पूर्णिमा को जन्म लेने वाले व्यक्ति होते हैं ईमानदार, उदार, यशस्वी, गुरु और पिता का विशेष स्थान

 हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा का खास महत्व है, जो प्रत्येक माह मे मनाई जाती है। एस्ट्रोलॉजी के अनुसार अलग-अलग तिथियों को जन्म लेने  वाले व्यक्तियों में खास लक्षण और गुण  पाए जाते हैं और उसमे अगर आप पूर्णिमा की महत्त्व को देखेंगे तो हिन्दू पंचांग के अनुसार इसका अलग स्थान होता है. गुरु पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा, श्रावण पूर्णिमा सहित अन्य पूर्णिमा है जिनके स्थान होता है. स्वाभाविक है कि पूर्णिमा को जन्म लेने वाले लोग भी खास गुणों से परिपूर्ण होते हैं. 
जैसा कि आप जानते हैं कि पंचांग के अनुसार एकम या प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक कुल 15 तिथियां और अमावस्या होती है. इन अलग-अलग तिथियों को जन्म लेने वाले जातकों की अलग-अलग विशेषता होती है जो उनके व्यवहार से लेकर उनका व्यक्तित्व, सोच, स्वास्थय और विभिन्न गुणों को प्रदर्शित करता है. आज हम बात करेंगे विख्यात कुंडलीशास्त्र, नुमेरोलॉजिस्ट और मोटिवेटर हिमांशु  रंजन शेखर से कि  पूर्णिमा तिथि को जन्म लेने वाले जातकों की क्या होती विशेषता। 

उदार प्रवृति : 

पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले जातक की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि  ऐसे लोग अपने जीवन में काफी उदार प्रवृत्ति वाले होते हैं ऐसे लोग दूसरों के मनोभावों को और भावनाओं को काफी अच्छी तरह समझते हैं.  यह लोग अपने संबंधी या आपने आसपास के लोगों को हमेशा सुखी  देखना चाहते हैं और उनके सुख दुख में हमेशा साथ रहते हैं वह कभी भी अपने संबंधियों के वह हमेशा वह हमेशा अपने संबंधियों और अपने दोस्तों की आवश्यकता के समय उपलब्ध रहते हैं. 

जानें किस दिन को जन्म लेने वाले लोग होते हैं रोमांटिक और अपने पार्टनर के प्रति केयरिंग

भगवान में विशेष अनुरक्ति 

 पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले जातक भगवान में अत्यधिक विश्वास करने वाले होते हैं और उनका ऐसा मान्यता है कि ईश्वर हमेशा उनके लिए उपलब्ध रहते हैं. ईश्वर की  भक्ति और पूजा-पाठ उनके जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा होती है और उनका यह मान्यता है की ईश्वर होता है जो  किसी भी संकट या कष्ट में वह मदद करता है. ऐसे विश्वास का कारण भी होता क्योंकि  ये लोग अपने कार्यो को  अंजाम तक पहुंचाने के दौरान भी ईश्वर को नहीं भूल सकते हैं. 

गुरु/पिता का विशेष स्थान:

पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले जातकों में अपने  गुरु और पिता के प्रति विशेष अनुरक्ति देखी  जाती है. जीवन में किसी भी उपलब्धि या विशेष अवसरों पर  ऐसे लोग अपने पिता और अपने गुरु को विशेष तौर पर याद करना  हैं और सारा श्रेय उन्हें हीं देना पसंद करते हैं. उनका ऐसा मान्यता है कि जीवन में पिता  और टीचर  के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और जीवन में वाे इनके  प्रति वे काफी अनुराग दिखाते हैं और अपना पथ प्रदर्शक और मोटीवेटर मानते हैं.

वचन के पक्के: 

पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले जातकों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह वचन के काफी  पक्के होते हैं. उनके लिए उनके द्वारा किया गया कोई भी वादा या वचन अपने जीवन से काफी जरूरी है और इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं. उनके लिए  अपने द्वारा दिया गया कोई भी वचन या किया गया वादा को हर हाल में पूरा किया जाना और  ऐसे लोग ईमानदारी के साथ उसे पूरा करने की कोशिश भी करते हैं. 

यशस्वी और प्रभावशाली:

पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले जातक काफी यशस्वी और प्रभावशाली होते हैं जो जीवन में काफी प्रभाव छोड़ने में सफल  रहते हैं. ऐसे लोग अपने कर्मों और अपने सोच की वजह से जीवन में काफी आगे बढ़ते हैं साथ ही दुनिया को रोशनी भी दिखाने का काम करते हैं. उन्हें जो भी काम जीवन में मिलती है वे लोग उसे काफी तल्लीनता के साथ करना पसंद करते हैं.

ईमानदारी: 

ईमानदारी पूर्णिमा के दिन जन्म लेने वाले लोगों का सबसे प्रमुख विशेषता होती है जीवन जीने के लिए ऐसे लोग ईमानदारी को काफी तवज्जो देते  हैं और जीवन में आगे बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण यही होती है कि वे अपने जीवन के  हर क्षेत्र   में  चाहे वह इनके निजी जीवन  हो या परिवारिक जीवन हो सामाजिक जीवन हो या प्रोफेशनल फ्रंट,  हर जगह वह इमानदारी से अपने काम को अंजाम देते हैं,

Point Of View @ Budha Purnima: जानें गौतम बुद्ध के अनुसार-सत्य के राह पर चलने वाला मनुष्य कौन सी दो गलतियाँ करता है

 

najariya jine ka gautam budh quotes life changing

Point Of View : बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वेसाक या बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है, यह खासतौर पर बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और मृत्यु (या परिनिर्वाण) का स्मरण करती है। इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा 23 मई, 2024  को मनाई जा रही है।  हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा जो प्रत्येक माह मे मनाई जाती है, इसका खास महत्व है। 

गौतम बुद्ध, जिन्हें "शांत" और "ज्ञानोदय" के प्रतीक के रूप में जाना जाता है, जीवन जीने का एक अनूठा और गहन नजरिया प्रदान करते हैं।गौतम बुद्ध  कहते हैं, अगर आप जीवन में शांति और खुशी चाहते हैं तो कभी भी भूतकाल और भविष्य काल में न उलझें। वह कहते हाँ कि सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य जीवन में दो ही गलतियां कर सकता है- पहला या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता और दूसरा कि वह शुरुआत ही नहीं करता।

 बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने जीवन में हमेशा लोगों को अहिंसा और करुणा की शिक्षा दी और आज भी यह सच है कि साथ ही गौतम बुद्ध के विचार और उपदेश हमें जीवन की हकीकत से रूबरू कराते हैं,उनकी शिक्षाएं, जिन्हें "धर्म" कहा जाता है, आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि 2500 साल पहले थीं।

बुद्ध से सीखने के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:

वर्तमान पर ध्यान दें: बुद्ध हमें वर्तमान क्षण में जीने का महत्व सिखाते हैं। अतीत के पछतावे या भविष्य की चिंता में फंसने के बजाय, हमें वर्तमान क्षण की सुंदरता और संभावनाओं को स्वीकार करना चाहिए। भूतकाल पर ध्यान मत दो, भविष्य के बारे में मत सोचो, अपने मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो। 

अपने विचारों को संभालें: "आपके सबसे बड़े दुश्मन को भी उतना नुकसान नहीं पहुँचा सकता जितना कि आपके अपने असुरक्षित विचार।

करुणा और दया: बुद्ध की शिक्षाओं का केंद्र करुणा और दया है। हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों। घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसे प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है जो की एक प्राकृतिक सत्य है.

