75 वेटलैंड बर्ड्स सैंक्चुअरी : रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि जुड़ीं, पाएं विस्तृत जानकारी


Wetlands Birds Sanctuaries Ramsar List

एक और जहाँ देश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष  मना रहा है ऐसे में भारत के लिए  और  उपलब्धि हासिल हुई है जहाँ 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं। 11 नए स्‍थलों में तमिलनाडु में चार (4), ओडिशा में तीन (3), जम्मू और कश्मीर में दो (2) और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र प्रत्‍येक में एक (1) शामिल हैं। 

भारत में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश में 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमि शामिल हो गई हैं।

11 नए स्‍थलों में तमिलनाडु में चार (4), ओडिशा में तीन (3), जम्मू और कश्मीर में दो (2) और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र प्रत्‍येक में एक (1) शामिल हैं। इन स्थलों को नामित करने से इन आर्द्रभूमियों के संरक्षण और प्रबंधन तथा इनके संसाधनों के कौशलपूर्ण रूप से उपयोग करने में सहायता मिलेगी।

1971 में ईरान के रामसर में रामसर संधि पत्र पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी, 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए। 1982 से 2013 के दौरान, रामसर स्‍थलों की सूची में कुल 26 स्‍थलों को जोड़ा गया, हालांकि, इस दौरान 2014 से 2022 तक, देश ने रामसर स्थलों की सूची में 49 नई आर्द्रभूमि जोड़ी हैं।

इस वर्ष (2022) के दौरान ही कुल 28 स्थलों को रामसर स्थल घोषित किया गया है। रामसर प्रमाण पत्र में अंकित स्‍थल की तिथि के आधार पर इस वर्ष (2022) के लिए 19 स्‍थल और पिछले वर्ष (2021) के लिए 14 स्‍थल हैं।

तमिलनाडु में अधिकतम संख्या है। रामसर स्थलों की संख्या (14), इसके पश्‍चात उत्‍तर प्रदेश में रामसर के 10 स्थल हैं। 

रामसर स्थलों के रूप में नामित 11 आर्द्रभूमियों का संक्षिप्त विवरण
आद्रभूमि का नाम-राज्‍य
  1. तंपारा झील-ओडिशा
  2. हीराकुंड जलाशय-ओडिशा
  3. अंशुपा झील-ओडिशा
  4. यशवंत सागर-मध्‍य प्रदेश
  5. चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्य-तमिलनाडु
  6. सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स-तमिलनाडु
  7. वडुवूर पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु
  8. कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य-तमिलनाडु
  9. ठाणे क्रीक-महाराष्‍ट्र
  10. हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व-जम्‍मू और कश्‍मीर
  11. शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व-जम्‍मू और कश्‍मीर

 

कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु: Facts in Brief


Kanjirankulam Bird Sanctuary: कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य तमिलनाडु में सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है जो रामनाथपुरम जिले के कांजीरनकुलम गांव के भीतर स्थित है। केबीएस का अनुमानित क्षेत्र कीला (निचला) कांजीरनकुलम (66.66 हेक्टेयर) और मेला (ऊपरी) कांजीरनकुलम (30.231 हेक्टेयर) के बीच विभाजित है।  तमिलनाडु में  कुल सत्रह घोषित पक्षी अभयारण्य हैं हालांकि कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य सर्दियों के दौरान करीब 40 प्रजातियों के पक्षियों को आकर्षित करता है। यह मछलियों के भोजन, अंडे देने की जगह, नर्सरी और/या प्रवास पथ का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिस पर आर्द्रभूमि के भीतर या अन्य जगहों पर मछली का भंडार निर्भर करता है।
 बरसात के मौसम में बांधों के भीतर जमा होने वाला अतिरिक्त पानी बाद में कृषि कार्यों में उपयोग किया जाता है। अभयारण्य एक कुशल बाढ़ नियंत्रण, बाढ़ भंडारण तंत्र के लिए भंडार स्थान के रूप में कार्य करता है। 
भारत के तमिलनाडु के मुदुकुलथुर रामनाथपुरम जिले के पास कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य 1989 में घोषित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह कई प्रवासी बगुले प्रजातियों के लिए घोंसले बनाने के स्‍थल के रूप में प्रसिद्ध है यहां बगुले बबूल के पेड़ों पर प्रवास करते हैं। 

प्रवासी जलपक्षियों की प्रजनन आबादी अक्टूबर और फरवरी के बीच यहां आती है और इसमें चित्रित सारस, सफेद आइबिस, ब्लैक आइबिस, लिटिल एग्रेट, ग्रेट एग्रेट शामिल हैं। यह स्‍थल आईबीए के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां स्पॉट-बिल पेलिकन पेलेकैनस फिलिपेन्सिस नस्लों उपस्थिति दर्ज की गई है। 

आर्द्रभूमि समृद्ध जैव विविधता प्रदर्शित करती है जिसमें स्पॉट-बिल पेलिकन, ओरिएंटल डार्टर, ओरिएंटल व्हाइट आईबिस और पेंटेड स्टॉर्क जैसी कई विश्व स्तर पर निकट-खतरे वाली प्रजातियां शामिल हैं और आमतौर पर किनारे और पानी के भीतर रहने वाले पक्षी जैसे ग्रीनशंक, प्लोवर, स्टिल्ट और मधुमक्खी खाने वाली बुलबुल, कोयल, स्टारलिंग, बारबेट्स जैसे वन पक्षी भी शामिल हैं। 

ये स्‍थल पक्षियों के प्रजनन, घोंसले के शिकार, आश्रय, चारागाह और ठहरने के स्‍थलों के रूप में कार्य करते हैं। यह आर्द्रभूमि आईयूसीएन रेडलिस्ट विलुप्‍त होने की कगार पर एवियन प्रजातियों जैसे स्टर्ना ऑरेंटिया (रिवर टर्न) का पालन करती है।

रामनवमी 2024: भगवान राम के जीवन से सीखें-जीवन की चुनौतियों को स्वीकार एवं सामना करने की कला

 



Ram Navami 2024: राम नवमी का पावन पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाते हैं.  जो इस साल अप्रैल 17 , 2024 को मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने राम और माता लक्ष्मी ने सीता के रूप मे अवतार लिया था। जिस दिन श्रीहरि ने राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था, उस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी और इसलिए इस तिथि को राम नवमी के रूप में मनाई जाती है।
 इस दिन चैत्र नवरात्रि का समापन भी होगा. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुण्य तिथियों में से एक माना जाता है। भगवान राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है, उनका जीवन कठिनाइयों और त्याग से भरा था। 14 वर्ष का वनवास, प्रिय पत्नी सीता का अपहरण, रावण के साथ युद्ध - इन सबके बावजूद उन्होंने धैर्य, साहस और नैतिकता का परिचय दिया। 

भगवान राम का जीवन  फूलों का सेज नहीं बल्कि काँटों का ताज था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने जीवन के उच्च  मर्यादाओं का पालन करते है मर्यादा पुरुषोतम  राम के रूप मे पूजा किए जाते हैं। जीवन मे चुनौतियों का आना निश्चित होता है लेकिन उनके सामने नतमस्तक हो जाना कायरता है। आइए हम भगवान राम के जीवन से सीखते हैं कि कैसे इन चुनौतियों को स्वीकार कर उनका सामना किया जाए।

 1. कर्म पर विश्वास:

भगवान राम ने सदैव अपना कर्म निष्ठापूर्वक किया, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। उन्होंने हमें सिखाया है कि कर्म का फल हमें अवश्य मिलेगा, इसलिए हमें सदैव कर्म करते रहना चाहिए। आपको याद होगा कि राज्याभिषेक से ठीक एक दिन पहले, श्री राम को 14 साल के वनवास के लिए जाने का आदेश मिला। भगवान राम ने बिना किसी शिकायत के, प्रसन्न भाव से वह जीवन को वैसे ही स्वीकार कर अपनी नई यात्रा पर निकल पड़ते हैं।

2. धैर्य और संयम:

राजमहल मे रहने वाले भगवान राम के सामने वनवास के जीवन चुनौतियों से भरी रही होंगी इसमे किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं। अपने पत्नी सीता और भरत लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान अनेक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद भगवान राम ने कभी भी धैर्य और संयम नहीं खोया। वनवास के दौरान मिलने वाले विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के दौरान उन्होंने हमें सिखाया है कि जीवन में धैर्य और संयम बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

3. साहस और दृढ़ संकल्प:

रावण के साथ युद्ध में भगवान राम ने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। उन्होंने हमें सिखाया है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और दृढ़ संकल्प होना आवश्यक है।

4. सत्य और न्याय का मार्ग:

जीवन में पैदा होने वाले विपरीत परिस्थितियों के सामने भी कभी भी भगवान राम ने सत्य और न्याय का मार्ग नहीं त्याग। सत्य के मार्ग पर चलना हमेशा से काँटों के पथ पर चलने के समान होता है और भगवान राम ने हमें सिखाया है कि जीवन में सत्य और न्याय के मार्ग पर चलना चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितने भी त्याग क्यों न करने पड़ें।

5. क्षमा और करुणा:

