Red Light On Gaadi Off: दिल्ली सरकार ने "रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ" अभियान की फाइल दोबारा एलजी को भेजी

Red Light On Gaadi Off LG Vs Kejriwal

दिल्ली में वाहन प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान को चलाने के लिए उपराज्यपाल के पास फाइल भेजी थी। लेकिन एलजी ने इस अभियान को रोकने के लिए कुछ आपत्ति लगाकर फाइल को वापस भेज दिया। अब सरकार ने उपराज्यपाल की सभी आपत्तियों के उत्तर के साथ फाइल एजजी के पास भेज रहे हैं। सरकार ने कहा है  कि दिल्ली में एक इमरजेंसी सिचुएशन बन रही है। प्रदूषण को रोकने के लिए हर प्रयास करने की जरूरत है और इसलिए वे इस अभियान को चलाने की अनुमति प्रदान करे

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने "रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ" अभियान की फाइल दोबारा एलजी को भेजी है जिसमें एलजी को कई सबूत भेजे हैं।

 दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एलजी तत्काल "रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ" अभियान की अनुमति दें। देश और दुनिया में कई जगह इस तरह का अभियान चलाया गया है। प्रदूषण रोकने के लिए हर स्तर पर पहल करना हम सबकी जिम्मेदारी है। 

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली में वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रीक व्हीकल को बढ़ावा दे रही है। वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट की गहन चेकिंग की जा रही है। साथ ही अगर हम “रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान को भी प्रारम्भ करते हैं तो वाहन प्रदूषण पर इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हमने 2020 में इस अभियान को शुरू किया था। इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन को बनाया गया। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा 2019 में एक अध्ययन किया गया था। जिसके अनुसार रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद न होने के कारण 9 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है।

उन्होंने कहा कि इस अध्ययन के दौरान यह देखा गया कि जागरूकता अभियान से पहले केवल 13.64 फीसदी कार चालकों ने वाहन को रेड लाइट होने पर बंद किया। लेकिन जागरूकता अभियान के दौरान यह 46.45 फीसदी हो गया। इसी तरह दुपहिया वाहन 42.73 फीसदी से बढ़कर 83.72 फीसदी और तिपहिया वाहन 30.49 फीसदी से बढ़कर 81.33 फीसदी हो गए। बसों की संख्या 6.94 फीसदी से 28 फीसदी और ट्रकों की 17.54 फीसदी से 43.02 फीसदी हो गई। इस अभियान के बाद लाल बत्ती पर इंजन बंद करने वाले वाहनों की संख्या पहले की तुलना में अधिक थी। इस अभियान के  समाप्त होने के बाद 33.48 प्रतिशत कार चालकों, 80.12 प्रतिशत दोपहिया, 77.66 प्रतिशत तिपहिया, 20.72 प्रतिशत बसों और 37.43 प्रतिशत ट्रकों ने अपने इंजन बंद कर दिए।

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