Point Of View: मलाला यूसुफजई सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि शिक्षा और हिम्मत की मिसाल हैं जिसने पाकिस्तान के तालिबानी कट्टरपंथियों को ललकार कर अपने मिशन को आगे बढ़ाया। उनका जीवन और संघर्ष हमें यह बताता है कि अगर इरादे पक्के हों, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। अपने जुनून के बदौलत मलाल ने 2014 में, मात्र 17 साल की उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार मिला, जिससे वे सबसे कम उम्र की नोबेल विजेता बन गईं।मलाला यूसुफजई एक पाकिस्तानी शिक्षाविद और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता हैं। उनका जन्म 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान के स्वात घाटी में हुआ।
मलाला का पिता, जिसका नाम जियाद यूसुफजई है, एक स्कूल का प्रधानाध्यापक थे और उन्होंने हमेशा से अपनी बेटी की शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया। मालाला अपने पिता की प्रेरणा से जीवनभर शिक्षा के महत्व को समझने लगीं।
2012 में, जब मलाला केवल 15 वर्षीय थीं, तब उन्हें अपने लेखों के माध्यम से लड़ाई स्तंभ के रूप में जाना जाने लगा। वह पाकिस्तानी तालिबान के शिक्षा पर प्रतिबंध के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अपनी आवाज बुलंद करने लगीं। मलाला के द्वारा लिखे गए लेखों में वह लड़कियों के अधिकारों की बहुतायत से चर्चा करतीं थीं और उन्होंने बच्चों की शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।
2012 के अक्टूबर में, मलाला को एक बस में जाते हुए तालिबानी लोगों द्वारा गोली मारी गई। इस हमले में उनकी गंभीर घायली हो गई, लेकिन वे बच गईं। मलाला की इस हमले के बाद विश्व भर में उनके समर्थन में आवाज बुलंद हुई और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया। यह उन्हें सबसे युवा व्यक्ति बनाता है जिसे नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- मलाला का जन्म 12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान के स्वात घाटी में हुआ।
- उनके पिता ज़ियाउद्दीन यूसुफजई खुद एक शिक्षक और शिक्षा के समर्थक थे।
- उनकी आत्मकथा "I Am Malala" दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
- उन्होंने "मलाला फंड" नामक संस्था बनाई, जो दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा के लिए काम कर रही है।
- 2014 में, मात्र 17 साल की उम्र में, मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार मिला, जिससे वे सबसे कम उम्र की नोबेल विजेता बन गईं।
मलाला यूसुफजई आज भी मानवाधिकारों की प्रचार-प्रसार करती हैं और बाल-श्रम और बाल-विवाह के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय रहती हैं। उन्होंने एक मानवाधिकार संगठन "मलाला फंड" की स्थापना की है, जो गरीबी से पीड़ित बच्चों की शिक्षा को संचालित करने का प्रयास करता है।
यहां कुछ महत्वपूर्ण कोट्स ऑफ़ मलाला यूसुफजई हैं:
"एक किताब, एक कलम, एक बच्चा और एक उसकी शिक्षा में चंद स्लेट, यही है हमारी मुसीबतों की आस्था और साथी।" -मलाला यूसुफजई
("One child, one teacher, one book, and one pen can change the world.")
"हम शिक्षा की ताकत से नहीं डरते हैं, बल्की उसकी आवश्यकता से डरते हैं।" -मलाला यूसुफजई
("We are not afraid of the power of education, but rather the need for it.")
"जब आप शिक्षा को इजाज़त देते हैं, आप उजाले को समर्थन देते हैं।"
-मलाला यूसुफजई
("When you give education the permission to exist, you give support to the light.")
"हमारी लड़ाई शिक्षा की लड़ाई है, और हमें इसमें गिरावट नहीं होने देनी चाहिए।" -मलाला यूसुफजई
("Our fight is a fight for education, and we must not allow setbacks in this.")
"शिक्षा एक बुराई से बचाव कर सकती है। शिक्षा एक बंदूक से ज़्यादा ताकतवर है।" -मलाला यूसुफजई
("Education can save us from evil. Education is mightier than a gun.")
"मैं नहीं चाहती कि मुझे इसलिए याद किया जाए कि मुझ पर हमला हुआ था, बल्कि मुझे इसलिए याद किया जाए कि मैं अपनी आवाज़ बदलने के लिए खड़ी हुई थी।" -मलाला यूसुफजई
("I don't want to be remembered because I was shot, but because I stood up to change my voice.")
"जब आपके शब्द और आपकी आवाज़ मिल जाती है, तब आप दुनिया को बदलने की शक्ति प्राप्त करते हैं।"-मलाला यूसुफजई
("When your words and your voice come together, you gain the power to change the world.")
मलाला यूसुफजई ने अपने समर्पण और साहस के माध्यम से दुनिया भर में शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है। उनके इन कोट्स ने दुनिया को प्रेरित किया है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।