मकर संक्रांति क्यों मनाते हैं? जानें महत्त्व, मनाने की विधि और क्या है इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण?

Makar sankranti 2024 Significance date how to celebrate

मकर संक्रांति एक हिन्दी हिन्दू पर्व है जो हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार नई शुरुआत, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।

इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मानना है। जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है. नए साल का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांति होता है. मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है. वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. 

इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मानना है। मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे मकर संक्रांति, मकर संक्रांति, उत्तरायण, खिचड़ी, तिल संक्रांति आदि।

मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे मकर संक्रांति, मकर संक्रांति, उत्तरायण, खिचड़ी, तिल संक्रांति आदि। हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति। आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्‍कर उत्‍तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है। 

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति? 

यह पर्व हिन्दू पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय होता है, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात का समय कम होता है। इससे बर्फीली सर्दीयों में गर्मी और ऊँची रातों का अंत होता है, जिससे लोगों में खुशी और उत्साह की भावना होती है।

मकर संक्रांति के दिन लोग तिल, गुड़, खीर, मूंगफली, रेवड़ी, खिचड़ी आदि का त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे को बधाईयां देते हैं। इस दिन लोग मकर स्नान करने, दान करने और मन्दिरों में पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व देते हैं। इसे भारत भर में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और यह समृद्धि, खुशी, और उत्साह का प्रतीक माना जाता है।

यह पर्व हिन्दू पंचांग (हिन्दू कैलेंडर) के अनुसार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश का समय होता है, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात का समय कम होता है। इससे बर्फीली सर्दीयों में गर्मी और ऊँची रातों का अंत होता है, जिससे लोगों में खुशी और उत्साह की भावना होती है।

कैसे मनाते हैं मकर संक्रांति?

मकर संक्रांति के दिन लोग तिल, गुड़, खीर, मूंगफली, रेवड़ी, खिचड़ी आदि का त्योहार मनाते हैं और एक दूसरे को बधाईयां देते हैं। इस दिन लोग मकर स्नान करने, दान करने और मन्दिरों में पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व देते हैं। इसे भारत भर में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और यह समृद्धि, खुशी, और उत्साह का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति को मनाने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ धार्मिक और कुछ वैज्ञानिक हैं।

धार्मिक कारण

मकर संक्रांति को सूर्य देवता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। सूर्य देवता को हिंदू धर्म में जीवनदाता माना जाता है। इसलिए, उनकी पूजा करने से नई शुरुआत, समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है।

मकर संक्रांति को उत्तरायण की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। उत्तरायण काल को शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इस काल में दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं।

वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इसलिए, इस दिन को नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति के दिन मौसम में बदलाव होता है। इस दिन से ठंड का मौसम खत्म हो जाता है और वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इसलिए, इस दिन को नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति के परंपरागत आयोजन

मकर संक्रांति के दिन कई तरह के परंपरागत आयोजन होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख आयोजन हैं:

स्नान: मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य प्राप्त होता है।

सूर्य पूजा: मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की पूजा करने का भी विशेष महत्व है। सूर्य देवता को अमृत कलश, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित किए जाते हैं।

पतंग उड़ाना: मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना एक लोकप्रिय परंपरा है। पतंग उड़ाने से खुशहाली और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

खिचड़ी: मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का भी विशेष महत्व है। खिचड़ी को शुभ और मंगलकारी माना जाता है।


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