चराईदेव मैदाम महान: यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल

 Moidams of Charaideo Ahom dynasty in UNESCO


चराईदेव मैदाम को सांस्कृतिक श्रेणी में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। ये प्रतिष्ठित सम्मान अहोम राजवंश के समृद्ध इतिहास की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करती है।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “चराईदेव मैदाम महान अहोम राजाओं की वीरता और अदम्य भावना का प्रतीक हैं, जो असमिया समुदाय के स्वाभिमान और सांस्कृतिक गौरव के अनूठे प्रतीक के रूप में खड़े हैं। ये एक सुखद समाचार है कि चराईदेव मैदाम को सांस्कृतिक श्रेणी में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। ये प्रतिष्ठित सम्मान अहोम राजवंश के समृद्ध इतिहास की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करती है। मैं विश्व मंच पर ताई अहोम के जीवंत इतिहास को प्रदर्शित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

ये बताना महत्वपूर्ण है कि असम के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान श्री सोनोवाल ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2020 में श्री सोनोवाल ने चराईदेव में राज्य सरकार की पहल "मी-डैम-मी-फी" के आयोजन का नेतृत्व किया। श्री सोनोवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को चराईदेव के महत्व के बारे में बताने की पहल की और उनसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मान्यता को बढ़ाने का आग्रह किया। श्री सोनोवाल के नेतृत्व में चराईदेव मैदाम को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने के लिए असम सरकार के संबंधित मंत्रियों के साथ कई समीक्षा बैठकें की गईं।

फरवरी 2017 में श्री सोनोवाल ने पूर्वांचल ताई साहित्य सभा के चराईदेव सत्र में भाग लिया, जहां उन्होंने चराईदेव क्षेत्र में एक सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की घोषणा की और 5 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट देने की प्रतिबद्धता जताई। इस प्रतिबद्धता को उस वर्ष के बजट में आवंटन के साथ पूरा किया गया। अगले वर्ष पुरातत्व विभाग के अंतर्गत विश्व धरोहर स्थल के लिए 25 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया, उस समय केशव महंत संबंधित मंत्री थे।

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