मर्यादा पुरुषोतम राम भगवान राम क्षमा और करुणा के प्रतीक थे और उन्होंने अपने शरण मे आने वाले आगंतुकों को कभी भी मना नहीं किया। यहाँ तक कि उन्होंने रावण के भाई विभीषण को क्षमा करने मे विलंब नहीं किया। सच तो यह है कि जीवन में क्षमा और करुणा का क्या महत्व है, यह हमे भगवान राम के जीवन से सीख सकते हैं।

6. मित्रता और सेवा:

भगवान राम ने हनुमान और सुग्रीव जैसे मित्रों का साथ पाकर हमें सिखाया है कि जीवन में सच्ची मित्रता का क्या महत्व है। उन्होंने शबरी, निषादराज आदि की सेवा करके हमें सिखाया है कि दूसरों की सेवा करने से जीवन सार्थक होता है।

7. विनम्रता और सरलता:

राजकुमार होने के बावजूद भगवान राम सदैव विनम्र और सरल रहे। उन्होंने हमें सिखाया है कि जीवन में विनम्रता और सरलता का गुण अपनाना चाहिए। उन्होंने राजाओं से लेकर साधुओं और यहाँ तक कि जानवरों तक सभी के साथ समान व्यवहार किया।

Born on Monday: सोमवार को जन्में लोगों कि खूबियां जानकर आप भी हो जायेंगे हैरान, रखें ये नाम

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सोमवार को जन्मे लोग: सोमवार को जन्मे लोगों की सबसे बड़ी खासियत होती है कि वे मेहनती होने के साथ ही जुझारू प्रवृति के होते हैं। इनके स्वामी मून अर्थात चन्द्रमा होता है और चंद्र का स्वाभाव शांत और शीतलता का होता है. इसके  अनुसार ही सोमवार को जन्म लेने वाले लोग शांत मस्तिष्क वाले होते है साथ ही संवेदनशील, दयालु, विनम्र, देखभाल करने वाले और मातृभाषा सहित अद्वितीय व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं. ऐसे लोगों में दृढ़ संकल्प शक्ति होती है। एस्ट्रोलॉजी के अनुसार आप जानते हैं कि चन्द्र पृथ्वी के बहुत निकट होता है और यही कारण है कि सोमवार को पैदा हुए लोग तर्कसंगत रूप से भावनात्मक रूप से व्यवहार करते हैं और ऐसे व्यक्ति लगातार मिजाज प्रदर्शित करते हैं और इसलिए महत्वपूर्ण निर्णय लेना आसान नहीं होता है। प्रसिद्ध ज्योतिष और राशिफल विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर से आप सोमवार को जन्म लेने वाले लोगों के चरित्र, स्वास्थ्य, स्वभाव और बहुत कुछ के बारे में विस्तार से जान सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा  एक अद्भुत ग्रह है जो पृथ्वी के बहुत करीब है इसलिए इसका प्रभाव पृथ्वी पर बहुत प्रमुख है। ऐस्टरोलोजी के अनुसार चंद्रमा मन का स्वामी है. यह ग्रह घरेलू जीवन, पारिवारिक संबंधों और आनुवंशिकी को नियंत्रित करता है। चंद्रमा को सोम देवता के रूप में पूजा जाता है और इसे जीवन के सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.


Born On Tuesday: होते हैं साहसी, जुझारू और जल्दी हार नही मानने वाले

सोमवार को जन्मे बच्चों के नाम 

हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार सोमवार को जन्मे लोगों के नाम अक्सर भगवान शिव से जुड़े होते हैं साथ ही सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है, और ऐसा मान्यता है कि चंद्रमा भगवान शिव का वाहन है। इसलिए, सोमवार को जन्मे लोगों के नाम अक्सर शिव के नामों या चंद्रमा से संबंधित नामों से लिए जाते हैं। हालाँकि किसी बच्चे के नाम रखने के पीछे बहुत सारे फैक्टर होते हैं जैसे कि राशि, नक्षत्र, धर्म, और परिवार की परंपराआदि. 

रविवार को हुआ है जन्म तो आप होंगे: दृढ इच्छा शक्ति के मालिक

सोमवार को  जन्म लेने वाले बच्चों के नामों के लिए कुछ लोकप्रिय नाम निम्न हो सकते हैं. इनके अलावा, सोमवार को जन्मे लोगों के लिए अन्य नाम भी चुने जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति का नाम उसके जन्म के समय के आधार पर भी रखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति सुबह जल्दी पैदा होता है, तो उसे "उदय" या "प्रभात" जैसे नाम दिया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति शाम को पैदा होता है, तो उसे "शाम" या "सौरभ" जैसे नाम दिया जा सकता है।

लड़कों के लिए

  • शिव
  • शंकर
  • चंद्र
  • कार्तिकेय
  • उदय
  • दीप
  • प्रकाश
  • शांत
  • धीरज

लड़कियों के लिए

  • शिवांगी
  • चंद्रिका
  • उषा
  • दीप्ति
  • शीतल
  • शांति
  • प्रज्ञा
  • भावना
  • श्रद्धा

मेहनती के साथ ही जुझारू प्रवृति 

सोमवार को जन्मे लोग बहुत मेहनती होते हैं। ऐसे व्यक्ति कभी भी शांति से रहना पसंद नहीं करते और हमेशा खुद को व्यस्त रखना चाहते हैं। ऐसे लोग समय का सदुपयोग करने में काफी सक्रिय होते हैं और अगर ये अच्छी और सक्रिय प्रवृत्ति के स्वामी हों तो ऐसे लोग जीवन में कई कार्यों को सफलतापूर्वक अपने हाथ में लेकर उन्हें अंजाम तक पहुंचा सकते हैं।

उच्च चरित्र के स्वामी 

सोमवार को जन्मे लोगों की यह विशेषता होती है कि ये उच्च चरित्र के होते हैं और ये अपने चरित्र का बहुत ध्यान रखते हैं। हालांकि जातक विपरीत और विपरीत स्वभाव को जीना पसंद करता है। वासना और भोग जैसे विषयों को ये गलत नहीं समझते लेकिन फिर भी इनके लिए उच्च चरित्र हमेशा महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए ये आमतौर पर कोई समझौता पसंद नहीं करते हैं।

धार्मिक/सामाजिक कार्यों में सहभागी

 सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सामान्यतः धार्मिक प्रकृति के होते हैं, धार्मिक कार्यों एवं पूजा-पाठ में इनकी विशेष रुचि होती है. भले ही ये लंबे समय तक पूजा-पाठ में विश्वास नहीं रखते हों, लेकिन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में ये विशेष रुचि दिखाते हैं।

सुख-दुःख में समान भाव 

ऐसा व्यक्ति सुख हो या दुख दोनों ही स्थितियों में समान रहता है और जल्दी विचलित होना पसंद नहीं करता। सुख की स्थिति में भी ये प्राय: अपने को आडम्बर से दूर ही रखते हैं। साथ ही दु:ख या दुर्दशा की स्थिति में भी ये अपना सम्मान नहीं छोड़ते हैं और जल्दबाजी में किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं करते हैं।

स्वास्थ्य और व्यक्तित्व

ऐसे व्यक्तियों का चेहरा आमतौर पर गोल आकार का होता है। ऐसे लोगों को सेहत को लेकर सर्दी या जुकाम को लेकर विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत होगी। ऐसे लोग सर्दी या जुकाम के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं और उन्हें इससे खास परहेज करने की जरूरत होती है। हल्की सर्दी भी उन्हें परेशान करती है और उन्हें सर्दी या जुकाम हो सकता है। इसके साथ ही सोमवार को जन्में जातकों का शरीर वात और कफ से भरपूर होता है इसलिए इन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

Born on Monday : सोमवार को जन्में लोगों कि खूबियां जानकर आप भी हो जायेंगे हैरान, रखें ये नाम

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Born on Monday: सोमवार जो कि सप्ताह का दूसरा दिन होता है, इसका स्वामी चंद्रमा होता है। सोमवार को जन्मे व्यक्ति अत्यधिक सहज और दूसरों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा  एक अद्भुत ग्रह है जो पृथ्वी के बहुत करीब है इसलिए इसका प्रभाव पृथ्वी पर बहुत प्रमुख है। ऐस्टरोलोजी के अनुसार चंद्रमा मन का स्वामी है. यह ग्रह घरेलू जीवन, पारिवारिक संबंधों और आनुवंशिकी को नियंत्रित करता है। चंद्रमा को सोम देवता के रूप में पूजा जाता है और इसे जीवन के सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.

 हालांकि हिंदू पंचांग के अनुसार,सोमवार को भगवान शंकर  का दिन माना जाता है और इसलिए ऐसी मान्यता है कि सोमवार को जन्म लेने वाले जातकों पर भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा रहती है। सोमवार को जन्मे व्यक्ति की सबसे प्रमुख विशेषता होती है कि वे दयालु, विनम्र, अनुकूलनीय, स्वामित्व रखने वाला, देखभाल करने वाला और मातृवत् प्रकृति के होते हैं। 

गंभीर प्रकृति के स्वामी 

सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी खासियत होती है कि वे गंभीर प्रकृति के होते हैं. सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियो का व्यक्तित्व चन्द्रमा के गुणों  से प्रभावित  होता है इसलिए वे धार्मिक स्वाभाव के होते हैं. काफी परिश्रमी होने के साथ ही  ऐसे लोग सुख और दुःख दोनों हीं परिस्थितियों में एक सामान होते हैं और जल्दी विचलित होना पसंद नहीं करते.

