दिल्ली के ऊर्जा मंत्री श्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पूरे देश में कोयले की बहुत भयंकर कमी है। इसका सबसे बड़ा कारण, रेलवे के रैक का कम होना और कोयले की सप्लाई में भारी कमी है। कोयले की इस भारी कमी के कारण देशभर के सभी पावर प्लांट्स में बिजली उत्पादन को लेकर समस्या आ रही है। सत्येंद्र जैन ने पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बिजली को स्टोर नहीं किया जा सकता है, बिजली रोजाना पावर प्लांट में बनाई जाती है। इसलिए बिजली के बैकअप के लिए इसे बनाने वाले ईंधन का बैकअप रखना जरूरी है। इस समय यह ईंधन कोयला है, जिसकी सप्लाई में देशभर में कमी आई हुई है।
राजधानी के कुछ इलाकों में लोगों को बिजली के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए दिल्ली सरकार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं और हरसंभव प्रयास कर रही है। वर्तमान में कोयले की कमी से जूझ रहे इन पॉवर स्टेशन के जरिए दिल्ली में 25% से 30% की बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा हैं। दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है। नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरशन (एनटीपीसी) के दादरी-II और झज्जर (अरावली), दोनों पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे। लेकिन इन पॉवर प्लांट्स में कोयले का बेहद कम स्टॉक बचा है। केंद्र सरकार की ओऱ से वक़्त रहते कदम नहीं उठाया गया तो दिल्ली मेट्रो व अस्पतालों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है।
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