जीवन है तो कठिनाइयों का आना स्वाभाविक प्रक्रिया है और विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो जाने पर भी मन में चिंता, शोक और उदासी उत्पन्न होने को आप रोक नहीं सकते हैं, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी चिंता, शोक और उसी उत्पन्न न होने देने की गुण का होना ही धैर्य है। आप इन परेशानियों में अपना आपा खोकर कुछ हासिल नहीं कर सकते बल्कि उलटे आप दूसरी विपदाओं को ही आमंत्रित करते हैं.
वास्तव में, धैर्य मनुष्य के व्यक्तित्व को ऊंचा उठाने का एक उत्तम गुण है जिसकी बदौलत धैर्यवान व्यक्ति विपत्ति आने पर भी अपना मानसिक संतुलन बनाए रखता है. और इसी खास क्वालिटी के जीवन में आ जाने पर आप इन विषम परिस्थितियों में भी शांतचित्त होकर आप इनसे निकलने का रास्ता निकाल लेते हैं.
जीवन में सफलता के लिए प्रयासों की अहमियत से इंकार नही किया जा सकता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज जबकि जीवन की हर क्षेत्र में इतने कठिन प्रतिस्पर्धा है कि केवल प्रयासों की बदौलत सफलता पाना कुछ कठिन हो जाता है।तो आखिर वह कौन सी फैक्टर है जो आपके प्रयासों और सफलता को साधने में प्रमुख भूमिका निभाती है।
दोस्तों, यह आपका धैर्य है जो सफलता और आपके प्रयासों के बीच प्रमुख भूमिका निभाती हैं...सच तो यह है कि धैर्य ही वह कुंजी है जो आपके प्रयासों और सफलता को कुशलता पूर्वक जोड़ने का काम करती है।
आपने अक्सर ऐसा सुना होगा जब लोग लहरों से जूझ कर किनारे तो आ जाते हैं लेकिन धैर्य के अभाव में किनारे मिलने के पहले डूब जाते हैं. प्रकृति आपके धैर्य का इम्तहान लेती है और इसके लिए यह जरुरी है कि विपरीत परिस्थितियों में धैर्य से काम लें और मिस्टर कूल अर्थात क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के व्यक्तित्व से आप इसमें काफी कुछ सीख सकते हैं.
धैर्य: कोट्स
- धैर्य खोना लड़ाई हारने के समान हैं।- महात्मा गांधी
- एक धैर्यवान व्यक्ति मामूली बातों पर अपना आपा नहीं खोता है। -चाणक्य
- सहनशीलता और धैर्य को किसी की कमजोरी नही समझना चाहिए, ये ताकत के संकेत हैं।-हजरत अली
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