Point Of View : इन टिप्स से करें एक्जाम स्ट्रेस को गायब
Point Of View : आपके शांत मस्तिष्क का रिफ्लेक्शन है आपका धैर्य, पहचानें इसकी कीमत
नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...
रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से
इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें
स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक
रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती
Point Of View : कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है-ऐसे करें सामना
याद रखें. एक तीर को कमान से छोड़ने से पहले उसे पीछे की ओर खींचना जरुरी होता है, अतः: मारे जीवन का कठिन समय इस बात का संकेत है कि उसने एक कदम तो पीछे ले लिया है लेकिन वह आपके जीवन में एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है.
कठिन समय में विचलित होने के जगह हम इन टिप्स की मदद से खुद को मजबूत और सकारात्मक बनाये रख सकते हैं
धैर्य रखें :
यह समझना महत्वपूर्ण है कि कठिन समय हमेशा के लिए नहीं रहते हैं। धैर्य रखने से हमें मुश्किलों का सामना करने में मदद मिलती है।
सकारात्मक रहें :
नकारात्मक विचारों में डूबने के बजाय, हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।
कमजोरियों का सामना करें :
कठिन समय हमें अपनी कमजोरियों का पता लगाने और उन्हें दूर करने का मौका देता है।
से
कठिन समय हमें अपनी गलतियों से सीखने और भविष्य में उन्हें दोहराने से बचने का मौका देता है।
मदद लेने में नहीं हिचकें :
कठिन समय में हमें दूसरों की मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।
तू छोड़ ये आंसू उठ हो खड़ा,
मंजिल की ओर अब कदम बढ़ा,
हासिल कर इक मुकाम नया,
पन्ना इतिहास में जोड़ दे,
घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,
-नरेंद्र वर्मा
ये कठिन समय आपके जीवन की दौड़ के रास्ते में कोई बाधा नहीं है... वास्तव में प्रकृति आपके धैर्य की परीक्षा लेने की प्रक्रिया में है जिसके परिणामस्वरूप आप मजबूत बनेंगे...
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
-अटल बिहारी वाजपेयी
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जाने क्या कहते हैं ये हस्तियां नागरिक विश्वास और समावेशी विकास के सन्दर्भ में
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Point Of View : जीवन में विशिष्ट बनें, अपनाएँ ये टिप्स
हालांकि यह सच है कि यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है। जब आप जीवन में विशिष्ट होते हैं, तो आप अधिक सफल, संतुष्ट और खुश होते हैं। अपने काम में विशिष्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:
अपनी प्रतिभा को पहचानें:
जीवन का मतलब सिर्फ जीना हीं नहीं होता है बल्कि ऐसा जीवन जीना है जो कि आपको संतुष्टि दें। आप अपने प्रतिभा और रुचि को सबसे पहले पहचाने और अपने टेस्ट के अनुसार अपना लक्ष्य का चयन करें। यह जानने के लिए कि आपको क्या पसंद है और आप किस काम में अच्छे हैं, आत्म-विश्लेषण करें। अपनी रुचि के क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करें और अपनी प्रतिभा को विकसित करें।
लक्ष्य निर्धारित करें:
सबसे पहले आप अपने लिए अच्छे से विचार कर उचित क्षेत्र का चयन करें और उसमें अच्छी प्रदर्शन के लिए अपनी विशेषज्ञता तय करें। इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने जुनून को खोजें और ईमानदारी से उसे हासिल करने में लग जाएँ। आपको कड़ी मेहनत करने, लगातार रहने और कभी भी सीखना बंद न करने की आवश्यकता है।
नियमित अध्ययन और अद्यतन रहें:
सबसे पहले, अपने लिए स्पष्ट और स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। आप क्या हासिल करना चाहते हैं और आपकी सफलता कैसी दिखेगी इसपर विचार कर आप खुद का भविष्य तय करें.
