हैदराबाद के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अन्तरिक्ष मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने आज भारत के पहले रॉक म्यूजियम का उद्घाटन किया और बाद में हैदराबाद के वैज्ञानिकों को सीएसआईआर-राष्ट्रीय भू-भौतिकी अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद में संबोधित किया।
- इस ओपन रॉक म्यूजियम को स्थापित करने के पीछे उद्देश्य लोगों को ऐसे कई तथ्यों से अवगत कराना है जिसके बारे में लोग अनजान हैं। इसमें भारत के विभिन्न भागों से इकठ्ठा की गई 35 अलग-अलग प्रकार की चट्टानों को प्रदर्शित किया गया है जिनका समय काल 3.3 बिलियन वर्ष से लेकर 55 मिलियन वर्ष पूर्व का है।
- यह चट्टानें धरती की सतह से लेकर 175 किलोमीटर तक की गहराई तक अलग-अलग स्तरों से ली गईं हैं।
- केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विज्ञान से जुड़े रचनात्मक नवाचार से आम आदमी के लिए "जीवन को सुगम" बनाने में मदद मिलती है और वैज्ञानिकों को आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लीक से हटकर सोच को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों से समाज की अपेक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं और वैज्ञानिकों को सर्वोत्तम एस एंड टी समाधान प्रदान करने की दिशा में निरंतर सक्रिय रूप से कार्य करना चाहिए।
- “पृथ्वी से जुड़े यह आंकड़े” आर्थिक ज्ञान के युग के लिए उत्कृष्ट रणनीतिक महत्व के हैं और भारत इस नए क्षेत्र का सर्वोत्तम लाभ उठाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ‘नए भारत’ में जियो साइंस, आत्म निर्भरता और राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्र में उल्लेखनीय रूप से योगदान दे रहा है।
- डॉ जितेंद्र सिंह ने पृथ्वी की संरचना और गतिशीलता को आकार देने और पृथ्वी पर जीवन के निर्वाह के लिए जिम्मेदार प्रक्रियाओं को समझने में महत्वपूर्ण पृथ्वी की गहराई और सतह के निकट के अन्वेषणों के लिए डिज़ाइन किए गए भविष्य के सीएसआईआर-एनजीआरआई के अनुसंधान प्रयासों का उल्लेख करते हुए आशा जताई कि अपने निर्धारित दृष्टिकोण और मिशन के साथ, सीएसआईआर-एनजीआरआई राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आने वाले वर्षों में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
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