भारत का एक समृद्ध समुद्री इतिहास रहा है। समुद्री गतिविधियों का सबसे पहले ऋग्वेद में उल्लेख किया गया था और महासागर, समुद्र एवं नदियों के अंतर्संबंधों के संदर्भ भारतीय पुराणों में पाए जा सकते हैं। 7,500 किमी से अधिक की भारत की समुद्री तटरेखा हमारे विशाल महासागर संसाधनों को दर्शाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंद महासागर एकमात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश, अर्थात भारत के नाम पर रखा गया है।
विश्व स्तर पर, "अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तटीय सफाई दिवस" हर वर्ष सितंबर के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस वर्ष 17 सितंबर, 2022 को भारत सरकार अन्य स्वयंसेवी संगठनों और स्थानीय समाज के साथ मिलकर भारत के पूरे समुद्र तट पर "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" पर स्वच्छता अभियान चलाएगी।
इसमें आम आदमी की भागीदारी न केवल तटीय क्षेत्रों बल्कि देश के अन्य हिस्सों की समृद्धि के लिए "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" का संदेश देगी। इस अभियान के माध्यम से जन साधारण के बीच बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन करने का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि कैसे प्लास्टिक का उपयोग हमारे समुद्री जीवन को नष्ट कर रहा है।
इस अभियान में मुख्य रूप से समुद्री अपशिष्ट को कम करने, प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग, स्रोत पर ही पृथक्करण और अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भौतिक और आभासी (वर्चुअल) दोनों तरह से बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी देखी जाएगी।
स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर अभियान
- इस वर्ष का आयोजन देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के साथ भी मेल खाता है; इसके द्वारा देश भर में 75 समुद्र तटों पर तटीय सफाई अभियान चलाया जाएगा।
- यह दुनिया में अपनी तरह का पहला और सबसे लंबे समय तक चलने वाला समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान होगा, जिसमें अधिक से अधिक लोग भाग लेंगे।
- 17 सितंबर, 2022 को "अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस" पर समाप्त होने वाले "स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर" के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कल 03 जुलाई, 2022 से 75 दिनों का लंबा अभियान शुरू किया जाएगा।
- अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एवं 17 सितंबर, 2022 को समुद्र तट की सफाई गतिविधियों हेतु स्वैच्छिक पंजीकरण के उद्देश्य से आम लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप "इको मित्रम" भी शुरू किया गया है।
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