सीखने के लिए तैयार रहें:
जैसा की आप जानते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और आत्म-विकास के लिए खुद को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना हीं जीवन का सबसे बड़ा सत्य और चैलेंज है। अपने काम में बेहतर बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करें। इसमें तकनीकी कौशल, नरम कौशल और ज्ञान शामिल हो सकते हैं।
हमेशा पॉजिटिव रहें:
अपने काम में प्रेरित होना सीखिए और हमेशा पॉजिटिव रहने सीखें. पॉजिटिव रहने के लिए अच्छी पुस्तकों और लोगो पर्सनालिटी के जीवन को पढ़ें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, अपनी प्रगति का जश्न मनाएं और नई चुनौतियों की तलाश करें। अपने आप को चुनौती दें। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और नई चीजें आज़माएं।
अपने आप को चुनौती दें:
अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए खुद को चुनौती दें और खुद से बात करना सीखें। स्वामी विवेकानंद के उस कथन को हमेशन याद रखें कि- " यदि चौबीस घंटे मे एक बार आप खुद से बात नहीं करते हैं तो संसार के सबसे विशिष्ट और खास आदमी कि आप उपेक्षा कर रहे हैं। "
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन में विशिष्ट बनने के लिए समय और प्रयास लगता है। धैर्य रखें, कड़ी मेहनत करें, और कभी भी हार न मानें।आप भी अपनी रुचि और प्रतिभा के आधार पर जीवन में विशिष्ट स्थान बना सकते हैं।
Point Of View : साहस और दुसाहस मे फर्क को समझें
Point Of View: साहस और दुस्साहस मे अक्सर हम फर्क नहीं कर पाते हैं और अज्ञानता के कारण हम अक्सर अपने दुस्साहस को ही साहस समझने का भ्रम पाल लेते हैं।
साहस और दुस्साहस दो शब्द हैं जो अक्सर एक दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन इनके बीच महत्वपूर्ण अंतर होता है।
साहस का अर्थ है डर पर विजय प्राप्त करके जो सही है उसे करना। यह एक सकारात्मक गुण है जो हमें चुनौतियों का सामना करने, जोखिम लेने और कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। साहसी व्यक्ति सोच-समझकर कार्य करता है, अपनी क्षमताओं का आकलन करता है और परिणामों की संभावनाओं को समझता है।
सच तो यह है कि साहस का अर्थ है डर पर विजय प्राप्त करके जो सही है उसे करना। यह एक सकारात्मक गुण है जो हमें चुनौतियों का सामना करने, जोखिम लेने और कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। साहसी व्यक्ति सोच-समझकर कार्य करता है, अपनी क्षमताओं का आकलन करता है और परिणामों की संभावनाओं को समझता है।
दुस्साहस का अर्थ है बिना सोचे समझे जोखिम लेना। यह एक नकारात्मक गुण है जो हमें खतरनाक परिस्थितियों में डाल सकता है और हानिकारक परिणामों का कारण बन सकता है। दुस्साहसी व्यक्ति आवेश में कार्य करता है, अपनी सीमाओं को अनदेखा करता है और संभावित खतरों को कम आंकता है।
अंतर को समझने के लिए कुछ बिंदु:
उद्देश्य: साहस का उद्देश्य सही काम करना होता है, जबकि दुस्साहस का उद्देश्य रोमांच या उत्तेजना प्राप्त करना होता है।
सोच: साहसी व्यक्ति सोच-समझकर कार्य करता है, जबकि दुस्साहसी व्यक्ति आवेश में कार्य करता है।
जोखिम मूल्यांकन: साहसी व्यक्ति अपनी क्षमताओं और परिस्थितियों का आकलन करता है, जबकि दुस्साहसी व्यक्ति जोखिमों को कम आंकता है।
परिणाम: साहस सकारात्मक परिणामों की ओर ले जाता है, जबकि दुस्साहस नकारात्मक परिणामों का कारण बन सकता है।
उदाहरण:
साहस: एक अग्निशामक जलती हुई इमारत में घुसकर लोगों को बचाता है जो निश्चित ही एक प्लैनिंग और स्ट्रैटिजी के साथ किया जाने वाला रूटीन वर्क है ।
दुस्साहस: एक व्यक्ति बिना तैयारी के खतरनाक पहाड़ी पर चढ़ने का प्रयास करता है जिसमे प्लैनिंग कि नहीं बल्कि किसी आवेश और अनावश्यक जोश की पूत होती है
साहस और दुस्साहस में स्पष्ट अंतर है। साहस एक सकारात्मक गुण है जो हमें चुनौतियों का सामना करने और सही काम करने के लिए प्रेरित करता है, जबकि दुस्साहस एक नकारात्मक गुण है जो हमें खतरनाक परिस्थितियों में डाल सकता है।
"साहस और दुसाहस में फर्क है कि साहस में आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जबकि दुसाहस में आप मुश्किलों के सामने झुक जाते हैं।" - विलियम रार्फ।
