भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाने वाला बाल दिवस विशेष महत्व रखता है जिसे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों के प्रति उनके स्नेह और प्रेम को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस साल अर्थात 2024 मे मनाए जाने वाले बाल दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि यह देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 135वीं जयंती है।
पंडित नेहरू को बच्चों से लगाव सर्वविदित है और यही कारण है कि बच्चे उन्हें "चाचा नेहरू" के नाम से पुकारते थे। प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं, और उनके अच्छे भविष्य के लिए शिक्षा और अच्छे संस्कार बेहद जरूरी हैं।
प्यार से "चाचा नेहरू" के नाम से मशहूर पंडित नेहरू का मानना था कि एक राष्ट्र की प्रगति के लिए एक पूर्ण बचपन महत्वपूर्ण है। वह कहा करते थे कि " बच्चे आज के भारत का भविष्य हैं। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही हमारे देश का कल निर्धारित करेगा।"
बच्चों कि प्रति उनकी प्रेम, समर्पण और जुनून ने उन्हें 1964 में बाल दिवस की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया, यह दिन भारत के भविष्य को आकार देने वाले युवा दिमागों का जश्न मनाने के लिए समर्पित था।
बच्चों कि मासूमियत और उत्सुकता को समझना आसान नहीं होता और इसे विश्वास करना बिल्कुल असंभव सा प्रतीत होता है कि पंडित नेहरू अपने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद वह बच्चों कि मासूमियत और उत्सुकता के कायल थे। वह कहा करते थे- "हम वास्तविकता में तब तक इंसान नहीं बन सकते जब तक हममें बच्चों जैसी मासूमियत और उत्सुकता न हो।" उनका कहना था कि "हर छोटा बच्चा एक फूल की तरह है, उसकी सुगंध और मासूमियत का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।"
बच्चों को शिक्षित करने और उनके लिए शिक्षा का पर्याप्त प्रयास करने में पंडित नेहरू ने कोई कसर नहीं छोड़ा और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए वह सदा समर्पित रहे। वह कहा करते थे-"शिक्षा वह माध्यम है जिससे एक बच्चा न केवल ज्ञान प्राप्त करता है, बल्कि वह खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होता है।"
अगर आप विभिन्न बाल दिवस कार्यक्रमों की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको भाषण देने के लिए अगर आप आमंत्रित हैं तो यहां पंडित नेहरू के कुछ प्रेरणादायक विचार दिए गए हैं जो आपके लिए विशेष रूप से सहायता देंगे :
- "बच्चे आज के भारत का भविष्य हैं। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही हमारे देश का कल निर्धारित करेगा।"
- "बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं।"
- "बच्चों को देश के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानना चाहिए।"
- "हम वास्तविकता में तब तक इंसान नहीं बन सकते जब तक हममें बच्चों जैसी मासूमियत और उत्सुकता न हो।"
- "मुझे बच्चों से बहुत प्यार है। वे मुझे देश का भविष्य लगते हैं।"
- "जिंदगी को अपने मासूम नजरिए से देखने के लिए बच्चों से बेहतर कोई तरीका नहीं है। उनके चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है।"
- "बच्चे हमारे जीवन में रंग लाते हैं।"
- "हर छोटा बच्चा एक फूल की तरह है, उसकी सुगंध और मासूमियत का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।"
- "बच्चों को स्वतंत्रता से सोचने और सीखने का मौका देना चाहिए।"
- "शिक्षा वह माध्यम है जिससे एक बच्चा न केवल ज्ञान प्राप्त करता है, बल्कि वह खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होता है।"
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