विपरीत और विरोधावासी प्रवृति को जीना पसंद करे हैं. जैसे विषय वासना और भोग को वे गलत नहीं समझते लेकिन फिर भी उच्च चरित्र उनके लिए हमेशा महत्वपूर्ण होता है सोमवार जन्म लेने वाले लोगों के बारे में विस्तार से जाने विख्यात मोटिवेटर, ज्योतिष और कुंडली विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर से. 
सोमवार को जन्मे बच्चे का नाम क्या रखें
सोमवार को हम भगवन शंकर अर्थान शिव दिन मान कर पूजा करते हैं और इसलिए सोमवार को जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व भगवन शंकर के समान माना जाता है. सोमवार को जन्मे बच्चे का नाम क्या रखें सोमवार को जन्मे बच्चे का नामकरण और उनको उपयुक्त नाम रखने के लिए अक्सर माता पिता उत्सुक और परेशान रहते हैं. 

हालाँकि नामकरण के पीछे भी सामान्यत:कुंडली और जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और घर के अनुसार रखने की परंपरा होती है और सच तो यह है कि बच्चे का नाम रखने में ज्योतिष और परंपरागत फैक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. हालांकि सोमवार को जन्म लेने वाले बच्चों के नाम के लिए आप निचे दिए गए कुछ नामों पर विचार कर सकते हैं. 

  • शिवेश
  • शिव
  • नवनीत
  • सोम्या
  • शिवानी
  • शुभम्
  • शिक्षा
  • शिवंशी
  •  उदय 
  • शाइनी

परिश्रमी: सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी  परिश्रमी और मेहनती होते हैं. ऐसे व्यक्ति कभी भी शांति से बैठना पसंद नहीं करते हैं और हमेशा खुद को व्यस्त रखना चाहते हैं. समय का सदुपयोग करने में ऐसे लोग काफी सक्रिय रहते हैं और अगर अच्छे और क्रियाशील प्रवृति के स्वामी होने पर ऐसे जातक जीवन में कई सारे कार्यों को अपने हाथ में एक साथ लेकर सफलतापूर्वक उसे अंजाम तक पहुंचाते हैं. 

चरित्रवान: सोमवार को जन्म लेने वाले  व्यक्तियों की यह खासियत होती है कि  वे उच्च चरित्र वाले होते हैं और खुद की चरित्र की उन्हें काफी परवाह रहती हैं. हालाँकि जातक विपरीत और विरोधावासी प्रवृति को जीना पसंद करे हैं. जैसे विषय वासना और भोग को वे गलत नहीं समझते लेकिन फिर भी उच्च चरित्र उनके लिए हमेशा महत्वपूर्ण होता है और इसके लिए वे सामान्यत: कोई समझौता पसंद नहीं करते हैं. 

धार्मिक/सामाजिक कार्यों में भाग लेने वाले: सोमवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सामान्यत: धार्मिक प्रवृति के होते हैं  धार्मिक  कार्यों और पूजा पाठ में उनकी विशेष रूचि होती है. भले है वे अधिक देर  तक पूजा करने  विश्वाश नहीं करें लेकिन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में वे विशेष रूचि दिखाते  हैं. 

रविवार को हुआ है जन्म तो आप होंगे: दृढ इच्छा शक्ति के मालिक

सुख दुःख में समान रहेगा: ऐसे व्यक्ति सुख और दुःख दोनों हीं परिस्थितियों में एक सामान होते हैं और जल्दी विचलित होना पसंद नहीं करते. सुख की स्थिति में भी ये सामान्यत: अपने आपको दिखावे और आडंवर से बचाए रखते हैं. वहीँ दुःख की स्थिति में भी ये अपने सम्मान को नहीं छोड़ते हैं और जल्दी किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं करते हैं. 

स्वास्थय और व्यक्तित्व : ऐसे  व्यक्तियों  का चेहरा सामान्यत: गोल होता  ऐसे लोगों को स्वास्थ्य को लेकर कोल्ड या ठंडी से विशेष सावधान रहने की जरुरत होगी. ऐसे लोग सर्दी या जुकाम से काफी संवेदनशील होते हैं और उन्हें इससे विशेष परहेज लेने की जरुरत होती है. हल्का कोल्ड भी इन्हे परेशान करती है और इन्हे सर्दी या जुकाम अपने चपेट में ले सकती है. इसके साथ ही सोमवार को जन्म लेने वाले जातको का शरीर  वात  और कफ से युक्त होता है इसलिए इन्हे विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।


Born On Sunday: करिश्माई व्यक्तित्व के होते हैं स्वामी- यहां पाएं रविवार को जन्मे बच्चों के नाम की लिस्ट

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रविवार को जन्मे लोग  का स्वामी सूर्य होते हैं और ऐसे पर्सनैलिटी वास्तव मे सचमुच सूर्य की तरह चमकते सितारे होते हैं। नेतृत्व क्षमता से भरपूर और आसानी से हार नहीं मानने वाले मानसिकता वाले ऐसे लोग कभी भी किसी साधारण चीज़ से संतुष्ट नहीं होते। वे अन्य लोगों के बीच एक विशिष्ट प्रतिभा के साथ चमकना चाहते हैं। रविवार को जन्मे लोगों मे एक प्राकृतिक करिश्मा होती है जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है, और वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं।

रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण करते समय, माता-पिता अक्सर ऐसे नाम चुनते हैं जो आनंद, खुशी, और सकारात्मकता का प्रतीक हों। इसके अलावा, रविवार को जन्म लेने वाले बच्चे को भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त माना जाता है, इसलिए उनके नाम में सूर्य से संबंधित शब्दों का उपयोग करना भी प्रचलित है।

रविवार को जन्मे लोगों के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ऐसे लोग अक्सर रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी होने के साथ ही मिलनसार और मददगार होते हैं। ऐसे लोगों में नेतृत्व की क्षमता  कूट-कूट कर भरी होती है और स्वाभिमानी होने के साथ ही भ्रमणशील और घूमने के शौक़ीन होते हैं. हिन्दू पंचांग एवं ज्योतिष के अनुसार रविवार को जन्म लेने वाले लोगों पर भगवन सूर्य का प्रभाव होता है और यही वजह है कि उनमें एक प्राकृतिक करिश्मा होती जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है.  आइये जानते हैं रविवार को जन्म लेने वाले लोगों की खासियत, उनके लिए रखे जाने वाले नाम तथा अन्य विशेषताएं विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा.

 आप कह सकते हैं कि ऐसे लोग किसी भी पार्टी  की जान होते हैं और साथ ही वे सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं। रविवार को जन्मे बच्चों का नामकरण के लिए अक्सर सूर्य भगवन का नाम दिया जाता है जाहिर है कि इसके पीछे हमारी सोच होती है कि हमारा बच्चा भी सूर्य के सामान तेज और तेजस्वी हो और संसार में नाम करें. 

और शायद यही वजह है कि रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण करते समय, माता-पिता अक्सर सूर्य देवता से जुड़े नामों का चयन करते हैं। यह रविवार के दिन के महत्व को दर्शाता है, जो सप्ताह का पहला दिन है और इसे नए अवसरों और शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

यहां कुछ लोकप्रिय रविवार के बच्चे के नाम दिए गए हैं:

लड़कों के लिए:

  • दिनकर, 
  • भानु
  • रविमंत्री
  • आकाशगंगा,
  • दिनेश्वर, 
  • जगदीश, 
  • रविनंदन,
  •  दिनानाथ, 
  • दिवाकर, 
  • भानु, 
  • चिति
  • भास्कर, 
  • आक, 
  • आदित्य, 
  • दिनेश,
  •  मित्र, 
  • मार्तण्ड, 
  • मन्दार,
  •  पतंग, 
  • विहंगम, 
  • ज्ञान
  • सत्ता
  • विवस्वान
  • प्रभाकर
  • ज्योतिर्मय
  • सूरजमंडल
  • भावना
  • ध्यान
  • अनन्त
  • रवि, 
  • भाव्या
  • प्रभाकर, 
  • अरुण, 
  • अंशुमाली
  •  सूरज भगत।
  • सुरज, 
  • रविनंदन, 
  • प्रकाश
  • रवि
  • आदित्य
  • इशान
  • सूर्य
  • अग्नि
  • दीपक
  • प्रकाश
  • उज्ज्वल
  • अभिजीत

लड़कियों के लिए:

  • अर्चना
  • दीप्ति
  • ज्योति
  • प्रभा
  • उषा
  • सुधा
  • सुभ्रा
  • सुमन
  • सविता
  • सुशीला

इनके अलावा, आप अपने बच्चे के लिए कोई भी नाम चुन सकते हैं जिसका अर्थ आपको पसंद हो। यह महत्वपूर्ण है कि नाम आपके बच्चे के लिए उपयुक्त हो और उसका व्यक्तित्व दर्शाता हो।

यहां कुछ अन्य विचार दिए गए हैं:

यदि आप अपने बच्चे के लिए एक मजबूत और शक्तिशाली नाम चाहते हैं, तो आप शक्ति, वीर, बलवीर, या अरिहंत जैसे नाम चुन सकते हैं।

