कहने की जरुरत नहीं कि बच्चों में मोटापे की समस्या का सबसे बड़ा कारण है अनियमित जीवन शैली और फिटनेस और हेल्थ सम्बंधित उपायों पर रोक का लग जाना।
मार्च 2020 से लॉक डाउन के साथ ही स्कूल बंद हुए जो आज भी जारी है. हाँ, उनमें कुछ बड़े बच्चों के क्लास नियमित अंतराल पर खुले तो लेकिन वह भी कोरोना के खौफ के बीच और वह भी परीक्षा आदि जरुरी कार्यों के लिए. बड़े बच्चे स्कूल जाना शुरू किये और उनका फिजिकल मूवमेंट जारी हुआ लेकिन जो छोटे बच्चे हैं उनके लिए स्कूल का खुलना एक सपने जैसा रहा और वे ऑनलाइन क्लास को मजबुर हैं.
जाहिर है कोरोना के कारण उन्हें स्कूल भेजना न तो स्कूल प्रशासन और न ही पैरेंट के लिए संभव हो पाया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि घर पर रहने को मजबूर इन बच्चों में मोटापा की समस्या आने लगी जो एक गंभीर और चिंताजनक स्थिति है.
सख्त लॉकडाउन, घर से बाहर निकलने पर कोरोना महामारी का खतरा, स्कूल जाने पर लगी रोक और यहाँ तक कि घर के बाहर पार्कों में जाने पर भी खेलने जाने पर बीमारी के खतरे ने इन बच्चों के स्वास्थय को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
घर पर रहने पर बच्चों में टीवी देखने की आदत का लगना, फिजिकल मूवमेंट की कमी, बार-बार खाने की प्रवृति जैसे अनेक अनियमित जीवनशैली के कारण बच्चों में मोटापा की समस्या एक सामान्य बात हो चुकी है.
यह समस्या आज हर उन बच्चों के लिए है जो घरों पर रहकर ऑनलाइन क्लास को मजबूर हैं. कहने को उनकी पढाई को पूरा करने के लिए समन्धित स्कूल तो अपनी और से हर कोशिश कर रही है लेकिन क्या यह उनमे मोटापे की समस्या को चेक करने के लिए क्या पर्याप्त है.
स्कूल जाने पर बच्चे फिजिकल मूवमेंट में खुद को इन्वॉल्व रखते थे जैसे खेल के मैदान, पार्कों में आने-जाने से उनके एक्सरसाइज वर्क हो जाते थे लेकिन अब उनपर पूर्णत: रोक के कारन अब यह जरुरी है कि बच्चों के फिजिकल मूवमेंट के लिए घर पर एक्टिविटी में एक्टिव रखी जाये.
ऐसी स्थिति में बच्चों से ज्यादा उनके पैरेंट की भूमिका ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि किसी भी प्रकार की उपेक्षा उनमें मोटापे की समस्या को और भी गंभीर बना सकती है.
हालाँकि ज्यादातर माता-पिता यह सोचते हैं कि एक बार स्कूल खुल जाएगी तो चीजे ठीक हो जाएँगी।लेकिन जिस प्रकार से कोरोना के नए-नए वैरिएंट आ रहे हैं ऐसे स्थिति में यह जरुरी है कि स्कूल के खुलने की उम्मीद। खासकर छोटे बच्चों के लिए तत्काल कोई उम्मीद नहीं लगती.
ऐसे स्थिति में यह जरुरी है कि बच्चों में हेल्थ सम्बंधित जागरूकता फैलाएं और उन्हें स्वास्थय की जरुरत को बतायें. फिजिकल मूवमेंट के लिए डांस, एक्सरसाइज जैसे चीजों के लिए घर में माहौल तैयार करें ताकि उनके फिटनेस की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
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