उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से दिल्ली सहित सभी राज्यों की आर्थिक व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है इसलिए केंद्र सरकार जीएसटी कंपनसेशन को आगे बढ़ाए. साथ ही पिछले 21 साल से केंद्रीय टैक्स में से दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपए मिलता रहा है अब जरुरत है कि केंद्र सरकार इसमें बढ़ोतरी करे। उन्होंने कहा कि आज से 21 साल पहले सेंट्रल असिस्टेंस दिल्ली के बजट का 5.14 हुआ करता था जो अब घटकर 0.9 फीसदी हो गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की तीनों एमसीडी देश की राजधानी दिल्ली में साफ सफाई सहित लोकल हैल्थ और प्राइमरी एजुकेशन का काम देखती है। 15वें फाइनेंस कमिशन में केंद्र सरकार ने लोकल बॉडीज को देने के लिए 2021 से 2026 के बीच में 4 लाख 36 हजार करोड रुपए रखा है। उन्होंने कहा कि अब तक इसमें दिल्ली नगर निगमों को शामिल नहीं किया गया है। इस फंड वितरण में दिल्ली के नगर निगमों को भी शामिल किया जाए क्योंकि दिल्ली नगर निगमों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब जीएसटी लागू हुआ था तो प्री जीएसटी स्कीम में हर राज्य अपनी-अपनी चुनौतियों के अनुसार टैक्स को लेकर, बजट को लेकर या रिवेन्यू को लेकर कड़े या नरम फैसले लेता था। अब ये फैसले सामूहिक रुप से लिए जाते हैं। इसमें कई बार बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 वजह से, लाकडाउन की वजह से व्यापार ठप्प रहा। दिल्ली में तो पोलूशन की वजह से भी लाकडाउन का सामना करना पड़ जाता है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले करीब 21 साल से दिल्ली को सेंद्रल टैक्स में से 325 करोड रुपए मिलता रहा है। जबकि बाकी सब राज्यों को 42 फीसदी मिलता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को भी इसमें कंसीडर उसमें किया जाए। दिल्ली में आबादी बढ़ी है और उस आबादी के बेहतरी के लिए जरूरत है कि केंद्र सरकार इस राशि को बढ़ाए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि पूरे देश में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे।अगर उसमें से दिल्ली के लिए एक सैनिक स्कूल खुल जाएं तो दिल्ली सरकार की ओर से उसमें जो व्यवस्थाएं होंगी दिल्ली सरकार करने के लिए तैयार है।
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