Exit Poll 2024: क्या होता है एग्जिट पोल और क्या होती है इसकी प्रामाणिकता क्या है?


एग्जिट पोल एक प्रकार का सर्वेक्षण है जो मतदान या चुनाव के अंतिम फेज कि समाप्ति के बाद किया जाता है। वास्तव मे एग्जिट पोल मतदाताओं के मतदान केंद्रों से बाहर निकलने के तुरंत बाद उनके साथ किया जाने वाले सर्वेक्षण जिसका उद्देश्य चुनाव के परिणाम की भविष्यवाणी करना, मतदाता व्यवहार को समझना और मतदाताओं पर जनसांख्यिकीय डेटा एकत्र करना है।

एग्जिट पोल उद्देश्य: 

जाहिर है कि एग्जिट पोल का मुख्य उद्देश्य चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करना हीं होता है जो कि आधिकारिक परिणामों की घोषणा से कई घंटे पहले, रुझानों के बारे में एक प्रारंभिक संकेत देते हैं। 

एग्जिट पोल के अंतर्गत संबंधित एजेंसियाँ मतदाता व्यवहार को समझकर वे इस बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं कि लोगों ने जिस तरह से मतदान किया, उसमें प्रमुख मुद्दों और उम्मीदवार वरीयताओं पर उनकी राय शामिल है। 

मतदान पैटर्न का विश्लेषण करने के लिए मतदाता मतदाताओं की जनसांख्यिकी, जैसे आयु, लिंग, जाति और सामाजिक आर्थिक स्थिति पर डेटा एकत्र करते हैं। इसके साथ ही मतदाताओं की पसंद, जनसांख्यिकीय जानकारी और राय पर प्रश्न पूछते  हैं। 

डेटा संग्रह एग्जिट पोल के लिए सबसे जरूरी कम्पोनेन्ट होता है जो  प्रशिक्षित साक्षात्कारकर्ता प्रतिभागियों द्वारा यादृच्छिक नमूनाकरण विधियों का उपयोग करके चयनित मतदान केंद्रों पर मतदाताओं से संपर्क करते हैं। इसके बाद प्राप्त डेटा का विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषित किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह व्यापक मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

एग्जिट पोल की प्रामाणिकता

एग्जिट पोल कि प्रामाणिकता हमेशा से चर्चा का विषय रहा है क्योंकि अगर भारत के संदर्भ मे चुनाव परिणामों को देखी जाए तो कुछ एग्जिट पोल सटीकता मे वास्तविक परिणामों के काफी करीब होते हैं। लेकिन अधिकांश एग्जिट पोल के परिणाम वास्तविक परिणामों से काफी दूर भी होते हैं। 

प्रामाणिकता को प्रभावित करने वाले कारक:

नमूना सटीकता: 

चयनित मतदान केंद्रों की प्रतिनिधित्व क्षमता और मतदाता चयन प्रक्रिया की यादृच्छिकता सटीक परिणामों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्रतिक्रिया दर:

 उच्च प्रतिक्रिया दर सटीकता में सुधार करती है। यदि कुछ प्रकार के मतदाताओं के भाग लेने की संभावना कम है, तो कम प्रतिक्रिया दर पूर्वाग्रह ला सकती है।

प्रश्नावली डिजाइन: 

एक्सपर्ट द्वारा  तैयार किए गए प्रश्नावली भी काफी महत्वपूर्ण होते हैं जो मतदाताओं से पूछे जाते हैं। प्रश्नों कि सटीकता और क्लेरिटी भी जरूरी होती है क्योंकि सत्य प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए स्पष्ट, निष्पक्ष प्रश्न हीं बेहतर परिणाम देने वाले होते हैं। 

भार और समायोजन: 

ज्ञात पूर्वाग्रहों और मतदान पैटर्न के लिए डेटा को समायोजित करने के लिए उचित सांख्यिकीय विधियों का उपयोग किया जाना चाहिए।

समयबद्धता और डेटा हैंडलिंग:

 परिणामों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए तेज़ और सटीक डेटा संग्रह और प्रसंस्करण आवश्यक है।

प्रामाणिकता के लिए चुनौतियाँ:

मतदाताओं का गैर-प्रतिक्रिया पूर्वाग्रह होना :

 यदि मतदाताओं के कुछ समूहों द्वारा प्रतिक्रिया देने की संभावना कम है, या वे किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं  तो परिणाम विषम हो सकते हैं। ऐसी स्थिति मे एग्जिट पोल के परिणाम, वास्तविक परिणामों से काफी अलग हो सकते हैं। 

सामाजिक वांछनीयता पूर्वाग्रह: 

मतदाता हमेशा सत्य उत्तर नहीं दे सकते हैं, खासकर यदि उन्हें लगता है कि उनके विकल्पों को सामाजिक रूप से कलंकित किया जाता है। ऐसी स्थिति मे प्रतिनिधि का यह कर्तव्य है कि वह वास्तविकता कि करीब तक जाने कि कोशिश करें और मतदाताओं से यथार्थ जानने का प्रयत्न करें। 

मतदान विसंगतियाँ: 

एग्जिट पोल को अपने मॉडल को सही ढंग से समायोजित करने के लिए मतदाता मतदान का सटीक अनुमान लगाना चाहिए। गलत अनुमान लगाने से गलत भविष्यवाणियाँ हो सकती हैं।

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