"साहस उस लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता है जो हमें डर से अधिक महत्वपूर्ण लगता है।" - अरिस्टोटल।
"दुसाहस उसे कहते हैं जब आप अपनी मनोबल से हार मान लेते हैं, साहस उसे कहते हैं जब आप दुसरी बार कोशिश करते हैं।" - डेल कार्नेगी।
"जीवन में साहस दिखाने का अर्थ यह नहीं है कि हमे कभी डर नहीं लगता, बल्कि यह है कि हम अपने डर के बावजूद आगे बढ़ते हैं।" - नेल्सन मंडेला।
Point Of View : भगवान राम के जीवन से सीखें-जीवन की चुनौतियों को स्वीकार एवं सामना करने की कला
भगवान राम का जीवन फूलों का सेज नहीं बल्कि काँटों का ताज था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने जीवन के उच्च मर्यादाओं का पालन करते है मर्यादा पुरुषोतम राम के रूप मे पूजा किए जाते हैं। जीवन मे चुनौतियों का आना निश्चित होता है लेकिन उनके सामने नतमस्तक हो जाना कायरता है। आइए हम भगवान राम के जीवन से सीखते हैं कि कैसे इन चुनौतियों को स्वीकार कर उनका सामना किया जाए।
1. कर्म पर विश्वास:
भगवान राम ने सदैव अपना कर्म निष्ठापूर्वक किया, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। उन्होंने हमें सिखाया है कि कर्म का फल हमें अवश्य मिलेगा, इसलिए हमें सदैव कर्म करते रहना चाहिए। आपको याद होगा कि राज्याभिषेक से ठीक एक दिन पहले, श्री राम को 14 साल के वनवास के लिए जाने का आदेश मिला। भगवान राम ने बिना किसी शिकायत के, प्रसन्न भाव से वह जीवन को वैसे ही स्वीकार कर अपनी नई यात्रा पर निकल पड़ते हैं।
2. धैर्य और संयम:
राजमहल मे रहने वाले भगवान राम के सामने वनवास के जीवन चुनौतियों से भरी रही होंगी इसमे किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं। अपने पत्नी सीता और भरत लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान अनेक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भगवान राम ने कभी भी धैर्य और संयम नहीं खोया। वनवास के दौरान मिलने वाले विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के दौरान उन्होंने हमें सिखाया है कि जीवन में धैर्य और संयम बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
3. साहस और दृढ़ संकल्प:
रावण के साथ युद्ध में भगवान राम ने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। उन्होंने हमें सिखाया है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और दृढ़ संकल्प होना आवश्यक है।
4. सत्य और न्याय का मार्ग:
जीवन में पैदा होने वाले विपरीत परिस्थितियों के सामने भी कभी भी भगवान राम ने सत्य और न्याय का मार्ग नहीं त्याग। सत्य के मार्ग पर चलना हमेशा से काँटों के पथ पर चलने के समान होता है और भगवान राम ने हमें सिखाया है कि जीवन में सत्य और न्याय के मार्ग पर चलना चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितने भी त्याग क्यों न करने पड़ें।
5. क्षमा और करुणा:
मर्यादा पुरुषोतम राम भगवान राम क्षमा और करुणा के प्रतीक थे और उन्होंने अपने शरण मे आने वाले आगंतुकों को कभी भी मना नहीं किया। यहाँ तक कि उन्होंने रावण के भाई विभीषण को क्षमा करने मे विलंब नहीं किया। सच तो यह है कि जीवन में क्षमा और करुणा का क्या महत्व है, यह हमे भगवान राम के जीवन से सीख सकते हैं।
6. मित्रता और सेवा:
भगवान राम ने हनुमान और सुग्रीव जैसे मित्रों का साथ पाकर हमें सिखाया है कि जीवन में सच्ची मित्रता का क्या महत्व है। उन्होंने शबरी, निषादराज आदि की सेवा करके हमें सिखाया है कि दूसरों की सेवा करने से जीवन सार्थक होता है।
7. विनम्रता और सरलता:
राजकुमार होने के बावजूद भगवान राम सदैव विनम्र और सरल रहे। उन्होंने हमें सिखाया है कि जीवन में विनम्रता और सरलता का गुण अपनाना चाहिए। उन्होंने राजाओं से लेकर साधुओं और यहाँ तक कि जानवरों तक सभी के साथ समान व्यवहार किया।
Point Of View : जानिए उन प्रसंगों को जिसके कारण प्रभु हनुमान को भक्त मानते हैं "संकट मोचन"
भगवान् राम के सेवा के लिए तो प्रभु हुनमान हमेशा तैयार रहते हैं. फिर वह चाहिए रावण द्वारा सीता माता का हरण किये जाने पर लंका में उनका पता लगाना हो या रावण के साथ युद्ध का प्रसंग हो, भगवन हनुमान सदैव तत्पर रहते हैं.
