श्री रिजिजू ने इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित खेलो इंडिया विंटर गेम्स के अवसर पर कहा था कि जल्दी ही उनका मंत्रालय श्रीनगर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वॉटर स्पोर्टस केन्द्र खोलेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि इसकी सभी तैयारियां हो चुकी हैं तथा इसके लिए जरुरी धनराशि आवंटित की जा चुकी है।
उन्होंने अकादमी के उद्धाटन अवसर पर कहा “यहां के युवा खिलाड़ियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए डल झील में आना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। यहां बहुत अधिक संभावनाएं हैं ऐसे में हम खेल मंत्रालय की ओर से जम्मू-कश्मीर स्पोर्टस काउंसिल के साथ मिलकर युवा खिलाड़ियों की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जम्मू- कश्मीर के लिए बहुत सारी योजनाएँ हैं। यह हमारे भविष्य के चैंपियन खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन अवसर होगा”।
श्री रिजिजू ने कश्मीर घाटी में कई तरह की खेल प्रतियोगिताएं शुरु करने की भी घोषणा की और कहा कि जम्मू-कश्मीर काउंसिल श्रीनगर में वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा को दुनिया की बेहतरीन सुविधाओं में से एक बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि श्री मनोज सिन्हा और उनकी टीम इस दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है। इस बारे में श्री मनोज सिन्हा और हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचार एक समान हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हम खेल के क्षेत्र में जम्मू कश्मीर को हरसंभव सहायता प्रदान करेंगे। इस वर्ष से हम यहां एक खेलो इंडिया महिला फुटबॉल लीग शुरू करने जा रहे हैं जिसे खेल मंत्रालय द्वारा सभी प्रकार का सहयोग दिया जाएगा। इसके अलावा अक्टूबर-नवंबर में पहलगाम में हम एक मैराथन प्रतियोगिता का आयोजन भी करेंगे”।
वर्तमान में श्रीनगर में जम्मू कश्मीर वॉटर स्पोर्टस अकादमी में स्थित खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस वॉटर स्पोर्टस के क्षेत्र में विशेष रूप से नौकायन पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस सेंटर को 145.16 लाख रुपये का शुरुआती अनुदान दिया जाएगा। इसके बाद वार्षिक स्तर पर 96.17 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। यह सेंटर जम्मू कश्मीर के दो केआईएससीई में से एक है। इसमें से एक जम्मू में तलवार बाजी प्रतियोगिताओं के लिए बनाया गया मौलाना आज़ाद स्टेडियम है। इन दोनों खेल केन्द्रों के लिए 5.08 करोड़ रुपये की समेकित राशि मंजूर की गई है।
वर्तमान में 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 24 केआईएससीई हैं और इनमें से प्रत्येक में ओलंपिक में शामिल खेलों के लिए खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। भविष्य में ओलंपिक खेलों में भारत के बेहतरीन प्रदर्शन की बड़ी सोच को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खोले गए इन केन्द्रों को विश्व स्तर का बनाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। (Source PIB)
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