क्रोध से बचें: गौतम बुद्ध का कहना है कि क्रोध एक दण्ड है साथ  हीं क्रोध एक जहर  और आग है जो तुम्हें जला देगी। उनका कहना है कि क्रोध को हर प्रकार शमन किया जाना जरूरी है अगर जीवन मे शांति कि तलाश है। "किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं, हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं."

मन को वश में करें: गौतम बुद्ध  ने कहा है कि जिसने अपने मन को वश में कर लिया उसने शांति को प्राप्त कर लिया। इसके लिए सबसे जरूरी इस बात की  हैं कि  हम अपने मन को अपने वश मे करें जो कि संतोष के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है। 

अपने कार्यों के प्रति जागरूक रहें:  "हम वही हैं जो बार-बार करते हैं। उत्कृष्टता तब एक क्रिया नहीं बल्कि एक आदत बन जाती है।"

खुद को जानो: बुद्ध ने हमें अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के बारे में जागरूक होने का महत्व सिखाया। उनका कहना है ki आत्म-जागरूकता से ही हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं। स्वयं की विजय सबसे बड़ी विजय है। आप चाहें जितनी किताबें पढ़ लें, कितने भी अच्छे प्रवचन सुन लें, उनका कोई फायदा नहीं होगा, जब तक कि आप उनको अपने जीवन में नहीं अपनाते.

सीखने की यात्रा पर रहें:  सीखने की कभी समाप्ति नहीं होती और यह जीवन का सतत प्रक्रिया है। उनका  कहना है कि  अज्ञानी व्यक्ति एक बैल के समान है वह ज्ञान में नहीं बल्कि आकार में बढ़ता है।

शांति का मार्ग अपनाएं: शांति अपने आप में नहीं आती है; यह उपलब्धि है जिसे बुद्धि, करुणा और साहस से प्राप्त किया जाना चाहिए। नफरत से नफरत कभी खत्म नहीं हो सकती. नफरत को केवल प्यार द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है. यह एक प्राकृतिक सत्य है.

बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में कैसे लागू करें:

  • ध्यान: ध्यान एकाग्रता और आत्म-जागरूकता विकसित करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
  • सचेतता: अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों के प्रति सचेत रहने का प्रयास करें।
  • करुणा: दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनें।
  • मध्यम मार्ग: चरम सीमाओं से बचें और संतुलित जीवन जीने का प्रयास करें।
  • नैतिकता: सदाचारी जीवन जीने का प्रयास करें।
  • गौतम बुद्ध की शिक्षाएं हमें एक अधिक शांतिपूर्ण, खुशहाल और सार्थक जीवन जीने में मदद कर सकती हैं।
गौतम बुद्ध Quotes 

  • भविष्य के सपनों में मत खोओ और भूतकाल में मत उलझो सिर्फ वर्तमान पर ध्यान दो। -गौतम बुद्ध
  • शत्रुओं से बदला लेना चाहिए, न कि शत्रुओं को बदल देना चाहिए। - गौतम बुद्ध
  • क्रोध में हजारों शब्दों को गलत बोलने से अच्छा, मौन वह एक शब्द है जो जीवन में शांति लाता है।
  • अपने विचारों का मालिक बनो, न कि अपने विचारों के गुलाम। - गौतम बुद्ध
  • स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफ़ादारी सबसे बड़ा संबंध है।गौतम बुद्ध
  • घृणा घृणा से नहीं प्रेम से ख़त्म होती है, यह शाश्वत सत्य है। गौतम बुद्ध
  • विवेकी पुरुष विचारों के परिणामों के आधार पर अपने कार्य को निर्णय करता है, और फिर कार्य करता है।-गौतम बुद्ध
  • बुद्धिमान व्यक्ति अपने मन को शांत करता है, जैसे एक झील में पानी को शांत किया जा सकता है, ताकि अन्यत्र मछलियाँ तस्वीरें देख सकें।" - गौतम बुद्ध
  • वहीं जीत है, जो दूसरों को जीतता है।- 
  • किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। -गौतम बुद्ध


Born on Monday: सोमवार को जन्में लोगों कि खूबियां जानकर आप भी हो जायेंगे हैरान, रखें ये नाम

People Born On Monday Traits Monday born people love life

Born on Monday : सोमवार को जन्मे लोगों की सबसे बड़ी खासियत होती है कि वे मेहनती होने के साथ ही जुझारू प्रवृति के होते हैं। इनके स्वामी मून अर्थात चन्द्रमा होता है और चंद्र का स्वाभाव शांत और शीतलता का होता है. इसके  अनुसार ही सोमवार को जन्म लेने वाले लोग शांत मस्तिष्क वाले होते है साथ ही संवेदनशील, दयालु, विनम्र, देखभाल करने वाले और मातृभाषा सहित अद्वितीय व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं. ऐसे लोगों में दृढ़ संकल्प शक्ति होती है। एस्ट्रोलॉजी के अनुसार आप जानते हैं कि चन्द्र पृथ्वी के बहुत निकट होता है और यही कारण है कि सोमवार को पैदा हुए लोग तर्कसंगत रूप से भावनात्मक रूप से व्यवहार करते हैं और ऐसे व्यक्ति लगातार मिजाज प्रदर्शित करते हैं और इसलिए महत्वपूर्ण निर्णय लेना आसान नहीं होता है। प्रसिद्ध ज्योतिष और राशिफल विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर से आप सोमवार को जन्म लेने वाले लोगों के चरित्र, स्वास्थ्य, स्वभाव और बहुत कुछ के बारे में विस्तार से जान सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा  एक अद्भुत ग्रह है जो पृथ्वी के बहुत करीब है इसलिए इसका प्रभाव पृथ्वी पर बहुत प्रमुख है। ऐस्टरोलोजी के अनुसार चंद्रमा मन का स्वामी है. यह ग्रह घरेलू जीवन, पारिवारिक संबंधों और आनुवंशिकी को नियंत्रित करता है। चंद्रमा को सोम देवता के रूप में पूजा जाता है और इसे जीवन के सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.