अपने बड़े भाई बालि द्वारा से प्रताडित होकर सुग्रीव जहाँ पहाड़ों की कंदराओं में जीवन काट रहे थे. बड़े भाई बालि के भय से चिप कर जीवन गुजरने किए लिए विवश सुग्रीव को भगवन हनुमान ही इस संकट से निकलते हैं. सुग्रीव से भगवन राम की मित्रता करने वाले हनुमान ही हैं जो बालि का वध कर सुग्रीव को राज पाट दिलवाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
लंकाधिपति रावण द्वारा ठुकराए गए उसके भाई विभीषण को संकट के क्षण में भगवन हनुमान ही निकलते हैं. पहले भगवन राम से मित्रता और फिर विभीषण को लंका का राजा बनाने में हनुमान प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
कहा जाता है कि लंकाधिपति रावण ने शनि देव को अपने दरबार में उलटा लटका कर बंधक बना लिया था. भगवन शनि देव उस समय खुद संकट में थे क्योंकि रावण के जाल से शनिदेव का निकलना आसान नहीं था. ऐसी मान्यता है कि भगवन हनुमान ने ही शनिदेव को उस संकट से उबारा था. आज भी यह कहा जाता है कि भगवन हनुमान की पूजा करने वाले भक्तों को शनि के प्रकोप से शांति मिलती है.
ऐसे अनगिनत प्रसंग रामायण और रामचरित मानस में आपको मिलेंगे जो यह प्रमाणित करता है कि भगवन हनुमान हमेशा से आपदाग्रस्त या किसी संकट में रहने वाले चरित्रों को संकट से निकलने में सबसे आगे रहते हैं और यही कारण है कि भगवान् हनुमान हमेशा अपने भक्तों के संकट को दूर करने में तत्पर रहते हैं और इसीलिए भक्तगण उन्हें संकटमोचन के नाम से पुकारते हैं.
Point Of View : भगवान राम से सीखें परिवार, एकता और रिश्तों का महत्व
Point Of View : भगवान राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है, ने हमेशा अपने निजी सुख सुविधा से अधिक अपने परिवार, राज्य, को महत्व दिया। सच तो यह है कि भगवान राम का जीवन एकता, परिवार और रिश्तों को महत्व देने की प्रेरणादायक कहानी है जिसकी आज के संदर्भ मे लोगों को सबसे अधिक जरूरत है। आज जहां हम अपने निजी लाभ के लिए परिवार से अलग हो जाना और खुद के बारे मे सोचने को प्रोफेशनल और समझदार मानते हैं, सच्चाई यह है कि हम अपने जीवन मे भगवान राम के आदर्शों को भूल गए हीं जिन्होंने अपने जीवन को इन मूल्यों को अपनाने के लिए न्योछावर कर मर्यादा पुरुषोतम के रूप मे पूजनीय बने।
एकता
भगवान राम ने सदैव एकता पर बल दिया और जीवन मे हर समय अपने परिवार और अपने सहयोगियों कि सहायता के लिए सदैव उपस्थितः रहे । उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ मिलकर वनवास के कष्टों का सामना किया। उन्होंने वनवासियों और वनचरों को भी एकजुट किया और रावण के विरुद्ध युद्ध में उनका नेतृत्व किया।
भगवान राम का यह एकता और त्याग हमें सिखाता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एकता अत्यंत आवश्यक है। हमें अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए और एकता के सूत्र में बंधकर काम करना चाहिए।
परिवार
भगवान राम के लिए परिवार सर्वोपरि था और इसकी झलक हर समय प्राप्त होती है जब उन्हे परिवार के सदस्यों के लिए त्याग या समर्पण कि जरूरत होती है। उन्होंने अपने पिता दशरथ के वचन को पूरा करने के लिए वनवास का कष्ट सहन किया और अपनी पत्नी सीता को रावण से मुक्त कराने के लिए युद्ध लड़ा। उन्होंने अपने भाईयों और माता कैकेयी का भी सदैव सम्मान किया।
भगवान राम हमेशा प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी एक परिवार के रूप में एक साथ खड़े रहें एकजुटता का ही वह फल होता है जो आपको सबसे बुरे तूफानों से निपटने की शक्ति देता है। हर रिश्ता हमारे लिए लालच, क्रोध और शक्ति से ऊपर उठने का एक अवसर होता है और भगवान राम ने जीवन मे हर अवसर पर इसे साबित किया कि मर्यादा और उच्च आदर्श उनके लिए सबसे जरूरी है बजाए लालच, क्रोध और शक्ति है। अगर हम प्यार को हर चीज से ऊपर रखते हैं, जीवन के प्रति हमारा मूल्य और सम्मान अपने आप बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह हमारी आत्मा को शुद्ध करता है और हमें अच्छे कर्म के मार्ग पर स्थापित करता है।
भगवान राम का परिवार और उसके सदस्यों के प्रति प्रेम हमें सिखाता है कि जीवन में परिवार का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। हमें अपने परिवार के सदस्यों के प्रति सदैव प्रेम, स्नेह और सम्मान का भाव रखना चाहिए और उनके सुख-दुख में सदैव उनके साथ खड़ा रहना चाहिए।
रिश्ते
भगवान राम ने अपने जीवन में सभी रिश्तों को महत्व दिया फिर चाहे वह पुत्र के रूप में हो, पति के रूप मे हो चाहे भाई के रूप मे उन्होंने गुरु वशिष्ठ, मित्र हनुमान, भक्त विभीषण और शत्रु रावण के साथ भी सदैव सम्मान और विनम्रता का व्यवहार किया। अगर आप भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को देखेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने सभी रिश्तों को महत्व दिया। उन्होंने अपने पिता के सम्मान की रक्षा के लिए स्वेच्छा से 14 साल जंगल में बिताने का फैसला किया। इस दौरान, लक्ष्मण - उनके सौतेले भाई - भी उनका समर्थन करने के लिए उनके साथ वनवास गए।
