व्यस्तता जरुरी है क्योंकि आज की जीवन में भाग दौड़ और आराम का नहीं होना प्रगति और आगे बढ़ते रहते का पैमाना बना दिया गया है. जो आज जितना व्यस्त है, उसका कल उतना हीं सुरक्षित है. लेकिन क्या, खुद से बात करने के लिए अगर हमारे पास 24 घंटे में 10 मिनट भी नहीं है, तो क्या हम इस जीवन की बदौलत ही आज और कल सुरक्षित रख सकेंगे?
याद रखना दोस्तों... अगर 24 घंटे में 10 मिनट खुद से बात करने के लिए आपके पास नहीं हैं तो तो फिर आप संसार के सबसे सुन्दर व्यक्तित्व से रुबरु होने के मौके को गंवा रहे है....
आप एक बार अपने तमाम व्यस्तता से प्रति दिन 10 मिनट निकल कर खुद के लिए सोच कर तो देखिये...ये 10 मिनट की साइलेंस ये शांति और चुप्पी की महत्ता को आप तब समझेंगे जब एक बार स्थिर रह कर खुद से बात करने का वक्त निकलना शुरू करेंगे...
असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…
-हरिवंश राय बच्चन
उम्र बीत जाती है खुद से बात किये और तब आप खुद से बात करके ही क्या करेंगे जब शरीर पर खुद का नियंत्रण हीं नहीं होगा... तब तो आप खुद से बात करने को मजबूर होंगे...क्योकि तब दुनिया भी आपको आउटडेटेड समझ चुकी होंगी और आप असहाय होकर खुद से बात करने को मजबूर होंगे...
विश्वास करें,,, जिस व्यस्त जीवन में खोकर आप आज खुद के लिए 10 मिनट नहीं निकल पा रहे हैं, इस जीवन की असलियत भी यही है...आखिर हम काटेंगे तो वही न जिसे आज बो रहे है...
आप खुद से बात करना शुरू तो कीजिये...यह आपके न केवल आज बल्कि आपके सुन्दर और सुरक्षित भविष्य के लिए भी जरुरी है... आपके परिवार के उन सदस्यों के सुरक्षित भविष्य के लिए भी जरुरी है जिनके सुख सुविधा के इंतजाम के लिए आज आप व्यस्त होने को जीवन की सफलता का पैरामीटर बना चुके हैं...
नर हो, न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रहकर कुछ नाम करो
-मैथिलीशरण गुप्त
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