भारत और ओमान के बीच आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजफ IV आज महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित हुआ । इस अभ्यास में स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर 'ध्रुव', ड्रोन और नई पीढ़ी की विभिन्न तकनीकों का प्रभावी इस्तेमाल भी शामिल था। दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने संयुक्त रूप से सत्यापन अभ्यास में भाग लिया जिसमें मोबाइल वेहिकल चेक पोस्ट की स्थापना, घेराबंदी और खोजबीन अभियान, हेलीबोर्न इंसर्शन, रूम इंटरवेंशन ड्रिल्स और आतंकवाद-रोधी वातावरण में आईसीवी का प्रभावी इस्तेमाल शामिल थे ।यह प्लाटून स्तर 13 दिनों का सैन्य अभ्यास था जिसका आरम्भ 1 अगस्त 2022 को शुरू हुआ था।
अल नजफ IV: Facts in Brief
- भारतीय दल मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की 18वीं बटालियन से था।
- ओमान की शाही सेना का प्रतिनिधित्व ओमान पैराशूट रेजिमेंट के सुल्तान ने किया था.
- यह सैन्य अभ्यास तीन चरणों में आयोजित किया गया ।
- कॉम्बैट कंडीशनिंग, साझा ड्रिल्स,मोबाइल वेहिकल चेक पोस्ट की स्थापना, घेराबंदी और खोजबीन अभियान, हेलीबोर्न इंसर्शन, रूम इंटरवेंशन ड्रिल्स और आतंकवाद-रोधी वातावरण में आईसीवी का प्रभावी इस्तेमाल शामिल थे
इस अभ्यास का उद्देश्य अंतर-संचालनीयता प्राप्त करना और संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत आतंकवाद-रोधी माहौल में एक दूसरे को संचालन प्रक्रियाओं और युद्ध अभ्यास से परिचित कराना था । दोनों सेनाएं उल्लिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम थीं । भारतीय दल मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की 18वीं बटालियन से था और ओमान की शाही सेना का प्रतिनिधित्व ओमान पैराशूट रेजिमेंट के सुल्तान ने किया था।
यह सैन्य अभ्यास तीन चरणों में आयोजित किया गया । पहला चरण भाग लेने वाली सैन्य टुकड़ियों के लिए हथियार, उपकरण और एक दूसरे के सामरिक अभ्यास के साथ अभिविन्यासित और परिचित होने का था । दूसरे चरण में कॉम्बैट कंडीशनिंग, साझा ड्रिल्स और उन्हें अभ्यास में लाने का था।
अंतिम चरण पहले दो चरणों के दौरान सीखे गए प्रमुख अभ्यासों और अवधारणाओं का 48 घंटे का सत्यापन अभ्यास था । दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने संयुक्त रूप से सत्यापन अभ्यास में भाग लिया जिसमें मोबाइल वेहिकल चेक पोस्ट की स्थापना, घेराबंदी और खोजबीन अभियान, हेलीबोर्न इंसर्शन, रूम इंटरवेंशन ड्रिल्स और आतंकवाद-रोधी वातावरण में आईसीवी का प्रभावी इस्तेमाल शामिल थे । इस अभ्यास में स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर 'ध्रुव', ड्रोन और नई पीढ़ी की विभिन्न तकनीकों का प्रभावी इस्तेमाल भी शामिल था।
कुल मिलाकर यह सैन्य अभ्यास एक शानदार सफलता थी । दोनों सेनाओं ने एक अंतरराष्ट्रीय वातावरण में काउंटर टेररिस्ट, क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति रक्षा अभियानों के संबंध में मूल्यवान युद्ध अनुभव साझा किया । यह दोनों सेनाओं के बीच अंतःक्रियाशीलता सुनिश्चित करने, दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाने में हासिल किया गया एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
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