प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया। नए संसद भवन में देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साम्रगियों और देश की विशिष्ट विविधताओं को भी समाहित किया गया है.
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने नवनिर्मित संसद भवन में पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर मुख करके शीर्ष पर नंदी के साथ सेंगोल को स्थापित किया। उन्होंने दीया भी प्रज्वलित किया और सेंगोल को पुष्प अर्पित किए।
इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज 28 मई, 2023 का ये दिन, ऐसा ही शुभ अवसर है।
नए संसद भवन में देश के अलग-अलग हिस्सों से आये साम्रगियों और देश की विशिष्ट विविधताओं को भी समाहित किया है.
नया संसद भवन: पाएं झलक
- लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है।
- राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है।
- संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है।
- इसमें राजस्थान से लाए गए ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर लगाए गए हैं।
- ये जो लकड़ी का काम वो महाराष्ट्र से आई है।
- यूपी में भदोही के कारीगरों ने इसके लिए अपने हाथ से कालीनों को बुना है।
- इस संसद भवन ने करीब 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का भी काम किया है।
ये सिर्फ एक भवन नहीं है। ये 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। ये विश्व को भारत के दृढ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। ये नया संसद भवन, योजना को यथार्थ से, नीति को निर्माण से, इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से, संकल्प को सिद्धि से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। ये नया भवन, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगा। ये नया भवन, आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। ये नया भवन, विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि होते हुए देखेगा। ये नया भवन, नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का भी आदर्श है।
हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों की जो विविधता है, इस नए भवन ने उन सबको समाहित किया है। एक तरह से, इस भवन के कण-कण में हमें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के दर्शन होंगे।
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