saavan 2024: जाने भगवान शिव ने प्रमुख अवतारों के बारे में; Facts in Brief

Lord Shankar Avtaar Shivpuran

हिन्दू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है  जो देवों के देव महादेव की पूजा के लिए पूरी तरह से समर्पित होता है। हिन्दू देवताओं में भगवान शिव को सर्वोच्च भगवान माना जाता है भगवान सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवी-देवताओं में से भी एक है. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार यह मान्यता है कि सावन के पावन महीने में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने और उनके निमित्त व्रत रखने से वे अपने सभी भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का भी भक्तों को आशीर्वाद मिलता है। 

शिव के 19 अवतार

 शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है निम्नलिखित में कुछ महत्वपूर्ण शिव अवतारों के बारे में जानकारी दी गई है.  हिंदू पंचांग के अनुसार, शिव पुराण एक प्रमुख हिंदू पुराण है, जो भगवान शिव के महत्वपूर्ण कथाओं, अवतारों और उपास्य रूपों के बारे में विस्तृत ज्ञान प्रदान करता है। शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है निम्नलिखित में कुछ महत्वपूर्ण शिव अवतारों के बारे में जानकारी दी गई है :शिव के इन 19 अवतारों ने सभी प्राणियों को कष्टों से मुक्त किया है और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान की है. वे सभी भक्तों के लिए पूजनीय हैं और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करते हैं.

 हिन्दू पञ्चाङ्गे और अन्य स्रोतों के अनुसार भगवान शिव के प्रमुख अवतार हैं-वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि । 

शिव के 19 अवतारों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है. इनमें से कुछ प्रमुख अवतार हैं:

विश्वरूप अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विष और अमृत पीने वाले देवता-असुरों के सामने अपनी विश्वरूप दिखाई थी। इससे उन्होंने अपने भक्तों को प्रेरित किया और दुर्योधन के पक्ष से द्रोणाचार्य को मदद करने का भी वादा किया था।

भैरव अवतार: भगवान शिव के इस अवतार में उन्होंने अश्वत्थामा के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भैरव रूप धारण किया था। उन्होंने अश्वत्थामा को प्रतिज्ञा की थी कि उन्हें उसके श्राप से मुक्ति मिलेगी।

दक्षिणामूर्ति अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने गुरुपूर्वक ज्ञान को प्रदान किया था। उन्होंने चारों दिशाओं के देवताओं को ज्ञान दिया था और संसार की माया और अविद्या का नाश करने की महत्वपूर्ण उपदेश दिया था।

महाकाल: महाकाल भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध अवतार है. वे काल का देवता हैं और मृत्यु के अधिपति हैं. वे सभी प्राणियों के अंत के जिम्मेदार हैं.

अर्धनारीश्वर अवतार: इस अवतार में भगवान शिव और पार्वती के सम्मिलित रूप में व्यक्त होते हैं, जो प्रकृति और पुरुष के सम्मिलन को प्रतिष्ठित करता है। इस रूप में उन्हें सृष्टि, स्थिति और संहार का सार्वभौमिक अधिकार होता है।

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तारक: तारा भगवान शिव का एक अन्य प्रसिद्ध अवतार है. वे तारा देवी के अवतार हैं, जो एक शक्तिशाली देवी हैं जो सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति देती हैं.

भुवनेश: भुवनेश भगवान शिव का एक अवतार है जो समस्त ब्रह्मांड का स्वामी है. वे सभी प्राणियों के संरक्षक हैं और उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से बचाते हैं.

षोडश: षोडश भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के ज्ञान और शक्ति का भंडार है. वे सभी भक्तों को ज्ञान और शक्ति प्रदान करते हैं.

गौरीशंकर अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने भक्ता पार्वती के साथ गौरीशंकर के रूप में जन्म लिया था। यह अवतार पर्वतीश्वरी देवी के श्रद्धावान भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए धारण किया गया था।

कालभैरव अवतार: इस अवतार में भगवान शिव ने कालभैरव रूप धारण किया था और दक्ष यज्ञ का विनाश किया था। उन्होंने देवी सती के दुख को दूर करने के लिए अपना शक्तिशाली रूप प्रदर्शित किया था।

धूम्रवान: धूम्रवान भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के रोगों और बीमारियों को दूर करने वाला है. वे सभी भक्तों को रोगों और बीमारियों से मुक्त करते हैं.

बगलामुख: बगलामुख भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के शत्रुओं और विरोधियों को हराने वाला है. वे सभी भक्तों को शत्रुओं और विरोधियों से मुक्त करते हैं.

मातंग: मातंग भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के सुख और समृद्धि का भंडार है. वे सभी भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं.

कमल: कमल भगवान शिव का एक अवतार है जो सभी प्रकार के ज्ञान और मोक्ष का मार्गदर्शक है. वे सभी भक्तों को ज्ञान और मोक्ष प्रदान करते हैं.

यह केवल कुछ शिव पुराण में वर्णित अवतार हैं, लेकिन इस पुराण में भगवान शिव के अन्य अवतारों का भी वर्णन है। शिव पुराण के अलावा भी अन्य हिंदू पुराणों में भगवान शिव के विभिन्न अवतारों का वर्णन मिलता है।

शिव के अनेक अंशावतार भी हुए

शिव के अंश ऋषि दुर्वासा, महेश, वृषभ, पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनर्तक, द्विज, अश्वत्थामा, किरात, नतेश्वर आदि जन्मे. इन अंशावतार का उल्लेख ‘शिव पुराण’ में भी मिलता है.

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने पेशेवर सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।




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