Born On Tuesday: होते हैं साहसी, जुझारू और जल्दी हार नही मानने वाले

सोमवार को जन्मे बच्चों के नाम 

हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार सोमवार को जन्मे लोगों के नाम अक्सर भगवान शिव से जुड़े होते हैं साथ ही सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है, और ऐसा मान्यता है कि चंद्रमा भगवान शिव का वाहन है। इसलिए, सोमवार को जन्मे लोगों के नाम अक्सर शिव के नामों या चंद्रमा से संबंधित नामों से लिए जाते हैं। हालाँकि किसी बच्चे के नाम रखने के पीछे बहुत सारे फैक्टर होते हैं जैसे कि राशि, नक्षत्र, धर्म, और परिवार की परंपराआदि. 

रविवार को हुआ है जन्म तो आप होंगे: दृढ इच्छा शक्ति के मालिक

सोमवार को  जन्म लेने वाले बच्चों के नामों के लिए कुछ लोकप्रिय नाम निम्न हो सकते हैं. इनके अलावा, सोमवार को जन्मे लोगों के लिए अन्य नाम भी चुने जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति का नाम उसके जन्म के समय के आधार पर भी रखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति सुबह जल्दी पैदा होता है, तो उसे "उदय" या "प्रभात" जैसे नाम दिया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति शाम को पैदा होता है, तो उसे "शाम" या "सौरभ" जैसे नाम दिया जा सकता है।

लड़कों के लिए

  • शिव
  • शंकर
  • चंद्र
  • कार्तिकेय
  • उदय
  • दीप
  • प्रकाश
  • शांत
  • धीरज

लड़कियों के लिए

  • शिवांगी
  • चंद्रिका
  • उषा
  • दीप्ति
  • शीतल
  • शांति
  • प्रज्ञा
  • भावना
  • श्रद्धा

मेहनती के साथ ही जुझारू प्रवृति 

सोमवार को जन्मे लोग बहुत मेहनती होते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी शांति से रहना पसंद नहीं करते और हमेशा खुद को व्यस्त रखना चाहते हैं। ऐसे लोग समय का सदुपयोग करने में काफी सक्रिय होते हैं और अगर ये अच्छी और सक्रिय प्रवृत्ति के स्वामी हों तो ऐसे लोग जीवन में कई कार्यों को सफलतापूर्वक अपने हाथ में लेकर उन्हें अंजाम तक पहुंचा सकते हैं।

उच्च चरित्र के स्वामी 

सोमवार को जन्मे लोगों की यह विशेषता होती है कि ये उच्च चरित्र के होते हैं और ये अपने चरित्र का बहुत ध्यान रखते हैं। हालांकि जातक विपरीत और विपरीत स्वभाव को जीना पसंद करता है। वासना और भोग जैसे विषयों को ये गलत नहीं समझते लेकिन फिर भी इनके लिए उच्च चरित्र हमेशा महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए ये आमतौर पर कोई समझौता पसंद नहीं करते हैं।

धार्मिक/सामाजिक कार्यों में सहभागी

 सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सामान्यतः धार्मिक प्रकृति के होते हैं, धार्मिक कार्यों एवं पूजा-पाठ में इनकी विशेष रुचि होती है. भले ही ये लंबे समय तक पूजा-पाठ में विश्वास नहीं रखते हों, लेकिन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में ये विशेष रुचि दिखाते हैं।

सुख-दुःख में समान भाव 

ऐसा व्यक्ति सुख हो या दुख दोनों ही स्थितियों में समान रहता है और जल्दी विचलित होना पसंद नहीं करता। सुख की स्थिति में भी ये प्राय: अपने को आडम्बर से दूर ही रखते हैं। साथ ही दु:ख या दुर्दशा की स्थिति में भी ये अपना सम्मान नहीं छोड़ते हैं और जल्दबाजी में किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं करते हैं।

स्वास्थ्य और व्यक्तित्व

ऐसे व्यक्तियों का चेहरा आमतौर पर गोल आकार का होता है। ऐसे लोगों को सेहत को लेकर सर्दी या जुकाम को लेकर विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत होगी। ऐसे लोग सर्दी या जुकाम के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं और उन्हें इससे खास परहेज करने की जरूरत होती है। हल्की सर्दी भी उन्हें परेशान करती है और उन्हें सर्दी या जुकाम हो सकता है। इसके साथ ही सोमवार को जन्में जातकों का शरीर वात और कफ से भरपूर होता है इसलिए इन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए।

========

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

उज्जवल निकम: Person in News-Facts in Brief

Ujjwal Nikam persons in news facts in brief

भाजपा ने वकील उज्ज्वल निकम को मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार चुना है।

  • श्री निकम 26/11 हमले के मामले में अभियोजक के रूप में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं, जो देश भर में सबसे बड़े मामलों में से एक था। उज्जवल निकम 26/11 हमले के बाद पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब के मुकदमे में सरकारी वकील थे।

मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र

महाराष्ट्र में स्थित मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और 20 मई, 2024 को मतदान होगा।

  • उज्जवल निकम ने अपना करियर जलगांव में जिला अभियोजक के रूप में शुरू किया। 30 साल के करियर में, उन्होंने 628 आजीवन कारावास और 37 मृत्युदंड की सजा दिलवाने मे सफलता प्राप्त किए हैं।

एक कानूनी करियर के रूप में, उज्ज्वल निकम के पास कई हाई-प्रोफाइल कार्य हैं, जिन्होंने उन्हें जीवन में सुर्खियों में रखा है।

  • 1997 में बॉलीवुड निर्माता और टी सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की हत्या का मामला।
  • भाजपा नेता प्रमोद महाजन की हत्या (2006)।
  • 1993 बम्बई बम विस्फोट

2016 में, उज्ज्वल निकम को भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती कब है? जानिए सही तिथि, पूजन विधि और महत्व


Hanuman Jayanti
: हनुमान जयंती, जिसे हनुमान जन्मोत्सव भी कहा जाता है, चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर मनाई जाती है। इस साल 23/24 अप्रैल, 2024 को यह पर्व पूरे धूम धाम से मनाई जाएगी। धर्मग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार भगवान हनुमान अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं और भगवान श्री राम के प्रबल भक्त हैं। 

