राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद 26 जनवरी, 2022 को 73वां गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजन में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे। इस वर्ष के समारोह विशेष हैं, क्योंकि इस बार गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में संपन्न हो रहा है और इसे पूरे देश में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए, रक्षा मंत्रालय ने 26 जनवरी को राजपथ पर मुख्य परेड और 29 जनवरी को विजय चौक पर 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह के दौरान नए कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की अवधारणा तैयार की है
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सुचना के अनुसार मुख्य परेड के दौरान पहली बार आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों में राष्ट्रीय कैडेट कोर द्वारा 'शहीदों को शत शत नमन' कार्यक्रम का शुभारंभ, भारतीय वायु सेना के 75 विमानों/हेलीकॉप्टरों द्वारा भव्य फ्लाईपास्ट, राष्ट्रव्यापी वंदे भारतम नृत्य प्रतियोगिता के माध्यम से चुने गए 480 नर्तकियों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन, 'कला कुंभ' कार्यक्रम के दौरान तैयार किए गए प्रत्येक 75 मीटर के दस स्क्रॉल का प्रदर्शन और दर्शकों की बेहतर सुविधा के लिए 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन की स्थापना करना शामिल है। प्रोजेक्शन मैपिंग के साथ-साथ 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह के लिए अपने देश में विकसित 1,000 ड्रोन द्वारा एक ड्रोन शो की योजना बनाई गई है।
अतीत से वर्तमान तक: सैनिकों की वर्दी और हथियार क्रमिक विकास को प्रदर्शित करेंगे
मार्चिंग दस्तों का मूल विषय पिछले 75 वर्षों में भारतीय सेना की वर्दी और कार्मिकों के हथियारों के क्रमिक विकास का प्रदर्शन होगा। राजपूत रेजीमेंट की टुकड़ी 1947 की भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए होगी और उसके पास .303 राइफल होगी। असम रेजिमेंट 1962 की अवधि के दौरान पहनी गई वर्दी में होगी और उनके पास .303 राइफलें होंगी। जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट 1971 के दौरान पहनी जाने वाली वर्दी में होगी और 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग राइफल के साथ होगी। सिख लाइट रेजिमेंट और सेना आयुध कोर की टुकड़ी वर्तमान में 5.56 एमएम इंसास राइफल के साथ वर्दी में होगी। पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी भारतीय सेना की नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहनेगी, जिसका अनावरण 15 जनवरी, 2022 को किया गया और इसमें 5.56 एमएम x 45 एमएम टैवोर राइफल होगी। (PIB)
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