यदि आप अपने बच्चे के लिए एक सुंदर और आकर्षक नाम चाहते हैं, तो आप सौंदर्य, प्रेम, मृदुला, या रुचिरा जैसे नाम चुन सकते हैं।

यदि आप अपने बच्चे के लिए एक धार्मिक या आध्यात्मिक नाम चाहते हैं, तो आप भगवान, ईश्वर, परमेश्वर, या संत जैसे नाम चुन सकते हैं।

अंततः, बच्चे का नाम चुनना एक व्यक्तिगत निर्णय है। माता-पिता को अपने बच्चे के लिए उपयुक्त नाम चुनने के लिए समय और विचार देना चाहिए।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।








Born on Sunday: स्वामी सूर्य कि तरह छा जाने वाले व्यक्तिव के मालिक होते हैं रविवार को जन्में लोग

Born on Sunday: जानें क्या होती है खासियत- व्यवहार, सफलता, करिअर और भी बहुत कुछ

रविवार को जन्मे लोगों का व्यक्तित्व सूर्य द्वारा शासित होने के कारण, ये लोग हमेशा आकर्षण का केंद्र बने रहना चाहते हैं और अपने घरेलू और सामाजिक मोर्चे पर राज करना चाहते हैं। अक्सर लोगों के जहाँ मे यह सवाल होता है कि आखिर रविवार को जन्म का क्या मतलब है और ऐसे लोगों कि क्या खासियत होती है। दोस्तों, रविवार को जन्म लेने वाले लोगों कि सबसे बड़ी विशेषता होती है कि ऐसे लोग अक्सर रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी होते हैं जो सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं। रविवार का स्वामी सूर्य को माना जाता है और यही कारण है कि ऐसे लोगों मे एक प्राकृतिक करिश्मा  होता है जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है। ज्योतिष के अनुसार, रविवार का दिन सूर्य ग्रह का दिन होता है। सूर्य ग्रह को आत्मा, आत्मविश्वास, नेतृत्व, और सफलता का कारक माना जाता है। इसलिए, रविवार को जन्मे बच्चों को इन गुणों से भरपूर माना जाता है। आइये जानते हैं रविवार को जन्म लेने वाले लोगों की खासियत, उनके लिए रखे जाने वाले नाम तथा अन्य विशेषताएं विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा.

 ऐसे लोग अपने परिवार के लिए खास होता हैं और भरपूर मौज-मस्ती और उद्देश्यपूर्ण जीवन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। हालाँकि वे अधिकांश समय आश्वस्त दिखाई देते हैं, लेकिन परेशानियों और चुनौतियों का सामना करते समय वे गंभीर रूप से व्यथित हो सकते हैं। वे केवल उन्हीं लोगों से मित्रता करेंगे जो उन्हें केंद्र में रहने की अनुमति देंगे। 
  • वे आत्मविश्वासी और दृढ़निश्चयी होते हैं।
  • वे नेतृत्व क्षमताओं से भरपूर होते हैं।
  • वे साहसी और जोखिम लेने वाले होते हैं।
  • वे मिलनसार और सामाजिक होते हैं।
  • वे सफलता के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।

 रविवार का दिन अद्भुत और खास

विश्व की लगभग अधिकांश हिस्सों में रविवार का दिन अद्भुत और खास होता है जिसे परंपराओं में सप्ताह का पहला दिन माना जाता है। लोग रविवार का उपयोग आने वाले सप्ताह की तैयारी, आराम के साथ ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ देता पसंद करते हैं। कुल मिलाकर रविवार का दिन खास दिन होता है जिसका  इन्तजार परिवार के सभी सदस्यों को रहता है. और ज्योतिष के अनुसार ऐसा मान्यता है कि इस अद्भुत दिन का स्वामी सूर्य है और दिन को जन्मे लोग सचमुच सूर्य की तरह चमकते सितारे होते हैं।

आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी 

रविवार का दिन सूर्य ग्रह से विशेष रूप से प्रभावित होता है और आप जानते हैं कि सूर्य हमेशा के हमारी सौर्य मंडल का केंद्र रहा है. ठीक उसी प्रकार से रविवार को जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व भी आकर्षक होता है. इसके साथ ही sunday को जन्म लोगों का कद, लम्बा, चौड़ी छाती, चेहरे का रंग साफ होता है. ऐसे व्यक्ति साहसी, धर्मात्मा, दानी, मेधावी, हंसमुख और महत्वाकांक्षी होते हैं. ऐसे व्यक्ति बल पूर्वक न्याय हासिल करना चाहतें हैं. कोई इन पर रहम करें यह उन्हें पसंद नहीं होता. इस दिन उत्पन्न व्यक्ति अपनी बातों के पक्के होते हैं. इनके पास पैसों की कमी नहीं रहती है, ये अपने बल पर पैसे कमाने की क्षमता रखते हैं.

रविवार को जन्मे लोग करियर: 

रविवार को जन्मे लोग अपने करियर में भी हमेशा स्वतंत्रता और स्वतंत्रता पसंद करते हैं। सामान्यत: ऐसे  लोग उन व्यवसायों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं जिसे वे अकेले करते हैं. अर्थात आप कह सकते हैं कि ऐसे लोग  समझौता नहीं करना चाहते हैं. नेतृत्व की भूमिकाएँ आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेंगी। आपकी चतुराई और आत्म-प्रेरणा आपको अपने करियर के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। हालाँकि, किसी संगठन के लिए काम करते समय यह आवश्यक है कि आप एक टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होने के लिए दूसरों के प्रति सहिष्णुता विकसित करें।

 स्वतंत्रता पसंद

रविवार को जन्मे लोग प्यार में रविवार को जन्मे व्यक्ति के रूप में आप हमेशा स्वतंत्रता पसंद करते हैं। अंतर्मुखी एवं शर्मीले स्वाभाव के होने के इनके मित्रों की संख्या सीमित हो सकती है. धोखा मिलने के डर से आप आसानी से दूसरों पर भरोसा नहीं करते और इसका असर आपके लाइफ पार्टनर के चुनाव पर भी पड़ सकती है  हालाँकि, एक बार जब आपको सही व्यक्ति मिल जाए जिस पर आप भरोसा कर सकें, तो आप उनसे बिना शर्त प्यार करना शुरू कर देंगे। 

जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव 

ऐसे लोग सामान्यता: जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव और जल्दी हार नहीं मानने वाले होते हैं. इस स्वाभाव का असर आपको पर्सनल जीवन से लेकिन प्रोफेशनल और अन्य जगहों पर भी देखने को मिल सकती है. ऑफिस में, स्कूल या कॉलेज या अपने दोस्तों के साथ भी आपको इस स्वाभाव के कारण परेशानियों को झेलना पड़ेगा इसलिए यह अच्छा होगा की समझौतावादी होना सीखें और हर जगह अपनी बातों को ऊपर रखने से बच्चें भले हीं वह पर्सनल मैटर हो या प्रोफेशनल. 

 घरेलू और सामाजिक जीवन में संतुलन जरुरी 

रविवार को जन्मे जातकों के दांपत्य जीवन और सामाजिक में मिश्रित संभावनाएं रहेंगी। आप एक मिलनसार व्यक्ति हैं और जीवन में अपनी प्राथमिकताओं का आनंद लेने के लिए अपना व्यक्तिगत स्थान और स्वतंत्रता चाहेंगे। आपको अपने घरेलू और सामाजिक जीवन में संतुलन बनाना मुश्किल होगा। एक अच्छी समझ विकसित करने और अपने साथी की भावनात्मक जरूरतों पर विचार करने से एक सफल वैवाहिक जीवन सुनिश्चित होगा. 


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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।






Born on Sunday: सूर्य की तरह चमकते सितारे होते है रविवार को जन्मे लोग-रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी

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Born on Sunday:
 अक्सर लोगों के जेहन में यह सवाल होता है कि आखिर रविवार को जन्म का क्या मतलब है और ऐसे लोगों कि क्या खासियत होती है। दोस्तों, रविवार को जन्म लेने वाले लोगों कि सबसे बड़ी विशेषता होती है कि ऐसे लोग अक्सर रचनात्मक, आत्मविश्वासी और आशावादी होते हैं जो सुर्खियों में रहना पसंद करते हैं और दूसरों के साथ घुलना-मिलना पसंद करते हैं। रविवार का स्वामी सूर्य को माना जाता है और यही कारण है कि ऐसे लोगों मे एक प्राकृतिक करिश्मा  होता है जो दूसरों को उनकी ओर आकर्षित करता है।
 रविवार को जन्म लेने वाले लोगों  कि सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ये लोग लीक से हटकर सोचते हैं और ये प्रभावशाली, सकारात्मक, मशहूर, नेतृत्वकर्ता, मेहनती और थोड़े संवेदनशील भी होते हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रविवार का हमारे जीवन में खास महत्त्व है.अगर आप देखेंगे तो संसार की अधिकांश परंपराओं में रविवार को सप्ताह का पहला दिन माना जाता है जिस दिन का इंतजार हमें हमेशा होता है। आखिर हो भी क्यों नहीं, यह रविवार ही तो दिन होता ही जिसका उपयोग आने वाले सप्ताह की तैयारी, आराम और पूजा के लिए करते हैं। ज्योतिष और एस्ट्रोलॉजी के अनुसार रविवार के इस अद्भुत दिन का स्वामी सूर्य है।र विवार को जन्म लेने वाले लोगों का मस्तिष्क महत्वाकांक्षाओं से भरा होता है और आत्मविश्वास चरम पर होता है। 

