नजरिया जीने का: गलतियों को दुहराने से बचें, दूसरों की गलतियों से सबक लें


नजरिया जीने का: समस्याओं का होना जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और हम इसे रोक नही सकते। हो सकता है कि आप हर कदम फूंक फूंक कर चलने का अभ्यस्त हैं और गलतियों से परहेज करते करना आपकी आदत का हिस्सा है, फिर भी आप इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकते की जीवन में कुछ नया करने और सीखने के दौरान गलतियों का होना स्वाभाविक है और यह जीवन का हिस्सा हैं। 

लेकिन दोस्तों हमें इस तथ्य को भी याद रखना होगा कि जीवन में गलतियों को रिपीट या दुहराना आत्मघाती कदम है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए।

गलतियाँ करने से अगर आप डरेंगे तो फिर जीवन में कुछ नया करने का जोखिम नही ले पाएंगे जो कदापि उचित नही  कही जा सकती। आखिर जीवन में कुछ नया करने और सोचने वाले महान व्यक्तित्व भी जोखिम लेकर ही जीवन को सार्थक किए हैं। जाहिर है आप भी कुछ नया करने और सोचने के लिए बने हैं फिर सिर्फ इसलिए की गलती नही की जानी चाहिए, आप जीवन में कुछ नया और विशिष्ट करने से कैसे रोक सकते हैं?

जीवन में रिस्क या जोखिम लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि इस दौरान होने वाली गलतियां  आपके लिए सीखने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है, हां इतना हमें ध्यान रखनी होगी की उसे दोहराया न जाए|

महान कूटनीतिक और विद्वान चाणक्य की इस कथन को हमेशा याद रखें " दूसरों द्वारा की जाने वाले गलतियों से सीखने का प्रयास करो क्योंकि अपनी गलतियों sell सीखने में हमारी उम्र छोटी पड़ जायेगी"

वैसे भी अंग्रेजी में एक कहावत है "To Err is human" स्पष्ट है कि गलतियों का नही होना आपकी विद्वता ही सकती है लेकिन कुछ नया करना भी जरूरी है। 

इसलिए जीवन में गलतियों से डरने के नही बल्कि कुछ नया करने पर फोकस करें क्योंकि प्रकृति हम सभी को विशेष गुण और विलक्षण प्रतिभा के साथ उत्पन्न किया  फिर सिर्फ कुछ गलतियों के नहीं करने की जिद के लिए उसे सीमा में बांधने वाले हम कौन होते हैं?

जहाँ तक बात गलतियों की है, आपने उस पुरानी कहावत तो सुनी होती- "गलती भी उसी से होती है, जो कुछ ना कुछ करते है, जो कुछ करेंगे ही नहीं   भला उनसे  किसी  प्रकार की गलती  की अपेक्षा भला कैसे की जा सकती है.... "

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