आईसीजीएस विग्रह: Facts in Brief
- आईसीजीएस विग्रह अपतटीय गश्ती जहाजों की श्रृंखला में सातवें नंबर पर है
- एलएंडटी शिप बिल्डिंग लिमिटेड द्वारा स्वदेश में निर्मित
- अत्याधुनिक आग्नेयास्त्रों द्वारा सुसज्जित
- एक ट्विन इंजन हेलीकाप्टर और चार हाई स्पीड नौकाएं ले जाने के लिए निर्मित
- विशाखापत्तनम आधारित रह कर पूर्वी समुद्र तट पर कार्यरत रहेगा
भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) जहाज विग्रह, अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) की श्रृंखला में सातवें रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह द्वारा 28 अगस्त, 2021 को चेन्नई में कमीशन किया जाएगा। यह जहाज तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर के संचालन और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में स्थित रह कर पूर्वी समुद्र तट पर संचालित होगा।
कुल 98 मीटर लंबा अपतटीय गश्ती जहाज 11 अधिकारियों और 110 नाविकों के साथ लार्सन एंड टुब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। यह उन्नत प्रौद्योगिकी रडार, नेविगेशन एवं संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी से सुसज्जित है जो उष्णकटिबंधीय समुद्री परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है। यह पोत 40/60 बोफोर्स तोप से लैस है तथा अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ दो 12.7 मिमी स्टेबिलाइज़्ड रिमोट कंट्रोल गन से सुसज्जित है। जहाज़ इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम, स्वचालित बिजली प्रबंधन प्रणाली और हाई पावर बाहरी अग्निशमन प्रणाली से भी लैस है।
जहाज को बोर्डिंग ऑपरेशन, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त के लिए एक ट्विन इंजन वाले हेलीकॉप्टर और चार हाई स्पीड नौकाएं ले जाने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। जहाज समुद्र में तेल रिसाव को रोकने के लिए प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है। जहाज लगभग 2200 टन वज़न विस्थापित करने में सक्षम है और 9100 किलोवाट के दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित किया जाता है ताकि किफायती गति पर 5000 नॉटिकल माइल की एंड्योरेंस के साथ 26 समुद्री मील प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की जा सके।
भारतीय तटरक्षक के पूर्वी बेड़े में शामिल होने पर जहाज को ईईजेड निगरानी और देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए तटरक्षक चार्टर में निहित अन्य कर्तव्यों के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किया जाएगा। इस जहाज के बेड़े में शामिल होने के साथ आईसीजी के पास 157 जहाज और 66 विमान होंगे।
कमीशनिंग समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम के स्टालिन, सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक श्री के नटराजन और केंद्र एवं राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ गणमान्य अधिकारी भी शामिल होंगे ।
No comments:
Post a Comment