भगवान राम के परिवार और अन्य सहकर्मियों के संबंधों को देखकर यह कहा जा सकता है कि जीवन में सभी रिश्ते अनमोल होते हैं। हमें अपने रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों के साथ सदैव प्रेम, विश्वास और सद्भाव का भाव रखना चाहिए और उनके साथ मजबूत संबंध बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।
भगवान राम का जीवन एकता, परिवार और रिश्तों को महत्व देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनके जीवन से हमें अनेक शिक्षाएं मिलती हैं जो हमें अपने जीवन में इन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। हमें सदैव एकता के सूत्र में बंधकर काम करना चाहिए, अपने परिवार के प्रति समर्पित रहना चाहिए, और सभी रिश्तों को महत्व देना चाहिए।
Point Of View : युवा भगवान राम के जीवन से सीखें -आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज की जरूरत
आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज आज के युवाओं के लिए सबसे जरूरी है जो न केवल उन्ही सफलता के लिए प्रेरित करती है बल्कि इससे वे इस संबंध मे भगवान राम की शिक्षाओं को अपनाकर, एक ऐसा रास्ता बना सकता है जो न केवल व्यक्तिगत सफलता की ओर ले जाता है बल्कि बड़े पैमाने पर समाज और दुनिया की भलाई की ओर भी ले जाता है।
मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम का जीवन और उनका त्याग हमेशा से लोगों के लिए आदर्श रहा है। जीवन मे तमाम उत्तार चड्डाव और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भगवान राम ने कभी भी रिश्तों के प्रति श्रद्धा, प्रेम और स्नेह का साथ कभी नहीं छोड़ा।
भगवान राम: प्रेरणा श्रोत
सच तो यह है कि भगवान राम का जीवन आज के युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत है जो जीवन मे किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में लचीलापन, परंपरा और अनुकूलनशीलता के बीच नाजुक संतुलन और आत्मनिरीक्षण की शक्ति को प्राप्त करने और उसे खुद पर अनुशासन के रूप के लागू करने के लिए तैयार करती है।
आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज
भगवान राम का जीवन हमें खासकर आज के युवाओं को यह सिखाता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और आध्यात्मिक चेतना प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
आप अगर भगवान राम के जीवन को गंभीरता से देखेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने ने अपने जीवन में अनेक बार आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज की और अपने जीवन के उद्देश्य और मायने को समझने का प्रयास किया। लोगों को जीवन और धर्म का उपदेश देते हुए भी मर्यादा पुरुषोतम राम ने वनवास के दौरान उन्होंने ऋषि-मुनियों से ज्ञान प्राप्त करने का कोई मौका नहीं जाने दिए।
स्वयं की गहन खोज
आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज के लिए भगवान राम की यात्रा केवल एक बाहरी खोज नहीं है, बल्कि स्वयं की गहन खोज है जिसके लिए वह जीवन मे आने वाले हर किसी से कुछ भी सीखने का कोई अवसर नहीं छोड़ते। जीवन मे विभिन्न विपरीत परिस्थितियों से निबटने के दौरान भी कभी भी वह धैर्य नहीं खोते हैं साथ ही उनके निर्णय गहन आत्मनिरीक्षण और अपने कर्तव्यों के प्रति गहन जागरूकता द्वारा निर्देशित होते हैं।
निरंतर विकर्षणों और बाहरी प्रभावों के युग में, रामायण आज के युवाओं को आत्मनिरीक्षण के लिए क्षण निकालने के लिए प्रेरित करती है। स्वयं को, अपनी प्रेरणाओं को, और व्यक्तिगत विकल्पों के प्रभाव को समझना एक परिवर्तनकारी प्रक्रिया बन जाती है जो अधिक उद्देश्यपूर्ण और पूर्ण जीवन की ओर ले जा सकती है।
Point Of View : स्वयं पर विश्वास करना सीखें, आपके भीतर की क्षमता, सामने की समस्या से ज्यादा ताकतवर है
अपनी क्षमता पर विश्वास करना स्वयं से बात करने की प्रक्रिया है जो आत्म संदेह को दूर करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आवश्यक शर्त है।
हम पड़ाव को समझे मंज़िल
लक्ष्य हुआ आंखों से ओझल
वतर्मान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएँ।
आओ फिर से दिया जलाएँ।
-अटल बिहारी वाजपेयी
हम समस्याओं और बाधाओं को और भी विकराल बनाकर देखने लगते है जो खुद को कम आंकने की प्रक्रिआ का आरम्भ हो जाता है, जबकि जरुरी यह है कि उसके बदले में, अपने भीतर छिपी संभावनाओं और संभावनाओं को देखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए जो इन बाधाओं को कुचलने में आपका व्यापक हथियार हैं।
Inspiring Thoughts: आपकी प्रसन्ता में छिपा है जीवन की सफलता का रहस्य....