भगवान हनुमान का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था और देश भर में लोग हनुमान जन्मोत्सव के रूप में इस दिन को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। आम तौर पर, त्योहार चैत्र माह (अप्रैल-मई) में मनाया जाता है। 

यदि आप भारत भूमि का भ्रमण करें, तो आपको अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीकों से भगवान हनुमान की पूजा करते हुए पाएंगे। यह उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा के रूप में सबसे अधिक मनाया जाता है।

भगवान हनुमान जी व्यक्तित्व कि विशालता और उनके अनगिनत कारनामों ने हमेशा से दुनिया भर के विद्वानों, विचारकों और पौराणिक कथाओं का केंद्र बिन्दु रहा है। 

भगवान हनुमान सबसे प्रसिद्ध देवताओं में से एक हैं और ऐसी मान्यता है कि वह आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। कहा जाता है कि प्रभु हनुमान इस घोर कलयुग मे एक मात्र देवता हैं जो अपने भक्तों के द्वारा कम पूजन पर भी आसानी से उनका कल्याण करते हैं ।

हनुमान जयंती 2024: तिथि और समय

पूर्णिमा तिथि आरंभ - 23 अप्रैल, 2024 - 03:25 पूर्वाह्न

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 24 अप्रैल, 2024 - 05:18 पूर्वाह्न

हनुमान जयंती कैसे मनाएं? 

भगवान हनुमान केसरी और अंजना के पुत्र हैं और उनका जन्म नाम अंजनेय (अंजना का पुत्र) था, लेकिन जीवन भर उन्हें उनके वीरतापूर्ण कार्यों से प्राप्त नामों से संबोधित किया गया था। 

हनुमान जयंती पर सभी भक्तगन प्रभु हनुमान को पूजन करते हैं और उनकी प्रसन्नता के लिए हम भगवान हनुमान के शुभ जन्म की पूजा करते हैं। इस दिन विभिन्न प्रकार के भक्ति कार्यक्रम आयोजन कि जाती है साथ ही प्रभु हनुमान की दिव्यता की पूजा करने के साथ ही उनकी बचपन की लीलाओं, वीरतापूर्ण कृत्यों को याद किया जाता है। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान हनुमान अपने गुरु रामचंद्र के चरण कमलों के प्रति काफी समर्पित रहते हैं और इसलिए प्रभु राम को प्रसन्न करके भी लोग भगवान हनुमान को खुश और प्रसन्न करने के लिए मंदिरों और घरों मे पूजन आयोजित करते हैं। भगवान हनुमान की पूजा करने के दो तरीके हैं; पारंपरिक पूजा और हनुमान के गुणों का ध्यान।  

ऐसी मान्यता है कि भगवान इस लोक मे तब तक  तक गुप्त रूप से पृथ्वी पर रहेंगे जब तक भगवान राम का नाम गाया जाएगा , महिमामंडित और स्मरण और पूजा किया जाएगा।

हनुमान जयंती 2024: अनुष्ठान

  • सबसे पहले भक्तगन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें जो कि किसी भी पूजन के आरंभ के लिए प्राथमिक शर्त होती है ।
  •  पूजन स्थल पर या किसी भी पवित्र जगह पर भगवान हनुमान की मूर्ति रखें और देसी घी का दीया जलाएं।
  •  उसके उपरांत भगवान हनुमान के मूर्ति पर लाल फूल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का जाप करें।
  •  हनुमान मंदिर जाएं और भगवान हनुमान को चोला चढ़ाएं जिसमें - चमेली का तेल, वस्त्र और सिन्दूर शामिल हों।
  • ज्यादातर लोग घर में सुंदर कांड का पाठ कराते हैं।
  •  इस शुभ दिन पर रामायण का पाठ करना भी लाभकारी होता है।


75 वेटलैंड बर्ड्स सैंक्चुअरी : रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि जुड़ीं, पाएं विस्तृत जानकारी


Wetlands Birds Sanctuaries Ramsar List

एक और जहाँ देश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष  मना रहा है ऐसे में भारत के लिए  और  उपलब्धि हासिल हुई है जहाँ 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं। 11 नए स्‍थलों में तमिलनाडु में चार (4), ओडिशा में तीन (3), जम्मू और कश्मीर में दो (2) और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र प्रत्‍येक में एक (1) शामिल हैं। 

भारत में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश में 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं।

11 नए स्‍थलों में तमिलनाडु में चार (4), ओडिशा में तीन (3), जम्मू और कश्मीर में दो (2) और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र प्रत्‍येक में एक (1) शामिल हैं। इन स्थलों को नामित करने से इन आर्द्रभूमियों के संरक्षण और प्रबंधन तथा इनके संसाधनों के कौशलपूर्ण रूप से उपयोग करने में सहायता मिलेगी।

1971 में ईरान के रामसर में रामसर संधि पत्र पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी, 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए। 1982 से 2013 के दौरान, रामसर स्‍थलों की सूची में कुल 26 स्‍थलों को जोड़ा गया, हालांकि, इस दौरान 2014 से 2022 तक, देश ने रामसर स्थलों की सूची में 49 नई आर्द्रभूमि जोड़ी हैं।

इस वर्ष (2022) के दौरान ही कुल 28 स्थलों को रामसर स्थल घोषित किया गया है। रामसर प्रमाण पत्र में अंकित स्‍थल की तिथि के आधार पर इस वर्ष (2022) के लिए 19 स्‍थल और पिछले वर्ष (2021) के लिए 14 स्‍थल हैं।

तमिलनाडु में अधिकतम संख्या है। रामसर स्थलों की संख्या (14), इसके पश्‍चात उत्‍तर प्रदेश में रामसर के 10 स्थल हैं। 

रामसर स्थलों के रूप में नामित 11 आर्द्रभूमियों का संक्षिप्त विवरण
आद्रभूमि का नाम-राज्‍य
  1. तंपारा झील-ओडिशा
  2. हीराकुंड जलाशय-ओडिशा
  3. अंशुपा झील-ओडिशा
  4. यशवंत सागर-मध्‍य प्रदेश
  5. चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्य-तमिलनाडु
  6. सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स-तमिलनाडु
  7. वडुवूर पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु
  8. कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु
  9. ठाणे क्रीक-महाराष्‍ट्र
  10. हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व-जम्‍मू और कश्‍मीर
  11. शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व-जम्‍मू और कश्‍मीर

 

कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु: Facts in Brief


Kanjirankulam Bird Sanctuary: कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु में सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है जो रामनाथपुरम जिले के कांजीरनकुलम गांव के भीतर स्थित है। केबीएस का अनुमानित क्षेत्र कीला (निचला) कांजीरनकुलम (66.66 हेक्टेयर) और मेला (ऊपरी) कांजीरनकुलम (30.231 हेक्टेयर) के बीच विभाजित है।  तमिलनाडु में  कुल सत्रह घोषित पक्षी अभयारण्य हैं हालांकि कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य सर्दियों के दौरान करीब 40 प्रजातियों के पक्षियों को आकर्षित करता है। यह मछलियों के भोजन, अंडे देने की जगह, नर्सरी और/या प्रवास पथ का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिस पर आर्द्रभूमि के भीतर या अन्य जगहों पर मछली का भंडार निर्भर करता है।
 बरसात के मौसम में बांधों के भीतर जमा होने वाला अतिरिक्त पानी बाद में कृषि कार्यों में उपयोग किया जाता है। अभयारण्य एक कुशल बाढ़ नियंत्रण, बाढ़ भंडारण तंत्र के लिए भंडार स्थान के रूप में कार्य करता है। 
भारत के तमिलनाडु के मुदुकुलथुर रामनाथपुरम जिले के पास कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य 1989 में घोषित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह कई प्रवासी बगुले प्रजातियों के लिए घोंसले बनाने के स्‍थल के रूप में प्रसिद्ध है यहां बगुले बबूल के पेड़ों पर प्रवास करते हैं। 

प्रवासी जलपक्षियों की प्रजनन आबादी अक्टूबर और फरवरी के बीच यहां आती है और इसमें चित्रित सारस, सफेद आइबिस, ब्लैक आइबिस, लिटिल एग्रेट, ग्रेट एग्रेट शामिल हैं। यह स्‍थल आईबीए के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां स्पॉट-बिल पेलिकन पेलेकैनस फिलिपेन्सिस नस्लों उपस्थिति दर्ज की गई है। 

आर्द्रभूमि समृद्ध जैव विविधता प्रदर्शित करती है जिसमें स्पॉट-बिल पेलिकन, ओरिएंटल डार्टर, ओरिएंटल व्हाइट आईबिस और पेंटेड स्टॉर्क जैसी कई विश्व स्तर पर निकट-खतरे वाली प्रजातियां शामिल हैं और आमतौर पर किनारे और पानी के भीतर रहने वाले पक्षी जैसे ग्रीनशंक, प्लोवर, स्टिल्ट और मधुमक्खी खाने वाली बुलबुल, कोयल, स्टारलिंग, बारबेट्स जैसे वन पक्षी भी शामिल हैं। 

ये स्‍थल पक्षियों के प्रजनन, घोंसले के शिकार, आश्रय, चारागाह और ठहरने के स्‍थलों के रूप में कार्य करते हैं। यह आर्द्रभूमि आईयूसीएन रेडलिस्ट विलुप्‍त होने की कगार पर एवियन प्रजातियों जैसे स्टर्ना ऑरेंटिया (रिवर टर्न) का पालन करती है।

शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व (जम्मू कश्मीर) जहाँ है चार लाख से अधिक पक्षियों का आश्रय : Facts in Brief

Shallbugh Wetland Conservation Reserve Facts in Brief

Shallbugh Wetland Conservation Reserve: शालबुग वन्यजीव संरक्षण/वेटलैंड रिजर्व, झेलम नदी बेसिन के भीतर आने वाले बहुत महत्वपूर्ण वेटलैंड संरक्षण रिजर्व में से एक है। शल्लाबुग वेटलैंड संरक्षण रिजर्व जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश श्रीनगर जिले में स्थित है। यह कश्मीर हिमालय का एक महत्वपूर्ण जलीय पारिस्थितिकी तंत्र है और 1675 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करता है।

क्या होता है वेटलैंड या आर्द्रभूमि?

वेटलैंड या आर्द्रभूमि वास्तव में ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ पर्यावरण और संबंधित पौधे व पशु जीवन को नियंत्रित करने वाला प्राथमिक कारक क्षेत्र में उपलब्ध जल को माना जाता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि वेटलैंड या आर्द्रभूमि ऐसे क्षेत्र होते हैं जहाँ पानी की मात्रा इतनी अधिक होती है कि यह मिट्टी को संतृप्त कर देती है या इसे उथले पानी से ढक देती है.आर्द्रभूमि स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच संक्रमणकालीन भूमि होती है जहाँ जल आमतौर पर सतह पर होता है या भूमि उथले पानी से ढकी होती है।

इसी के अंतर्गत आता है जो शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर  जिले में स्थित है। आर्द्रभूमि के बड़े क्षेत्र सितंबर और मार्च के बीच सूख जाते हैं। इस क्षेत्र में फ्राग्माइट्स कम्युनिस और टायफा अंगुस्ताता के बड़े स्‍तर पर रीडबेड हैं, और खुले पानी पर निम्फिया कैंडिडा और एन स्टेलाटा की समृद्ध वृद्धि है। 

  • यह कम से कम 21 प्रजातियों के चार लाख से अधिक स्‍थानिक और प्रवासी पक्षियों के आश्रय के रूप में कार्य करता है। 
  • वेटलैंड की औसत ऊंचाई 1580 मीटर एएमएसएल है।
  • यह कम से कम 21 प्रजातियों के चार लाख से अधिक निवासी और प्रवासी पक्षियों के निवास स्थान के रूप में कार्य करता है।
  •   यह कश्मीर हिमालय का एक महत्वपूर्ण जलीय पारिस्थितिकी तंत्र है और 1675 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करता है।

वर्ल्ड वेटलैंड्स डे: महत्व, रामसर साइटों की संख्या और जाने अन्य खास बातें

शालबुग वेटलैंड प्राकृतिक नियंत्रण, सुधार या बाढ़ की रोकथाम में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, यह आर्द्रभूमि या डाउनस्ट्रीम संरक्षण महत्व के अन्य क्षेत्रों के लिए मौसमी जल प्रतिधारण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

75 वेटलैंड बर्ड्स सैंक्चुअरी :  रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि जुड़ीं, पाएं विस्तृत जानकारी 

आर्द्रभूमि जलाशयों के फिर से भरने के लिए महत्वपूर्ण है। यह एक प्रमुख प्राकृतिक बाढ़ क्षेत्र प्रणाली के रूप में भी कार्य करती है। 

शालबुग वेटलैंड अत्‍याधिक पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करती है, इनमें मछली और फाइबर, जल आपूर्ति, जल शोधन, जलवायु विनियमन, बाढ़ विनियमन, मनोरंजन के अवसर शामिल हैं। 

मन की बात: मिलिए इन हीरो से जिनका चर्चा प्रधानमंत्री ने किया ऐतिहासिक प्रस्तुति में

आर्द्रभूमि जलपक्षियों की कई प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल के रूप में भी कार्य करती है।

वेटलैंड्स से होने वाले लाभ क्या हैं? 
जल संरक्षण: वेटलैंड्स पानी को अवशोषित और संग्रहीत करते हैं, जिससे बाढ़ और सूखे को कम करने में मदद मिलती है.
जल शोधन:वेटलैंड्स पानी को प्रदूषण से मुक्त करते हैं, जिससे पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है.
जैव विविधता का संरक्षण: वेटलैंड्स कई प्रजातियों के पौधों और जानवरों का घर हैं, जिनमें कुछ प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे में हैं.

