महाशिवरात्रि का इतिहास क्या है?
हिंदू पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि कई कारणों से महत्व रखती है। एक मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था, और यह त्योहार उनके दिव्य मिलन का जश्न मनाने के लिए हर साल मनाया जाता है। साथ ही यह शिव और शक्ति के मिलन का भी प्रतीक है।
शिवरात्रि मनाने का क्या कारण है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार फाल्गुन या माघ महीने के कृष्ण पक्ष के चौदहवें दिन मनाया जाता है। यह त्योहार शिव और पार्वती के विवाह और उस अवसर की याद दिलाता है जब शिव अपना दिव्य नृत्य करते हैं, जिसे तांडव कहा जाता है।
साल में कितनी बार शिवरात्रि आती है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल 2 बार महाशिवरात्रि मनाया जाता है। पहली महाशिवरात्रि फाल्गुन माह में कृष्ण चुतर्दशी तिथि को मनाई जाती है और दूसरी सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।
महाशिवरात्रि के व्रत में शाम को क्या खाते हैं?
उपवास में ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है. महाशिवरात्रि के व्रत में काजू, किशमिश, बादाम, मखाना आदि खा सकते हैं. महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान आप साबूदाना की खिचड़ी, लड्डू, हलवा खा सकते हैं.
शिवरात्रि की पूजा में क्या क्या सामान लगता है?
महाशिवरात्रि की पूजा सामग्री (Mahashivratri Puja Samagri)
- बेलपत्र
- गंगाजल
- दूध
- शिवलिंग: पत्थर, धातु या मिट्टी का
- गंगाजल:
- दूध:
- दही:
- घी:
- शहद:
- फल:
- फूल:
- बेलपत्र:
- धतूरा:
- भांग:
- चंदन:
- दीप:
- अगरबत्ती:
- नारियल:
- पान:
- सुपारी:
- कपूर:
- लौंग:
- इलायची
पूजन विधि:
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़कें।
- शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चंदन आदि से स्नान कराएं।
- शिवलिंग पर दीप जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- शिव चालीसा का पाठ करें।
- भगवान शिव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
- आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।
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