रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यह  सच है कि जीवन में सिर्फ स्वतंत्रता ही काफी नहीं होती बल्कि हमें आगे बढ़ने के लिए खुद पर एक जिम्मेदार नियंत्रण भी  एक जरुरी फैक्टर है आप तो खुद के अंदर वह हिम्मत और साहस के साथ उन सपनों को यथार्थ के धरातल पर उतारने की कोशिश शुरू कीजिए।
किसी भी कार्य को करने के पहले खुद से तीन सवाल करें-
1. अपने आप से सवाल पूछें.
 अपने आप से यह सवाल पूछें कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं. अपने सपनों और लक्ष्यों के बारे में सोचें. एक बार जब आप जान जाएंगे कि आप क्या चाहते हैं, तो आप अपनी सोच को उस दिशा में केंद्रित करना शुरू कर सकते हैं.

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती…
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…
-हरिवंश राय बच्चन

2. अपने आप को प्रेरित करें. 
अपने आप को प्रेरित करने के लिए, आप कहानियों, वीडियो, या किसी भी चीज का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको प्रेरित करती है. आप अपने दोस्तों और परिवार से भी प्रेरणा ले सकते हैं.
3. कार्रवाई करें. 
अपनी सोच को सीमाओं से नहीं बांधने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कार्रवाई करें. जब आप कुछ करते हैं, तो आप अपने आप को विश्वास दिलाते हैं कि आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

 भले ही आपके रोजमर्रा के जीवन में हर जगह लिमिट एक जरूरी शर्त है जो आपके लिए जरूरी भी है। अगर आप सड़क पर गाड़ी से गुजर रहे हैं तो स्पीड लिमिट जरूरी है। बैंक का डेबिट कार्ड ही चाहे क्रेडिट कार्ड वहां भी आप लिमिट को नजरंदाज नहीं कर सकते। यहां तक आपके बोली और व्यवहार भी अगर गलती से लिमिट क्रॉस हो जाए तो आफत से कम नहीं है। लेकिन याद रखे, जीवन में हर जगह पर एक लिमिट का हीं आपके लिए जरूरी है लेकिन कभी भी अपनी थिंकिंग या सोच को लिमिट नही दें क्योंकि यह आपके लिए हानिकारक हो सकती है।

अपने सोच को हमेशा स्वतंत्र रखें क्योंकि प्रकृति ने हमें उन सभी गुणों से पूर्ण करके भेजा हैं जो अन्य लोगों में हैं तो फिर उन्हे सीमाओं से बांधने वाले हम कौन होते हैं।

घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,
तू रुख हवाओं का मोड़ दे,
हिम्मत की अपनी कलम उठा,
लोगों के भरम को तोड़ दे.
-नरेंद्र वर्मा

आप अपनी सोच को नई उड़ान दें और उन सपनों से खुद को साक्षात्कार होने दें जहां तक आपको आपकी सोच ने पहुंचाया है। विश्वास कीजिए, अगर आप दिवास्वप्न नही देख रहें है तो वह सब आपकी पहुंच के अंदर है।
आप तो खुद के अंदर वह हिम्मत और साहस के साथ उन सपनों को यथार्थ के धरातल पर उतारने की कोशिश शुरू कीजिए।

किसी शायर ने क्या खूब कहा है।।
"हम अपनी कोशिशों से बनाएंगे रास्ता, 
हिम्मत तो है, बला से कोई रास्ता नही."

हम अक्सर देखते हैं कि परिस्थितियों को अगर हम अनावश्यक रूप से बढ़ाकर पेश नहीं करें तो उनका सामना भी किया जा सकता है और वह भी आपके पास तत्काल उपलब्ध संसाधनों से।

लेकिन विडंबना यह है कि हम खुद को नगण्य और कम आंकने की दुर्भावना से इतने ग्रसित हो चुके हैं कि सकारात्मक ऊर्जा हमारे अंदर दस्तक भी नही दे पाती है।

इसके लिए यह जरूरी है कि हम खुद के अंदर पॉजिटिव सोच को जगह दी, नकारात्मक लोगों से दूरी बनाए और सबसे जरूरी हमेशा बड़ा सोचें और बड़ी उपलब्धियों को हासिल करें।





Point Of View : रिश्ते खास है, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

Point Of View: रिश्ते हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और यह हमारी आपस के प्यार और सहयोग के बंधन को मजबूत करते हैं. मजबूत और स्वस्थ रिश्तों के बदौलत ही हम अपनी जीवन में रोज मिलने वाले कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर पाते हैं. आज जबकि विज्ञान ने हमें सोशल साइट्स और तकनिकी रूप से काफी अधिक सुविधाओं को हमारे सामने रख दिया है, लेकिन फिर भी सच यह है कि हम रिश्तों को निभाने में चिट्ठी पत्री वाले जमाने से भी दूर होते जा रहे हैं. जबकि आवश्यकता यह है कि हम उन्हें प्रेम, संवाद और गलतफहमियों को दूर करने के माध्यम से पोषित करने पर बल दें. 

याद रखें दोस्तों प्रेम एक रिश्ते की नींव है और यह हमें एक-दूसरे के लिए देखभाल और सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है। प्रेम हमें मुश्किल समय में एक साथ रहने और खुशी के समय का जश्न मनाने में मदद करता है।

क्या आप जानते हैं कि संवाद एक रिश्ते को जीवित रखने के लिए प्रमुख जरुरत है। हमें अपने साथी के साथ अपने विचारों, भावनाओं और जरूरतों को खुलकर और ईमानदारी से साझा करने की आवश्यकता है। संवाद हमें गलतफहमियों को दूर करने, विश्वास बनाने और एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।

गलतफहमियां हर रिश्ते में होती हैं। हालांकि, हम उन्हें दूर करने के लिए कदम उठा सकते हैं। हमें एक-दूसरे को सुनने और समझने की कोशिश करने की आवश्यकता है। हमें अपने साथी की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होने की भी आवश्यकता है।एक समय था जब परिवार और उसके सदस्य हमारी ताकत हुआ करती थी लेकिन आज की हमारी यह सोच का हीं तो दोष है जहां बड़े परिवार को प्रगति की राह में बाधा समझी जाती है।।।

तकनीकी रूप से हम इतने आगे हैं कि लोगों से वीडियो कॉल पर फेस टू फेस बात करने में सक्षम हैं। हां यह बात और है कि हम दिल से और भी दूर होते जा रहे हैं खासकर अपनों से। 

याद रखें दोस्तों, रिश्ते के अंकुरित होने के लिये जीतना जरूरी प्रेम होती है, उसके जिंदा रहने के लिए संवाद का होते रहना उतना ही जरुरी है।  इसके साथ ही, रिश्तों को महसूस करने लिए आपस में संवेदनाओं और संवेदनशीलता का होना काफी जरूरी है।