मनोरंजन: वेटलैंड्स लोगों के लिए मनोरंजन और शिक्षा के लिए एक लोकप्रिय स्थान हैं.

Difference Between Micro and Macro-Facs in Brief

Difference Between Micro and Macro-Facs in Brief

माइक्रो और मैक्रो दो उपसर्ग हैं जिनका उपयोग आमतौर पर विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और जीव विज्ञान में, विश्लेषण या पैमाने के विभिन्न स्तरों को दर्शाने के लिए किया जाता है। यहां सूक्ष्म और स्थूल के बीच अंतर का विवरण दिया गया है:

Micro:

माइक्रो उपसर्ग को संदर्भित करता है जिसका अर्थ है "छोटा" या "व्यक्तिगत।"

अर्थशास्त्र में, सूक्ष्मअर्थशास्त्र उपभोक्ताओं, फर्मों और बाजारों जैसे व्यक्तिगत अभिनेताओं के व्यवहार से संबंधित है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि ये व्यक्तिगत इकाइयाँ संसाधन आवंटन, उत्पादन, उपभोग और मूल्य निर्धारण के संबंध में निर्णय कैसे लेती हैं।

समाजशास्त्र में, सूक्ष्म-स्तरीय विश्लेषण व्यक्तियों या छोटे समूहों के बीच छोटे पैमाने पर बातचीत पर केंद्रित है। यह व्यक्तिगत या पारस्परिक स्तर पर सामाजिक प्रक्रियाओं की जाँच करता है।

जीव विज्ञान में, सूक्ष्मजीव बैक्टीरिया, वायरस और कवक जैसे छोटे जीव होते हैं जो नग्न आंखों से देखने के लिए बहुत छोटे होते हैं।

Macro:

मैक्रो उपसर्ग को संदर्भित करता है जिसका अर्थ है "बड़ा" या "समग्र"।

अर्थशास्त्र में, मैक्रोइकॉनॉमिक्स संपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के व्यवहार का अध्ययन करता है। यह राष्ट्रीय आय, रोजगार, मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास जैसे समग्र आर्थिक चर को देखता है। मैक्रोइकॉनॉमिस्ट अर्थव्यवस्थाओं के समग्र प्रदर्शन और इसे प्रभावित करने वाले कारकों, जैसे राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों का विश्लेषण करते हैं।

समाजशास्त्र में, मैक्रो-स्तरीय विश्लेषण व्यापक सामाजिक स्तर पर सामाजिक संरचनाओं, संस्थानों और प्रणालियों की जांच करता है। यह सामाजिक असमानता, वैश्वीकरण और सांस्कृतिक मानदंडों जैसी घटनाओं की पड़ताल करता है जो पूरे समाज या आबादी को प्रभावित करते हैं।

जीव विज्ञान में, मैक्रोऑर्गेनिज्म नग्न आंखों से दिखाई देने वाले बड़े जीव हैं, जैसे पौधे, जानवर और मनुष्य।

Daily News Current Affairs: 02 April 2024

  


पी.शिवम द्वारा 

1. यूनेस्को ने ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क में 18 साइटें जोड़ीं, जिससे 48 देशों में जियोपार्क की कुल संख्या 213 हो गई। नए जियोपार्क ब्राजील, चीन, क्रोएशिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, ग्रीस, हंगरी, पोलैंड, पुर्तगाल और में स्थित हैं। स्पेन.

यूनेस्को : इसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन कहा जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक विशेष एजेंसी है।

इसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से शांति का निर्माण करना है।

ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क: यह एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय एसोसिएशन है जिसे आधिकारिक तौर पर 2014 में फ्रांसीसी कानून के अधीन स्थापित किया गया था। यह यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क के संचालन के लिए यूनेस्को का आधिकारिक भागीदार है।

2. आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र पवन दावुलुरी को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज और सरफेस का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है।

3. निधि सक्सेना को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया।

4. ओडिशा दिवस या उत्कल दिवस 1 अप्रैल को मनाया जाता है। उत्कल दिवस 1 अप्रैल, 1936 को ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार और उड़ीसा प्रांतों से अलग होने के कारण ओडिशा की स्थापना का जश्न मनाया जाता है।

5. भारतीय रिजर्व बैंक के 90 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया.

आरबीआई के बारे में तथ्य:

स्थापना – 1 अप्रैल 1935 (एसएससी जीडी 2023 में पूछे गए प्रश्न)

मुख्यालय – मुंबई (एमपी पुलिस 2017 में पूछे गए प्रश्न)

अध्यक्ष – शक्तिकांत दास (25वें)

राष्ट्रीयकरण – 1 जनवरी 1949 (दिल्ली पुलिस 2020 में पूछे गए प्रश्न)

6. मथुरा की प्रसिद्ध सांझी शिल्प को भारत सरकार द्वारा जीआई टैग दिया गया। सांझी शिल्प में कृष्ण कथा से एक आकृति बनाना और चित्रित करना, कागज या केले के पत्ते पर छोटी, महीन, अनुकूलित कैंची का उपयोग करके एक स्टैंसिल काटना शामिल है। फिर चित्र बनाने के लिए स्टेंसिल का उपयोग किया जाता है।

Point Of View : भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा से मिली पहचान पर अब भ्रष्टाचार के आरोप का संकट

Arvind Kejriwal AAP Crisis

Point Of View: अरविंद केजरीवाल तब अक्सर कहा करते थे कि वे भारत कि राजनीति मे कुछ नया करने आए हैं। और इसमे संदेह भी नहीं है कि उन्होंने भारतीय राजनीति मे एक नए प्रयोग का जन्म दिया। यह केजरीवाल के सोच और  स्ट्रैटिजी का हीं नतीजा था  जिसके कारण  यह संभव हुआ कि भारतीय राजनीति मे जहां कितनी क्षेत्रीय पार्टियां  सिर्फ एक राज्य मे शासन करते हुए रह गई, केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी को दिल्ली से बाहर पंजाब मे शासन मे लाए और राष्ट्रीय दल का तमगा भी हासिल करवाने मे सफलता पाई। 

