Point Of View @पैरेंटिंग टिप्स: प्रशंसा करें, यह आपके बच्चों के आत्मविश्वास और आत्म-बोध को बढ़ाती है

Parent tips Najariya jine ka Praise increases Confidence

पैरेंटिंग टिप्स
: आप अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छे पेरन्ट बनना चाहते हैं तो उनके साथ फ़्रेंडली होने के साथ हीं उनके एफर्ट और गुड वर्क को प्रोत्साहन और प्रशंसा करना सीखें, याद रखें, आपके प्रोत्साहन और प्रशंसा के शब्दों मे वह ताकत हैं जिनकी मदद से आपके बच्चे सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने कि कोशिश करते रहने के साथ आशावादी होने की अधिक संभावना रखते हैं।

आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक 
बच्चों की परवरिश में प्रशंसा का बहुत बड़ा महत्व है। बच्चों को सच्ची और ईमानदार प्रशंसा की ज़रूरत होती है। जब वे कुछ अच्छा करें या कुछ नया सीखें, तभी उनकी प्रशंसा करें। इससे वे जान पाएंगे कि उनकी मेहनत और प्रयास की सराहना हो रही है।एक ऐसा वातावरण बनाएँ जहाँ बच्चा सुरक्षित और खुश महसूस करे। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करेगा।

कुछ बच्चों, खासकर जो दूसरों की तुलना में कम आत्मविश्वासी होते हैं, उन्हें दूसरों की तुलना में ज़्यादा प्रोत्साहन की ज़रूरत होती है। जब प्रशंसा प्रयास पर केंद्रित होती है, तो बच्चे कड़ी मेहनत को अपने आप में अच्छा मानते हैं। 

सकारात्मक तरीके से करें प्रयास   

विश्वास करें, प्रशंसा आपके बच्चे के आत्मविश्वास और आत्म-बोध को बढ़ाती है। प्रशंसा का उपयोग करके, आप अपने बच्चे को दिखा रहे हैं कि खुद के बारे में सकारात्मक तरीके से कैसे सोचना और बात करना है। आप अपने बच्चे को यह सीखने में मदद कर रहे हैं कि जब वे अच्छा करते हैं तो उन्हें कैसे पहचानना है और खुद पर गर्व महसूस करना है।

तुलना से बचे

बच्चों के अंदर मानसिक रूप से क्या चल रहा है इसकी समझ भी पैरेंट को पता होना जरूरी है खासकर तब जब बच्चे किसी कुंठा या किसी दूसरे अपने सहपाठी से किए गए तुलना से परेशान होते हैं। याद रखें, बच्चों कि किसी अन्य बच्चे के साथ कि गई अनावश्यक तुलना उनको मानसिक रूप से अधिक परेशान कर सकती है।

फ़्रेंडली बनकर उसे प्रोत्साहित करें 

इसके लिए जरूरी है कि आप फ़्रेंडली बनकर उसे प्रोत्साहित करें कि नेक्स्ट टाइम वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। यह बात और है कि वह प्रदर्शन हम पैरेंट कि ही जिम्मेदारी है लेकिन उसमें आप चुनौतीपूर्ण और सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशंसा और प्रोत्साहन का उपयोग कर सकते हैं।

परिवर्तनों को नजरंदाज नहीं करें

बच्चे के अंदर चल रहे छोटे बदलावों और परिवर्तनों को नजरंदाज नहीं करें और हमेशा उन पर ध्यान दें। उसके द्वारा किए गए किसी भी प्रयास या सुधार की प्रशंसा करें भले हीं वह छोटी से सफलता हो या लघु उपलब्धि हो, बजाय इसके कि जब तक आपका बच्चा कुछ बढ़िया न कर ले, तब तक प्रतीक्षा करें।

खूबियों की प्रशंसा करें

अपने बच्चे की खूबियों की प्रशंसा करें और अपने बच्चे को उसकी खुद की रुचियों के बारे में उत्साहित महसूस करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे आपके बच्चे में गर्व और आत्मविश्वास की भावना विकसित करने में मदद मिलेगी।

स्वतंत्रता दें

 बच्चों को अपने निर्णय खुद लेने का मौका दें इससे उनके अंदर निर्णय लेने कि भावना विकसित होगी। इसके साथ ही उनमें  जिम्मेदारी और परिणाम पर विचार करने का स्कोप मिलेगा। एक पैरेंट होने के नाते यह जरूरी है कि उनके फैसलों की इज्जत करें और उसका विश्लेषण कर उसे उनसे प्रभाव को बताएं क्योंकि इससे उनका आत्म-बोध बढ़ेगा और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।



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