रिश्तों को निभाने के लिए गलतफहमियों का नही होना जरूरी तत्व है दोस्तों क्योंकि अक्सर हम इसका शिकार होकर अपने अपनों से दूर होते चले जाते है। अहंकार एक अन्य महत्वपूर्ण कारण है जो रिश्तों के बिखरने और खत्म होने में प्रमुख भूमिका निभाती है।

जाने कैसे आप अपने रिश्तों को प्रेम, संवाद और गलतफहमियों को दूर करने के माध्यम से कैसे पोषित कर सकते हैं:

  • अपने साथी को बताएं कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं। इसे शब्दों में या कार्यों के माध्यम से कहें।
  • अपने साथी के साथ समय बिताएं। एक साथ बात करें, हंसें और रोएं।
  • एक-दूसरे की भावनाओं के प्रति संवेदनशील बनें। जब वे खुश या दुखी हों तो उन्हें सुनें और समझें।
  • अपने साथी के साथ ईमानदार रहें। अपने विचारों, भावनाओं और जरूरतों को खुलकर और स्पष्ट रूप से साझा करें।
  • अपने साथी की गलतियों को माफ करने के लिए तैयार रहें।
  • अपने साथी के साथ समस्याओं को हल करने के लिए काम करें।
  • अपने रिश्तों को पोषित करने के लिए समय और प्रयास करें। यह आपको अपने जीवन में प्यार, समर्थन और दोस्ती की समृद्धता का अनुभव करने में मदद करेगा।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती


Point Of View : मलाला यूसुफजई-जिनकी आवाज को तालिबानी आतंकवादियों की गोली भी खामोश नहीं कर सकी

International Malala Day  Malala Yusufjai Quotes Importance

Point Of View: मलाला यूसुफजई एक पाकिस्तानी शिक्षाविद और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता  हैं। उनका जन्म 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान के स्वात घाटी में हुआ।

मलाला का पिता, जिसका नाम जियाद यूसुफजई है, एक स्कूल का प्रधानाध्यापक थे और उन्होंने हमेशा से अपनी बेटी की शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया। मालाला अपने पिता की प्रेरणा से जीवनभर शिक्षा के महत्व को समझने लगीं।

2012 में, जब मलाला केवल 15 वर्षीय थीं, तब उन्हें अपने लेखों के माध्यम से लड़ाई स्तंभ के रूप में जाना जाने लगा। वह पाकिस्तानी तालिबान के शिक्षा पर प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करने लगीं। मलाला के द्वारा लिखे गए लेखों में वह लड़कियों के अधिकारों की बहुतायत से चर्चा करतीं थीं और उन्होंने बच्चों की शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।

2012 के अक्टूबर में, मलाला को एक बस में जाते हुए तालिबानी लोगों द्वारा गोली मारी गई। इस हमले में उनकी गंभीर घायली हो गई, लेकिन वे बच गईं। मलाला की इस हमले के बाद विश्व भर में उनके समर्थन में आवाज बुलंद हुई और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। यह उन्हें सबसे युवा व्यक्ति बनाता है जिसे नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

मलाला यूसुफजई आज भी मानवाधिकारों की प्रचार-प्रसार करती हैं और बाल-श्रम और बाल-विवाह के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय रहती हैं। उन्होंने एक मानवाधिकार संगठन "मलाला फंड" की स्थापना की है, जो गरीबी से पीड़ित बच्चों की शिक्षा को संचालित करने का प्रयास करता है।

यहां कुछ महत्वपूर्ण कोट्स ऑफ़ मलाला यूसुफजई हैं:

"एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक उसकी शिक्षा में चंद स्लेट, यही है हमारी मुसीबतों की आस्था और साथी।" -मलाला यूसुफजई

("One child, one teacher, one book, and one pen can change the world.")

"हम शिक्षा की ताकत से नहीं डरते हैं, बल्की उसकी आवश्यकता से डरते हैं।" -मलाला यूसुफजई

("We are not afraid of the power of education, but rather the need for it.")

"जब आप शिक्षा को इजाज़त देते हैं, आप उजाले को समर्थन देते हैं।"

-मलाला यूसुफजई

("When you give education the permission to exist, you give support to the light.")

"हमारी लड़ाई शिक्षा की लड़ाई है, और हमें इसमें गिरावट नहीं होने देनी चाहिए।" -मलाला यूसुफजई

("Our fight is a fight for education, and we must not allow setbacks in this.")

"शिक्षा एक बुराई से बचाव कर सकती है। शिक्षा एक बंदूक से ज़्यादा ताकतवर है।" -मलाला यूसुफजई

("Education can save us from evil. Education is mightier than a gun.")

"मैं नहीं चाहती कि मुझे इसलिए याद किया जाए कि मुझ पर हमला हुआ था, बल्कि मुझे इसलिए याद किया जाए कि मैं अपनी आवाज़ बदलने के लिए खड़ी हुई थी।" -मलाला यूसुफजई

("I don't want to be remembered because I was shot, but because I stood up to change my voice.")

"जब आपके शब्द और आपकी आवाज़ मिल जाती है, तब आप दुनिया को बदलने की शक्ति प्राप्त करते हैं।"-मलाला यूसुफजई

("When your words and your voice come together, you gain the power to change the world.")

मलाला यूसुफजई ने अपने समर्पण और साहस के माध्यम से दुनिया भर में शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है। उनके इन कोट्स ने दुनिया को प्रेरित किया है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

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Point Of View : स्मार्ट पेरेंटिंग टिप्स-शिशुओं और छोटे बच्चों, किंडरगार्टनर और अन्य

Najariya Jine Ka Smart Parenting Tips For  Toddler Teenagers

Point Of View: अगर आप पैरेंट हैं और आपके बच्चे स्कूल या नर्सरी का छात्र है तो फिर आपको स्मार्ट पेरेंटिंग टिप्स से परिचित होना काफी जरुरी है. जी हाँ, आज का दौर स्मार्टनेस का दौर है और सच यह भी है कि हमारे बच्चों की स्मार्टनेस और सफलता हीं पेरेंट्स की पेरेंटिंग का सर्टिफिकेट है और आप इससे इंकार नहीं कर सकते। भले हैं हम सभी पेरेंटिंग टिप्स का इस्तेमाल करने के दौरान काफी कॉन्फिडेंट रहते हैं और निश्चित ही इसका वजह भी है। हम सभी पेरेंट्स इस तथ्य से भली भांति वाकिफ हैं की आधुनिक समय में अगर आप र्स्माट पेरेंटिंग करते हैं, तो आपके बच्चों के साथ आपकी बॉन्डिंग भी और स्ट्रांग होगी और इसके लिए जरुरी है कि हम अपने बच्चों के लिए माता पिता के साथ ही उनके लिए दादा-दादी, नान-नानी, चाचा-चाची, बुआ आदि की भूमिका भी निभानी पड़ती है क्योंकि  अब पहले की तरह संयुक्त परिवार के तरह ये सभी उपलब्ध होते हैं है जो  बच्चों को सही और गलत के बारे में जानकारी देंगे. हालांकि सच यह भी है कि तब माता-पिता से कहीं ज्यादा बच्चे ग्रांड पेरेंट्स के साथ अटैच होते थे  अब न्यूक्लियर फैमिली में बच्चे माता-पिता के साथ रहते हैं और एक वहीं माध्यम होते हैं, जो उन्हें घर में सही और गलत के बारे में जानकारी देते हैं। जाहिर है कि इस बदलते परिवेश में स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) की भी जरूरत ज्यादा जरुरी और महत्वपूर्ण हो चुकी है।