दल के जरूरत और भविष्य को लेकर अरविन्द केजरीवाल ने तब कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) भ्रष्टाचार से ग्रस्त भारतीय राजनीति के खिलाफ 'हमारे' संघर्ष का परिणाम है और इसे उन्होंने साबित भी किया। 

जैसा कि हम सभी जानते हैं, नवंबर 2012 में, अरविंद केजरीवाल,जो सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान सुर्खियों में रहे थे - ने एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने का फैसला किया  और आज वही आम आदमी पार्टी  राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल कर चुकी है और विपक्षी गठबंधन का एक प्रमुख घटक है। 

हालांकि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है. उल्लेखनीय है कि केजरीवाल से पहले पार्टी के दो वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है

हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीतिक साजिश करार दिया है। गिरफ़्तारी के बाद विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के नेताओं जैसे राहुल गांधी, अखिलेश सिंह सहित अन्य नेताओं ने केजरीवाल  कि गिरफ़्तारी का विरोध करते हैं इसे सत्तारूढ़ भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। 

केजरीवाल की गिरफ्तारी का समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ हफ्ते पहले हो रहा है। य हालांकि इतना तो तय  है कि अरविन्द केजरीवाल कि गिरफ़्तारी  आगामी लोक सभा चुनाव मे  एक प्रमुख फैक्टर बन सकता है।

सबसे ज्यादा यह आम आदमी पार्टी के लिए काफी यहां है क्योंकि केजरीवाल के नहीं होने से पार्टी के लोक सभा चुनाव मे उसके प्रदर्शन पर बुरा असर  पड़ेगा। जाहीर है कि I.N.D.I.A. गठबंधन को भी इसका खामियाजा भुगतना पद सकता हैं क्योंकि केजरीवाल इस गठबंधन के सबसे प्रभावशाली चेहरों मे से एक हैं। 

होली 2024/25/26: तिथि, होलिका दहन, होलाष्टक और भी बहुत कुछ

holi date holashtak holika dahan facts in brief

होली 2024 तिथि (25 मार्च 2024): होली 2024, वह दिन जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, 25 मार्च 2024 को मनाया जाएगा। होली जो आमतौर पर हिंदी पंचांग के अनुसार फाल्गुन/चैत्र में मनाई जाती है, हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक त्योहार है। होली एक ऐसा अवसर है जो सभी लोगों के लिए अद्वितीय संदेश देता है और इसे बिना किसी बाधा के अमीर या गरीब के साथ मनाया जाता है और सभी पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। होली उत्सव पूरी तरह से होलिका दहन और होलाष्टक सहित महत्वपूर्ण भाग से जुड़ा हुआ है जो हर साल होली के उत्सव के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, हिंदी माह फाल्गुन की शुरुआत के साथ ही वातावरण में होली की खुशबू शुरू हो जाती है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। होली ज्यादातर जगहों पर दो दिन मनाई जाती है, जिसके तहत पहले दिन होलिका दहन होता है और उसके बाद होली का त्योहार विधिवत मनाया जाता है।

होली 2024:

  • होलिका दहन: 24 मार्च 2024, शनिवार
  • होलाष्टक: 17 मार्च 2024, शनिवार से शुरू होकर 24 मार्च 2024, शनिवार तक
  • धुलंडी: 25 मार्च 2024, रविवार
होली तिथि: जाने आने वाले अगले साल मे कब मनाई जाएगी 
2024 25 मार्च सोमवार होली
2025 14 मार्च शुक्रवार होली
2026 3 मार्च मंगलवार होली

होलाष्टक:

कहा जाता है कि सामान्य तौर पर होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है, यानी इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. यदि आप होलाष्टक के बंधन को तोड़ते हैं, तो यह 'होली' और 'अष्टक' के रूप में ध्वनि करेगा, जो आठ दिनों का प्रतीक है, होलाष्टक शुभ प्रयासों के लिए अशुभ मानी जाने वाली अवधि को चिह्नित करता है। इन दिनों के दौरान होली के एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान, होलिका दहन की तैयारी शुरू होती है।

पंचांग के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश या अन्य कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।

  • होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होता है और पूर्णिमा तक रहता है।
  • इस अवधि को अशुभ माना जाता है।
  • इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
  • लोग इस अवधि में धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं और दान करते हैं।

होलिका दहन-

होलिका दहन होली के उत्सव का महत्वपूर्ण घटक है जो होली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है।

होलिका दहन के दिन आमतौर पर घर की महिलाएं पूजा सामग्री लेकर परंपरा के अनुसार शाम को होने वाले होलिका दहन में अर्पित करती हैं। महिलाएं होलिका दहन स्थल की परिक्रमा करती हैं और प्रसाद चढ़ाकर पूजा करती हैं।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त:

भद्रा पूंछा: 24 मार्च 2024, 6:31 PM से 7:59 PM तक

भद्रा मुख: 24 मार्च 2024, 7:59 PM से 9:27 PM तक

होलिका दहन का समय: 9:27 PM के बाद 

होलिका दहन की विधि:

होलिका दहन के लिए एक स्थान पर लकड़ी और अन्य पदार्थों का ढेर बनाया जाता है।

ढेर के ऊपर होलिका रखी जाती है।

पूजा-अर्चना के बाद, ढेर को आग लगाई जाती है।

लोग होलिका दहन के आसपास नाचते-गाते हैं और रंगों से खेलते हैं।

होलिका दहन का महत्व:

  • होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • यह बुराई, नकारात्मकता और अंधकार को दूर करने का त्योहार है।
  • यह वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है।

=======

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।



Born In March: मार्च में जन्मे लोगों की ये हैं दिलचस्प विशेषताएं -आत्मविश्वास से भरपूर, महत्वाकांक्षी, परिवार के प्रति गहरा स्नेह और आशावादी

born in march know traits love career health facts in brief

Born in March: मार्च महीने में जन्मे लोगों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ऐसे लोग  विश्वसनीय, उदार होने के साथ ही मोटिवेशनल होते हैं। हालांकि यह भी सच है कि जन्म महीने के अलावा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व और विशेषताओं को निर्धारित करने में कई कारक भूमिका निभाते हैं, जैसे कि जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थानऔर ग्रहों कि स्थिति।
 मार्च में जन्मे जन्मे लोग काफी मिलनसार प्रवृति के होते हैं और हर काम को बेहतर और अनुठे तरह से करना पसंद करते हैं । मार्च में जन्मे लोगों के लिए उनका व्यक्तित्व बहुत खास होता है और वे हर जगह स्पेशल दिखना चाहते हैं और अपना प्रभाव भी डालते हैं.मार्च में पैदा लोगों का व्यक्तित्व ऐसा होता है  कि  वे पूरे समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ अपने भविष्य को आकार देना पसंद करते हैं । 
ऐसे व्यक्तित्व आमतौर पर उत्कृष्ट दृष्टि, कलात्मक कौशल और चिंतित और उदार स्वभाव के होते हैं। इन लोगों में कुछ खास विशेषताएं होती हैं जो इनका मार्गदर्शन करती हैं और इनके चरित्र और व्यक्तित्व को कुछ खास बनाती हैं जो इन्हें बाकी भीड़ से अलग करती हैं।

सकारात्मकता और अन्य विशेष गुण होने के कारण ऐसे लोगों में विश्वसनीयता होती है और प्रामाणिकता इनका प्लस पॉइंट होता है और ये लोग ऐसे विश्वसनीय व्यक्तित्व वाले होते हैं जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं।

यहां जानिए मार्च में जन्मे लोगों के सर्वोत्तम लक्षण...

