Point Of View: चाणक्य (Chanakya), जिन्हें विशेष रूप से कौटिल्य (Kautilya) और विष्णुगुप्त (Vishnugupta) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे। वे एक ब्राह्मण विचारक, नीति शास्त्रकार, राजनीतिज्ञ, आचार्य, और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता हैं उनका मूल्याङ्कन करना इतना सहज और आसान नहीं है.
चाणक्य दुनिया के सबसे बड़े समाज सुधारकों और विद्वानों में से एक हैं जिन्होंने मगध वंश पर शासन करने वाले मौर्य वंश को स्थापित किया था. वह अक्सर कहा करते थे कि वह दुनिया का वास्तविक राजा देंगे और उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप से इसे साबित भी किया. इतिहास के मुताबिक चंद्रगप्त मौर्य को राजा बनाकर चाणक्य ने सब्से शक्तिशाली मौर्य वंश का स्थापना किया थे जिसने अशोक सहित कई प्रतापी राजा दिया था. चाणक्य के सिद्धांत उन्हें अर्थशास्त्र पुरतक में वर्णित है.
चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चाणक्य एक प्राचीन भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और राजनेता साथ ही वे चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे. चाणक्य को भारत के सबसे महान बुद्धिजीवियों और राजनेताओं में से एक माना जाता है.
चाणक्य का जन्म 370 ईसा पूर्व में भारत के बिहार राज्य के पाटलिपुत्र में हुआ था. उन्होंने तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की और राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन और धर्मशास्त्र के क्षेत्रों में व्यापक ज्ञान प्राप्त किया.
चाणक्य एक कुशल राजनेता भी थे और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को एक शक्तिशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को एक शक्तिशाली राजा बनाने में मदद की और उन्होंने मौर्य साम्राज्य को दक्षिण भारत तक विस्तारित करने में मदद की.
चाणक्य एक महान बुद्धिजीवी और राजनेता थे और उन्होंने भारत के इतिहास पर गहरा प्रभाव डाला. वे आज भी भारत के सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों में से एक हैं.
चाणक्य के विचार आज भी अपनी प्रासंगिकता और महत्वपूर्णता के कारण प्रसिद्ध हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण चाणक्य कोट्स (quotes) हैं:
महत्वपूर्ण कोट्स
- अहंकार एकमात्र शत्रु है, यह व्यक्ति को स्वयं ही नष्ट कर देता है।
- कोई काम शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रशन कीजिये - मै ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या मै सफल होऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन प्रशनो के संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी आगे बढ़िए |
- व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए बाधाओं को विनाश करना चाहिए, न कि बाधाएं अपने उद्देश्य को।
- सबसे बड़ा गुरु मंत्र - अपने राज़ किसी को भी मत बताओ ये तुम्हे ख़त्म कर देगा |
- यदि तुम किसी को नियंत्रित करना चाहते हो, तो उसका ख्याल रखो कि तुम स्वयं नियंत्रित नहीं हो रहे हो।"
- कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिए जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हो, ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी |
- स्व-अनुशासन रखो, दूसरों की बजाय अपनी गलतियों से सीखो।
- आपकी बुद्धि आपकी शक्ति है। यह आपकी सबसे अच्छी दोस्त और नेमिश है।
- जीवन के तीन मंत्र - आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उतर मत दीजिये, दुःख में निर्णय मत लीजिए |
- सेवक को तब परखे जब वह काम न कर रहा हो, रिस्तेदार को किसी कठिनाइ में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में
- जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे अच्छे से उपयोग करो। जो कुछ तुम्हारे पास नहीं है, उसे प्राप्त करने के लिए काम करो।
- जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारे जिंदगी के फैसले कोई और लेता रहेगा
- सत्य, क्षमा, सम्मान, स्वाधीनता, न्याय - ये आदर्श एक समान्य व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं।
- शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखे |
- आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान होता है
- व्यक्ति को हमेशा धीमे आदेश दो, क्योंकि वह उन्हें अच्छी तरह से पालन करेगा।
- निरंतर प्रयास करो और उद्यमिता बरतो। इसे नशा कहो, नहीं तो इसमें नष्ट हो जाओगे।
- मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परन्तु मन से हरा हुआ कभीजीत नहीं सकता | आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेश्ठ पूंजी है |
- अगर शत्रु में भी गुण दिखे तो उन्हें अपना लेना चाहिए |
- मुर्ख लोगो से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है |
- दुर्गुण से चाहने वाला सदैव दुर्गुणों में ही रहता है।
- "एक अच्छे राजा का सबसे बड़ा गुण उसकी बुद्धि है."
- "एक देश की शक्ति उसकी सेना में नहीं, बल्कि उसकी जनता में होती है."
- "एक मजबूत अर्थव्यवस्था एक मजबूत राष्ट्र की नींव है."
- "शिक्षा एक राष्ट्र के विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक है."
- "सच्चाई और न्याय ही एक अच्छे समाज की नींव है."
ये केवल कुछ चाणक्य के प्रसिद्ध कोट्स हैं। उनके कार्य और नीति शास्त्र के विचार अनेकों विषयों पर व्यापक रूप से प्रभावशाली हैं।
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