अगर आपके बच्चे ग्रो कर रहे हैं तो आपको ये जानकारी जरूर होनी चाहिए कि कैसे स्मार्ट पेरेंटिंग करनी चाहिए। इस आर्टिकल में इन्हीं बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है। स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) के कुछ टिप्स जो आपकी मदद कर सकते हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में।

बच्चों को हमेशा उदाहरण के आधार पर समझाएं

बच्चे अपने आस-पास के वयस्कों को देखकर सबसे अच्छा सीखते हैं और इसके लिए यह जरुरी है कि अपनी बातों को समझने के लिए एक्साम्प्ल का हमेशा प्रयोग करें । इसलिए, उस व्यवहार को मॉडल करना सुनिश्चित करें जो आप उनमें देखना चाहते हैं।

स्पष्ट अपेक्षाएँ निर्धारित करें: 

अपने बच्चों को बताएं कि व्यवहार, काम-काज और शिक्षा के मामले में आप उनसे क्या अपेक्षा करते हैं। अपनी अपेक्षाओं के प्रति स्पष्ट, सुसंगत और आयु-उपयुक्त रहें।

सकारात्मक सुदृढीकरण प्रदान करें:

 अपने बच्चों को अच्छा बनें और उनके प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा करें। सज़ा की तुलना में सकारात्मक सुदृढीकरण कहीं अधिक प्रभावी प्रेरक है।

विकल्पों की पेशकश करें: 

जब उचित हो, अपने बच्चों को नियंत्रण और स्वतंत्रता की भावना देने के लिए विकल्पों की पेशकश करें।

अपने बच्चों की बात सुनें: 

अपने बच्चों की बात सुनने और उनकी भावनाओं को समझने के लिए समय निकालें। उन्हें बताएं कि उनकी राय आपके लिए मायने रखती है।

एक साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं:

 पारिवारिक गतिविधियों के लिए नियमित समय निर्धारित करना सुनिश्चित करें जिनका हर कोई आनंद लेता है। इसमें गेम खेलने से लेकर बाहर घूमने जाने तक कुछ भी शामिल हो सकता है।

अपना ख्याल रखें: 

अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है ताकि आप सबसे अच्छे माता-पिता बन सकें।

विशिष्ट टिप्स : शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए:

  • एक सुरक्षित और प्रेमपूर्ण वातावरण बनाएं.
  • अपने बच्चे से अक्सर बात करें और गीत या गाना या राइम को शेयर ।
  • अपने बच्चे को किताबें पढ़ कर कहानी सुनाएँ  .
  • अपने बच्चे के साथ इंटरैक्टिव गेम खेलें।
  • अपने बच्चे को अन्वेषण और सीखने के लिए भरपूर अवसर प्रदान करें।
  • प्रीस्कूलर और किंडरगार्टनर के लिए:
  • अपने बच्चे को उनके सामाजिक और भावनात्मक कौशल विकसित करने में मदद करें।
  • अपने बच्चे को रचनात्मक और स्वतंत्र होने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • सीमाएँ और सीमाएँ निर्धारित करें।
  • अपने बच्चे को समस्याओं को हल करना सीखने में मदद करें।
  • अपने बच्चे को स्वस्थ आदतों के बारे में सिखाएं।

स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए:

  • अपने बच्चे को अध्ययन की अच्छी आदतें विकसित करने में मदद करें।
  • अपने बच्चे को पाठ्येतर गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • अपने बच्चे से नशीली दवाओं, शराब और सेक्स के बारे में बात करें।
  • अपने बच्चे को स्वस्थ संबंध बनाने में मदद करें।
  • अपने बच्चे को जिम्मेदारी और नागरिकता के बारे में सिखाएं।

किशारों के लिए:

  • अपने किशोर को अधिक स्वतंत्रता दें।
  • अपने किशोर की निजता का सम्मान करें।
  • एक अच्छा श्रोता होना।
  • मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करें.
  • अपने किशोर को बताएं कि आप उससे प्यार करते हैं और उसका समर्थन करते हैं।

Point Of View : स्वस्थ मस्तिष्क के लिए जरुरी है उसे लगातार सक्रिय रखना-जानें टिप्स


  • Point Of View: सफलता के लिए आवश्यक सोचने, समझने और सीखने की क्षमता को स्वस्थ मस्तिष्क ही प्रदान करता है। जीवन में सफलता के लिए स्वस्थ मस्तिष्क का रहना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यही सफलता का सबसे बड़ा राज है। सच्चाई तो यह है कि यह मस्तिष्क हीं हैं जो हमारे शरीर गाइड करता है और हमारे सोचने, समझने, सीखने, निर्णय लेने और कार्य करने की क्षमता को नियंत्रित करता है। अब अगर हमारा मस्तिष्क हीं अस्वस्थ अर्थात नकारात्मक बातों से भरा होगा तो हम इन सभी कार्यों को प्रभावी ढंग से भला कैसे कर सकते हैं?
अगर कोई इंसान खाली बर्तन हाथ में लिया है तो इसका मतलब हम भले ही लगा लें कि वह भीख मांग रहा है। हालांकि यह भी तो हो सकता है की वह सबकुछ बांटकर अपना वर्तन खाली कर चुका है। 
कहने का आशय सिर्फ इतना है कि हम दूसरों में वही देखते हैं जो हम खुद होते हैं या जो हमारी सोच होती है।
Remember..."We perceive things as we are, not as they are."