मार्च मे जन्मे लोगों का व्यक्तित्व:

मार्च मे जन्मे लोगों के व्यक्तित्व का अगर मूल्यांकन करेंगे तो पाएंगे कि ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरपूर: होने के साथ हीं महत्वाकांक्षी और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। 
आत्मविश्वास से भरपूर: मार्च में जन्मे लोग आमतौर पर आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं  अपने जीवन के महत्व को समझते हैं। उनके लिए यह जीवन बहुत खास और विशिष्ट है और इसे सार्थक करने कि लिए कोई भी कदम उठाने से नहीं हिचकते हैं। सच तो यह है कि ऐसे लोग जीवन में सफलता और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित होते हैं।
महत्वाकांक्षी: इन लोगों में महत्वाकांक्षा कूट-कूट कर भरी होती है और उसे हासिल करने के लिए हर प्रकार कि जोखिम उठाने के लिए तैयार रहते हैं। जीवन मे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वो किसी से भी संधि कर सकते हैंऔर वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने से नहीं हिचकिचाते।
स्वतंत्र: मार्च में जन्मे लोग स्वतंत्रता प्रिय होते हैं  और प्रायः वे हस्तक्षेप पसंद नहीं करते हैं। लेकिन नेचर के अनुसार वे अपनी मर्जी से जीवन जीना पसंद करते हैं।
सहानुभूतिपूर्ण: इन लोगों में दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा की भावना होती है और वे दूसरों के दुखों से व्यथित होते हैं । दया और करुणा कि भावना उनके अंदर काफी होती है और यही कारण है कि दूसरों के दुखों से सहानुभूति रखने मे ये सबसे आगे रहते हैं। 
मिलनसार: मार्च में जन्मे लोग मिलनसार और सामाजिक प्राणी होते हैं  और वे परिवार के प्रति अपने जिम्मेदारियों को खूब समझते हैं । परिवार कि ऐसे लोग धुरी के  तरह होते हैं और परिवार को लेकर चलने मे विश्वास करते हैं। इसके अतिरिक्त स्वभाव के अनुआर और उन्हें नए लोगों से मिलना और उनसे बातचीत करना पसंद होता है।

स्वभाव से अत्यधिक आशावादी

मार्च महीने में जन्मे लोग अपने जीवन में अत्यधिक आशावादी रहते हैं और किसी भी इच्छा या लक्ष्य के प्रति आसानी से उम्मीद नहीं छोड़ते। यहां तक कि उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इसके लिए अपने प्रयास जारी रखे। हालाँकि, ऐसे लोग किसी विशेष लक्ष्य के प्रति आशा खो देने पर स्थायी रूप से रास्ता छोड़ सकते हैं। वे मौजूदा परिस्थितियों के खिलाफ विद्रोह करने में संकोच नहीं करते हैं यदि उन्हें लगता है कि यह बेकार है और तर्कसंगत नहीं है। लेकिन ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी लक्ष्य के प्रति आसानी से और अचानक से उम्मीद नहीं खोते।

समाज और सामाजिक मूल्यों के लिए महान सम्मान

मार्च में जन्मे लोग सामाजिक मूल्यों और संस्कृति के प्रति बहुत आदर और सम्मान प्रदर्शित करते हैं। वे अपने आसपास प्रचलित कला, संस्कृति और सभी परंपराओं का सम्मान करते हैं। वे नियम और कानून का भी सम्मान करते हैं और हमेशा सामाजिक रूप से स्वीकार्य तरीके से काम करते हैं।

अपने परिवार के प्रति गहरा स्नेह

मार्च में जन्मे व्यक्तियों का अपने परिवार के प्रति गहरा लगाव होता है और वे परिवार का केंद्र बन जाते हैं। परिवार में कई विरोधाभासों और अलग-अलग दृष्टिकोण के बावजूद, वे अपने जादुई और अद्वितीय व्यक्तित्व के साथ परिवार पर शासन करते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी अपनी बात जल्दबाज़ी या जल्दबाज़ी में नहीं रखते। वे किसी भी चर्चा में अपनी बात रखने से पहले परिवार के अन्य सदस्यों या अन्य व्यक्तियों की बात पहले सुनते हैं।

इतिहास एवं गूढ़ विषय में रुचि

मार्च माह में जन्में व्यक्ति इतिहास और ऐतिहासिक सभ्यता में गहरी रुचि दिखाते हैं। इन्हें गुप्त विद्या के बारे में पढ़ने और अध्ययन करने में रुचि होती है। ज्योतिष, अंकज्योतिष और प्राचीन इतिहास विषयों सहित गुप्त विज्ञान उन्हें आकर्षित करता है और वे ऐसे विषयों को करियर के रूप में चुन सकते हैं।

कम प्रभावी प्रयास के साथ ऊंचे सपने

ऐसे व्यक्ति बड़े सपने लेकर जीते हैं और आम तौर पर उन्हें वही हासिल भी होता है। हालाँकि, वे अपने सपनों के लिए प्रयासों में अनिच्छा की प्रकृति से पीड़ित हैं। वे किसी भी लक्ष्य को तभी हासिल कर सकते हैं जब वे अपने प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता दिखाएंगे। ऐसे व्यक्ति शारीरिक फिटनेस के बजाय मानसिक समस्याओं से अधिक पीड़ित होते हैं। वे हमेशा अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध न होने की प्रकृति प्रदर्शित करते हैं जिससे उनके प्रयासों में बाधा आती है। यदि ऐसे व्यक्ति अपने ऐसे नकारात्मक स्वभाव पर नियंत्रण पाने में सफल हो जाते हैं, तो वे अपने जीवन में हर कठिन लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

=====

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।