केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन मित्र/पर्यटन दीदी के नाम से एक राष्ट्रीय जिम्मेदार पर्यटन पहल शुरू की थी। इस पहल के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय का लक्ष्य गंतव्यों में पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है, ताकि उन्हें 'पर्यटक-अनुकूल' लोगों से मिलवाया जा सके। साथ ही ये ऐसे लोग और व्यक्ति हैं जो उस गंतव्य पर गर्व करने वाले राजदूत और कहानीकार हैं।
प्रारंभ मे यह पहल पूरे भारत के 6 पर्यटन स्थलों - ओरछा (मध्य प्रदेश), गांदीकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार), आइजोल (मिजोरम), जोधपुर (राजस्थान) और श्री विजया पुरम (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) में शुरू की गई थी।
इस पहल के माध्यम से, पर्यटन मंत्रालय का लक्ष्य गंतव्यों में पर्यटकों के लिए समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है, ताकि उन्हें 'पर्यटक-अनुकूल' लोगों से मिलवाया जा सके जो उस गंतव्य पर गर्व करने वाले राजदूत और कहानीकार हैं। यह उन सभी लोगों को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करके किया जा रहा है जो किसी गंतव्य पर पर्यटकों के साथ बातचीत करते हैं और जुड़ाव रखते हैं।
'अतिथि देवो भव' से प्रेरित होने वालों में कैब ड्राइवर, ऑटो चालक, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, बस स्टेशन के कर्मचारी, होटल कर्मचारी, रेस्तरां कर्मचारी, होमस्टे मालिक, टूर गाइड, पुलिस कर्मी, सड़क विक्रेता, दुकानदार, छात्र और कई अन्य लोग शामिल थे, जिन्हें पर्यटन के महत्व, सामान्य स्वच्छता, सुरक्षा, स्थिरता और पर्यटकों को आतिथ्य और देखभाल के उच्चतम मानक प्रदान करने के महत्व पर प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान की गई।
इस वर्ष 15 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरूआत के बाद से, इस पहल के अंतर्गत 3,500 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
विश्व पर्यटन दिवस 2024 पर, पर्यटन मंत्रालय ने देश के 50 पर्यटन स्थलों पर पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी का विस्तार किया। (श्रोत-पीआईबी )
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