मानसिक चुनौतियों का सामना करना:
 मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए उसे लगातार सक्रिय रखना चाहिए। इसलिए हमें मानसिक चुनौतियों का सामना करना चाहिए, जैसे कि नए कौशल सीखना, समस्याओं को हल करना, और रचनात्मक कार्य करना।
तनाव से बचना: 
तनाव मस्तिष्क के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए हमें तनाव से बचने के लिए प्रयास करने चाहिए।
जब हम इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो हमारा मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। इससे हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।

यहां कुछ विशिष्ट तरीके दिए गए हैं जिनसे स्वस्थ मस्तिष्क सफलता के लिए आवश्यक है:
  • सफलता के लिए आवश्यक सोचने, समझने और सीखने की क्षमता को स्वस्थ मस्तिष्क ही प्रदान करता है।
  • सफलता के लिए आवश्यक निर्णय लेने और कार्य करने की क्षमता को भी स्वस्थ मस्तिष्क ही नियंत्रित करता है।
  • सफलता के लिए आवश्यक रचनात्मकता और नवाचार को भी स्वस्थ मस्तिष्क ही प्रेरित करता है।
  • इसलिए, सफलता के लिए स्वस्थ मस्तिष्क का होना आवश्यक है।
स्वस्थ मस्तिष्क के लिए कुछ आवश्यक टिप्स :
नियमित व्यायाम और सक्रिय जीवन शैली: 
व्यायाम मस्तिष्क को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, व्यायाम मस्तिष्क में नए न्यूरॉन्स और सिनेप्स के विकास को बढ़ावा देता है।
अच्छी नींद: 
नींद मस्तिष्क को आराम और मरम्मत करने का समय देती है। पर्याप्त नींद न लेने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
संतुलित आहार लें:
 मस्तिष्क के लिए स्वस्थ आहार में पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन, और खनिज शामिल होने चाहिए। प्रोटीन मस्तिष्क के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है। विटामिन और खनिज मस्तिष्क के कार्य के लिए आवश्यक कई एंजाइमों और हार्मोन के उत्पादन में मदद करते हैं।
धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें:
 धूम्रपान और शराब का सेवन मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। धूम्रपान मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को कम करता है, जबकि शराब मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है।
मानसिक रूप से सक्रिय रहना: 
मानसिक रूप से सक्रिय रहना मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। नई चीजें सीखना, पहेली या क्रॉसवर्ड सॉल्व करना, और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना मस्तिष्क को चुनौती देने और नए न्यूरॉन्स के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।





Point Of View : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, जिनका सभी सम्बन्धो के लिए अनुकरणीय व्यक्तित्व

Teaching of Lord Rama Ramnavmi Maryadapurushotam

Point Of View: भगवान् राम ने जीवन और परिवार में सम्बन्धो के बीच समन्यव स्थापित करते हुए यह बताया है कि निष्ठा, त्याग, बंधुत्व, शालीन स्नेहभाव,उदारता और वत्सलता जैसे जैसे भावों को किस प्रकार से कुशलता से पालन किया जा सकता है. उन्होंने हर सम्बन्धो में उच्च आदर्शों को स्थापित करते हुए किस प्रकार से अपने सभी कर्तव्यों का  पालन किया जा सकता हैं इसकी व्यापक झलक भगवान् राम के चरित्र में पाई जा सकती है. 

भगवान् राम के व्यापक चरित्र जिसमें उन्होंने परिवार के सभी सम्बन्धो को विनम्रता और गंभीरता के साथ निभाया है. भगवान्र राम ने बताया है कि जीवन में कितना भी बड़ा विपत्ति सामने क्यों नहीं आये, संबधो की गरिमा को बनाये हुए श्रेष्ठतम जीवनशैली प्रदर्शित किया जा सकता है. 

यह भगवान् राम के जीवन का उच्चतम आदर्श ही है जिसके लिए हम प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहकर पुकारते हैं. भगवन राम के चरित्र की व्यापकता की हम मानव मात्र सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं जहाँ उन्होंने गुरु, माता-पिता, भाई, पत्नी, सेवक की कौन कहें, यहाँ तक कि  प्रभु राम ने अपने शत्रुओं के साथ भी समरनीति की व्यवहारिकता और आदर्श को स्थापित किया है जो सम्पूर्ण जगत में अनूठा उदहारण है. 

गुरु के प्रति निष्ठा और समर्पण

भगवान राम ने अपने गुरु को हमेशा ही सर्वोपरि रखा जिसकी झलक विश्वामित्र,वशिष्ठ और वाल्मीकि जैसे गुरुजनों की सीख  और आदर्शों को हमेशा से जीवन का सर्वोच्च स्थान दिया. 

माता पिता के आदेश निर्देश का अनुसरण: 

भगवान राम ने हमेशा माता-पिता की बातों को सर्वोच्च स्थान दिया. माता पिता के आदेश और निर्देश को उन्होंने हमेशा से पालन किया और इसकी सबसे सुन्दर झलक मिलती है वनवास के आज्ञा के पालन के दौरान. राज-पाट  को त्याग कर वनवास में एक वनवासी के जीवन जीना इतिहास में एक अनूठा आदर्श है. 

भाई के साथ बंधुत्व की कोमलता: 

भगवान राम ने अपने भाइयों के साथ भी हमेशा से कोमलता और प्रेम को स्थान दिया. वह चाहे भरत-मिलाप हो या फिर अन्य कई ऐसे घटनाएं राम चरितमानस में उल्लेखित हैं जो यह साबित करती है कि  भगवान राम ने बंधुत्व के साथ सम्बन्धो को हमेशा से कोमलता और गंभीरता के साथ निभाया. 

पत्नी के साथ दाम्पत्य का शालीन स्नेहभाव: 

राम चरित मानस में आप पाएंगे की भगवन राम ने पत्नी के साथ शालीन स्नेहभाव का परिचय दिया है. 

सेवक के लिए उदारता और वत्सलता: 

भगवन राम ने अपने सेवकों के साथ किस प्रकार का सम्बन्ध निभाया है, वह अपने आप में अनुकरणीय है. हनुमान भगवान् जो प्रभु राम की भक्ति और अपने सेवक वाली छवि के लिए ही पूजनीय है, रामायण में केवट और शबरी जैसे कितने सेवक हैं जिनके साथ प्रभु राम ने उदारता और वत्सलता का परिचय देकर प्रभु और सेवक के साथ सम्बन्धो को नया आयाम दिया है. 

मित्र के लिए सर्वस्व अर्पण की तत्परता: 

प्रभु राम ने मित्रों के साथ हमेशा दोस्ती के धर्म को निभाया है जिसके लिए प्रभु हमेशा से पूजनीय है. लंका के राजा रावण के भाई विभीषण के साथ मित्रता हो या फिर सुग्रीव के साथ, प्रभु राम ने हमेशा से मित्र धर्म को प्रमुखता के साथ सर्वस्व अर्पण करते हुए तत्परता के साथ निभाया है. 


