इसरो सूत्रों के अनुसार, साराभाई क्रेटर के 3डी चित्रों से पता चलता है कि क्रेटर की गहराई लगभग 1.7 किलोमीटर है, जो उसके उभरे हुए रिम से लिया गया है और क्रेटर की दीवारों का ढलान 25 से 35 डिग्री के बीच है. ये निष्कर्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को लावा से भरे चंद्र क्षेत्र पर आगे की प्रक्रिया को समझने में मदद करेंगे
चंद्रयान -2 डिजाइन और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा भी प्रदान करता है। वैश्विक उपयोग के लिए चंद्रयान -2 से प्राप्त वैज्ञानिक डेटा की सार्वजनिक रिलीज अक्टूबर 2020 में शुरू होगी.
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम. साराभाई के शताब्दी समारोह के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उन्हें विशेष रूप में श्रद्धांजलि देते हुए घोषणा की है कि चंद्रयान 2 ऑर्बिटर ने चंद्रमा के "साराभाई" क्रेटर के चित्र लिए हैं.
.केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम. साराभाई के शताब्दी समारोह के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उन्हें विशेष रूप में श्रद्धांजलि देते हुए घोषणा की है कि चंद्रयान 2 ऑर्बिटर ने चंद्रमा के "साराभाई" क्रेटर के चित्र लिए हैं.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ. साराभाई का जन्मशताब्दी वर्ष 12 अगस्त को पूरा हुआ और यह उनके लिए एक श्रद्धांजलि है. इसरो की हाल की उपलब्धियां, जिन्होंने भारत को दुनिया के अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा किया है, साराभाई के दूरदर्शी सपने को प्रमाणित करता है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह जानना सुखद है कि भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, इसरो ने देश की शानदार अंतरिक्ष यात्रा में गौरव बढ़ाने के लिए एक और योगदान दिया है. यह यात्रा साराभाई और उनकी टीम द्वारा विभिन्न बाधाओं के बावजूद छह दशक पहले शुरू की गई थी.
उन्होंने कहा कि.प्रत्येक भारतीय गर्व और आत्मविश्वास से भरा हुआ है क्योंकि भारत के अंतरिक्ष मिशनों द्वारा प्रदान किए गए इनपुट का उपयोग आज दुनिया के उन देशों द्वारा भी किया जा रहा है जिन्होंने अपनी अंतरिक्ष यात्रा हमसे बहुत पहले शुरू की थी.
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