इस संदर्भ में रॉय टी. बेनेट के सुंदर उद्धरण को याद रखें "अपने आप पर विश्वास करें। आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक बहादुर हैं, आप जितना जानते हैं उससे कहीं अधिक प्रतिभाशाली हैं, और आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक सक्षम हैं। ”
धैर्य और आत्मविश्वास का नहीं छोड़े दामन.... मिलेगी विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता
कहने की जरूरत नहीं है कि मनुष्य इस अजीब सच से पीड़ित है कि वह जानता तो सही है लेकिन करता गलत है.... आप खुद पर और अपने आस पास के लोगों पर नजर डालें तो शायद यही पाएंगे.... और इसलिए हम बाधाओं से पहले अपनी क्षमता को अनदेखा कर देते हैं।
हमें अनंत क्षमता प्रदान करने में प्रकृति ने हमारे बीच कोई पक्षपात नहीं किया है। हम सभी के पास ऊर्जा और संभावनाओं के साथ महान क्षमता है और यह केवल हम ही हैं जो हमारी क्षमता और ऊर्जा की सीमा निर्धारित करते हैं। हां, बाधाओं और कठिनाइयों का महिमामंडन करना और कुछ नहीं बल्कि हमारी क्षमता की सीमा तय करना है।
मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,
तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।
किसने तुमको रोका है,
तुम्ही ने तुम को रोका है।
भर साहस और दम, बढ़ा कदम,
अब इससे अच्छा कोई न मौका है।
-नरेंद्र वर्मा
Inspiring Thoughts: साहस को अपनाएँ... सफलता की कहानी खुद लिखें...
इस तथ्य पर विश्वास करें कि जैसे ही आप अपने मन में यह तथ्य पैदा करते हैं कि आपके पास किसी समस्या का समाधान है या आप किसी भी कठिन परिस्थिति को संभाल सकते हैं, न केवल आपका दिमाग बल्कि पर्यावरण और प्रकृति भी आपके समाधान के तरीके प्रदान करना शुरू कर देती है। बस आपको किसी समस्या के समाधान के बारे में सोचना है, आपको समस्या का समाधान अपने संसाधनों के भीतर और निश्चित समय सीमा के साथ मिल जाएगा।
Inspiring Thoughts: डिप्रेशन और फ़्रस्ट्रेशन पर काबू पाने के लिए पाएं नेगेटिव माइंडसेट से छुटकारा
Point Of View : बेहतर कल के लिए नहीं छोड़िए आशावाद का दामन
Point Of View : सेल्फ डिसिप्लिन के महत्त्व को समझे, विकसित करने के टिप्स, महत्वपूर्ण कोट्स
आत्म-अनुशासन जीवन का अभ्यास आपको वह करने की क्षमता प्रदान करता है जो आपके जीवन की सार्थकता और सम्पूर्णता को प्राप्त करने में सहायता करती है. क्योंकि आप जानते हैं कि आप अपने मन में किसी भी सपने को प्राप्त करना सीख सकते हैं ... इसलिए जीवन में आत्म अनुशासन के लिए जरुरी पांच स्तंभों को हमेशा याद रखें जो आपको जीवन के किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने और जीवन की सम्पूर्णता की और ले जाती है -स्वीकृति, इच्छाशक्ति, कठोर परिश्रम, मेहनती और दृढ़ता।
स्व-अनुशासन को विकसित करने के टिप्स
- अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं.
- अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और समर्पण रखें.
- अपने आप को नियमित रूप से प्रेरित करें और प्रोत्साहित करें.
- अपने आप को छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत करें.
- स्व-अनुशासन एक जीवन भर की यात्रा है, लेकिन यह एक यात्रा है जो आपको अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करने में मदद कर सकती है. इसलिए, आज ही स्व-अनुशासन विकसित करना शुरू करें और अपने सपनों को पूरा करें.
- "सफलता का रहस्य स्व-अनुशासन है." - एलेन वार्क
- "स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है." - लाओ त्ज़ू
- "स्व-अनुशासन ही वह कौशल है जो आपको अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाता है." - ब्रूस ली
- "स्व-अनुशासन ही वह शक्ति है जो आपको अपने जीवन को नियंत्रित करने और अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाती है." - नेपोलियन हिल
- "स्व-अनुशासन ही वह नींव है जिस पर आप अपने जीवन का निर्माण कर सकते हैं." - विलियम जेम्स
आत्म-अनुशासन आपके जीवन के हर प्रयास में बनने वाला अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण कारक है..जो न केवल आपके जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है..बल्कि यह भ्रम की स्थिति में भी आपके जीवन को हमेशा सही रास्ते पर लाता है और यह हमारे जीवन में क्या करना है और क्या नहीं करना है के बीच की रेखा का सीमांकन करता है।
नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...
रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से
इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें
स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक
रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती
Point Of View : फादर्स डे को कैसे खास बनाएं, अपनाएं ये 5 तरीके- महत्वपूर्ण Quotes
फादर्स डे हर साल दुनिया भर में हमारे जीवन में पिता के योगदान को याद करने और हमारे जीवन में उनकी उपस्थिति की सराहना करने के लिए मनाया जाता है। जीवन की कल्पना पिता के बिना नहीं की जा सकती, जिन्हें हमारे जीवन में हर मुस्कान का कारण माना जाता है और यही कारण है कि लोग अपने पिता के बलिदान को सरप्राइज पार्टी आयोजित करने, हाथ से बने उपहार बनाने, उनका पसंदीदा भोजन पकाने या उन्हें किसी यात्रा पर ले जाने जैसे यादगार इशारों से स्वीकार करते हैं। भारत सहित कई देश जून के तीसरे रविवार को यह त्यौहार मनाते हैं।
बदलें खुद को: "नजरिया जीने का" के साथ
जैसा कि पूरी दुनिया फादर्स डे मनाने के अपने-अपने तरीके देख रही है...निश्चित रूप से हमारे लिए पिता के योगदान को याद करने के लिए एक नए जोश और जीत के साथ, यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनसे हम इस दिन को और भी महत्वपूर्ण बना सकते हैं। हाँ, फादर्स डे मनाने के लिए, हमें यह सोचना चाहिए कि कुल मिलाकर आप इस फादर्स डे को खास बनाने के लिए क्या कर सकते हैं?
1. पिता के साथ समय बिताना:
सबसे पहले हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने प्यारे पिता के साथ समय बिताना एक पिता के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपहार होगा...हां, इसमें कोई संदेह नहीं है कि बहुत सारे अतिरिक्त तनाव और काम हैं जिन्हें पूरा करना है, लेकिन पिता के साथ समय बिताना एक पिता के लिए उपयुक्त और संतोषजनक उपहार हो सकता है।
2. उनके योगदान को याद रखें:
किसी के योगदान को याद करने का सबसे उपयुक्त तरीका उसकी प्रशंसा करना है। आपको परिवार के लिए उनके नैतिक और भावनात्मक समर्थन को याद रखना चाहिए, जिस पर हमारे परिवार की मजबूत इमारत खड़ी हुई है। पिता के भावनात्मक और नैतिक और शारीरिक समर्थन के मजबूत कंधों के बिना परिवार की मजबूत इमारत का निर्माण कैसे किया जा सकता है। निश्चित रूप से आपको उनके योगदान को याद रखना चाहिए और उनकी प्रशंसा करनी चाहिए।