Point Of View : जानें स्वामी विवेकानंद के प्रमुख कोट्स जो आपके सोच को बदल देंगी

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Point Of View :  भारत में कई सामाजिक और धार्मिक सुधारों के लिए काम अलख जगाने वाले दार्शनिक, संत और विचारक स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता के एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था तथा उनके पिता विश्वनाथ दत्त एक प्रसिद्ध वकील थे और उनकी माता भुवनेश्वरी देवी एक धार्मिक महिला थीं। बचपन से ही अत्यंत बुद्धिमान और जिज्ञासु प्रवृति के स्वामी विवेकानन्द की बचपन से ही धर्म और दर्शन में गहरी रुचि थी।
भारत में राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के अवसर पर किया जाता है. इस अवसर पर कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो युवाओं मानसिक तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए जरुरी है. 
एक महान विचारक होने के साथ हीं वे  रामकृष्ण परमहंस के अनुयायी थे. उल्लेखनीय स्वामी विवेकानंद ने  1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।


यह दिन विशेष रूप से सांस्कृतिक उत्सव और युवाओं के कुछ पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता है। युवाओं को उनकी सांस्कृतिक प्रतिभाओं और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और पूर्ति के लिए देश भर में कई तरह की गतिविधियों के साथ कई अन्य कार्यक्रमों को कवर करने के साथ यह दिन मनाया जाता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस इतिहास

विवेकानंद का मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त  था जिन्होंने पश्चिमी दुनिया के लिए वेदांत और योग के भारतीय दर्शन की शुरुआत करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे।

विवेकानंद के महान विद्वान और दार्शनिक अपने प्रज्वलित विचारों के लिए जाने जाते हैं जिन्होंने मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है कि जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने मन को कैसे नियंत्रित किया जाए। उनका दर्शन निश्चित रूप से मन को नियंत्रित करने पर बहुत जोर देता है जो कि अंतिम चीजें हैं जो हमारे व्यक्तिवाद को तय करती हैं।

सत्यवादिता, निःस्वार्थता और पवित्रता जैसे गुण जीवन के महत्वपूर्ण कारक हैं जिन पर व्यक्ति द्वारा ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जैसा कि विवेकानंद ने जोर दिया था।

विवेकानंद के अनुसार, ब्रह्मचर्य युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कारक है और युवाओं को अपने व्यक्तित्व विकास के लिए इस पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह सहनशक्ति और मानसिक कल्याण का स्रोत है।

शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन 

स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने इस सम्मेलन में अपने भाषण में भारत और सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया। उनके भाषण ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। इस भाषण के बाद उन्हें "युवा भारत का प्रेरणास्रोत" और "आधुनिक भारत का पिता" कहा जाने लगा।

वह अपने विचारों के लिए अद्वितीय थे जिन्होंने युवाओं को पवित्र पुस्तक भगवद् गीता का अध्ययन करने के बजाय फुटबॉल खेलने पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि उनका मानना ​​है कि युवा गीता के अर्थ को अपने मजबूत कंधे और बांह के साथ बेहतर तरीके से समझ सकते हैं जो केवल फुटबॉल द्वारा ही बनाया जा सकता है। 

विवेकानंद के महत्वपूर्ण कोटेशन 

  1. एक विचार लो, उस एक विचार को अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, अपने शरीर के हर हिस्से को उस विचार से भर दो, और हर दूसरे विचार को अकेला छोड़ दो। यही सफलता का मार्ग है।
  2. अपने आप पर विश्वास करें और दुनिया आपके चरणों में होगी।
  3. किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या न आए  तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत रास्ते पर यात्रा कर रहे हैं।
  4. एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा को उसमें डाल दो, बाकी सब कुछ छोड़कर।
  5. उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।
  6. दिन में एक बार अपने आप से बात करें, नहीं तो आप इस दुनिया के एक बेहतरीन इंसान से मिलने से चूक सकते हैं।
  7. एक आदमी एक रुपये के बिना गरीब नहीं है, लेकिन एक आदमी सपने और महत्वाकांक्षा के बिना वास्तव में गरीब है।
  8. मस्तिष्क और मांसपेशियों को एक साथ विकसित होना चाहिए। लोहे की नसें एक बुद्धिमान मस्तिष्क के साथ - और पूरी दुनिया आपके चरणों में है।
  9. हमेशा खुद को खुश दिखाने की कोशिश करें। शुरू में यह आपका रूप बन जाता है, धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाता है और अंत में यह आपका व्यक्तित्व बन जाता है.
  10. "ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं। बस हमें उनका उपयोग करना सीखना है।"
  11. "स्वयं को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।"
  12. "ज्ञान और कर्म दोनों के बिना जीवन अधूरा है।"
  13. "सपने देखना और उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास करना ही जीवन का उद्देश्य है।"

Point Of View : चिंता को कम करके ज्यादा खुश कैसे रहें



Point Of View: आज की जीवन संस्कृति में जहां समय और दूरी समग्र सफलता को मापने का अंतिम कारक है, कोई भी समग्र जीवन के लिए कम चिंता करने और अधिक खुश रहने की आवश्यकता को समझ सकता है। कम चिंता करना और अधिक खुश रहना अंतिम लक्ष्य है जिसके लिए बहुत से लोग प्रयास करते हैं। कहने की जरूरत नहीं है, चिंता को कम करने और खुशी बढ़ाने में अक्सर सकारात्मक आदतें अपनाना और कुछ विचार पैटर्न बदलना शामिल होता है। आपकी चिंता कम करने और आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करने के लिए यहां कुछ युक्तियां दी गई हैं:

अपने तनाव और चिंता को प्रबंधित करें:

माइंडफुलनेस और ध्यान: ये अभ्यास आपको अपने विचारों और भावनाओं के बारे में अधिक जागरूक बनने में मदद कर सकते हैं, और आपको उनसे अधिक आसानी से अलग होने की अनुमति दे सकते हैं। निर्देशित ध्यान का प्रयास करें या बस हर दिन कुछ मिनट के लिए अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।

गहरी साँसें: जब आप तनाव महसूस कर रहे हों तो अपने पेट से धीमी, गहरी साँसें लें। यह आपके शरीर और दिमाग को शांत करने में मदद कर सकता है।

व्यायाम: शारीरिक गतिविधि तनाव को कम करने और अपने मूड को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है। सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम का लक्ष्य रखें।

स्वस्थ नींद का शेड्यूल बनाए रखें: पर्याप्त नींद लेना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। हर रात 7-8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें।

कैफीन और अल्कोहल को सीमित करें: ये पदार्थ चिंता को बढ़ा सकते हैं और सोना कठिन बना सकते हैं।

नकारात्मक विचारों को चुनौती दें:

नकारात्मक विचार पैटर्न को पहचानें और चुनौती दें: अक्सर, हमारी चिंताएँ अवास्तविक या अनुपयोगी सोच पर आधारित होती हैं। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) आपको इन नकारात्मक विचारों को पहचानना और चुनौती देना सिखा सकती है।

