Sawan Somwar 2023: देवों के देव भगवन शंकर की स्तुति और पूजन के लिए सबसे पवित्र महीना सावन या श्रावण को माना जाता है जिसका आरंभ 4 जुलाई से होने जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2023 में सावन दो माह का होने वाला है क्योंकि सावन की शुरुआत 4 जुलाई से हो रही है इसलिए समापन 31 अगस्त को होगा। वैसे तो सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अलग ही महत्व है लेकिन इस महीने में सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना का अलग महत्त्व होता है। सावन मास के सोमवार को "सावन सोमवार" या "सावन के सोमवार व्रत" के रूप में जाना जाता है। सावन मास व्रतों को सभी सोमवारों पर मनाने की परंपरा है, लेकिन सावन मास के पहले सोमवार को विशेष महत्व दिया जाता है।
हालाँकि सोमवार के व्रत की अलग-अलग विधि होती है और इसमें जगह विशेष के अनुसार परिवर्तन भी संभव है. हालाँकि ससमान्यता: सावन सोमवार व्रत की विधि निम्नलिखित प्रकार से की जाती है:
- प्रातःकाल में स्नान करें। इससे पूर्व शुद्धि के लिए सभी आवश्यकताएं पूरी कर लें।
- सौंधी समय के अनुसार सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, धातू या फूल चढ़ा सकते हैं।
- शिवजी के नाम का जाप करें और मंत्रों का पाठ करें, जैसे- 'ॐ नमः शिवाय' और 'महामृत्युंजय मंत्र'।
- शिवलिंग के चारों तरफ जल चढ़ाएं और अर्चना करें।
- पूजा में फल, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, और पंचामृत का उपयोग करें।
- शिवजी की कथा, आरती और भजन का पाठ करें।
- भक्ति भाव से पूजा करें और भगवान शिव की कृपा की प्रार्थना करें।
ध्यान दें कि यह सामान्य रूप से अनुशासन पूर्वक रखे जाने वाले नियम हैं, और इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में व्रत मनाने की अपनी अलग-अलग परंपराएं हो सकती हैं।
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