रविवार को जन्मे व्यक्ति बहुत मेहनती होते हैं और अपने परिश्रम की बदौलत ये जीवन में बुलंदियों को छूते हैं. ऐसे लोग कम बोलने में विश्वास रखते हैं हालाँकि जो भी बोलते हैं गंभीरता के साथ और सोच-समझकर बोलते हैं यही वजह है कि इनकी बातों का सामने वाले पर अलग और गहरा प्रभाव पड़ता है.  ये लोग आस्थावान होते हैं. इसके अलावा इनके परिजनों, दोस्तों और रिश्तेदारों से अच्छे संबंध होते हैं. कुंडली और ज्योतिष के अनुसार रविवार को जन्म लेने वाले लोग मिलनसार और मददगार होने के साथ ही उनमे नेतृत्व की क्षमता, और स्वाभिमानी होने के साथ ही भ्रमणशील और घूमने के शौक़ीन होते हैं. वे अपने जीवन में किसी भी परिस्थिति में हमेशा आशावादी होते हैं. सकारात्मक गुणों से भरपूर होने क्व साथ ही रविवार को पैदा होने बच्चा भाग्यशाली और खुश माना जाता है। आइये जानते हैं रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तियों की क्या होती है विशेषता, विशेषज्ञ हिमांशु रंजन शेखर (एस्ट्रॉलोजर और मोटिवेटर) द्वारा.

सूर्य की तरह चमकते सितारे 
रविवार को जन्मे लोग सचमुच सूर्य की तरह चमकते सितारे होते हैं। ज्योतिष के अनुसर अलग-अलग दिन के अनुसार जन्‍में लोगों का व्यक्तित्व भी अलग ही होता है और इस प्रकार से तरह रविवार को जन्‍में लोगों की भी कुछ स्पेशल विशेषताएं होती है. ऐसे लोगों पर भगवान सूर्य की कृपा हमेशा बनी रहती है और यही कारण है कि इसलिये इनके जीवन पर सूर्यदेव काफी गहरा असर छोड़ते हैं। 

रविवार को जन्मे बच्चे का नाम क्या रखें
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्तित्व का जीवन सूर्य के समान चमकीला होता है क्योकि आप जानते हैं कि सूर्य रविवार का स्वामी होते हैं. ऐसे लोग जीवन में थोड़े से संतुष्ट कभी नहीं होना चाहते भले ही वह सफलता हीं क्यों नहीं हो.

रविवार को जन्मे बच्चे का नामकरण और उनको उपयुक्त नाम रखने के लिए अक्सर माता पिता उत्सुक और परेशान रहते हैं. हालाँकि नामकरण के पीछे भी सामान्यत:कुंडली और जन्म के समय ग्रहों की स्थिति और घर के अनुसार रखने की परंपरा होती है और सच तो यह है कि बच्चे का नाम रखने में ज्योतिष और परंपरागत फैक्टर की भूमिका महत्पूर्ण होती है. 

इसके साथ हीं  परिवार की पसंद और आपकी खुद की राय भी जरुरी होत्ती है. हालाँकि  जन्म के दिन के आधार पर नाम रखने की परंपरा के अनुसार बच्चे के नाम का चयन भी हो सकता है। आप चाहें तो रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों के लिए निम्न नामों को एक सुझाव के तौर पर ले सकते हैं. 

रविवार को जन्मे बच्चे के लिए कुछ नाम 

सूरज: सूरज रविवार का प्रतीक होता है और यह एक पॉवरफुल नाम हो सकता है।
आदित्य: आदित्य भी सूरज के देवता का नाम है और यह एक प्रसिद्ध हिन्दू नाम है।
दिनेश: दिनेश भी सूरज का एक अन्य नाम हो सकता है, जो रविवार के साथ जुड़ा होता है।
आर्यम: यह एक पॉप्युलर हिन्दू नाम है जो सूर्य के रूप में जाना जाता है।

याद रखें कि नाम चुनते समय व्यक्तिगत पसंद और परंपराओं का महत्वपूर्ण होता है, इसलिए यह आपके परिवार और आपके स्वयं के मूड और समर्थन के आधार पर आधारित होना चाहिए।

रविवार को जन्म लेने वाले लोग दूसरों को प्रेरित करते हैं और अपने जीवम वे बहुत सफल होते हैं तथा काफी सफलताएं  हासिल करते हैं. रविवार को जन्म लेने वाले लोगों का जीवन बहुत खुशहाल और सफल होता है. वे दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं. वे अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल करते हैं और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाते हैं.

Sunday को जन्म लेने वाले लोग अपने क्रिएटिव के बदौलत काफी नाम कमाते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफल होते हैं. 


नेतृत्व की क्षमता 
रविवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति सूर्य के गुणों से युक्त होते हैं और वे भीड़ का हिस्सा शायद ही बनकर रहें. वे हमेशा नेतृत्व करने का हौसला रखते है. ऐसे जातक जातक किसी की अधीनता स्वीकार नहीं करना चाहते हैं और न हीं किसी के अंदर  कार्य करना पसन्द करते हैं. ये अपना रास्ता खुद बनाना चाहते हैं और इसमें अक्सर सफल भी होते हैं. ये अच्छे व्यवस्थापक और कठोर नियम कानून में रहने के अभ्यस्त होते हैं. 

सुन्दर नेत्र और आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी 
रविवार को जन्मे व्यक्ति सुन्दर नेत्रों वाले तथा आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक होते हैं. अपने इष्ट देव भगवान् सूर्य के तरह गंभीर व्यक्तित्व वाले होते हैं. अपने आकर्षक छवि जिसमे इनके व्यक्तित्व और बोलने की कला और दूसरे खूबियों  के कारण अन्य लोगों को शीघ्र ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते है.


स्वाभिमानी अपमान स्वीकार नहीं 
रविवार को जन्मे लोगों के लिए स्वाभिमान और आत्म सम्मान की भूख अधिक होती है. यह अपने आत्म-सम्मान और अपने सम्मान के लिए हर प्रकार की कुर्बानी  के लिए तैयार रहते हैं. अपने रिश्तों के साथ हीं साथ अपने वातावरण के प्रति जहाँ ये रहते हैं, बेहद संवेदनशील होते है. किसी की अप्रिय या कड़वी बातों को भूलना इनके लिए आसान नहीं होता है और ये उसे अक्सर काफी दिनों तक भूल नहीं पाते हैं. 

घूमने का शौक़ीन 
रविवार को जन्मे जातक घूमने-फिरने के शौक़ीन होते हैं और एक जगह शायद ही स्थिर रहना चाहें. मजबूरी  के कारण उन्हें ऐसा करना पड़े तो और बात है लेकिन स्वाभाव से ये घूमने के काफी शौक़ीन होते हैं और उसे पूरा भी करते हैं. 

स्पष्ट बोलने वाले और निश्चल 
रविवार को जन्मे व्यक्ति सामान्यत स्पष्ट बोलने वाले होते हैं और स्टेट फॉरवर्ड संबंधों में विश्वास करते हैं. न्यायप्रिय होते हैं लेकिन  बल पूर्वक न्याय हासिल करना अपना धर्म समझते हैं. हालाँकि ये स्वभाव से  निश्छल होते हैं और दूसरों का अहित सोच नहीं सकते हैं. 

अनुशासन युक्त जीवन 
रविवार को जन्मे जातकों में अनुशासन की भावना सर्वोपरि होती है और ये लोग खुद पर भी अनुशासन लागु करने में आगे रहते हैं. सफलता कहाँ तक मिलती है ये दूसरे बातों पर भी निर्भर करती है लेकिन अपनी ओर से अनुशासन में रहने इनकी प्राथमिकता और स्वाभाव होती है. 

महत्वकाँक्षी एवं दृढ इच्छा शक्ति के धनी 
रविवार को जन्में लोग काफी महत्वाकांक्षी होते हैं. जीवन में  ये बड़े-बड़े सपने देखते हैं और उसे पूरा करने के लिए अपनी ओर  से पूर्ण कोशिश भी करते हैं. इनके पास  दृढ इच्छा शक्ति होती है और इसकी मदद से ऐसे जातक अपने उदेश्यों को पूरा करने में जी जान लगा देते हैं और उसे पूरा भी करते है. 