कृतज्ञता का अभ्यास करें: अपने जीवन में अच्छी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने से आपके दृष्टिकोण को बदलने और आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। एक कृतज्ञता पत्रिका रखने का प्रयास करें और प्रत्येक दिन कम से कम तीन चीजें लिखें जिनके लिए आप आभारी हैं।

उस पर ध्यान केंद्रित करें जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं: चिंता अक्सर उन चीज़ों के इर्द-गिर्द घूमती है जो हमारे नियंत्रण से बाहर हैं। इसके बजाय, उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करें जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि आपके विचार, आपके कार्य और स्थितियों पर आपकी प्रतिक्रियाएँ।

दूसरों से जुड़ें:

प्रियजनों के साथ समय बिताएं: खुशी के लिए सामाजिक जुड़ाव जरूरी है। उन लोगों के लिए समय निकालें जो आपको अच्छा महसूस कराते हैं और नियमित रूप से उनके साथ समय बिताएँ।

किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं: किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या चिकित्सक के साथ अपनी चिंताओं को साझा करने से आपको कम अकेलापन महसूस करने और अलग-अलग दृष्टिकोण प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

किसी क्लब या समूह में शामिल हों: ऐसे लोगों से जुड़ना जो आपकी रुचियों को साझा करते हैं, अकेलेपन से निपटने और नए दोस्त बनाने का एक शानदार तरीका हो सकता है।

अपना ख्याल रखें:

स्वस्थ आहार लें: पौष्टिक आहार खाने से आपके मूड और ऊर्जा के स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

स्क्रीन पर समय सीमित करें: स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पूरे दिन टेक्नोलॉजी से ब्रेक लेने की कोशिश करें।

वे काम करें जिनमें आपको आनंद आता है: उन गतिविधियों के लिए समय निकालें जिनसे आपको खुशी मिलती है, चाहे वह पढ़ना हो, संगीत सुनना हो, प्रकृति में समय बिताना हो या कोई शौक पूरा करना हो।

याद रखें, हर कोई अलग है, और जो एक व्यक्ति के लिए काम करता है वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता है। अपने साथ धैर्य रखें और विभिन्न रणनीतियों के साथ प्रयोग करें जब तक कि आपको वह चीज़ न मिल जाए जो आपको कम चिंता करने और अधिक खुश रहने में मदद करती है। यदि आपकी चिंताएँ आपके दैनिक जीवन में हस्तक्षेप कर रही हैं तो पेशेवर मदद लेना भी महत्वपूर्ण है।

Point Of View : क्यों कहते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम?


Point Of View: आखिरकार वह पावन दिन आ ही गया अर्थात जब अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का। भगवान राम के मर्यादा और उनके विशेष गुणों को लेकर जो छवि प्रत्येक हिंदुओं में बसी है वह किसी लेखनी की मोहताज नहीं है। "मर्यादा पुरुषोत्तम" श्रीराम भगवान हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक व्यक्तित्व हैं, जो "रामायण" के मुख्य पात्र में प्रस्तुत होते हैं। "मर्यादा पुरुषोत्तम" का अर्थ होता है "मर्यादा में सर्वोत्तम पुरुष" या "मर्यादा के परम आदमी"। "मर्यादा पुरुषोत्तम" का उपनाम भगवान राम के श्रद्धायुक्त और न्यायप्रिय व्यक्तित्व को संकेत करता है, जो उन्हें भक्तों के लिए एक आदर्श पुरुष बनाता है।

 भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में मर्यादाओं का हमेशा पालन किया। वे एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श राजा और आदर्श मित्र थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी इन मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया।

सच तो यह है कि इस उपनाम के माध्यम से भगवान राम की विशेषता और उनके जीवन में अनुसरण करने लायक आदर्शों को दर्शाने का प्रयास किया जाता है।  भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम उनकी महानता के लिए दिया गया उपाधि है जिसमे पारिवारिक संबंधो की मर्यादा के साथ ही राजकीय और दोस्तों और यहाँ तक कि दुश्मनों के साथ भी मर्यादा के निर्वाह के लिए दिया जाता है. और यही वजह है कि भगवन राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से पुकारा जाता है.

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, जिनका सभी सम्बन्धो के लिए अनुकरणीय व्यक्तित्व

भगवान राम को "मर्यादा पुरुषोत्तम" कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में धर्म, नैतिकता, और श्रेष्ठता की मर्यादा बनाए रखी। उन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया, अपनी पतिव्रता पत्नी सीता के प्रति वफादारी दिखाई, और अपने भक्तों के प्रति सत्य, न्याय, और करुणा का प्रदर्शन किया।  

आदर्श पुत्र

कहने की जरुरत नहीं कि भगवन राम ने अपने पिता दशरथ के आदेश का पालन करने के लिए 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार किया। वे जानते थे कि पिता का आदेश सदैव मानना चाहिए, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। इस प्रकार की मिसाल शायद हीं कहीं और मिलती है. 

भगवान राम की चरित्र की पांच विशेषताएं जो मर्यादा पुरुषोत्तम बनाती है

आदर्श भाई

भारत मिलाप और अपने भाइयों के प्रति प्रेम और अनुराग भगवन राम की अलग विशेषता है जो उन्हें सबसे अलग रखता है. भगवन राम ने अपने भाई भरत के प्रति कभी भी ईर्ष्या या घृणा का भाव नहीं रखा। वे भरत को अपना सच्चा भाई मानते थे और उनका हमेशा सम्मान करते थे। 

आदर्श पति

मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी संबंधों को पूर्ण एवं उत्तम रूप से निभाने की शिक्षा देने वाला प्रभु रामचंद्र के चरित्र के समान दूसरा कोई चरित्र नहीं है।  और जहाँ तक आदर्श पति का सवाल है, राम ने अपनी पत्नी सीता के प्रति हमेशा प्रेम और सम्मान का भाव रखा। वे सीता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार थे।

आदर्श राजा

राम के राज्य में राजनीति स्वार्थ से प्रेरित ना होकर प्रजा की भलाई के लिए थी। इसमें अधिनायकवाद की छाया मात्र भी नहीं थी। राम ने अपने राज्य में हमेशा न्याय और धर्म का पालन किया। वे प्रजा के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। 

आदर्श मित्र

श्री रामचंद्र जी निष्काम और अनासक्त भाव से राज्य करते थे। उनमें कर्तव्य परायणता थी और वे मर्यादा के अनुरूप आचरण करते थे।  राम ने अपने दोस्तों सुग्रीव, हनुमान, विभीषण आदि के प्रति हमेशा निष्ठा और समर्पण का भाव रखा। उन्होंने अपने दोस्तों की हर समय मदद की। 

