मज़ार्ग्यूज़ युद्ध समाधि स्थल यूरोप में शांति के लिए लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान का इतिहास को खूबसूरती से सँजोये हुए है। मज़ार्ग्यूज़ युद्ध समाधि स्थल दोनों देशों के लोगों के बीच उन गहरे संबंधों का स्मरण कराता है जो भारत और फ्रांस संबंधों को विकसित करते रहे हैं। मज़ार्ग्यूज़ युद्ध समाधि स्थल स्थल यूरोप में शांति के लिए लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान के इतिहास को संरक्षित करता है।
- मज़ार्ग्यूज़ युद्ध समाधि स्थल, बुचेस-डु-रोन विभाग का मुख्य शहर है। मार्सिलेस एक दक्षिणी उपनगर (9वां अरोन्डिसमेंट) है, जो मार्सिले के केंद्र से लगभग 6 किलोमीटर दूर है।
- 1914-18 के युद्ध के दौरान फ्रांस में भारतीय सैनिकों का बेस मार्सिले था और पूरे युद्ध के दौरान रॉयल नेवी, मर्चेंट नेवी, ब्रिटिश सैनिक और लेबर यूनिट बंदरगाह में काम करते थे या इससे होकर गुजरते थे।
- शहर के चार कब्रिस्तानों का इस्तेमाल मुख्य रूप से मार्सिले में मारे गए राष्ट्रमंडल बलों के अधिकारियों और सैनिकों को दफनाने के लिए किया गया था।
- शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित सेंट पियरे समाधि स्थल में 1914-16 में हिंदू सैनिकों और मजदूरों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया था।
- ले कैनेट ओल्ड कब्रिस्तान और ले कैनेट न्यू कब्रिस्तान, उत्तर की ओर स्थित हैं, जो 1917-19 में भारतीय सैनिकों और भारतीय, मिस्र और चीनी मजदूरों को दफनाने के स्थान थे।
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