रविवार को जन्म लेने वाले बच्चों के बारे में
आम तौर पर ऐसा माना  जाता है कि रविवार को जन्मे लेने वाला बच्चा आकर्षक,प्रसन्न रहने वाला और बुद्धिमान होता है।  सकारात्मक गुणों से भरपूर होने क्व साथ ही रविवार को पैदा होने बच्चा भाग्यशाली और खुश माना जाता है। 

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।

Ramnavmi 2024-नजरिया जीने का: भगवान राम से सीखें परिवार, एकता और रिश्तों का महत्व

 


Ramnavmi 2024: भगवान राम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है, ने हमेशा अपने निजी सुख सुविधा से अधिक अपने परिवार, राज्य, को महत्व दिया। सच तो यह है कि  भगवान राम का जीवन एकता, परिवार और रिश्तों को महत्व देने की प्रेरणादायक कहानी है जिसकी आज के संदर्भ मे लोगों को सबसे अधिक जरूरत है। आज जहां हम अपने निजी लाभ के लिए परिवार से अलग हो जाना और खुद के बारे मे सोचने को प्रोफेशनल और समझदार मानते हैं, सच्चाई यह है कि हम अपने जीवन मे भगवान राम के आदर्शों को भूल गए हीं जिन्होंने अपने जीवन को इन मूल्यों को अपनाने के लिए न्योछावर कर मर्यादा पुरुषोतम के रूप मे पूजनीय बने।

एकता

भगवान राम ने सदैव एकता पर बल दिया और जीवन मे हर समय अपने परिवार और अपने सहयोगियों कि सहायता के लिए सदैव उपस्थितः रहे । उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ मिलकर वनवास के कष्टों का सामना किया। उन्होंने वनवासियों और वनचरों को भी एकजुट किया और रावण के विरुद्ध युद्ध में उनका नेतृत्व किया।

भगवान राम का यह एकता और त्याग  हमें सिखाता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एकता अत्यंत आवश्यक है। हमें अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए और एकता के सूत्र में बंधकर काम करना चाहिए।

परिवार

भगवान राम के लिए परिवार सर्वोपरि था और इसकी झलक हर समय प्राप्त होती है जब उन्हे परिवार के सदस्यों के लिए त्याग या समर्पण कि जरूरत होती है। उन्होंने अपने पिता दशरथ के वचन को पूरा करने के लिए वनवास का कष्ट सहन किया और अपनी पत्नी सीता को रावण से मुक्त कराने के लिए युद्ध लड़ा। उन्होंने अपने भाईयों और माता कैकेयी का भी सदैव सम्मान किया।

भगवान राम हमेशा प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी एक परिवार के रूप में एक साथ खड़े रहें एकजुटता का ही वह फल होता है जो आपको सबसे बुरे तूफानों से निपटने की शक्ति देता है। हर रिश्ता हमारे लिए लालच, क्रोध और शक्ति से ऊपर उठने का एक अवसर होता है और भगवान राम ने जीवन मे हर अवसर पर इसे साबित किया कि मर्यादा और उच्च आदर्श उनके लिए सबसे जरूरी है बजाए लालच, क्रोध और शक्ति है। अगर हम प्यार को हर चीज से ऊपर रखते हैं, जीवन के प्रति हमारा मूल्य और सम्मान अपने आप बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह हमारी आत्मा को शुद्ध करता है और हमें अच्छे कर्म के मार्ग पर स्थापित करता है।

भगवान राम का परिवार और उसके सदस्यों के प्रति प्रेम हमें सिखाता है कि जीवन में परिवार का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। हमें अपने परिवार के सदस्यों के प्रति सदैव प्रेम, स्नेह और सम्मान का भाव रखना चाहिए और उनके सुख-दुख में सदैव उनके साथ खड़ा रहना चाहिए।

रिश्ते

भगवान राम ने अपने जीवन में सभी रिश्तों को महत्व दिया फिर चाहे वह पुत्र के रूप में हो, पति के रूप मे हो चाहे भाई के रूप मे  उन्होंने गुरु वशिष्ठ, मित्र हनुमान, भक्त विभीषण और शत्रु रावण के साथ भी सदैव सम्मान और विनम्रता का व्यवहार किया। अगर आप भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को देखेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने सभी रिश्तों को महत्व दिया। उन्होंने अपने पिता के सम्मान की रक्षा के लिए स्वेच्छा से 14 साल जंगल में बिताने का फैसला किया। इस दौरान, लक्ष्मण - उनके सौतेले भाई - भी उनका समर्थन करने के लिए उनके साथ वनवास गए।


भगवान राम के परिवार और अन्य सहकर्मियों के संबंधों को देखकर यह कहा जा सकता है कि जीवन में सभी रिश्ते अनमोल होते हैं। हमें अपने रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों के साथ सदैव प्रेम, विश्वास और सद्भाव का भाव रखना चाहिए और उनके साथ मजबूत संबंध बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।

भगवान राम का जीवन एकता, परिवार और रिश्तों को महत्व देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनके जीवन से हमें अनेक शिक्षाएं मिलती हैं जो हमें अपने जीवन में इन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। हमें सदैव एकता के सूत्र में बंधकर काम करना चाहिए, अपने परिवार के प्रति समर्पित रहना चाहिए, और सभी रिश्तों को महत्व देना चाहिए।


नजरिया जीने का: युवा भगवान राम के जीवन से सीखें -आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज की जरूरत


आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज आज के युवाओं के लिए सबसे जरूरी  है जो न केवल उन्ही सफलता के लिए प्रेरित करती है बल्कि इससे वे इस संबंध मे भगवान राम की शिक्षाओं को अपनाकर, एक ऐसा रास्ता बना सकता है जो न केवल व्यक्तिगत सफलता की ओर ले जाता है बल्कि बड़े पैमाने पर समाज और दुनिया की भलाई की ओर भी ले जाता है।

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम का जीवन और उनका त्याग हमेशा से  लोगों के लिए आदर्श रहा है। जीवन मे तमाम उत्तार चड्डाव और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भगवान राम ने कभी भी रिश्तों के प्रति श्रद्धा, प्रेम और स्नेह का साथ कभी नहीं छोड़ा। 

भगवान राम: प्रेरणा श्रोत

सच तो यह है कि भगवान राम  का जीवन आज के युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत है जो जीवन मे किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में लचीलापन, परंपरा और अनुकूलनशीलता के बीच नाजुक संतुलन और आत्मनिरीक्षण की शक्ति  को  प्राप्त करने और उसे खुद पर अनुशासन के रूप के लागू करने के लिए तैयार करती है।

आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज

 भगवान राम का जीवन हमें खासकर आज के युवाओं को यह सिखाता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और आध्यात्मिक चेतना प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

आप अगर भगवान राम  के जीवन को गंभीरता से देखेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने ने अपने जीवन में अनेक बार आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज की  और अपने जीवन के उद्देश्य और मायने को समझने का प्रयास किया। लोगों  को जीवन और धर्म का उपदेश देते हुए भी मर्यादा पुरुषोतम राम ने वनवास के दौरान उन्होंने ऋषि-मुनियों से ज्ञान प्राप्त करने का कोई मौका नहीं जाने दिए। 

स्वयं की गहन खोज

आत्मनिरीक्षण और आत्म-खोज के लिए भगवान राम की यात्रा केवल एक बाहरी खोज नहीं है, बल्कि स्वयं की गहन खोज है जिसके लिए वह जीवन मे आने वाले हर किसी से कुछ भी सीखने का कोई अवसर नहीं छोड़ते। जीवन मे विभिन्न विपरीत परिस्थितियों  से निबटने के दौरान भी कभी भी वह धैर्य नहीं खोते  हैं साथ ही उनके निर्णय गहन आत्मनिरीक्षण और अपने कर्तव्यों के प्रति गहन जागरूकता द्वारा निर्देशित होते हैं।

 निरंतर विकर्षणों और बाहरी प्रभावों के युग में, रामायण आज के युवाओं को आत्मनिरीक्षण के लिए क्षण निकालने के लिए प्रेरित करती है। स्वयं को, अपनी प्रेरणाओं को, और व्यक्तिगत विकल्पों के प्रभाव को समझना एक परिवर्तनकारी प्रक्रिया बन जाती है जो अधिक उद्देश्यपूर्ण और पूर्ण जीवन की ओर ले जा सकती है।


चैत्र नवरात्रि 2024 : जानें माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों का पूजन विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

 

Chaitra Navtarti 2024 Shailpurti and Nine form of Goddess Durga

चैत्र नवरात्रि 2024 तिथि:
चैत्र नवरात्रि  2024 का आरंभ इस वर्ष  8 अप्रैल की देर रात  से शुरू हो चुकी  है अर्थात पहली पूजन 09 अप्रैल  2024 से आरंभ हुई। चैत्र नवरात्र का पावन अवसर है जब  देवी दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा कि जाती है जो आम तौर पर नवरात्र शैलपुत्री या प्रतिपदा, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री सहित नौ देवी की पूजा की  जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष मां भगवती  घोड़े पर सवार होकर नवरात्र में आ रही हैं जिसे कल्याणकारी नहीं माना जाता है लेकिन मां की विदाई  इस वर्ष नर वाहन पर होगी जिसे शुभ माना जाता है। 
चैत्र नवरात्रि खासतौर पर ज्यादातर उत्तर भारतीय राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं शारदीय नवरात्रिउत्सव भारत भर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर पश्चिमी भारत में। नवरात्रि के इन दिनों में, लोग धार्मिक परंपराओं, रस्मों, और उत्सवों में भाग लेते हैं, जिनमें दंगल, रास लीला, गरबा, दंडिया रास, और दुर्गा पूजन शामिल हैं।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, चैत्र नवरात्रि आम तौर पर हर साल मार्च या अप्रैल में आती है।