Point Of View : संसार सिर्फ आपके लिए नही बनी है, परिस्थितियों को स्वीकार करना सीखें


नजरिया जीने का Inspiring thoughts: संसार सिर्फ आपके लिए नही बनी है, परिस्थितियों को स्वीकार करना सीखें

Point Of View: परिस्थितियों से सामना करना एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल है और इनसे निबटने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप इन्हे स्वीकार करें और उनसे डरने की बजाय उनका सामना करने का निर्णय लें। आप इन विपरीत परिस्थितियों को ऐसे लें कि यह हमें कठिन समय में भी धैर्य और दृढ़ता बनाए रखने में मदद करता है। परिस्थितियों से सामना करना सीखने के लिए आप कुछ टिप्स की मदद ले सकते हैं:

परिस्थिति को स्वीकार करें। सबसे पहले, हमें यह स्वीकार करना होगा कि परिस्थिति हमारे नियंत्रण में नहीं है। हम इसे बदल नहीं सकते, लेकिन हम इसका सामना कर सकते हैं.

परिस्थिति को स्वीकार करें। 
सबसे पहले, हमें यह स्वीकार करना होगा कि परिस्थिति हमारे नियंत्रण में नहीं है और इसे बदल तो नहीं सकते, लेकिन इसका सामना कर सकते हैं और इसे आप ।

परिस्थिति का विश्लेषण करें- अगला, हमें परिस्थिति का विश्लेषण करना होगा। हमें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि यह परिस्थिति कैसे उत्पन्न हुई और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
एक योजना बनाएं- एक बार जब हम परिस्थिति को समझ लेते हैं, तो हमें एक योजना बनानी चाहिए। हमें यह तय करना होगा कि हम इस परिस्थिति का सामना कैसे करेंगे।
अपनी योजना पर अमल करें- अंत में, हमें अपनी योजना पर अमल करना होगा। हमें धैर्य और दृढ़ता रखनी होगी, भले ही परिस्थिति कठिन हो।
परिस्थितियों से सामना करने के लिए कुछ विशिष्ट तरीके यहां दिए गए हैं:

सकारात्मक दृष्टिकोण रखें- कठिन समय में भी, सकारात्मक दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है। इससे हमें धैर्य और दृढ़ता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
अपने आप को समर्थन दें। कठिन समय में, अपने आप को समर्थन देना महत्वपूर्ण है। हम ऐसा अपने परिवार, दोस्तों, या किसी पेशेवर सलाहकार से बात करके कर सकते हैं।
स्वस्थ आदतें अपनाएं। स्वस्थ आदतें अपनाने से हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत रहने में मदद मिल सकती है। इन आदतों में अच्छी नींद लेना, स्वस्थ आहार खाना, और नियमित रूप से व्यायाम करना शामिल हैं।
परिस्थितियों से सामना करना सीखना एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। लेकिन, इस कौशल को विकसित करने से हमें जीवन में सफल होने में मदद मिलेगी।

जीवन की खूबसूरती इसके साथ निरंतर घटने वाली प्रत्येक घटनाओं का लुत्फ उठाते हुए जीने में होती है और जब हम इसमें आनंद उठाने किंकला सीख जाते हैं, हमारे लिए जीवन का मायने हीं बदल जाती है।।।।

याद रखें, जीवन में घटनाओं पर आपका नियंत्रण हमेशा नही होती है।।।।पर आप उन घटनाओं से प्रभावित अवश्य होते हैं।।

उठना है तुझे नहीं गिरना है, जो गिरा तो फिर से उठना है,
अब रुकना नहीं इक पल तुझको, बस हर पल आगे बढ़ना है,
राहों में मिलेंगे तूफ़ान कई, मुश्किलों के होंगे वार कई,
इन सबसे तुझे न डरना है, तू लक्ष्य पे अपने जोर दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,
-नरेंद्र वर्मा


अगर आपकी कार की स्टेयरिंग आपके हाथ में हैं और होने वाले किसी एक्सीडेंट के लिए आप खुद को दोष दे सकते हैं और यह स्वाभाविक भी है।।।।अगर गाड़ी की स्टेयरिंग आपके हाथों में है तो आपके साथ होने वाली किसी भी दुर्घटना की जिम्मेदारी से आप कैसे बच सकते हैं।।।।
वो कहते हैं ना, "परिस्थितियां हमेशा तुम्हारे अनुकूल रहे ऐसी आशा नहीं कारों क्योंकि यह संसार सिर्फ तुम्हारे लिए थोड़े ही बना है।"

लेकिन रेल गाड़ी या हवाई जहाज या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में भी तो हम यात्रा करने को बाध्य होते हैं जहां की स्टेयरिंग हमारे हाथो में नही होती है और फिर दुर्घटना तो कहीं भी होती है।।।


याद रखें दोस्तों, जीवन में घटने वाली प्रत्येक घटनाएं हमें कुछ सीखाने के लिए आती है, बुद्धिमान लोग लेसन लेकर आगे बढ़ जाते हैं।




याद रखें दोस्तों, जीवन एक निरन्तर बहती धारा है। हर दिन अनोखा है और हर काम की अपनी चुनौतियाँ हैं। हमें अपने काम से प्यार करना सीखना चाहिए और इसके हर क्षण का आनन्द लेना चाहिए।
तू छोड़ ये आंसू उठ हो खड़ा,
मंजिल की ओर अब कदम बढ़ा,
हासिल कर इक मुकाम नया,
पन्ना इतिहास में जोड़ दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,
-नरेंद्र वर्मा




नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती



Point Of View : सही लक्ष्य का चयन है सफलता का राज, लक्ष्य सेट करते समय रखे इन बातों पर ध्यान

Inspiring Thoughts Goal Motivational Quotes for Success
Point Of View : लक्ष्य का सही चयन करना और उसकी प्राप्ति के लिए मेहनत और निष्ठा महत्वपूर्ण हैं। सही लक्ष्यों का चयन करके, आप अपने जीवन में सफलता की दिशा में बढ़ सकते हैं।
 यह लक्ष्य ही हैं जो हमें अपने जीवन में अपने वजूद और वजह का आधार और बुनियाद प्रदान करता है.  लक्ष्य निर्धारण हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण क्यों है, यह सबसे आम प्रश्न है जो हमारे मन में उठता है. 

