भाजपा के साथ अपमानित महसूस करने वाले नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस के साथ कब तक सम्मानित होने की उम्मीद कर सकते हैं।
कभी बड़े भाई का भूमिका निभाने वाले सुशासन बाबू आज छोटे भाई बन गए फिर भी भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में देर नहीं की।अन्यथा उनमें ऐसा कोई सुरखाब का पर तो लगा नहीं है। रही बात विकास पुरुष की तो यह आम बिहार भी जानती है जिसने बड़े भाई से छोटे भाई की भूमिका में सीटों की संख्या का आधार पर कर दिया हैं।
भले हीं उनके पार्टी के बिना आधार वाले नेता लिए कहें की देश उनके भूमिका के लिए इंतजार में है लेकिन यह तो उनका दिल भी जानता है कि प्रधान मंत्री के लिए मोदी के सामने वह अकेले उम्मीदवार नहीं है और न हीं उनके पार्टी की इतनी हैसियत है।
इसमें संदेह नहीं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति रखते हैं लेकिन क्या वह महागठबंधन सरकार में इस पर अडिग रह पाएंगे। याद रहे कि महागठबंधन की सरकार जाने की एक वजह करप्शन भी थी।
No comments:
Post a Comment