चैत्र नवरात्रि 2024  Date 

  • शैलपुत्री: 09 अप्रैल 2024 
  • ब्रह्मचारिणी: 10 अप्रैल 2024 
  • चंद्रघंटा: 11  अप्रैल 2024 
  • कुष्माण्डा: 12  अप्रैल 2024 
  • स्कंदमाता:  13 अप्रैल 2024 
  • कात्यायनी:  14 अप्रैल 2024 
  • कालरात्रि: 15अप्रैल 2024 
  • महागौरी:  16  अप्रैल 2024 
  • सिद्धिदात्री: 17 अप्रैल 2024 


चैत्र नवरात्रि 2024 के अनुसार, माता दुर्गा के नौ रूपों का वर्णन निम्नलिखित है:

शैलपुत्री : 

पहला रूप शैलपुत्री है, जो शैल (पर्वत) की पुत्री कहलाती हैं। इस रूप में माता का ध्यान शुद्धता और त्याग में होता है। वह एक कमंडलु और लोटा धारण करती हैं। देवी शैल पुत्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं जिन्हें भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के रूप में जाना जाता है। शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना गया है जिसका उल्लेख पुराण में किया गया है। ऐसा कहा गया है कि देवी दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों में शैपुत्री प्रथम हैं। जैसा कि हिंदू पौराणिक कथाओं में उल्लेख किया गया है, शैलपुत्री को सती का पुनर्जन्म माना जाता है और वह दक्ष शैलपुत्री की बेटी थीं।

ब्रह्मचारिणी:

 दूसरे रूप में माता ब्रह्मचारिणी हैं, जो तपस्या, ध्यान, और संतान की कल्याण की प्रतीक्षा करती हैं। ब्रह्मचारिणी देवी का नाम नवदुर्गा माता के नौ रूपों में से एक है। इस रूप में माँ दुर्गा को तपस्या, ध्यान, और संतान की कल्याण की प्रतीक्षा का दर्शाया जाता है। 

ब्रह्मचारिणी का स्वरूप उत्तम ध्यान, तपस्या, और संयम का प्रतीक है।  ब्रह्मचारिणी के हाथों में माला और कमंडलु होती है। माला का प्रतीक है ध्यान और मनन, जबकि कमंडलु तपस्या और ब्रह्मचर्य के प्रतीक होती है। वे साधारणतः सफेद वस्त्र पहनती हैं जो उनकी शुद्धता और सात्विकता को दर्शाता है।

चंद्रघंटा: 

तीसरे रूप में माता चंद्रघंटा हैं, जो चंद्र के आकार की स्थापना करती हैं। वह चंद्रमा के रूप में विशेष आसन पर बैठती हैं।  वे चाँद से प्रकाशित होती हैं और उनके मुख पर एक विशालकाय चंद्रमा की प्रतिमा होती है।

चंद्रघंटा माँ के चेहरे की दृष्टि शांतिप्रद होती है, लेकिन उनका रूप विक्रमी और महान होता है। वे अपने दो हाथों में वीणा धारण करती हैं और अपने चेहरे पर चंद्रमा के रूप का चंद्रकोटि धारण करती हैं। चंद्रघंटा माँ के चंद्रकोटि के बीच एक तिरंगा होता है, जो अभिनवता और शक्ति का प्रतीक होता है। उनके साथ अक्षमाला, बेल, और धूप-दीप का सामान होता है, जो पूजन के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। चंद्रघंटा माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उन्हें भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि माँ चंद्रघंटा हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।

कुष्माण्डा देवी:

नवदुर्गा माता के चौथे रूप में से एक हैं। इस रूप में माँ दुर्गा को जीवन की उत्पत्ति को बनाए रखने वाली देवी के रूप में दर्शाया जाता है। कुष्माण्डा माँ का स्वरूप बहुत ही भयंकर और प्रभावशाली होता है। उनकी आंखों का रंग लाल होता है और उनके मुख पर एक उग्र मुस्कान होती है। उनके मुख के एक स्वरूप में उनके आंतरिक शक्तियों को दर्शाता है। कुष्माण्डा माँ के चार हाथ होते हैं, जिनमें एक हाथ में छड़ी और दूसरे हाथ में कमंडलु होती है। वे एक शूल और एक बिखरी चाकू धारण करती हैं, जो उनकी उत्पत्ति की प्रतीक हैं। कुष्माण्डा माँ का वाहन एक शेर होता है, जो उनकी शक्ति और साहस को प्रतिनिधित करता है। कुष्माण्डा माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में उत्पन्न होने वाली समस्त समस्याओं और बाधाओं का निवारण प्राप्त करते हैं, और उन्हें सार्थक और समृद्धिशाली जीवन प्राप्त होता है। उनकी पूजा भक्तों को शक्ति और साहस का आशीर्वाद प्रदान करती है।

स्कंदमाता: 

पांचवे रूप में माता स्कंदमाता हैं, जो स्कंद (कार्तिकेय) की माँ हैं। स्कंदमाता, नवदुर्गा माता के पांचवे रूप में से एक हैं। इस रूप में माँ दुर्गा को स्कंद (कार्तिकेय) की माँ के रूप में पूजा जाता है। स्कंदमाता का स्वरूप अत्यंत प्रसन्न और सुंदर होता है। वह एक बालक को अपने गोद में ले कर बैठती हैं, जो कार्तिकेय (स्कंद) को प्रतिनिधित करता है। उनकी विगति आध्यात्मिक और आनंदमयी होती है, और वे आकर्षक साध्वी के रूप में विशेषता दिखाती हैं।स्कंदमाता माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में बच्चों की संतान, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनकी पूजा से माँ उनके परिवार की सुरक्षा के लिए आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

कात्यायनी: 

छठे रूप में माता कात्यायनी हैं, जो महिषासुर के वध के लिए उत्तर कुमार की पूजा करती हैं। कात्यायनी देवी का स्वरूप अत्यंत महान और उदार होता है। वह चेहरे पर प्रसन्नता और सौम्यता का प्रतीक होती हैं, लेकिन उनकी दृष्टि उग्र और प्रभावशाली होती है। कात्यायनी देवी के चार हाथ होते हैं, जिनमें एक हाथ में खड़ा त्रिशूल होता है और दूसरे हाथ में वीणा होती है। उनके दो हाथ और एक मुद्रा में विशेषता दिखाते हैं, जो उनके शक्ति को प्रतिनिधित करते हैं। कात्यायनी देवी का वाहन सिंह होता है, जो उनकी शक्ति और वीरता को प्रतिनिधित करता है। कात्यायनी माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में स्थिरता, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनकी पूजा से माँ उनके सभी कार्यों में सफलता के लिए संयम और निर्णय देती हैं। 

कालरात्रि: 

सातवें रूप में माता कालरात्रि हैं, जो कालरात्रि की उत्पत्ति को बनाए रखने वाली देवी हैं।कालरात्रि देवी का स्वरूप अत्यधिक उग्र और भयंकर होता है। वह काली के रूप में प्रतिष्ठित होती हैं, जिनका चेहरा उग्रता और अद्भुतता से भरा होता है। उनके मुख पर विशालकाय चाकु की प्रतिमा होती है, और उनके आंखों में अग्नि की ज्वाला लगती है। कालरात्रि देवी के चार हाथ होते हैं, जिनमें एक हाथ में खड़ा त्रिशूल होता है और दूसरे हाथ में काले रंग का घड़ा होता है। उनकी तीसरी हाथ में दमरू होता है, और चौथे हाथ में वरदान का मुद्रा होता है, जो उनकी शक्ति को प्रतिनिधित करते हैं। कालरात्रि देवी का वाहन भालू होता है, जो उनकी शक्ति और संरक्षण को प्रतिनिधित करता है। कालरात्रि माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में शक्ति, साहस, और अभय की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनकी पूजा से माँ उनके सभी भयों और संकटों को दूर करती हैं, और उन्हें संरक्षण और सम्मान का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। 

महागौरी देवी

 नवदुर्गा माता के आठवें रूप में से एक हैं। इस रूप में माँ दुर्गा को शुभ और पवित्र स्वरूप में पूजा जाता है। इस रूप में माँ दुर्गा को उनकी विशेषता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। महागौरी देवी का स्वरूप शानदार और दिव्य होता है। उनका चेहरा प्रकाशमय होता है और वे अत्यंत पवित्र दिखाई देती हैं। वे श्वेत वस्त्र पहनती हैं, जो उनकी निर्मलता और पवित्रता को दर्शाता है। महागौरी देवी के दो हाथ होते हैं, जिनमें एक हाथ में त्रिशूल होता है और दूसरे हाथ में वरदान का मुद्रा होता है। उनके चेहरे पर एक मुस्कान होती है, जो उनकी दयालुता और प्रसन्नता को प्रतिनिधित करती है। महागौरी देवी का वाहन सिंह होता है, जो उनकी शक्ति और साहस को प्रतिनिधित करता है। महागौरी माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में शुभ और पवित्र गुणों को प्राप्त करते हैं। उनकी पूजा से माँ उनके सभी दुःखों और बुराइयों को दूर करती हैं, और उन्हें शांति और सुख का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

सिद्धिदात्री:

 नौवें रूप में माता सिद्धिदात्री हैं, जो सभी सिद्धियों की देवी हैं। वह अपने दोनों हाथों में वरदान और वाहन को धारण करती हैं। ये नौ रूप माता दुर्गा के अद्वितीय और प्रतिष्ठित रूप हैं, जो नवरात्रि के नौ दिनों में पूजे जाते हैं। सिद्धिदात्री देवी, नवदुर्गा माता के नौवें और अंतिम रूप में से एक हैं। इस रूप में माँ दुर्गा को सर्वशक्तिमान सिद्धिदात्री के रूप में पूजा जाता है, जो अपने भक्तों को सिद्धियाँ (अच्छे परिणाम) प्रदान करती हैं।

सिद्धिदात्री देवी का स्वरूप अत्यधिक प्रसन्न और उदार होता है। उनका चेहरा प्रकाशमय होता है और उनकी आंखों में अनंत दया और स्नेह की भावना होती है। सिद्धिदात्री देवी के दो हाथ होते हैं, जिनमें एक हाथ में खड़ा त्रिशूल होता है और दूसरे हाथ में वरदान का मुद्रा होता है। उनके हाथों में उज्जवल और शुभता की भावना होती है। सिद्धिदात्री देवी का वाहन गदा होता है, जो उनकी सामर्थ्य और शक्ति को प्रतिनिधित करता है। सिद्धिदात्री माँ की पूजा से भक्त अपने जीवन में सिद्धियाँ, सफलता, और अनुग्रह प्राप्त करते हैं। उनकी पूजा से माँ उनके सभी कार्यों में सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी है जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आस्था पर आधारित हैं.ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो कि आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा सम्बंधित एक्सपर्ट से अवश्य परामर्श करें।


नजरिया जीने का- रामनवमी 2024: भगवन राम की चरित्र की पांच विशेषताएं जो मर्यादा पुरुषोत्तम बनाती है

Najariya jine ka Qualities of Lord Ram

राम नवमी मुख्य रूप से एक हिंदू त्योहार है जो चैत्र महीने (हिंदू कैलेंडर) के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह दिन आमतौर पर मार्च और अप्रैल के महीनों के बीच आता है। 2024 में राम नवमी 17 अप्रैल, बुधवार को है। 
भगवान राम के चरित्र की ये पांच महिमाएं हमें जीवन में सत्य, धर्म, दया, वीरता और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। भगवान राम ने विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहेऔर धर्म का मार्ग उन्होंने कभी नहीं छोड़ा । उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए सुखी राज्य की स्थापना की तथा अपने निकट आने वाले सभी का कल्याण किया चाहे वह पशु रूप में हो, पक्षी रूप में हो, अमीर  हो गरीब हो । स्वयं की भावना व सुखों से समझौता कर न्याय और सत्य का साथ दिया। बाली का वध करने, रावण का संहार करने या पिता के वचन की रक्षा के लिए वन का मार्ग चुनने जैसे अनेक उदाहरण है जहाँ भगवान् राम ने धर्म और न्याय का मार्ग कभी नहीं छोड़ा. 

भगवान राम के चरित्र की ये  महिमाएं हमें जीवन में सत्य, धर्म, दया, वीरता और नैतिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।

सत्य:

 मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सत्य के पुजारी थे। उन्होंने अपने जीवन में चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, उन्होंने झूठ कभी नहीं बोलै। उन्होंने अपने पिता दशरथ के वचन का पालन करने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया लेकिन पुत्र धर्म का त्याग नहीं किया।

धर्म: 

भगवान राम धर्म के पालनकर्ता थे। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा धर्म के मार्ग पर चलने का प्रयास किया। भाईयों के लिए त्याग और समर्पण के लिए भी वे हमेशा तैयार रहे. उन्होंने सभी भाइयों के प्रति सगे भाई से बढ़कर त्याग और समर्पण का भाव रखा और स्नेह दिया। धर्म का पालन करना उन्होंने तब भी नहीं छोड़ा और  उन्होंने रावण जैसे अत्याचारी का वध करके धर्म की रक्षा की। 

दया: 

भगवान राम दयालु और करुणावान थे। उन्होंने हमेशा दूसरों की मदद करने की कोशिश की। उन्होंने सुग्रीव और हनुमान जैसे अनेकों लोगों की मदद की।  भगवान राम ने अपनी दयालुता के कारण उनकी सेना में पशु, मानव व दानव सभी थे और उन्होंने सभी को आगे बढ़ने का मौका दिया।

बेहतर प्रबंधक

भगवान राम न केवल कुशल प्रबंधक थे, बल्कि वे अपने सभी स्वजनों और सहकर्मियों को साथ लेकर चलने वाले थे। वे सभी को विकास का अवसर देते थे व उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करते थे। सुग्रीव को राज्य, हनुमान, जाम्बवंत व नल-नील को भी उन्होंने समय-समय पर नेतृत्व करने का अधिकार दिया और इसी वजह से लंका जाने के लिए उन्होंने व उनकी सेना ने पत्थरों का सेतु बना लिया था। 

नैतिकता: 

भगवान राम नैतिकता के आदर्श थे। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा नैतिकता का पालन किया। उन्होंने रावण के साथ युद्ध करते समय भी उसके साथ नैतिकता का पालन किया।

Born of Saturday: बुद्धिमान, व्यावहारिक के साथ ही वे जीवन मे होता हैं अत्यधिक अनुशासित

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Born on Saturday: शनिवार को जन्मे लोग शनि ग्रह के प्रभाव में पैदा होते हैं और जाहिर  है कि उनका जीवन शनि ग्रह के प्रभाव के अनुसार होता है। उनका संघर्ष निरंतर रहता है जो उन्हें मजबूत बनाता है और हर चीज से उबरने के लिए दृढ़ संकल्पित होना होता है अर्थात  उनके जीवन मे संघर्ष लगा रहता है । वे बुद्धिमान और व्यावहारिक लोग होते हैं जिनकी जीवन में सख्त सीमाएँ  होने के साथ ही वे अत्यधिक अनुशासित हैं।

एस्ट्रोलॉजी और विज्ञान के अनुसार शनि गृह अपने पथ पर काफी धीमी गति से घूमता है और जाहिर है कि शनिवार को जन्म लेने वाले लोगों पर शनि ग्रह का काफी इन्फ्लुएंस रहते है. शनि के प्रभाव से व्यक्ति काफी मेहनती और धुन का पक्का होता है. भले ही सफलता मिलने में कुछ देरी हो सकती है लेकिन वह व्यक्ति  धीरे-धीरे ही सही, लेकिन अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल होते हैं. ये लोग थोड़े गंभीर प्रवृति के होते हैं और खुलने में काफी वक्त ले ले सकते हैं.  लेकिन परिवार के लोगों के साथ इनके संबंधों में कई बार मतभेद देखने को मिलते हैं. शनिवार को जन्मे लोग हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं. वैसे इनका स्वभाव क्रोधी हो सकता है.  जानिये शनिवार को जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व से जुड़े अन्य पहलुओं के बारे में मोटिवेटर और एस्ट्रोलॉजर हिमांशु रंजन शेखर से.


क्रोधी, धैर्य की काफी कमी 
गुस्से पर काबू पाने में अक्सर ये लोग काफी असफल होते हैं और शायद यही वजह है कि इनके अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी काफी काम निभती है. ऐसे जातक अगर अपनी गुस्से पर नियंत्रण करना सीख लें तो जीवन में काफी आगे जा सकते हैं. 







प्यार व्यक्त करने में होते हैं कंजूस
जिन जातकों का जन्म शनिवार को होता है वो सामान्यत:  अंतर्मुखी प्रतिभा के धनी होते है. एकांतप्रिय होने के साथ ही वो अपनी बातों को व्यक्त करने में जल्दीबाजी कभी नहीं करते. यही वजह होता है कि प्रेम के मामलों में भी वो अपने बातों को व्यक्त नहीं कर पाते हैं. अपने प्यार का इजहार करने में काफी विलम्ब करते हैं और चाहते हैं कि  उनका पार्टनर उनके फीलिंग्स को पहचान ले... 

परिस्थितियों के गुलाम नहीं होते 
शनिवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति परिस्थितियों के स्वामी होते हैं और कभी भी उन्हें अपने ऊपर हावी नहीं होने देते.... भले ही उनके जीवन में कितने भी संघर्ष वाले दिन या संकट आये, वे उससे निकलने के लिए सही वक्त का इन्तजार करते हैं और हिम्मत नहीं हारते.... 

दृढ निश्चय के मालिक 
शनिवार को जन्म लेने वाले जातक दृढ इच्छा शक्ति के स्वामी होते हैं और अपने कार्यों को हर हाल में पूरा करना चाहते हैं. अपने लक्ष्य को पाने के लिए संसाधनों की कमी हो तो भी ये इन्हे जुटाने की क्षमता रखते हैं.  जिस किसी क्षेत्र में इन्हे कार्य का अवसर प्रदान की जाए, उसमे हीं ये सफलता के नए सोपान प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं. 

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में उल्लिखित टिप्स/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको उस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है. आपसे निवेदन है कि कृपया इन सुझावो को  पेशेवर ज्योतिषीय सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए तथा अगर आपके पास इन विषयों से सम्बंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं तो हमेशा अपने ज्योतिषी या पेशेवर ज्योतिष/कुंडली सुझाव प्रदाता से अवश्य परामर्श करें।