3. अपने भावनात्मक क्षणों को साझा करें:
वास्तव में फादर्स डे केवल एक दिन को याद करने का दिन नहीं है, बल्कि यह उनके साथ अपनी भावनाओं और भावनाओं को साझा करने का दिन है। हां, अपने भावनात्मक और भावुक भावनाओं को उनके साथ महत्वपूर्ण क्षणों में साझा करना न भूलें। आपको अपने परिवार के साथ बिताए जीवन के सभी शानदार पलों को साझा करना चाहिए, खास तौर पर अपने पिता के साथ। आपको उनके सम्मान, प्यार और पूरे जीवन में उनके समर्थन को भी याद रखना चाहिए, जिसके लिए हमारा परिवार उनके साथ खड़ा है।
4. पिता की बात सुनें:
बेशक पिता हमेशा के लिए आपके परिवार के शारीरिक रूप से मजबूत व्यक्ति नहीं होते, लेकिन वे अभी परिवार के लिए अधिक सम्मान और आदर के हकदार हैं। हां, एक पिता अपने पूरे युवा और महत्वपूर्ण दिन को परिवार के स्तंभ के रूप में खड़ा करने में बिताता है और इसलिए यह आपका कर्तव्य है कि आप हमारे परिवार के लिए इन संघर्षों और संघर्षों के पीछे उनके संघर्षों और कहानियों को सुनें। हो सकता है कि उनके पास हर बार की तरह शारीरिक रूप से मजबूत न हो, लेकिन उनके पास आपके साथ साझा करने के लिए कई कहानियाँ हैं और इसलिए पहले उनकी बात सुनें और फिर अपनी भावनाओं को साझा करें।
5. उन पर ध्यान दें-
चूंकि यह परिवार के साथ पिता के योगदान को याद करने का सबसे अच्छा दिन है, इसलिए अपने पिता की पसंद और शौक का ध्यान रखें। निश्चित रूप से यह पिता का दिन है, इसलिए उन्हें अपने हिसाब से दिन मनाने का फैसला करने दें। हां, आप बस उनका ख्याल रखें और उनका साथ दें, लेकिन उन्हें दिन की योजना के बारे में फैसला करना होगा।
Father Day महत्वपूर्ण उद्धरण
- कोई भी व्यक्ति पिता बन सकता है, लेकिन पिता बनने के लिए किसी विशेष व्यक्ति की आवश्यकता होती है। – ऐनी गेडेस
- पिता आपको यह नहीं बताता कि वह आपसे प्यार करता है। वह आपको दिखाता है। – दिमित्री द स्टोनहार्ट
- एक बच्चे के जीवन में पिता की शक्ति बेजोड़ है। – जस्टिन रिकलेफ़्स
- पिता वह होता है जो आपको गिरने पर पकड़ना चाहता है, लेकिन इसके बजाय वह आपको उठाता है, आपको झाड़ता है, और आपको फिर से प्रयास करने देता है। – अज्ञात
- उसके लिए, पिता का नाम प्रेम का दूसरा नाम था। – फैनी फ़र्न
- पिता न तो हमें रोकने वाला लंगर है, न ही हमें वहाँ ले जाने वाला पाल, बल्कि एक मार्गदर्शक प्रकाश है जिसका प्रेम हमें रास्ता दिखाता है। – अज्ञात
- पिता सच्चे सुपरहीरो होते हैं। उनके पास भले ही महाशक्तियाँ न हों, लेकिन उनके पास हमेशा एक महापुरुष होता है। – अज्ञात
- पिता की मुस्कान एक बच्चे के पूरे दिन को रोशन करने के लिए जानी जाती है। – सुसान गेल
- पिताजी, आपका प्यार और समर्थन मेरे मार्गदर्शक सितारे रहे हैं। हैप्पी फादर्स डे!
- मैं जितना बड़ा होता जा रहा हूँ, मेरे पिता उतने ही समझदार होते जा रहे हैं। - जेम्स मैकलॉगलिन
- कोई भी मूर्ख बच्चा पैदा कर सकता है। पिता बनने के लिए एक आदमी की जरूरत होती है। - फ्रैंकलिन पी. जोन्स
- पिता वह होता है जिसे आप चाहे कितने भी बड़े क्यों न हो जाएँ, सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। - अज्ञात
- मेरे पिता ने मुझे वह सबसे बड़ा उपहार दिया जो कोई भी किसी दूसरे व्यक्ति को दे सकता है; उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। - जिम वाल्वानो
- एक पिता सौ से अधिक स्कूल मास्टर होते हैं। - जॉर्ज हर्बर्ट
- पिता सबसे साधारण व्यक्ति होते हैं जिन्हें प्यार ने नायक, साहसी, कहानीकार और गीतकार बना दिया है। - पाम ब्राउन
- पिता की मुस्कान बच्चे के पूरे दिन को रोशन करने के लिए जानी जाती है।" - सुसान गेल
- एक अच्छा पिता हमारे समाज में सबसे अनसुना, अप्रशंसित, अनदेखा और फिर भी सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक है। - बिली ग्राहम