आयुष मंत्रालय के साथ आज के इस आयोजन में केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय समेत, गृह, रक्षा और शिक्षा मंत्रालय ने और उनके अधीन आने वाली इकाइयों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। आयुष मंत्रालय और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के सहयोग से दूरदर्शन पर आयोजित कार्यक्रम में आयुष राज्य मंत्री डॉ. महेंद्रभाई मुंजपरा ने कहा कि ये आयोजन आज़ादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृखंला के एक भाग के रूप में है, जिसके द्वारा आज हम प्रकृति को धन्यवाद कह रहे हैं। कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राओं को 13 बार प्रदर्शित किया गया।
योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि “सूर्य नमस्कार जीवनी शक्ति का आधार” थीम पर सूर्य नमस्कार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक बहुत बड़ा आंदोलन है। योग का अर्थ लोगों को जोड़ना होता है और यह अभियान वही कर वही कर रहा है। सूर्य नमस्कार के ज़रिए आज 75 लाख से अधिक लोग एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व को एकता के सूत्र में पिरोने का मंत्र दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातनी परंपरा में सिर्फ कोरोना का ही नहीं बल्कि अनेकों शारीरिक-मानसिक समस्याओं का समाधान है।
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि इस दिन सूर्य नमस्कार करने से हम सूर्य की ऊर्जा से एक नया इतिहास रच सकते हैं। विश्व को सूर्य की ऊर्जा के उपयोग का मंत्र भी भारत ने ही दिया है। सूर्य की ऊर्जा से हमारे भीतर रोग निरोधक शक्ति जागती है, जो हमें इस वैश्विक महामारी से बचा सकती है। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव सद्गुरू ने कहा कि संसार में सब कुछ सूर्य की ऊर्जा से ही संचालित होता है। रोज़ाना सूर्य नमस्कार करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
मिस वर्ल्ड जापान 2021 तमाकी होशी भी वर्चुअली जुड़ीं और उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा की गई ये पहल महामारी के इस दौर में हर इंसान के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है। जापान में भी बड़ी संख्या में लोग सूर्य नमस्कार कर रहे हैं और अनेकों लोग योग को प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में शामिल कर चुके हैं।
इटली योग संस्थान की अध्यक्ष डॉ. एंटोनिटा रोज़ी ने भी सूर्य नमस्कार कर लोगों से स्वस्थ रहने की अपील की।
अमेरिकन योग अकादमी के अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील बसु रॉय, सिंगापुर योग संस्थान के सदस्य भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े और कोविड नियमों का पालन करते हुए सूर्य नमस्कार किया।
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