सही लक्ष्य का चयन कैसे करें:

स्वयं अध्ययन (Self-Reflection): अपनी प्राथमिक रुचियों, प्राकृतिक क्षमताओं का हमेशा आकलन करें क्योकि खुद के  अतिरिक्त कोई और आपका मुख्यांकन उतना अच्छा नहीं कर जायेगा जितना आप अपने अपने आप को करेंगे.  आपके इंटरेस्ट्स, पैशन, और क्षमताओं को पहले पहचाने और समझकर लक्ष्य तय करें।

स्वयं को समझें (Know Yourself): आखिर आपके स्वभाव, मूल्य, और लक्ष्यों को आपके अतिरिक्त कोई और उतना ईमानदारी से कैसे कर सकता है जितना ईमानदारी आप आप अपनी विशेषताओं और जरूरतों को समझेंगे । आपके स्वाभाविक प्रवृत्तियों और मूल्यों के साथ मेल खाते हुए लक्ष्य चयन करें।

स्वयं में योग्यता की पहचान (Identify Your Competence): आपकी क्षमताओं, योग्यताओं, और दक्षताओं को पहचानें और उन्हें आपके लक्ष्य के साथ मेल करने का प्रयास करें।

आधुनिकता और आगामी चुनौतियों का सामना (Relevance and Future Challenges): आपके लक्ष्य का सामर्थ्य और उसकी महत्वपूर्णता की जांच करें। आपके लक्ष्यों को आधुनिक या आगामी चुनौतियों के साथ मेलाने का समर्थन करना महत्वपूर्ण है।

दीर्घकालिक और संक्षेपिक लक्ष्यों की तैयारी (Short-term and Long-term Goals): छोटे और बड़े लक्ष्य तय करें। दीर्घकालिक लक्ष्य आपकी दिशा दिखा सकते हैं, जबकि संक्षेपिक लक्ष्य आपको निरंतर मोटीवेट कर सकते हैं।

मान्यता और संतोष (Recognition and Satisfaction): आपके लक्ष्यों की प्राप्ति पर मान्यता और संतोष को महत्वपूर्ण बनाए रखें।

सही संसाधन (Right Resources): अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही संसाधनों का चयन करें, जैसे कि शिक्षा, अनुभव, और मेंटरशिप।

स्वतंत्रता (Autonomy): आपके लक्ष्य और उनकी प्राप्ति को लेकर आपकी स्वतंत्रता बनाए रखें।

नियमित मूल्यांकन (Regular Evaluation): अपने प्रगति को नियमित रूप से मूल्यांकित करें और जरूरत के हिसाब से अपने लक्ष्यों में सुधार करें।

लक्ष्य को पाने के लिए आपके द्वारा की जाने वाले प्रयासों को नियमित मूल्याङ्कन भी जरुरी है. इससे न केवल आपके रणनीति को जानने और समझने में मदद मिलेगी बल्कि आप परिणामों और फीडबैक पर भी नजर रख सकते हैं. यहां कुछ अतिरिक्त युक्तियां दी गई है जो आपके लक्ष्य को पाने में मदद कर सकती है-
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें।
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं।
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक संसाधनों की पहचान करें।
  • अपनी प्रगति को ट्रैक करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करें।
  • अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दूसरों से मदद और समर्थन प्राप्त करें।

याद रखें दोस्तों, अपने जीवन को एक वास्तविक कारण से सक्रिय रखने के लिए, आपको अपने जीवन में अपना लक्ष्य निर्धारित करना होगा। अपने जीवन में किसी भी मंजिल के लिए लक्ष्य निर्धारित किए बिना, आप अपने जीवन में अपनी सफलता की जांच नहीं कर सकते।


जीवन में एक लक्ष्य का होना ही आपके लिए आपके जीवन में आकर्षण पैदा करने के लिए काफी है. लक्ष्य का निर्धारण ही आपके ध्यान को निर्देशित करने में मदद करता है और आपको जीवन में उस गति को बनाए रखने में मदद करता है... यह लक्ष्यों की सेटिंग है जो आपको आपके जीवन का रोड मैप प्रदान करती है... अपना ध्यान केंद्रित करें और आत्म-निपुणता की भावना को बढ़ावा दें।

Inspiring Thoughts Goal Motivational Quotes for Success

ध्यान रखें,  जीवन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण उपहार है, इस तथ्य के बावजूद कि यह पूरी तरह से एक मुश्किलों  से भरा खेल है जो काफी चुनौतियों से भरी पड़ी है... 

Inspiring Thoughts Goal Motivational Quotes for Success


जीवन बहुत महत्वपूर्ण है और यह कीमती है और इसका उपयोग करने का एक कारण होना चाहिए. अपने जीवन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करना अंतिम और वास्तविक कारण है जो आपको अपने जीवन में प्रेरित और ऊर्जावान बनाए रखता है.

Inspiring Thoughts Goal Motivational Quotes for Success


याद रखें लक्ष्य वह अंतिम कारक है जो आपको जीने का कारण प्रदान करता है और यह आपको अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है…।

आराम की तुम भूल-भुलैया में न भूलो 

सपनों के हिंडोलों में मगन हो के न झूलो 

अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलों 

उठो छलांग मार के आकाश को छू लो

तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के 

इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के.

-प्रदीप 


कहने की जरुरत नहीं कि हम सभी के जीवन में काफी कुछ हासिल करना एक चुनौती की तरह है और निश्चित ही हमार सीमित समय   और साधनों के अंतर्गत विषम परिस्थितियों में काम करते हुए उसे प्राप्त करने की चुनौती होती है. 

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हमें न केवल व्यक्तिगत, बाकि प्रोफेशनल और भी लक्ष्यों को हासिल करने होते हैं जिनके सामाजिक और पारिवारिक सरोकारों से सम्बंधित  कई लक्ष्यों को प्राप्त करना है ... जाहिर है कि  इसके लिए सम्बंधित लक्ष्य का  निर्धारित करना अंतिम उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि हम अपना अधिकतम लाभ उठा सकें जीवन और पूरी तरह से जियो!

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विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा है..."यदि आप एक सुखी जीवन जीना चाहते हैं, तो इसे एक लक्ष्य से बांधें, न कि लोगों या चीजों से।"...निश्चित रूप से यह जीवन का अंतिम सत्य है कि जीवन बिना सेटिंग के लक्ष्य का कोई महत्व नहीं होता...

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अपने जीवन में हर उद्देश्य के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किए बिना, आप किसी विशेष गंतव्य के लिए अपने प्रयासों की सफलता को कैसे माप सकते हैं। एक लक्ष्य निर्धारित करना अंतिम कारक है जो आपको उन लक्ष्यों को प्राप्त करने और पार करने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित करता है जो आपके सर्वोत्तम जीवन को संभव बनाते हैं।

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यह आपके जीवन का लक्ष्य है जो आपके जीवन के लिए एक ठोस और वास्तविक कारण प्रदान करता है। जैसे कि आपके जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करने के बाद, आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने आप में एक भूख पैदा करेंगे। अपने जीवन की हर लड़ाई में आपको एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और तभी आप अपने लक्ष्य के लिए अपने आप में एक मजबूत जुनून पैदा कर सकते हैं।